Translations:Kuan Yin/33/hi: Difference between revisions

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यदि आप स्वयं के लिए क्षमा की आशा रखते हैं, तो सर्वप्रथम आपको औरों को क्षमा करना सीखना होगा जैसा कि दिव्यगुरु [[यीशु]] ने सिखाया है। कुआन यिन कहतीं हैं, "मानव जाति का परीक्षण कई छोटे और बड़े तरीकों से किया जाता है, और जो धर्मांधता कुछ लोगों की चेतना में देखी जाती है, वह भी क्षमा ना कर पाने का ही एक रूप है। जो लोग दूसरों को सिर्फ इसलिए माफ नहीं कर सकते क्योंकि वे उनके जैसे नहीं सोचते या उनका पूजा करने का तरीका नहीं अपनाते वे दिल के कठोर होते हैं, इतने कठोर कि यह कठोरता उनके प्यार की लौ को भी घेर लेती है और ज्ञान के प्रवाह को भी।''<ref>कुआन यिन, "मर्सी: द फायर दैट ट्राइस एव्री मैन्स वर्क्स (Mercy: The Fire that Tries Every Man’s Works) " ''पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom)'', १९८२, पुस्तक 2, पृष्ठ ''९५''.</ref>
यदि आप स्वयं के लिए क्षमा की आशा रखते हैं, तो सर्वप्रथम आपको औरों को क्षमा करना सीखना होगा जैसा कि दिव्यगुरु [[Special:MyLanguage/Jesus|यीशु]] ने सिखाया है। कुआन यिन कहतीं हैं, "मानव जाति का परीक्षण कई छोटे और बड़े तरीकों से किया जाता है, और जो धर्मांधता कुछ लोगों की चेतना में देखी जाती है, वह भी क्षमा ना कर पाने का ही एक रूप है। जो लोग दूसरों को सिर्फ इसलिए माफ नहीं कर सकते क्योंकि वे उनके जैसे नहीं सोचते या उनका पूजा करने का तरीका नहीं अपनाते वे दिल के कठोर होते हैं, इतने कठोर कि यह कठोरता उनके प्यार की लौ को भी घेर लेती है और ज्ञान के प्रवाह को भी।''<ref>कुआन यिन, "मर्सी: द फायर दैट ट्राइस एव्री मैन्स वर्क्स (Mercy: The Fire that Tries Every Man’s Works) " ''पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom)'', १९८२, पुस्तक 2, पृष्ठ ''९५''.</ref>

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Message definition (Kuan Yin)
If you expect forgiveness, then you must be ready to forgive seventy times seven, as the Master [[Jesus]] taught. “In small ways and in great ways, mankind are tested,” Kuan Yin says, “And the bigotry that remains in the consciousness of some is also a lack of forgiveness. Those who cannot forgive their fellowmen because they do not think or worship as they do—these have the hardness of heart that encases the flame of love and also prevents the flow of wisdom.”<ref>Kuan Yin, “Mercy: The Fire that Tries Every Man’s Works,” ''Pearls of Wisdom'', 1982, Book II, p. ''95''.</ref>

यदि आप स्वयं के लिए क्षमा की आशा रखते हैं, तो सर्वप्रथम आपको औरों को क्षमा करना सीखना होगा जैसा कि दिव्यगुरु यीशु ने सिखाया है। कुआन यिन कहतीं हैं, "मानव जाति का परीक्षण कई छोटे और बड़े तरीकों से किया जाता है, और जो धर्मांधता कुछ लोगों की चेतना में देखी जाती है, वह भी क्षमा ना कर पाने का ही एक रूप है। जो लोग दूसरों को सिर्फ इसलिए माफ नहीं कर सकते क्योंकि वे उनके जैसे नहीं सोचते या उनका पूजा करने का तरीका नहीं अपनाते वे दिल के कठोर होते हैं, इतने कठोर कि यह कठोरता उनके प्यार की लौ को भी घेर लेती है और ज्ञान के प्रवाह को भी।[1]

  1. कुआन यिन, "मर्सी: द फायर दैट ट्राइस एव्री मैन्स वर्क्स (Mercy: The Fire that Tries Every Man’s Works) " पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom), १९८२, पुस्तक 2, पृष्ठ ९५.