I AM Presence/hi: Difference between revisions

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The [[I AM THAT I AM]]; the individualized Presence of God focused for each individual [[soul]]. The God-identity of the individual; the '''Divine Monad'''; the individual Source. The origin of the soul focused in the planes of Spirit just above the physical form; the personification of the God Flame for the individual.
[[Special:MyLanguage/I AM THAT I AM|ईश्वरीय स्वरूप]]; प्रत्येक जीवात्मा में ईश्वर की व्यक्तिगत उपस्थिति का केंद्र। व्यक्ति की ईश्वर-पहचान; '''दिव्य इकाई'''; व्यक्तिगत स्रोत।    आत्मा के स्तरों में केंद्रित जीवात्मा की उत्पत्ति जोकि भौतिक रूप के ठीक ऊपर है; व्यक्ति के लिए ईश्वरीय लौ का मानवीकरण।


== See also ==
== See also ==

Revision as of 11:39, 14 March 2024

ईश्वरीय स्वरूप; प्रत्येक जीवात्मा में ईश्वर की व्यक्तिगत उपस्थिति का केंद्र। व्यक्ति की ईश्वर-पहचान; दिव्य इकाई; व्यक्तिगत स्रोत। आत्मा के स्तरों में केंद्रित जीवात्मा की उत्पत्ति जोकि भौतिक रूप के ठीक ऊपर है; व्यक्ति के लिए ईश्वरीय लौ का मानवीकरण।

See also

Chart of Your Divine Self

Permanent atom of being

Sources

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.

Exod. 3:13–15.