Translations:El Morya/54/hi: Difference between revisions
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<blockquote>मैं दार्जिलिंग आश्रय स्थल के महासंघ से लोक सेवा प्रदान करता हूँ। यहां मैं ईश्वर की इच्छा के अनुरूप चलने वाले अन्य भाइयों के साथ मिलकर पृथ्वी पर विभिन्न राष्ट्रों की सरकारों में शिक्षक, वैज्ञानिक और संगीतकारों और उन लोगों को जो ईश्वर की इच्छा के अनुसार शासन करते हैं- मैं उनसे परामर्श करता हूँ। ईश्वर की इच्छा मनुष्यों के प्रत्येक कार्य में लागू होती है और हर एक कार्य की रूपरेखा ईश्वर की इच्छा के अनुसार ही बनाई जाती है। यह ही प्रत्येक कार्य का आधार है। आपके शरीर में हड्डियों का ढांचा ईश्वर की इच्छा से ही बना है, यह ही भौतिक ऊर्जा है, यह ही आकाशीय अग्नि है। आपके | <blockquote>मैं दार्जिलिंग आश्रय स्थल के महासंघ से लोक सेवा प्रदान करता हूँ। यहां मैं ईश्वर की इच्छा के अनुरूप चलने वाले अन्य भाइयों के साथ मिलकर पृथ्वी पर विभिन्न राष्ट्रों की सरकारों में शिक्षक, वैज्ञानिक और संगीतकारों और उन लोगों को जो ईश्वर की इच्छा के अनुसार शासन करते हैं- मैं उनसे परामर्श करता हूँ। ईश्वर की इच्छा मनुष्यों के प्रत्येक कार्य में लागू होती है और हर एक कार्य की रूपरेखा ईश्वर की इच्छा के अनुसार ही बनाई जाती है। यह ही प्रत्येक कार्य का आधार है। आपके शरीर में हड्डियों का ढांचा ईश्वर की इच्छा से ही बना है, यह ही भौतिक ऊर्जा है, यह ही आकाशीय अग्नि है। ईश्वर की इच्छा आपके हृदय में ज्वलंत हीरा है।<ref>एल मोर्या, “टू अवेकन अमेरिका टू ऐ वाइटल पर्पस,” १६ अप्रैल १९७६, {{LSR}}, पुस्तक नंबर २ के दूसरे अध्याय से.</ref></blockquote> |
Revision as of 11:26, 21 April 2024
मैं दार्जिलिंग आश्रय स्थल के महासंघ से लोक सेवा प्रदान करता हूँ। यहां मैं ईश्वर की इच्छा के अनुरूप चलने वाले अन्य भाइयों के साथ मिलकर पृथ्वी पर विभिन्न राष्ट्रों की सरकारों में शिक्षक, वैज्ञानिक और संगीतकारों और उन लोगों को जो ईश्वर की इच्छा के अनुसार शासन करते हैं- मैं उनसे परामर्श करता हूँ। ईश्वर की इच्छा मनुष्यों के प्रत्येक कार्य में लागू होती है और हर एक कार्य की रूपरेखा ईश्वर की इच्छा के अनुसार ही बनाई जाती है। यह ही प्रत्येक कार्य का आधार है। आपके शरीर में हड्डियों का ढांचा ईश्वर की इच्छा से ही बना है, यह ही भौतिक ऊर्जा है, यह ही आकाशीय अग्नि है। ईश्वर की इच्छा आपके हृदय में ज्वलंत हीरा है।[1]
- ↑ एल मोर्या, “टू अवेकन अमेरिका टू ऐ वाइटल पर्पस,” १६ अप्रैल १९७६, Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Lords of the Seven Rays, पुस्तक नंबर २ के दूसरे अध्याय से.