गेब्रियल और होप (Gabriel and Hope)
गेब्रियल और होप पुनरुत्थान की चौथी किरण और और आध्यात्मिक उत्थान की लौ के महादेवदूत और दिव्य सहायिका हैं। पवित्रता के देवदूतों और सेराफिम के साथ, ये समरूप जोड़ी पृथ्वी ग्रह पर प्रत्येक पुरुष, महिला और बच्चे के लिए ईश्वरीय योजना की शुभ्र संकल्पना की रक्षा करती हैं।
अननन्सिएशन के देवदूत
गेब्रियल सूचना (अननन्सिएशन) के देवदूत हैं जिन्होंने मेरी का इन शब्दों के साथ अभिवादन किया था, "जय हो, आप अत्यधिक पसंदीदा हैं, प्रभु आपके साथ हैं: आप महिलाओं में धन्य हैं।"[1] गेब्रियल प्रत्येक भावी मां को एक आत्मा के आगमन की खुशखबरी के साथ सलाम करते हैं, जिसके लिए उसे शरीर-रूपी मंदिर को तैयार करने का विशेषाधिकार भी प्राप्त है। वह आने वाले बच्चे की स्व-चेतना के इलेक्ट्रॉनिक पैटर्न को माँ के आभामंडल के भीतर रखते है ताकि माँ और बच्चे के शरीर के मौलिक तत्व, उनकी स्व चेतना के निर्देशन में, एक साथ काम कर सकें। देवदूत बच्चे के उसके उसके पिछले जन्मों में विकसित और कारण शरीर में संग्रहीत उच्चतम और सर्वोत्तम प्रतिभाओं को स्थापित करने के लिए माता-पिता के साथ मिलकर काम करते हैं।
हालाँकि आज कल पृथ्वी की अधिकांश महिलाएँ गेब्रियल की पवित्रता की उच्च चेतना के साथ लय-बंध नहीं हैं और इसलिए वे उनकी आवाज़ नहीं सुन पाती, पर अब वो समय आ रहा है जब सभी माता-पिता आने वाली आत्मा के बारे में की गई घोषणा सुन सकेंगे,और उन्हें पता चल जाएगा कि अपने भाग्य को पूरा करने के लिए ईश्वर द्वारा भेजी गई आत्मा को धारण करना एक उच्च और पवित्र कार्य है, यह एक जिम्मेदारी है जिससे योग्य जोड़ों को पीछे नहीं हटना चाहिए।
गेब्रियल ने यह चेतावनी दी है कि जनसंख्या को सीमित करने का अभियान आत्मिक चेतना का शत्रु द्वारा जीवात्माओं को उनके आध्यात्मिक उत्थान के अवसर से वंचित करने की एक साज़िश है। जो लोग जनसंख्या नियंत्रण के बारे में झूठ का प्रचार करते हैं या सुनते हैं, वे कर्म के भगवान के सामने अपने पुनर्जन्म का आवेदन नहीं कर सकते।
पुनरूत्थान
गेब्रियल और होप प्रत्येक जीवनधारा की शुद्धता और प्रत्येक जीवात्मा में ईश्वर के पवित्र उद्देश्य की पूर्ति के प्रति समर्पित हैं। होप माता-पिता को आशा, खुशी, उत्साह से भर देती है; वह उन्हें आनेवाली जीवात्मा के आध्यात्मिक उत्थान की भी याद दिलाती है।
दो हजार साल पहले हुए पुनरुत्थान की सुबह को याद करते हुए गेब्रियल कहते हैं:
देवियो और सज्जनो, अब मैं आकाशीय अभिलेखों का अवलोकन करूंगा और एक बार फिर उस गौरवशाली सुबह को अपने विचारों में लाऊंगा जब मैं इसा मसीह का इंतजार कर रहे उनके प्रिय शिष्यों के दिलों में आशा की लौ जगाने के लिए अपने जस्ते के पवित्र देवदूतों के साथ आकाश से नीचे उतरा था। मैंने कब्र के आगे रखे उस पत्थर को हिलाया जिसके फलस्वरूप वे पुनर्जीवित हुए थे।
जब देवत्व द्वारा शक्ति दिए जाने पर कोई दिव्य प्राणी पदार्थ को हिलाता है तो यह कार्य उस व्यक्ति का प्रयास नहीं है वरन ईश्वर का है। उस पत्थर ने मेरी उंगलियों से निकलने वाले प्रकाश का विरोध नहीं किया। जैसे ही मैंने उसे पकड़ा तो क्षण भर के लिए मेरे मन में यह विचार आया कि मैं भगवान से प्रार्थना करूँ कि मैं इस बहुमूल्य ग्रह पर हर पुरुष और महिला से तब तक मौत का पत्थर हटा सकूँ जब तक कि सभी डर और ज़ुल्म से मुक्त नहीं हो जाएँ।
जो देवदूत मेरे साथ थे, उन्होंने तुरंत मेरे विचार को पकड़ लिया। हमारी विचारों के द्वारा ही एक-दूसरे से सम्पर्क करते हैं क्योंकि हम आपके जैसे नहीं हैं; हमें एक दूसरे को अपने विचार व्यक्त करने के लिए शब्दों की आवश्यकता नहीं होती । जल्दी से हम सबने आशा का एक मंत्र गाना शुरू कर दिया। मेरी प्रिया होप की मधुर अभिव्यक्ति के नेतृत्व में देवदूतों ने यह अद्भुत गीत शुरू किया जो आने वाली सुबह के साथ पृथ्वी के पूरे चेहरे पर आशा की सुनहरी रोशनी का एक मार्ग प्रसारित करता हुआ प्रतीत हुआ। सुबह-सुबह जब पवित्र महिलाएँ ईसा मसीह की खोज में आईं, तो उन्होंने पत्थर को लुढ़का हुआ पाया।[2]
महादेवदूत का यही आशीर्वाद और सेवा पृथ्वी पर प्रत्येक व्यक्ति को भी दी जाती है अगर वह इसे स्वीकार करें तो। जिस प्रकार गैब्रियल ने हाथ से उस कब्र (जिसमें ईसा मसीह लेटे थे) के दरवाजे के सामने रखे पत्थर को हटा दिया गया था, उसी प्रकार देवदूत हमारे जीवन की समस्याएं भी सुलझा सकते हैं बशर्ते हम उन्हें अपनी दुनिया में प्रवेश करने की अनुमति दें। जैसे ही हम अपने भौतिकता के आवरण (जो कि एक कब्र के सामान ही है) को हटाते हैं, तब हम अपने अंदर के ईश्वर को पहचान पाते हैं।
उनकी आज की सेवा
महादेवदूत गेब्रियल ने न केवल जीवन और मृत्यु, इस दुनिया और इसके परे की दुनिया के रहस्यों के बारे में बात की वरन पृथ्वी और अन्य ग्रहों के विभिन्न जीवों के दिल, दिमाग और जीवात्माओं पर हावी होने की सदियों पुरानी साजिश के बारे में भी बात की है। वह प्रलय के पहले के युगों के प्रत्यक्षदर्शी थे, और उन्होंने हमें हमारे पिता इनोक की किताबों के बारे में बताया है, जिनमें प्रकाश और अंधेरे की लड़ाई की स्पष्ट रूप से व्याख्या की गई है।
अपनी पुस्तक मिस्ट्रीज़ ऑफ़ द होली ग्रेल में, गेब्रियल ने अच्छाई और बुराई के ज्ञान के बारे में अपनी शिक्षा दी है, और यह भी बताय कि कैसे पथभ्रष्ट देवदूतों ने इस ज्ञान को द्वारा हमारे सबसे पहले सांसारिक माता-पिता तक पहुँचाया। इन पथभ्रष्ट देवदूतों ने हमारे प्राथमिक माता-पिता आदम और हव्वा की मासूमियत को भंग करने की साजिश रची थी ताकि वे ईश्वर को न पहचान पाएं और उनके वंशज हज़ारों वर्षों तक भटकते रहें।
Gabriel is the friend of God and man. All lovers of the light can claim this archangel as their special confidant and advisor. He teaches us about the lawful communion of the saints dwelling in these lower octaves of earth with the saints moving in the higher octaves of heaven.
In 1987, Archeia Hope said:
O blessed hearts, do you know one thing that you have absolute and complete control over? It is this—that the golden age can manifest in this hour where you are! Where the individualization of the God flame is in you, the golden age can already be in session and in progress in your aura.... You need no longer speculate, “Will the golden age come to earth?” But you can say, “It is here in me. That I know, O God. It is where I am, and more than this I cannot even desire. For I am with Hope filling cosmos with my golden age.”[3]
Retreat
► Main article: Gabriel and Hope's retreat
The retreat of Archangel Gabriel and Hope is located in the etheric plane between Sacramento and Mount Shasta, California. As archangel and archeia of the fourth ray of purity and the ascension, they also serve with Jesus and Mother Mary at the Temple of the Resurrection over the Holy Land and with Serapis Bey, lord of the fourth ray, at the etheric retreat of the Ascension Temple at Luxor, Egypt.
The energy of Gabriel is focused through the music of the Intermezzo from Cavalleria Rusticana, by Pietro Mascagni.
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ब्रह्मांडीय जीव फेथ (cosmic being Faith) के बारे में जानकारी के लिए यहां देखें फेथ, होप और चैरिटी (Faith, Hope and Charity)
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and Their Retreats, s.v. “गेब्रियल और होप”