Human monad/hi: Difference between revisions
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
||
(5 intermediate revisions by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<languages /> | <languages /> | ||
मानवीय इकाई स्वयं का संपूर्ण बल क्षेत्र है जो प्रभावों के परस्पर जुड़े हुए क्षेत्र - वंशानुगत, पर्यावरणीय, कार्मिक - जो उस आत्म-जागरूकता का निर्माण करते हैं जिससे मानव स्वयं को पहचानता है। कम या | मानवीय इकाई स्वयं का संपूर्ण बल क्षेत्र है जो प्रभावों के परस्पर जुड़े हुए क्षेत्र - वंशानुगत, पर्यावरणीय, कार्मिक - और जो उस आत्म-जागरूकता का निर्माण करते हैं जिससे मानव स्वयं को पहचानता है। यह कम या शून्य मात्रा की जागरूकता का संदर्भ बिंदु है जँहा से मानवजाति को [[Special:MyLanguage/Christ Self|आत्मिक चेतना]] के द्वारा ईश्वरीय चेतना की प्राप्ति के लिए विकसित होना चाहिए। | ||
<span id="See_also"></span> | <span id="See_also"></span> |
Latest revision as of 10:52, 1 February 2025
मानवीय इकाई स्वयं का संपूर्ण बल क्षेत्र है जो प्रभावों के परस्पर जुड़े हुए क्षेत्र - वंशानुगत, पर्यावरणीय, कार्मिक - और जो उस आत्म-जागरूकता का निर्माण करते हैं जिससे मानव स्वयं को पहचानता है। यह कम या शून्य मात्रा की जागरूकता का संदर्भ बिंदु है जँहा से मानवजाति को आत्मिक चेतना के द्वारा ईश्वरीय चेतना की प्राप्ति के लिए विकसित होना चाहिए।
इसे भी देखिये
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation