Translations:Dweller-on-the-threshold/6/hi: Difference between revisions
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
'यह कृत्रिम रूप' जीवात्मा की चेतन जागरूकता की दहलीज से वह आत्म - स्वीकृत स्वार्थ के 'उचित ' क्षेत्र (legitimate realm) में प्रवेश पाने के लिए दस्तक देता है। प्रवेश पाने पर यह घर (मनुष्य) का मालिक बन जाता है। इसलिए आपको सिर्फ आत्मा की आवाज़ ही सुननी है और आत्मा को ही प्रवेश करने के लिए कहना है। आत्मा के मार्ग पर चलते समय सबसे गंभीर दीक्षा कृत्रिम रूप के साथ टकराव है। यदि जीवात्मा | 'यह कृत्रिम रूप' जीवात्मा की चेतन जागरूकता की दहलीज से वह आत्म - स्वीकृत स्वार्थ के 'उचित ' क्षेत्र (legitimate realm) में प्रवेश पाने के लिए दस्तक देता है। प्रवेश पाने पर यह घर (मनुष्य) का मालिक बन जाता है। इसलिए आपको सिर्फ आत्मा की आवाज़ ही सुननी है और आत्मा को ही प्रवेश करने के लिए कहना है। आत्मा के मार्ग पर चलते समय सबसे गंभीर दीक्षा कृत्रिम रूप के साथ टकराव है। यदि जीवात्मा इसका हनन नहीं करती, तो यह गैर-स्वयं जीवात्मा को मार देता है, क्योंकि कृत्रिम रूप ईश्वरीय प्रकाश के प्रति घृणा रखता है। |
Revision as of 11:38, 3 April 2024
'यह कृत्रिम रूप' जीवात्मा की चेतन जागरूकता की दहलीज से वह आत्म - स्वीकृत स्वार्थ के 'उचित ' क्षेत्र (legitimate realm) में प्रवेश पाने के लिए दस्तक देता है। प्रवेश पाने पर यह घर (मनुष्य) का मालिक बन जाता है। इसलिए आपको सिर्फ आत्मा की आवाज़ ही सुननी है और आत्मा को ही प्रवेश करने के लिए कहना है। आत्मा के मार्ग पर चलते समय सबसे गंभीर दीक्षा कृत्रिम रूप के साथ टकराव है। यदि जीवात्मा इसका हनन नहीं करती, तो यह गैर-स्वयं जीवात्मा को मार देता है, क्योंकि कृत्रिम रूप ईश्वरीय प्रकाश के प्रति घृणा रखता है।