Angel/hi: Difference between revisions
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
(Updating to match new version of source page) Tags: Mobile edit Mobile web edit |
||
(18 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 6: | Line 6: | ||
ये दिव्य देवदूत मनुष्यों से अलग प्रजाति के होते हैं और पूर्ण रूप से ईश्वर तथा अपने क्रम के [[Special:MyLanguage/archangels|महादेवदूत]] के प्रति समर्पित होते हैं। इनका काम ईश्वर द्वारा रचित सृष्टि में ईश्वरीय गुणों को तेज़ गति से केंद्रित करना तथा उनका विस्तार करना है। ये मनुष्यों के आभामंडल को प्रकाशित कर उनके ह्रदय में सकारात्मक विचारों जैसे आशा, विश्वास, परोपकार, गौरव, समग्रता, साहस, सत्यनिष्ठा, स्वाधीनता, कृपा, और न्याय इत्यादि का | ये दिव्य देवदूत मनुष्यों से अलग प्रजाति के होते हैं और पूर्ण रूप से ईश्वर तथा अपने क्रम के [[Special:MyLanguage/archangels|महादेवदूत]] के प्रति समर्पित होते हैं। इनका काम ईश्वर द्वारा रचित सृष्टि में ईश्वरीय गुणों को तेज़ गति से केंद्रित करना तथा उनका विस्तार करना है। ये मनुष्यों के आभामंडल को प्रकाशित कर उनके ह्रदय में सकारात्मक विचारों जैसे आशा, विश्वास, परोपकार, गौरव, समग्रता, साहस, सत्यनिष्ठा, स्वाधीनता, कृपा, और न्याय इत्यादि का | ||
संचार करते है और ईश्वर के मन की शुद्धता के हर पहलू की भावनओं को तीव्र करते हैं। | संचार करते है और ईश्वर के मन की शुद्धता के हर पहलू की भावनओं को तीव्र करते हैं। | ||
[[File:Abraham-And-The-Three-Angels.jpg|thumb|<span lang="en" dir="ltr" class="mw-content-ltr">''Three Angels Visiting Abraham'', Ludovico Carracci (c. 1610–1612)</span>]] | |||
देवदूत अदृश्य रहते हुए भी जिस प्रकार से हम मनुष्यों की सहायता करते हैं, उसके बारे में एक यहूदी लेखक ने कहा है, "कभी भी अनजान लोगों का सत्कार करने से मत चूकियेगा क्योंकि देवदूत अक्सर अनजान रूप में ही हमारे जीवन में प्रवेश करते हैं।<ref>Heb. 13:2.</ref>—ऐसा कहकर उन्होंने यह बात बताने की कोशिश की है कि देवदूत हमारी मदद के लिए मनुष्य रूप भी लेते हैं, वे हमारे बीच कभी दोस्त, कभी सहायक और कभी अजनबी बनकर रहते हैं। | देवदूत अदृश्य रहते हुए भी जिस प्रकार से हम मनुष्यों की सहायता करते हैं, उसके बारे में एक यहूदी लेखक ने कहा है, "कभी भी अनजान लोगों का सत्कार करने से मत चूकियेगा क्योंकि देवदूत अक्सर अनजान रूप में ही हमारे जीवन में प्रवेश करते हैं।<ref>Heb. 13:2.</ref>—ऐसा कहकर उन्होंने यह बात बताने की कोशिश की है कि देवदूत हमारी मदद के लिए मनुष्य रूप भी लेते हैं, वे हमारे बीच कभी दोस्त, कभी सहायक और कभी अजनबी बनकर रहते हैं। | ||
Line 12: | Line 14: | ||
लाक्षणिक रूप में कहें तो ये मानिये की देवदूत हमारे आस-पास ऐसे रहते हैं जैसे सूर्य के चारों ओर अणु (इलेक्ट्रान) घुमते हैं - ये वो अणु हैं जिन्हें ईश्वर ने लोगों के मन में ईश्वरीय चेतना जागृत करने के लिए चुना हैं। दिव्यदूत [[Special:MyLanguage/Great Central Sun|महान केंद्रीय सूर्य]] (Great Central Sun) की ऊर्जा, प्रकाश एवं चेतना से परिपूर्ण कण हैं। ये ईश्वर की तेजस्वी उपस्थिति के स्तंभ हैं जो एक तरह से अवक्रम परिवर्तित्र (step-down transformers) की तरह काम करते हैं जो ईश्वर के अवर्णनीय ऊर्जा एवं प्रकाश को इंसानों तक तब पहुंचाते हैं जब वे कर्मफल भोगते हुए अत्यंत कठिन समय से गुज़र रहे होते हैं। | लाक्षणिक रूप में कहें तो ये मानिये की देवदूत हमारे आस-पास ऐसे रहते हैं जैसे सूर्य के चारों ओर अणु (इलेक्ट्रान) घुमते हैं - ये वो अणु हैं जिन्हें ईश्वर ने लोगों के मन में ईश्वरीय चेतना जागृत करने के लिए चुना हैं। दिव्यदूत [[Special:MyLanguage/Great Central Sun|महान केंद्रीय सूर्य]] (Great Central Sun) की ऊर्जा, प्रकाश एवं चेतना से परिपूर्ण कण हैं। ये ईश्वर की तेजस्वी उपस्थिति के स्तंभ हैं जो एक तरह से अवक्रम परिवर्तित्र (step-down transformers) की तरह काम करते हैं जो ईश्वर के अवर्णनीय ऊर्जा एवं प्रकाश को इंसानों तक तब पहुंचाते हैं जब वे कर्मफल भोगते हुए अत्यंत कठिन समय से गुज़र रहे होते हैं। | ||
देवदूत कोई भी रूप ले सकते हैं - कभी वे मनुष्य रूप धारण करते हैं तो कभी वे ऊर्जा के एक ऐसे ज्यामितिक (geometric) रूप ले लेते हैं जो आवश्यकता के समय आसानी से मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर सके। देवदूत कई प्रकार के हैं - कुछ का कार्य उपचार करना है, कुछ का रक्षा; कुछ प्रेम करना सिखाते हैं तो कुछ धैर्य और करुणा; कुछ देवदूत जीवन और मरण के चक्र पर कार्यरत हैं तो कुछ ईश्वर के वह नेत्र जिनसे कुछ छुपा हुआ नहीं है, जो सत्य की प्रतिमूर्ति हैं तथा सदा सत्य की [[Special:MyLanguage/sword|तलवार]] (sword of Truth)लेकर चलते हैं जिससे लोग सत्य-असत्य में भेद कर पाएं। देवदूत को उनके कार्यों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। कुछ देवदूत ऐसे भी हैं जो ब्रह्मांडीय पदानुक्रम के कुछ विशिष्ट कार्य करते हैं - [[Special:MyLanguage/seraphim|सेराफिम]] (seraphim), [[Special:MyLanguage/cherubim|चेरुबिम]] (cherubim), और वो [[Special:MyLanguage/angel| | देवदूत कोई भी रूप ले सकते हैं - कभी वे मनुष्य रूप धारण करते हैं तो कभी वे ऊर्जा के एक ऐसे ज्यामितिक (geometric) रूप ले लेते हैं जो आवश्यकता के समय आसानी से मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर सके। देवदूत कई प्रकार के हैं - कुछ का कार्य उपचार करना है, कुछ का रक्षा; कुछ प्रेम करना सिखाते हैं तो कुछ धैर्य और करुणा; कुछ देवदूत जीवन और मरण के चक्र पर कार्यरत हैं तो कुछ ईश्वर के वह नेत्र जिनसे कुछ छुपा हुआ नहीं है, जो सत्य की प्रतिमूर्ति हैं तथा सदा सत्य की [[Special:MyLanguage/sword|तलवार]] (sword of Truth)लेकर चलते हैं जिससे लोग सत्य-असत्य में भेद कर पाएं। देवदूत को उनके कार्यों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। कुछ देवदूत ऐसे भी हैं जो ब्रह्मांडीय पदानुक्रम के कुछ विशिष्ट कार्य करते हैं - [[Special:MyLanguage/seraphim|सेराफिम]] (seraphim), [[Special:MyLanguage/cherubim|चेरुबिम]] (cherubim), और वो [[Special:MyLanguage/angel|सृष्टि देवदूत]] (angel devas) जो प्रकृति, अग्नि, वायु, जल और भूमि के साथ कार्य करते हैं। | ||
अपने | <div lang="en" dir="ltr" class="mw-content-ltr"> | ||
== The initiation of angels == | |||
</div> | |||
अपने असीम प्रेम से ईश्वर ने देवदूतों को अनुक्रम में ऊपर उठने के [[Special:MyLanguage/initiation|दीक्षा]] के मार्ग दिए हैं। शताब्दियों तक विधाता के लिए निष्ठा और उसके द्वारा रचित सृष्टि की भक्ति करने के फलस्वरूप, देवदूतों को उपहार के रूप में स्वेच्छा से कार्य करने का तथा मनुष्य के रूप में जन्म लेने का अधिकार दिया जा सकता है। ऐसा होने पर देवदूत मनुष्य के रूप जन्म लेने के बाद दिव्य गुरु के मार्ग द्वारा देवताओं के साम्राज्य में विकास कर सकते हैं पर ऐसा तभी हो सकता है जब वे मनुष्यों की तरह इम्तिहानो का सामना कर उनमे उत्तीर्ण हों; ऐसे स्तिथि में देवदूतों पर भी कर्म के सिद्धांत लागू होते हैं। जब वे इन सभी परीक्षाओं को सफलता पूर्वक पूरा कर लेते हैं तो देवदूत भी [[Special:MyLanguage/ascension|आध्यात्मिक उत्थान]] के पथ से गुज़रते हुए महादेवदूत बन सकते हैं। | |||
<span id="See_also"></span> | <span id="See_also"></span> | ||
Line 21: | Line 27: | ||
[[Special:MyLanguage/archangel|महादेवदूत]] | [[Special:MyLanguage/archangel|महादेवदूत]] | ||
[[Special:MyLanguage/ | [[Special:MyLanguage/Fallen angels|पथभ्रष्ट देवदूत]] | ||
[[Special:MyLanguage/three kingdoms|तीन साम्राज्य]] | [[Special:MyLanguage/three kingdoms|तीन साम्राज्य]] | ||
[[:Category:Heavenly beings|दिव्यगुरु, ब्रह्मांडीय जीव और देवदूत ]] | [[:Category:Heavenly beings|दिव्यगुरु, ब्रह्मांडीय जीव और देवदूत ]] | ||
<div lang="en" dir="ltr" class="mw-content-ltr"> | |||
[[:Category:Angels|List of pages about specific angels]] | |||
</div> | |||
<span id="Sources"></span> | <span id="Sources"></span> | ||
Line 32: | Line 42: | ||
{{SGA}}. | {{SGA}}. | ||
<div lang="en" dir="ltr" class="mw-content-ltr"> | |||
{{MSP}}. | {{MSP}}. | ||
</div> | |||
<references /> | <references /> |
Latest revision as of 00:45, 9 March 2024
दिव्य आत्माएं, सबसे पहलेवाले, ईश्वर द्वारा भेजे गए संदेशवाहक दूत हैं जिन्हे ईश्वर ने मनुष्यों को अपना सन्देश देने के लिए भेजते हैं। ये सेवा करने वाली आत्माएं हैं जिनको ईश्वर ने उच्च चेतना में रहने वाले मनुष्यों की रक्षा, शिक्षा, परामर्श और मार्गदर्शन के द्वारा उन्हें सचेत करने और मज़बूत बनाने के लिए भेजा है। ये प्रकाश के संगी-साथी हैं जो पूरे ब्रह्माण्ड में ईश्वर के पुत्रों और पुत्रियों की सेवा के लिए सदा तत्पर रहते हैं। ये ईश्वर की चेतना का एक विशेष 'कोण' (angle) उनकी आत्म-जागरूकता का पेहलू दर्शाते हैं स्वयं ईश्वर ने अपनी ज्वलंत उपस्तिथि से रचा है। वे पृथ्वी पर मनुष्यों की मदद करने के लिए हैं। देवदूतों के बारे में ईश्वर कहते हैं, "वह अपने दूतों की आत्माओं, अपने सेवकों को पवित्र अग्नि की ज्वाला बनातें हैं।"
ये दिव्य देवदूत मनुष्यों से अलग प्रजाति के होते हैं और पूर्ण रूप से ईश्वर तथा अपने क्रम के महादेवदूत के प्रति समर्पित होते हैं। इनका काम ईश्वर द्वारा रचित सृष्टि में ईश्वरीय गुणों को तेज़ गति से केंद्रित करना तथा उनका विस्तार करना है। ये मनुष्यों के आभामंडल को प्रकाशित कर उनके ह्रदय में सकारात्मक विचारों जैसे आशा, विश्वास, परोपकार, गौरव, समग्रता, साहस, सत्यनिष्ठा, स्वाधीनता, कृपा, और न्याय इत्यादि का संचार करते है और ईश्वर के मन की शुद्धता के हर पहलू की भावनओं को तीव्र करते हैं।
देवदूत अदृश्य रहते हुए भी जिस प्रकार से हम मनुष्यों की सहायता करते हैं, उसके बारे में एक यहूदी लेखक ने कहा है, "कभी भी अनजान लोगों का सत्कार करने से मत चूकियेगा क्योंकि देवदूत अक्सर अनजान रूप में ही हमारे जीवन में प्रवेश करते हैं।[1]—ऐसा कहकर उन्होंने यह बात बताने की कोशिश की है कि देवदूत हमारी मदद के लिए मनुष्य रूप भी लेते हैं, वे हमारे बीच कभी दोस्त, कभी सहायक और कभी अजनबी बनकर रहते हैं।
लाक्षणिक रूप में कहें तो ये मानिये की देवदूत हमारे आस-पास ऐसे रहते हैं जैसे सूर्य के चारों ओर अणु (इलेक्ट्रान) घुमते हैं - ये वो अणु हैं जिन्हें ईश्वर ने लोगों के मन में ईश्वरीय चेतना जागृत करने के लिए चुना हैं। दिव्यदूत महान केंद्रीय सूर्य (Great Central Sun) की ऊर्जा, प्रकाश एवं चेतना से परिपूर्ण कण हैं। ये ईश्वर की तेजस्वी उपस्थिति के स्तंभ हैं जो एक तरह से अवक्रम परिवर्तित्र (step-down transformers) की तरह काम करते हैं जो ईश्वर के अवर्णनीय ऊर्जा एवं प्रकाश को इंसानों तक तब पहुंचाते हैं जब वे कर्मफल भोगते हुए अत्यंत कठिन समय से गुज़र रहे होते हैं।
देवदूत कोई भी रूप ले सकते हैं - कभी वे मनुष्य रूप धारण करते हैं तो कभी वे ऊर्जा के एक ऐसे ज्यामितिक (geometric) रूप ले लेते हैं जो आवश्यकता के समय आसानी से मनुष्य के शरीर में प्रवेश कर सके। देवदूत कई प्रकार के हैं - कुछ का कार्य उपचार करना है, कुछ का रक्षा; कुछ प्रेम करना सिखाते हैं तो कुछ धैर्य और करुणा; कुछ देवदूत जीवन और मरण के चक्र पर कार्यरत हैं तो कुछ ईश्वर के वह नेत्र जिनसे कुछ छुपा हुआ नहीं है, जो सत्य की प्रतिमूर्ति हैं तथा सदा सत्य की तलवार (sword of Truth)लेकर चलते हैं जिससे लोग सत्य-असत्य में भेद कर पाएं। देवदूत को उनके कार्यों के आधार पर वर्गीकृत किया गया है। कुछ देवदूत ऐसे भी हैं जो ब्रह्मांडीय पदानुक्रम के कुछ विशिष्ट कार्य करते हैं - सेराफिम (seraphim), चेरुबिम (cherubim), और वो सृष्टि देवदूत (angel devas) जो प्रकृति, अग्नि, वायु, जल और भूमि के साथ कार्य करते हैं।
The initiation of angels
अपने असीम प्रेम से ईश्वर ने देवदूतों को अनुक्रम में ऊपर उठने के दीक्षा के मार्ग दिए हैं। शताब्दियों तक विधाता के लिए निष्ठा और उसके द्वारा रचित सृष्टि की भक्ति करने के फलस्वरूप, देवदूतों को उपहार के रूप में स्वेच्छा से कार्य करने का तथा मनुष्य के रूप में जन्म लेने का अधिकार दिया जा सकता है। ऐसा होने पर देवदूत मनुष्य के रूप जन्म लेने के बाद दिव्य गुरु के मार्ग द्वारा देवताओं के साम्राज्य में विकास कर सकते हैं पर ऐसा तभी हो सकता है जब वे मनुष्यों की तरह इम्तिहानो का सामना कर उनमे उत्तीर्ण हों; ऐसे स्तिथि में देवदूतों पर भी कर्म के सिद्धांत लागू होते हैं। जब वे इन सभी परीक्षाओं को सफलता पूर्वक पूरा कर लेते हैं तो देवदूत भी आध्यात्मिक उत्थान के पथ से गुज़रते हुए महादेवदूत बन सकते हैं।
इसे भी देखिये
दिव्यगुरु, ब्रह्मांडीय जीव और देवदूत
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and the Spiritual Path.
- ↑ Heb. 13:2.