Translations:Lucifer/22/hi: Difference between revisions
(Created page with "कई अन्य लोग जो लूसिफ़र का साथ देते हुए ईश्वर के विरुद्ध भयानक विद्रोह में शामिल थे उनपर भी मुकदमा चलाया गया था। लूसिफ़र का तो अंत हो गया परन्तु आज भी उनके अंश पृथ्वी पर विद्यमान हैं औ...") |
JaspalSoni (talk | contribs) No edit summary |
||
| Line 1: | Line 1: | ||
कई अन्य लोग जो लूसिफ़र का साथ देते हुए ईश्वर के विरुद्ध भयानक विद्रोह में शामिल थे उनपर भी मुकदमा चलाया गया था। लूसिफ़र का तो अंत हो गया परन्तु आज भी उनके अंश पृथ्वी पर विद्यमान हैं और स्त्री और उसके [[Special:MyLanguage/Manchild|बालक]] के प्रति क्रोध से भरे हुए ये लोग आज भी सनत कुमार के प्रकाश के उत्तराधिकारियों के खिलाफ युद्ध में लिप्त हैं।<ref>देखिये Rev. १२ </ref>महादेवदूत माईकल प्रतिदिन इन विरोधियों को बाँध कर [[Special:MyLanguage/final judgment|अंतिम निर्णय]] के लिए लेकर जाते हैं जहां पर प्रत्येक व्यक्ति का उसके कर्मों के अनुसार न्याय किया जाता है। इस प्रक्रिया को ईसा मसीह के एक देवदूत ने मीन युग के अंतिम दिनों में [[Special:MyLanguage/John the Revelator|जॉन द रेवेलेटर]] को दिव्य दर्शन द्वारा दिखाया था। | कई अन्य लोग जो लूसिफ़र का साथ देते हुए ईश्वर के विरुद्ध भयानक विद्रोह में शामिल थे उनपर भी मुकदमा चलाया गया था। लूसिफ़र का तो अंत हो गया परन्तु आज भी उनके अंश पृथ्वी पर विद्यमान हैं और स्त्री और उसके [[Special:MyLanguage/Manchild|बालक]] (Manchild) के प्रति क्रोध से भरे हुए ये लोग आज भी सनत कुमार के प्रकाश के उत्तराधिकारियों के खिलाफ युद्ध में लिप्त हैं।<ref>देखिये Rev. १२ </ref>महादेवदूत माईकल प्रतिदिन इन विरोधियों को बाँध कर [[Special:MyLanguage/final judgment|अंतिम निर्णय]] (final judgment) के लिए लेकर जाते हैं जहां पर प्रत्येक व्यक्ति का उसके कर्मों के अनुसार न्याय किया जाता है। इस प्रक्रिया को ईसा मसीह के एक देवदूत ने मीन युग के अंतिम दिनों में [[Special:MyLanguage/John the Revelator|जॉन द रेवेलेटर]] (John the Revelator) को दिव्य दर्शन द्वारा दिखाया था। | ||
Revision as of 08:33, 7 November 2025
कई अन्य लोग जो लूसिफ़र का साथ देते हुए ईश्वर के विरुद्ध भयानक विद्रोह में शामिल थे उनपर भी मुकदमा चलाया गया था। लूसिफ़र का तो अंत हो गया परन्तु आज भी उनके अंश पृथ्वी पर विद्यमान हैं और स्त्री और उसके बालक (Manchild) के प्रति क्रोध से भरे हुए ये लोग आज भी सनत कुमार के प्रकाश के उत्तराधिकारियों के खिलाफ युद्ध में लिप्त हैं।[1]महादेवदूत माईकल प्रतिदिन इन विरोधियों को बाँध कर अंतिम निर्णय (final judgment) के लिए लेकर जाते हैं जहां पर प्रत्येक व्यक्ति का उसके कर्मों के अनुसार न्याय किया जाता है। इस प्रक्रिया को ईसा मसीह के एक देवदूत ने मीन युग के अंतिम दिनों में जॉन द रेवेलेटर (John the Revelator) को दिव्य दर्शन द्वारा दिखाया था।
- ↑ देखिये Rev. १२