Translations:Elementals/18/hi: Difference between revisions

From TSL Encyclopedia
(Created page with "लेमुरिया और अटलांटिस के समय में ऐसी घटनाएं होती थी परन्तु आज के लोग उन घटनाओं को किम्वदंतियां, परियों की कहानियां, या मिथक कहते हैं। ये लोग नहीं जानते कि अगर व...")
 
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[Special:MyLanguage/Lemuria|लेमुरिया]] और [[Special:MyLanguage/Atlantis|अटलांटिस]] के समय में ऐसी घटनाएं होती थी परन्तु आज के लोग उन घटनाओं को किम्वदंतियां, परियों की कहानियां, या मिथक कहते हैं। ये लोग नहीं जानते कि अगर वे इन बातों में विश्वास करते हैं और सृष्टि देवों को गंभीरता से लेते हैं तो वे अपने जीवन को अभूतपूर्वक रूप से बदलने की ताकत पा सकते हैं। कभी कभी इंसान इन सृष्टि देवों को अपने अवचेतन मन से अनुभव भी करते हैं, पर वे इस एहसास को भ्रम समझकर भूल जाते हैं।
[[Special:MyLanguage/Lemuria|लेमुरिया]] और [[Special:MyLanguage/Atlantis|अटलांटिस]] के समय में ऐसी घटनाएं होती थी परन्तु आज के लोग उन घटनाओं को कहावत, परियों की कहानियां, कल्पित कथा या बनावटी विश्वास कहते हैं। ये लोग नहीं जानते कि अगर वे इन बातों में विश्वास करते हैं और सृष्टि देवों को गंभीरता से लेते हैं तो वे अपने जीवन को अभूतपूर्वक रूप से बदलने की ताकत पा सकते हैं। कभी कभी इंसान इन सृष्टि देवों को अपने अवचेतन मन से अनुभव भी करते हैं, पर वे इस एहसास को भ्रम समझकर भूल जाते हैं।

Revision as of 09:35, 1 May 2024

Information about message (contribute)
This message has no documentation. If you know where or how this message is used, you can help other translators by adding documentation to this message.
Message definition (Elementals)
The race memory of such occurrences goes back to the mists of [[Lemuria]] and [[Atlantis]] and is held today as legend or fairy tale, myth or make-believe by those whose lives would be too turned around to suit their pace or personal self-esteem, were they to take seriously this ‘sub-level’ of a lifewave, perceived at subconscious levels but denied everywhere except in the play of a midsummer night’s dream.

लेमुरिया और अटलांटिस के समय में ऐसी घटनाएं होती थी परन्तु आज के लोग उन घटनाओं को कहावत, परियों की कहानियां, कल्पित कथा या बनावटी विश्वास कहते हैं। ये लोग नहीं जानते कि अगर वे इन बातों में विश्वास करते हैं और सृष्टि देवों को गंभीरता से लेते हैं तो वे अपने जीवन को अभूतपूर्वक रूप से बदलने की ताकत पा सकते हैं। कभी कभी इंसान इन सृष्टि देवों को अपने अवचेतन मन से अनुभव भी करते हैं, पर वे इस एहसास को भ्रम समझकर भूल जाते हैं।