Translations:Etheric plane/2/hi: Difference between revisions

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यह [[Special:MyLanguage/ascended master|दिव्यगुरूओं]] और उनके [[Special:MyLanguage/retreat|आश्रय स्थल]], प्रकाश के [[Special:MyLanguage/etheric cities|आकाशीय शहरों]] की दुनिया है जहां उच्च आध्यात्मिक स्तर प्राप्त की हुई जीवात्माएं पृथ्वी पर अपने विभिन्न जन्मों के बीच के समय में रहती हैं। यह वास्तविकता का धरातल है, जो पृथ्वी पर मनुष्यों और शैतानों द्वारा बनाये गए घृणित, पापी/ बीमार समाज से भिन्न है। यहां स्वर्ण युग का काल है, यहां हर जगह भगवान की उपस्थिति मह्सूस होती है। यहां [[Special:MyLanguage/angel|देवदूत]] और [[Special:MyLanguage/elementals|सृष्टि देव]] भगवान के बच्चों के साथ मिलकर आपसी सद्भाव से काम करते हैं ताकि एक सार्वभौमिक चैतन्य साम्राज्य की स्थापना हो पाए। इस प्रकार यह पृथ्वी और स्वर्ग के बीच स्थित ईश्वर के साम्राज्य का आयाम है, जहां पवित्र [[Special:MyLanguage/Spirit|आत्माएं वास]] करती हैं।
यह [[Special:MyLanguage/ascended master|दिव्यगुरूओं]] (ascended masters) और उनके [[Special:MyLanguage/retreat|आश्रय स्थल]], प्रकाश के [[Special:MyLanguage/etheric cities|आकाशीय शहरों]] (etheric cities) की दुनिया है जहां उच्च आध्यात्मिक स्तर पर प्राप्त की हुई जीवात्माएं अपने विभिन्न जन्मों के बीच के समय में रहती हैं। यह वास्तविकता का धरातल है, जो पृथ्वी पर मनुष्यों और शैतानों द्वारा बनाये गए घृणित, पापी/ बीमार समाज से भिन्न है। यहां स्वर्ण युग का काल है, यहां हर जगह ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव होता है। यहां [[Special:MyLanguage/angel|देवदूत]] (angel) और [[Special:MyLanguage/elementals|सृष्टि देव]] (elementals) ईश्वर के बच्चों के साथ मिलकर आपसी समन्वय (harmony) से काम करते हैं ताकि एक सार्वभौमिक चैतन्य स्वर्ण युग साम्राज्य की अंतहीन दुनिया में स्थापना हो पाए। इस प्रकार यह पृथ्वी और स्वर्ग के बीच स्थित ईश्वर के साम्राज्य का आयाम है, जहां पवित्र [[Special:MyLanguage/Spirit|आत्माएं]] वास करती हैं।

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Message definition (Etheric plane)
It is the world of [[ascended master]]s and their [[retreat]]s, [[etheric cities]] of light where souls of a higher order of evolution abide between embodiments. It is the plane of reality, free from the sordid, sin/sick society men and devils have made of the earth planes. Here the golden age is in progress, Love is the fullness of God’s presence everywhere, and [[angel]]s and [[elementals]] together with God’s children serve in harmony to manifest Christ’s kingdom in the Universal Age, worlds without end. As such it is the plane of transition between the earth/heaven realms and the kingdom of God, [[Spirit]], or the Absolute.

यह दिव्यगुरूओं (ascended masters) और उनके आश्रय स्थल, प्रकाश के आकाशीय शहरों (etheric cities) की दुनिया है जहां उच्च आध्यात्मिक स्तर पर प्राप्त की हुई जीवात्माएं अपने विभिन्न जन्मों के बीच के समय में रहती हैं। यह वास्तविकता का धरातल है, जो पृथ्वी पर मनुष्यों और शैतानों द्वारा बनाये गए घृणित, पापी/ बीमार समाज से भिन्न है। यहां स्वर्ण युग का काल है, यहां हर जगह ईश्वर की उपस्थिति का अनुभव होता है। यहां देवदूत (angel) और सृष्टि देव (elementals) ईश्वर के बच्चों के साथ मिलकर आपसी समन्वय (harmony) से काम करते हैं ताकि एक सार्वभौमिक चैतन्य स्वर्ण युग साम्राज्य की अंतहीन दुनिया में स्थापना हो पाए। इस प्रकार यह पृथ्वी और स्वर्ग के बीच स्थित ईश्वर के साम्राज्य का आयाम है, जहां पवित्र आत्माएं वास करती हैं।