Translations:Michael and Faith/37/hi: Difference between revisions
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आस्था (faith) के महान कारण शरीर की शक्ति से मैं तुम्हें सुरक्षित कर रहा हूँ। अपने हृदय की ज्वाला के प्रयोग से मैं तुम्हें सम्पूर्ण सुरक्षा दे रहा हूँ। यदि तुम प्रतिदिन पूरी श्रद्धा से कम से कम २० मिनट के लिए दिव्य आदेशों को करोगे तो मैं तुम्हारी सुरक्षा की गारंटी लूंगा। और जब तुम विश्व के सभी देशों और जीवात्माओं के लिए महादेवदूत माइकल के दिव्य आदेश और गाने गाओगे या सुनोगे तब मैं अपने सभी रौशनी के | आस्था (faith) के महान कारण शरीर की शक्ति से मैं तुम्हें सुरक्षित कर रहा हूँ। अपने हृदय की ज्वाला के प्रयोग से मैं तुम्हें सम्पूर्ण सुरक्षा दे रहा हूँ। यदि तुम प्रतिदिन पूरी श्रद्धा से कम से कम २० मिनट के लिए दिव्य आदेशों को करोगे तो मैं तुम्हारी सुरक्षा की गारंटी लूंगा। और जब तुम विश्व के सभी देशों और जीवात्माओं के लिए महादेवदूत माइकल के दिव्य आदेश और गाने गाओगे या सुनोगे तब मैं अपने सभी रौशनी के दलों (legions) को तुम्हारे पास भेजूंगा - तब तुम अपने जीवन में ऐसे-ऐसे सत्कार्यों को होते देखोगो जिनकी तुमने कल्पना भी नहीं की होगी। तब तुम ये भी अनुभव करोगे कि तुम्हे बहुत पहले से दिव्य आदेशों को करना शुरू करना चाहिए था।<ref>महादेवदूत माइकल, “टेक ओप्पोर्तुनिटी!” {{POWref|३७|४१|, ९ अक्टूबर १९९४}}</ref> | ||
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Revision as of 09:04, 21 December 2025
आस्था (faith) के महान कारण शरीर की शक्ति से मैं तुम्हें सुरक्षित कर रहा हूँ। अपने हृदय की ज्वाला के प्रयोग से मैं तुम्हें सम्पूर्ण सुरक्षा दे रहा हूँ। यदि तुम प्रतिदिन पूरी श्रद्धा से कम से कम २० मिनट के लिए दिव्य आदेशों को करोगे तो मैं तुम्हारी सुरक्षा की गारंटी लूंगा। और जब तुम विश्व के सभी देशों और जीवात्माओं के लिए महादेवदूत माइकल के दिव्य आदेश और गाने गाओगे या सुनोगे तब मैं अपने सभी रौशनी के दलों (legions) को तुम्हारे पास भेजूंगा - तब तुम अपने जीवन में ऐसे-ऐसे सत्कार्यों को होते देखोगो जिनकी तुमने कल्पना भी नहीं की होगी। तब तुम ये भी अनुभव करोगे कि तुम्हे बहुत पहले से दिव्य आदेशों को करना शुरू करना चाहिए था।[1]
- ↑ महादेवदूत माइकल, “टेक ओप्पोर्तुनिटी!” Pearls of Wisdom, vol. ३७, no. ४१, ९ अक्टूबर १९९४.