Translations:Jesus/2/hi: Difference between revisions
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दिव्यगुरु यीशु, मीन युग (Piscean age) के अवतार; ईश्वर के शब्द की परिपूर्णता, सार्वभौमिक आत्मा (Universal Christ); आत्मिक चेतना (Christ consciousness) जिसे मीन युग में दो-हजार वर्ष के प्रकाश रुपी उपहार (dispensation) के द्वारा पृथ्वी के लोगों को दिया गया था; ईसा मसीह ने आत्मिक स्वरूप (Christ Self) की पूर्णता को प्रत्यक्ष किया जिसके कारण उनका नाम जीसस, द क्राइस्ट (Jesus, the Christ) पड़ा। वह संपूर्ण मानव जाति को यह बताने आये थे कि जिस प्रकार उन्होंने ईश्वरीय स्वरुप (I AM Presence) की निपुणता को प्राप्त किया था, पृथ्वी पर रहनेवाला हर मनुष्य भी प्राप्त कर सकता है।