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[[Special:MyLanguage/Moses|मूसा]] ने देवदूत अभिभावकों को सोने के चैरूब के आकार में करुणा के सिंहासन को बनाने का ईश्वरीय आदेश दिया जो [[Special:MyLanguage/ark of the covenant|आर्क ऑफ़ कोवेनेंट]] (ark of the covenant) का प्रतीक था।<ref>Exod। 25:17-22.</ref> परम्परा के अनुसार, भगवान चेरूबों के बीच रहते थे और इसी मर्सी सीट से मूसा से बात करते थे - ईश्वरीय स्वरुप यहीं उपस्थिति रहता है। ईश्वर का कानून, पत्थर की पट्टियों पर उकेरा गया और फिर इन पट्टियों को सन्दूक में रख एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया था। | [[Special:MyLanguage/Moses|मूसा]] ने देवदूत अभिभावकों को सोने के चैरूब के आकार में करुणा के सिंहासन को बनाने का ईश्वरीय आदेश दिया था जो [[Special:MyLanguage/ark of the covenant|आर्क ऑफ़ कोवेनेंट]] (ark of the covenant) का प्रतीक था।<ref>Exod। 25:17-22.</ref> परम्परा के अनुसार, भगवान चेरूबों के बीच रहते थे और इसी मर्सी सीट से मूसा से बात करते थे - ईश्वरीय स्वरुप यहीं उपस्थिति रहता है। ईश्वर का कानून, पत्थर की पट्टियों पर उकेरा गया और फिर इन पट्टियों को सन्दूक में रख एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया था। |
Revision as of 09:44, 11 February 2024
मूसा ने देवदूत अभिभावकों को सोने के चैरूब के आकार में करुणा के सिंहासन को बनाने का ईश्वरीय आदेश दिया था जो आर्क ऑफ़ कोवेनेंट (ark of the covenant) का प्रतीक था।[1] परम्परा के अनुसार, भगवान चेरूबों के बीच रहते थे और इसी मर्सी सीट से मूसा से बात करते थे - ईश्वरीय स्वरुप यहीं उपस्थिति रहता है। ईश्वर का कानून, पत्थर की पट्टियों पर उकेरा गया और फिर इन पट्टियों को सन्दूक में रख एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया था।
- ↑ Exod। 25:17-22.