Translations:Alpha and Omega/5/hi: Difference between revisions

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मैं/अमेगा—शुरुआत और अंत<ref>Rev. 1:8, 11; 21:6; 22:13.</ref>— ये घोषणा करती हूँ कि बहती हुई ये जीवन की लहरें जिनसे समस्त ब्रह्माण्ड की रचना हुई है एक ऐसा वरदान हैं जिसके द्वारा हम आपको तथा संसार की अन्य सभी जीवों को अपना स्नेह देते हैं और सभी को एकता और परम आनंद के सूत्र में बांधे भी रखते हैं।<ref>Alpha, “A Replica of the Crystal Atom,” {{POWref|25|51|, December 19, 1982}}</ref>
मैं/अमेगा—शुरुआत और अंत<ref>Rev. 1:8, 11; 21:6; 22:13.</ref>— मैं बताती हूँ कि बहती हुई ये जीवन की लहरें जिनसे समस्त ब्रह्माण्ड की रचना हुई है एक ऐसा वरदान हैं जिसके द्वारा हम आपको तथा संसार की अन्य सभी जीवों को अपना स्नेह देते हैं और सभी को एकता और परम आनंद के सूत्र में बांधे भी रखते हैं।<ref>Alpha, “A Replica of the Crystal Atom,” {{POWref|25|51|, December 19, 1982}}</ref>
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Latest revision as of 10:27, 24 October 2023

Information about message (contribute)
M&TR
Message definition (Alpha and Omega)
I/Amega—the beginning and the ending<ref>Rev. 1:8, 11; 21:6; 22:13.</ref>—declare that the pulsating lifewaves by which the entire cosmos is created are a boon to sharing our love with all systems of worlds and binding them together in a great divine unity of eternal happiness and solicitude.<ref>Alpha, “A Replica of the Crystal Atom,” {{POWref|25|51|, December 19, 1982}}</ref>
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मैं/अमेगा—शुरुआत और अंत[1]— मैं बताती हूँ कि बहती हुई ये जीवन की लहरें जिनसे समस्त ब्रह्माण्ड की रचना हुई है एक ऐसा वरदान हैं जिसके द्वारा हम आपको तथा संसार की अन्य सभी जीवों को अपना स्नेह देते हैं और सभी को एकता और परम आनंद के सूत्र में बांधे भी रखते हैं।[2]

  1. Rev. 1:8, 11; 21:6; 22:13.
  2. Alpha, “A Replica of the Crystal Atom,” Pearls of Wisdom, vol. 25, no. 51, December 19, 1982.