Translations:Karma/43/hi
मैथ्यू २५ में ईसा मसीह बताते हैं कि अंतिम निर्णय व्यक्ति के सकारात्मक और नकारात्मक कर्मों पर आधारित होता है। प्रेम से किये गए कार्य (जैसे की बिना कुछ पाने की आशा के किया गया दान) मोक्ष की कुंजी हैं। ईश्वर कहते हैं जो लोग निस्वार्थ भाव से से दूसरों की सेवा करते हैं उन्हें ईश्वर के चरणों में स्थान मिलता है।[1] ईश्वर की इच्छा के विपरीत कार्य करने वालों को ईश्वर कहते हैं, "तुम मुझसे दूर हो जाओ, उस आग,Cite error: Closing </ref>
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- ↑ Matt. २५:४०.