Karma/hi: Revision history

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29 April 2024

  • curprev 08:3108:31, 29 April 2024RajKumari talk contribs 35,854 bytes +211 Created page with "मैं आप सबको ये बताना चाहता हूँ कि अंतिम समय में जब मनुष्य का ईश्वर से सामना होता है तो उसे अपनी कही हर बात का हिसाब देना होता है।"
  • curprev 08:2808:28, 29 April 2024RajKumari talk contribs 35,643 bytes +153 Created page with "<blockquote> एक अच्छा व्यक्ति अपने दिल के खजाने से अच्छी चीजें [यानी सकारात्मक कर्म] निकालता है: और एक बुरा आदमी बुरी चीजें [यानी, नकारात्मक कर्म]।" Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 08:2608:26, 29 April 2024RajKumari talk contribs 35,490 bytes +802 Created page with "ईसा मसीह ने कर्म और उसके फल पर काफी ज़ोर दिया है। कर्म के सिद्धांत को समझाने के लिए उन्होंने अपने जीवन से भी कई दृष्टान्त दिए हैं। उन्होंने बुरे कर्म करने वालों को कई चेतावनियां भी दी..." Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 08:0008:00, 29 April 2024RajKumari talk contribs 34,688 bytes −8 No edit summary
  • curprev 08:0008:00, 29 April 2024RajKumari talk contribs 34,696 bytes +43 No edit summary
  • curprev 07:4907:49, 29 April 2024RajKumari talk contribs 34,653 bytes +342 Created page with "जो लोग ईश्वर के बताये रास्ते पर चलते हैं, अच्छे कर्म करते हैं, उनके लिए कर्म वरदान और आशीर्वाद लेके आता है। इसलिए "दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसा कि आप चाहते हैं कि वे आपके साथ..."
  • curprev 07:4607:46, 29 April 2024RajKumari talk contribs 34,311 bytes +276 Created page with "धोखे में मत रहना; मनुष्य जो कुछ बोता, उसे वही काटना होता है अर्थात जैसा कर्म वैसा ही फल। वो कहते हैं ना: बोया पेड़ बबूल का तो आजम कहाँ से होये!<ref>Gal. ६:५, ७.</ref> </blockquote>"
  • curprev 07:4307:43, 29 April 2024RajKumari talk contribs 34,035 bytes +104 Created page with "हर व्यक्ति को अपने कर्मों का लेखा जोखा स्वयं ही देना होता है" Tags: Mobile edit Mobile web edit

25 April 2024

  • curprev 16:5416:54, 25 April 2024RajKumari talk contribs 33,931 bytes +275 Created page with "कर्म का नियम संपूर्ण बाइबल में वर्णित है। धर्मगुरु पॉल ने यह स्पष्ट रूप से बताया है कि उन्होंने यीशु के जीवन और उनके द्वारा दिए गए ज्ञान से क्या क्या सीखा है:"

24 April 2024

  • curprev 17:2017:20, 24 April 2024RajKumari talk contribs 33,656 bytes +65 Created page with "== कर्म और ईसाई धर्म == {{main-hi|Karma in the Bible|बाइबल में कर्म}}" Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 17:1917:19, 24 April 2024RajKumari talk contribs 33,591 bytes +570 Created page with "हिंदु और बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों का विश्वास है कि मनुष्य के कर्म ही उसके पुनर्जन्मों का निर्धारण करते हैं - पृथ्वी पर हम तब तक जन्म लेते रहते हैं जब तक कि हम मोक्ष प्राप्त नहीं..." Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 17:1417:14, 24 April 2024RajKumari talk contribs 33,021 bytes +622 Created page with "उन्होंने बताया कि स्वयं को अपरिवर्तनीय भाग्य के हवाले करने की अपेक्षा पुनर्जन्म हमें अपने भविष्य को बदलने में सहायता करता है। वर्तमान में किये अच्छे कर्म एक खुशहाल भविष्य का निर्म..." Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 17:0017:00, 24 April 2024RajKumari talk contribs 32,399 bytes +602 Created page with "बौद्ध धर्म इस बात से सहमत है। गौतम बुद्ध ने हमें बताया है कि कर्म को समझने से हमें अपना भविष्य बदलने का अवसर मिलता है। उन्होंने अपने एक समकालीन शिक्षक मक्खलि गोसाला - जो ये कहते थे कि म..."
  • curprev 16:4316:43, 24 April 2024RajKumari talk contribs 31,797 bytes +1,281 Created page with "पश्चिमी देशों में हिंदू धर्म को बढ़ावा देने वाली संस्था वेदांत सोसाइटी के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के पास दो विकल्प होते हैं: या तो वह अपनी प्रवृत्ति का अनुसरण करे या फिर उसके विरुद्..." Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 10:2410:24, 24 April 2024RajKumari talk contribs 30,516 bytes +566 Created page with "अक्सर हम ''कर्म'' शब्द का प्रयोग ''भाग्य'' के एवज़ में करते हैं । लेकिन यह सत्य नहीं। कर्म में विश्वास भाग्यवाद नहीं है। हिंदु धर्म के अनुसार, अपने पूर्व जन्मों के कर्मों के कारण वर्तमान..."
  • curprev 10:1210:12, 24 April 2024RajKumari talk contribs 29,950 bytes +55 Created page with "== कर्म और भाग्य =="
  • curprev 10:1210:12, 24 April 2024RajKumari talk contribs 29,895 bytes +912 Created page with "बौद्ध धर्म के एक प्रसिद्द ग्रन्थ, धम्मपद, में कर्म की व्याख्या इस प्रकार की गई है: “हमारा आज का अस्तित्व हमारे कल के विचारों के कारण हैं, और हमारा भविष्य हमारे आज के विचारों पर निर्भर ह..."
  • curprev 09:5009:50, 24 April 2024RajKumari talk contribs 28,983 bytes +658 Created page with "बौद्ध धर्म के अनुयायी पुनर्जन्म के चक्र को एक पहिये के रूप में देखते हैं - एक ऐसा पहिया जिससे हम तब तक बंधे रहते हैं जब तक कि हम कर्म की जंजीरों को तोड़ नहीं देते। बौद्ध धर्म के संस्थाप..."
  • curprev 09:4009:40, 24 April 2024RajKumari talk contribs 28,325 bytes +54 Created page with "== बौद्ध शिक्षण ==" Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 09:4009:40, 24 April 2024RajKumari talk contribs 28,271 bytes +1,569 Created page with "जब जीवात्मा अपने स्रोत पर (ईश्वर के पास) लौटने का निर्णय कर लेती है तो उसका लक्ष्य खुद को अज्ञानता और अंधकार से मुक्त करना होता है। इस प्रक्रिया में कई जन्म लग सकते हैं। महाभारत में जी..." Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 09:2009:20, 24 April 2024RajKumari talk contribs 26,702 bytes −1 No edit summary Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 09:2009:20, 24 April 2024RajKumari talk contribs 26,703 bytes +636 Created page with "लेकिन जो लोग जन्म-मृत्यु की चक्र से थक गए हैं और भगवान के साथ मिलना चाहते हैं उनके लिए एक रास्ता है। जैसा कि फ्रांसीसी उपन्यासकार होनोर डी बाल्ज़ाक ने कहा, "हम अपना प्रत्येक जीवन ईश्व..."

23 April 2024

  • curprev 17:0017:00, 23 April 2024RajKumari talk contribs 26,067 bytes +373 Created page with "हिंदू धर्म के अनुसार है कि कुछ जीवात्माएं पृथ्वी पर अपने जीवन से संतुष्ट रहती हैं। वे सुख-दुख, सफलता-विफलता के मिश्रण के साथ पृथ्वी पर जीवन का आनंद लेती हैं। अपने अच्छे और बुरे कर्मों..."
  • curprev 16:5516:55, 23 April 2024RajKumari talk contribs 25,694 bytes +898 Created page with "हिंदू धर्म में संस्कृत शब्द ''कर्म'' (जिसका अर्थ कार्य, काम या कृत्य है) उन कार्यों के बारे में बताने के लिए किया जाता है जो आत्मा को अस्तित्व की दुनिया से बांधते हैं। महाभारत में कहा गया..."
  • curprev 16:5016:50, 23 April 2024RajKumari talk contribs 24,796 bytes +55 Created page with "==हिन्दू शिक्षण==" Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 16:5016:50, 23 April 2024RajKumari talk contribs 24,741 bytes +334 Created page with "मानवजाति देवदूतों के अपेक्षा निम्न स्थान पर है। इसलिए जब मनुष्य नकारात्मक कर्म करता है, तो वह अपने स्थान पर रहकर ही उन्हें संतुलित करता है। लेकिन ईश्वर की इच्छा का विरोध करने वाला द..." Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 16:4316:43, 23 April 2024RajKumari talk contribs 24,407 bytes +191 Created page with "वहीँ दूसरी ओर, यदि देवदूत - जिनका काम केवल ईश्वर की स्वतंत्र इच्छा को पूरा करना है - ईश्वर की इच्छा का विरोध करते हैं, तो वे अपने उच्च स्थान से निष्कासित हो जाते हैं। ऐसे देवदूतों को मनु..." Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 16:3816:38, 23 April 2024RajKumari talk contribs 24,216 bytes +686 Created page with "कभी कभी देवदूत ईश्वर की इच्छा के विरुद्ध विद्रोह कर देते हैं परन्तु यह विद्रोह मनुष्य की स्वतंत्र इच्छा के फलस्वरूप हुए कर्म-निर्माण से अलग है। ईश्वर के कानून के अंतर्गत अपनी स्वतं..." Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 14:3714:37, 23 April 2024RajKumari talk contribs 23,530 bytes +571 Created page with "देवदूतों की स्वतंत्र इच्छा ईश्वर की स्वतंत्र इच्छा है। ईश्वर की इच्छा को पूरा करने के लिए देवदूतों की आवश्यकता होती है। देवदूतों के पास मनुष्य की तरह ईश्वर की ऊर्जा का उपयोग करने की..."
  • curprev 14:3114:31, 23 April 2024RajKumari talk contribs 22,959 bytes +772 Created page with "चाहे मनुष्य हो या ईश्वर, स्वतंत्र इच्छा के बिना कोई कर्म नहीं हो सकता। इसका अर्थ यह हुआ कि स्वतंत्र इच्छा पवित्र आत्मा की एक शाखा है जो किरण के कारण को दर्शाती है। स्वतंत..."
  • curprev 14:0314:03, 23 April 2024RajKumari talk contribs 22,187 bytes +80 Created page with "== स्वतंत्र इच्छा और कर्म =="
  • curprev 14:0314:03, 23 April 2024RajKumari talk contribs 22,107 bytes +208 Created page with "ईश्वर का कर्म आत्मा और पदार्थ के बीच उत्कृष्ट सामंजस्य के रूप में दिखता है। ईश्वर का कर्म उनकी गतिमान ऊर्जा के नियमों का पालन करता है। इसे हम उनकी इच्छा के परिवहन के रूप में देख सकते..." Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 13:4113:41, 23 April 2024RajKumari talk contribs 21,899 bytes +607 Created page with ""सृष्टि के शुरुआत में ईश्वर ने स्वर्ग और पृथ्वी की रचना की" - और इसी के साथ क्रिया-प्रतिक्रिया-पारस्परिक क्रिया का भी प्रारम्भ हुआ। ईश्वर प्रथम कारण थे और उन्होंने प्रथम कर्म बनाया। स..."
  • curprev 13:2113:21, 23 April 2024RajKumari talk contribs 21,292 bytes +19 Created page with "{{main-hi|God|ईश्वर}}"
  • curprev 13:2013:20, 23 April 2024RajKumari talk contribs 21,273 bytes +55 Created page with "== ईश्वर का कर्म ==" Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 13:2013:20, 23 April 2024RajKumari talk contribs 21,218 bytes +516 Created page with "आत्मिक पदार्थ ब्रह्मांड के सातों स्तरों पर सारा निर्माण कर्म पर ही निर्भर है। कर्म ही पूरी सृष्टि की धुरी है। सृष्टि और उसके रचयिता के बीच ऊर्जा के प्रवाह क..."
  • curprev 13:1813:18, 23 April 2024RajKumari talk contribs 20,702 bytes +2 No edit summary
  • curprev 07:4107:41, 23 April 2024RajKumari talk contribs 20,700 bytes +180 Created page with "कर्म चक्रीय होता है - भगवान की ब्रह्मांडीय चेतना के क्षेत्र के अंदर प्रवेश करना और बाहर आना ठीक ऐसे ही जैसी हम सांस लेते हैं - एक अंदर एक बाहर।"

19 April 2024

  • curprev 16:4216:42, 19 April 2024RajKumari talk contribs 20,520 bytes +493 Created page with "कर्म ही ईश्वर है; कर्म ही ईश्वर के कानून, सिद्धांत और इच्छा को पालन करने का साधन है। जब आत्मा का मिलन ईश्वर की इच्छा, बुद्धि और प्रेम के साथ होता है तो आत्मा भौतिक (मानव) रूप ग्रहण करती ह..."

17 April 2024

  • curprev 06:4406:44, 17 April 2024RajKumari talk contribs 20,027 bytes +481 Created page with "सदियों से ''कर्म'' शब्द का उपयोग मनुष्य की कार्य-कारण संबंधी अवधारणाओं, ब्रह्मांडीय कानून और उस कानून के साथ उसके संबंध को परिभाषित करने के लिए किया जाता रहा है। शब्द आत्मा से पदार्थ त..." Tags: Mobile edit Mobile web edit

11 April 2024

10 April 2024

  • curprev 10:4410:44, 10 April 2024RajKumari talk contribs 19,596 bytes +297 Created page with "कर्म ईश्वर की चलायमान ऊर्जा है। ईश्वर के मन में उत्पन्न होने वाली, ऊर्जा ---- क्रिया-प्रतिक्रिया-पारस्परिक क्रिया ---- लोगोस की त्रिमूर्ति है। ईश्वर के मन का रचनात्मक बलक्षेत्र कर्म का..."
  • curprev 10:4110:41, 10 April 2024RajKumari talk contribs 19,299 bytes +44 Created page with "== उत्पत्ति =="
  • curprev 10:4010:40, 10 April 2024RajKumari talk contribs 19,255 bytes +412 Created page with "कर्म का सिद्धांत आत्मा के पुनर्जन्म को तब तक आवश्यक बनाता है जब तक कि सभी कर्म संतुलित नहीं हो जाते। इस प्रकार, पृथ्वी पर विभिन्न जन्मों में मनुष्य अपने कार्यों, विचारो..."
  • curprev 10:3610:36, 10 April 2024RajKumari talk contribs 18,843 bytes +14 No edit summary
  • curprev 10:2010:20, 10 April 2024RajKumari talk contribs 18,829 bytes −10 No edit summary
  • curprev 10:1910:19, 10 April 2024RajKumari talk contribs 18,839 bytes +253 Created page with "संत पॉल ने कहा है: "मनुष्य जो कुछ बोएगा, वही काटेगा।"<ref>गैल। ६:७.</ref> न्यूटन के अनुसार: "प्रत्येक क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है जोकि क्रिया के बराबर होती है।"" Tags: Mobile edit Mobile web edit
  • curprev 10:1510:15, 10 April 2024RajKumari talk contribs 18,586 bytes +317 Created page with "[यह संस्कृत शब्द ''कर्मण'', ''कर्म'', "कार्य," से लिया गया है] ऊर्जा/चेतना का कार्य; कारण और उसके प्रभाव का कानून, प्रतिशोध का कानून. इसे चक्रिक नियम भी कहते हैं - इसका मतलब है जो भी कार्य हम करत..." Tags: Mobile edit Mobile web edit

9 April 2024

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