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आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं जबकि आपकी ज़िन्दगी की लौ धीरे धीरे बुझती जा रही है ? आप वायलेट फ्लेम का इस्तेमाल कर के अपने शरीर को स्फूर्ति प्रदान कर सकते हैं। क्या आपको लगता है की ईश्वर आपके शरीर के अणुओं और कोशिकाओं को पुनः सक्रिय कर सकते हैं? ईश्वर आपके पूरे शरीर को वायलेट फ्लेम से नहला कर आपको शाश्वत यौवन की दीप्ति दे सकते हैं!<ref>अमेथिस्ट, ६ दिसंबर १९६०, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च १९९६. </ref></blockquote> | <blockquote>आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं जबकि आपकी ज़िन्दगी की लौ धीरे धीरे बुझती जा रही है ? आप वायलेट फ्लेम का इस्तेमाल कर के अपने शरीर को स्फूर्ति प्रदान कर सकते हैं। क्या आपको लगता है की ईश्वर आपके शरीर के अणुओं और कोशिकाओं को पुनः सक्रिय कर सकते हैं? ईश्वर आपके पूरे शरीर को वायलेट फ्लेम से नहला कर आपको शाश्वत यौवन की दीप्ति दे सकते हैं!<ref>अमेथिस्ट, ६ दिसंबर १९६०, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च १९९६.</ref></blockquote> |
Revision as of 05:42, 6 October 2023
आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं जबकि आपकी ज़िन्दगी की लौ धीरे धीरे बुझती जा रही है ? आप वायलेट फ्लेम का इस्तेमाल कर के अपने शरीर को स्फूर्ति प्रदान कर सकते हैं। क्या आपको लगता है की ईश्वर आपके शरीर के अणुओं और कोशिकाओं को पुनः सक्रिय कर सकते हैं? ईश्वर आपके पूरे शरीर को वायलेट फ्लेम से नहला कर आपको शाश्वत यौवन की दीप्ति दे सकते हैं![1]
- ↑ अमेथिस्ट, ६ दिसंबर १९६०, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च १९९६.