Translations:El Morya/33/hi: Difference between revisions

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जब थॉमस मोर ने सर्वोच्चता की शपथ (Oath of Supremacy) लेने से इनकार किया तो उन्हें टॉवर ऑफ लंदन (Tower of London) में कैद कर दिया गया -  शपथ लेने का अर्थ होता कि वह पोप की सर्वोच्चता को अस्वीकार करके राजा हैनरी को अंग्रेजी गिरजा घर का प्रमुख स्वीकार कर रहे हैं। पंद्रह महीने बाद, झूठे सबूतों के आधार पर उन्हें राजद्रोह का दोषी ठहराया गया। ६ जुलाई १५३५ को टॉवर हिल (Tower Hill) पर उनका सिर काट दिया गया। थॉमस मोर ने हमेशा स्वयं  को "राजा का अच्छा सेवक, लेकिन भगवान का पहला सेवक" बताया था। इसके लगभग ४०० साल बाद १९३५ में थॉमस मोर को संत घोषित किया गया।
जब थॉमस मोर ने सर्वोच्चता की शपथ (Oath of Supremacy) लेने से इनकार किया तो उन्हें टॉवर ऑफ लंदन (Tower of London) में कैद कर दिया गया -  शपथ लेने का अर्थ होता कि वह पोप की सर्वोच्चता को अस्वीकार करके राजा हैनरी को अंग्रेजी गिरजा घर का प्रमुख स्वीकार कर रहे हैं। पंद्रह महीने बाद, झूठे सबूतों के आधार पर उन्हें राजद्रोह का दोषी ठहराया गया। ६ जुलाई १५३५ को टॉवर हिल (Tower Hill) पर उनका सिर काट दिया गया। थॉमस मोर ने हमेशा स्वयं  को "राजा का अच्छा सेवक, लेकिन भगवान का पहला सेवक" बताया था। इसके लगभग ४०० साल बाद १९३५ में थॉमस मोर को संत की उपाधि (canonized) से सम्मानित किया।

Revision as of 11:17, 8 April 2024

Information about message (contribute)
Masters and Their Retreats
Message definition (El Morya)
When he refused to take the Oath of Supremacy (which implied the rejection of papal supremacy and made Henry the head of the English church), More was imprisoned in the Tower of London. Fifteen months later, he was convicted of treason on perjured evidence. He was beheaded on Tower Hill July 6, 1535, affirming himself “the king’s good servant, but God’s first.” He was canonized four hundred years later in 1935.

जब थॉमस मोर ने सर्वोच्चता की शपथ (Oath of Supremacy) लेने से इनकार किया तो उन्हें टॉवर ऑफ लंदन (Tower of London) में कैद कर दिया गया - शपथ लेने का अर्थ होता कि वह पोप की सर्वोच्चता को अस्वीकार करके राजा हैनरी को अंग्रेजी गिरजा घर का प्रमुख स्वीकार कर रहे हैं। पंद्रह महीने बाद, झूठे सबूतों के आधार पर उन्हें राजद्रोह का दोषी ठहराया गया। ६ जुलाई १५३५ को टॉवर हिल (Tower Hill) पर उनका सिर काट दिया गया। थॉमस मोर ने हमेशा स्वयं को "राजा का अच्छा सेवक, लेकिन भगवान का पहला सेवक" बताया था। इसके लगभग ४०० साल बाद १९३५ में थॉमस मोर को संत की उपाधि (canonized) से सम्मानित किया।