Translations:Kuan Yin/25/hi
अगर हमने ऐसा कुछ किया है जो ईश्वर के मार्ग से पृथक है, उनके कानून के अनुसार नहीं है तो हमें अपनी इस गलती को स्वीकार कर, ईश्वर को इसके बारे में बताना होगा। जब तक कि हम ऐसा करके अपनी गलतियों की क्षमा उनसे नहीं मांगते, तब तक हम अपराधबोध, भय और शर्म से ग्रसित हो ईश्वर से परे रहते हैं। सभी प्रकार की मानसिक और भावनात्मक बीमारियां, स्प्लिट पर्सनैलिटी (split personalities), माता-पिता और बच्चों के प्रति घृणा और कई अन्य समस्याएं जिनसे आधुनिक समाज आज जूझ रहा है इसी वजह से है। क्षमा ही अन्तर्मन के पास जाने का रास्ता है।