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* [[Special:MyLanguage/Vaivasvata Manu| | * [[Special:MyLanguage/Vaivasvata Manu| वैवस्वता मनु]] (Vaivasvata Manu) और उनकी दिव्य पूरक '''पांचवीं मूल जाति''' (fifth root race) के मनु हैं। | ||
* [[Lord Himalaya]] | * [[Special:MyLanguage/Lord Himalaya|हिमालय]] (Lord Himalaya) और उनकी दिव्य पूरक '''चौथी मूल जाति''' (fourth root race) के मनु हैं। | ||
मनु प्रिय दिव्य माता-पिता हैं, जो अपने बच्चों की पुकार पर तुरंत प्रत्युत्तर देते हैं। वे अपने प्रकाश की सान्त्वनादायक उपस्थिति के साथ प्रकट होते हैं—ऐसा प्रकाश जो अपार शक्ति, प्रज्ञा और प्रेम से युक्त होता है, जो आकाशीय तत्त्वों (ethers) को कंपित कर देता है और हर एक छोटे से प्राणी को, अत्यंत अंधकारमय क्षण में भी, ईश्वर की बाँहों में घर जैसा अपनापन महसूस कराता है। | |||
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Latest revision as of 08:46, 18 December 2025
यह शब्द संस्कृत से लिया गया है, इसका अर्थ है पृथ्वी पर ईश्वर द्वारा रची गयी सभी कृतियों के जनक (progenitor) और उनके विधि-निर्माता (lawgiver)
मनु और उनकी देवीय सम्पूरक समरूप जोड़ी (twin flames) को पिता-माता भगवान (Father-Mother God) द्वारा नियुक्त किया जाता है। उन्हें ईश्वर ने एक निश्चित समय के लिए मानवजाति को ईश्वर की राह पर चलने के लिए प्रायोजित और प्रेरित करने का दायित्व सौंपा है - जिसे मूल जाति मूल जाति (root race) के रूप में जाना जाता है। मूल जाति में आत्माएं एक समूह के रूप में अवतरित होती हैं और पृथ्वी पर पूरा करने के लिए एक अद्वितीय मूलरूप, दिव्य योजना और मिशन रखती हैं।
- सातवीं मूल जाति (seventh root race) के मनु महान दिव्य निदेशक (Great Divine Director) हैं। कुम्भ युग में जन्म लेने वाले लोग दक्षिण अमेरिका महाद्वीप पर देह धारण करेंगें।
- देव और देवी मेरु (God and Goddess Meru) छठी मूल जाति (sixth root race) के मनु हैं।
- वैवस्वता मनु (Vaivasvata Manu) और उनकी दिव्य पूरक पांचवीं मूल जाति (fifth root race) के मनु हैं।
- हिमालय (Lord Himalaya) और उनकी दिव्य पूरक चौथी मूल जाति (fourth root race) के मनु हैं।
मनु प्रिय दिव्य माता-पिता हैं, जो अपने बच्चों की पुकार पर तुरंत प्रत्युत्तर देते हैं। वे अपने प्रकाश की सान्त्वनादायक उपस्थिति के साथ प्रकट होते हैं—ऐसा प्रकाश जो अपार शक्ति, प्रज्ञा और प्रेम से युक्त होता है, जो आकाशीय तत्त्वों (ethers) को कंपित कर देता है और हर एक छोटे से प्राणी को, अत्यंत अंधकारमय क्षण में भी, ईश्वर की बाँहों में घर जैसा अपनापन महसूस कराता है।
इसे भी देखिये
मूल जाति (Root race)
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation