Translations:City Foursquare/7/hi: Difference between revisions

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आध्यात्मिक रूप से कहें तो, मन मंदिर पदार्थ ब्रह्मांड के चार स्तरों और चतुर्थांशों का मंडल है; यह पदार्थ क्षेत्र में आत्मिक चेतना के [[Special:MyLanguage/Great Pyramid|महान पिरामिड]] के चार पक्षों का केंद्र है। यहाँ आत्मिक चेतना के बारह द्वार हैं जो उन दीक्षाओं की रेखाओं और स्तरों को चिह्नित करते हैं जो ईश्वर ने अपने शिष्यों के लिए तैयार की हैं। ये बारह द्वार ब्रह्मांडीय आत्मा के बारह गुणों के लिए खुले दरवाजे हैं जो उन सभी की ओर से [[Special:MyLanguage/twelve solar hierarchies|बारह सौर पद्क्रमों]] (जो [[Special:MyLanguage/Universal Christ|सार्वभौमिक आत्मा]] के उद्गम हैं) जो उन लोगों के लिए हैं जो आत्मिक प्रेम से परिपूर्ण हैं; उन सभी के लिए जो आदर के साथ धन्यवाद करते हुए एवं ईश्वर की स्तुति करते हुए उसके दरबार में प्रवेश करते हैं।"<ref>Ps. 100:4.</ref>
आध्यात्मिक रूप से कहें तो, मन मंदिर पदार्थ ब्रह्मांड के चार स्तरों और चतुर्थांशों का मंडल है; यह पदार्थ क्षेत्र में आत्मिक चेतना के [[Special:MyLanguage/Great Pyramid|महान पिरामिड]] के चार पक्षों का केंद्र है। यहाँ आत्मिक चेतना के बारह द्वार हैं जो उन दीक्षाओं की रेखाओं और स्तरों को चिह्नित करते हैं जो ईश्वर ने अपने शिष्यों के लिए तैयार की हैं। ये बारह द्वार ब्रह्मांडीय आत्मा के बारह गुणों के लिए खुले दरवाजे हैं जो [[Special:MyLanguage/twelve solar hierarchies|बारह सौर पद्क्रमों]] (जो [[Special:MyLanguage/Universal Christ|सार्वभौमिक आत्मा]] के उद्गम हैं) द्वारा उन लोगों के लिए कायम किये गए हैं जो आत्मिक प्रेम से परिपूर्ण हैं और आदर के साथ धन्यवाद करते हुए एवं ईश्वर की स्तुति करते हुए उसके दरबार में प्रवेश करते हैं।"<ref>Ps. 100:4.</ref>

Latest revision as of 14:46, 10 December 2023

Information about message (contribute)
SGOA
Message definition (City Foursquare)
Metaphysically speaking, the City Foursquare is the mandala of the four planes and the quadrants of the Matter universe; the four sides of the [[Great Pyramid]] of Christ’s consciousness focused in the Matter spheres. The twelve gates are gates of Christ’s consciousness marking the lines and the degrees of the initiations he has prepared for his disciples. The twelve gates are the open doors to the twelve qualities of the Cosmic Christ sustained by the [[twelve solar hierarchies]] (who are emanations of the [[Universal Christ]]) on behalf of all who are endued with the Spirit’s all-consuming fiery Love, all who would in grace “enter into his gates with thanksgiving and into his courts with praise.”<ref>Ps. 100:4.</ref>

आध्यात्मिक रूप से कहें तो, मन मंदिर पदार्थ ब्रह्मांड के चार स्तरों और चतुर्थांशों का मंडल है; यह पदार्थ क्षेत्र में आत्मिक चेतना के महान पिरामिड के चार पक्षों का केंद्र है। यहाँ आत्मिक चेतना के बारह द्वार हैं जो उन दीक्षाओं की रेखाओं और स्तरों को चिह्नित करते हैं जो ईश्वर ने अपने शिष्यों के लिए तैयार की हैं। ये बारह द्वार ब्रह्मांडीय आत्मा के बारह गुणों के लिए खुले दरवाजे हैं जो बारह सौर पद्क्रमों (जो सार्वभौमिक आत्मा के उद्गम हैं) द्वारा उन लोगों के लिए कायम किये गए हैं जो आत्मिक प्रेम से परिपूर्ण हैं और आदर के साथ धन्यवाद करते हुए एवं ईश्वर की स्तुति करते हुए उसके दरबार में प्रवेश करते हैं।"[1]

  1. Ps. 100:4.