आकाशीय शरीर
मनुष्य के चार निचले शरीरों में से एक, आकाशीय शरीर अग्नि तत्व को दर्शाता है और पदार्थ का पहला चतुर्थांश है। इसे आत्मा का आवरण कहा जाता है। यह मनुष्य की दिव्य योजना की रूपरेखा और आत्मा का आदर्श रूप संसार में चित्रित करता है। इसे स्मृति शरीर भी कहते हैं।
आकाशीय शरीर चार निचले शरीरों में से सबसे अधिक स्पंदन करता है। इसमें आपकी जीवात्मा के सारे अनुभव संग्रहीत हैं - स्वार्गिक अनुभव (जो आपके कारण शरीर और चैतन्य मन में संचित होते हैं) तथा भौतिक शरीर में प्राप्त किये हुए अनुभव (जो आपके अवचेतन मन, सूक्ष्म कोष और इलेक्ट्रॉनिक बेल्ट) में संचित होते हैं।
आपकी गतिविधियों का स्तर कोई भी हो, स्मृति निकाय की [[ Special:MyLanguage/Tablets of mem| स्मरण-पुस्तक]] में सब शामिल हैं - आपकी आत्मा द्वारा भेजे गए सभी सन्देश और संकेत स्पंदन और ऊर्जा के रूप में यहाँ अभिलिखित हैं। जीवन के ये अभिलेख प्रकाश के असंख्य चक्रों में लिखित हैं और इसमें जीवात्मा के आत्मा में विलय होते समय बदलते और विकसित होते स्वरुप भी शामिल हैं। यह ही जीवन के वो अभिलेख ( एल-फ़ील्ड) हैं जो तीन निचले शरीरों - मानसिक शरीर, भावनात्मक शरीर और भौतिक शरीर - के स्वरुप को निर्धारित करते हैं। इनका रूपांतरण करने की शक्ति केवल वायलेट लौ में है।
१९८५ में नए साल के दिन सनत कुमार ने घोषणा की थी कि पृथ्वी को एक नया आकाशीय आवरण प्राप्त हुआ है जिसमें इस ग्रह की मूल दिव्य योजना का अभिलेख और रूपरेखा शामिल है। उन्होंने यह भी कहा था कि दुनिया में स्वर्ण युग को वापिस लाने का यह सबसे अच्छा अवसर है।[1]
इसे भी देखिये
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Lost Teachings on Your Higher Self
- ↑ सनत कुमार, “द टर्निंग पॉइंट ऑफ़ लाइफ ऑन अर्थ: अ डिस्पेनसेशन ऑफ़ द सोलर लोगों लोगोई,” Pearls of Wisdom, vol. २८, no. ६.