Translations:Elementals/54/hi: Difference between revisions

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सोचिये, अगर प्रथ्वी के सारे सृष्टि देव हड़ताल पर चले गए, यह कहते हुए कि "अब हम मानजाति के कर्म के पहाड़ों और प्रदूषित पदार्थों से और नहीं निपट सकते" तो क्या होगा।<ref> लैनेलो, “इन द सैंक्चुअरी ऑफ़ द सोल,” {{POWref|40|52|, २८ दिसम्बर १९९७}}</ref>
सोचिये, अगर प्रथ्वी के सारे सृष्टि देव हड़ताल पर चले गए, यह कहते हुए कि "अब हम मानजाति के कर्म के पहाड़ों और प्रदूषित पदार्थों से और नहीं निपट सकते" तो क्या होगा।<ref> लैनेलो, “इन द सैंक्चुअरी ऑफ़ द सोल,” (Lanello, “In the Sanctuary of the Soul) {{POWref|40|52|, २८ दिसम्बर १९९७}}</ref>
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Message definition (Elementals)
What would happen if all the earth should become a place where the beings of the elements have gone on strike, saying: “We can no longer deal with the mountains of karma and polluted substance that mankind is dumping in the waters, in the earth, in the air!”<ref>Lanello, “In the Sanctuary of the Soul,” {{POWref|40|52|, December 28, 1997}}</ref>
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सोचिये, अगर प्रथ्वी के सारे सृष्टि देव हड़ताल पर चले गए, यह कहते हुए कि "अब हम मानजाति के कर्म के पहाड़ों और प्रदूषित पदार्थों से और नहीं निपट सकते" तो क्या होगा।[1]

  1. लैनेलो, “इन द सैंक्चुअरी ऑफ़ द सोल,” (Lanello, “In the Sanctuary of the Soul) Pearls of Wisdom, vol. 40, no. 52, २८ दिसम्बर १९९७.