Human monad/hi: Difference between revisions

From TSL Encyclopedia
(Created page with "== इसे भी देखिये ==")
No edit summary
Tags: Mobile edit Mobile web edit
 
(10 intermediate revisions by 2 users not shown)
Line 1: Line 1:
<languages />
<languages />
स्वयं का संपूर्ण बल क्षेत्र, प्रभावों के परस्पर जुड़े हुए क्षेत्र - वंशानुगत, पर्यावरणीय, कार्मिक - जो उस आत्म-जागरूकता का निर्माण करते हैं जिससे मानव स्वयं को पहचानता है। कम या गैर-जागरूकता का संदर्भ बिंदु जिसमें से सभी मानवजाति को [[Special:MyLanguage/christ self|स्व चेतना]] के रूप में वास्तविक स्व की प्राप्ति के लिए विकसित होना चाहिए।
मानवीय इकाई स्वयं का संपूर्ण बल क्षेत्र है जो  प्रभावों के परस्पर जुड़े हुए क्षेत्र - वंशानुगत, पर्यावरणीय, कार्मिक - और जो उस आत्म-जागरूकता का निर्माण करते हैं जिससे मानव स्वयं को पहचानता है। यह कम या शून्य मात्रा की जागरूकता का संदर्भ बिंदु है जँहा से मानवजाति को [[Special:MyLanguage/Christ Self|आत्मिक चेतना]] के द्वारा ईश्वरीय चेतना की प्राप्ति के लिए विकसित होना चाहिए।


<span id="See_also"></span>
<span id="See_also"></span>
== इसे भी देखिये ==
== इसे भी देखिये ==


[[Divine Monad]]
[[Special:MyLanguage/Divine Monad|दिव्य इकाई]] (Divine Monad)


== Sources ==
<span id="Sources"></span>
== स्रोत ==


{{SGA}}.
{{SGA}}

Latest revision as of 07:20, 25 December 2025

मानवीय इकाई स्वयं का संपूर्ण बल क्षेत्र है जो प्रभावों के परस्पर जुड़े हुए क्षेत्र - वंशानुगत, पर्यावरणीय, कार्मिक - और जो उस आत्म-जागरूकता का निर्माण करते हैं जिससे मानव स्वयं को पहचानता है। यह कम या शून्य मात्रा की जागरूकता का संदर्भ बिंदु है जँहा से मानवजाति को आत्मिक चेतना के द्वारा ईश्वरीय चेतना की प्राप्ति के लिए विकसित होना चाहिए।

इसे भी देखिये

दिव्य इकाई (Divine Monad)

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation