पवित्र आत्मा

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पेंटेकोस्ट (Pentecost) पर पवित्र आत्मा का अवतरण (descent), जुआन बॉतिस्ता माइनो (Juan Bautista Maíno) (१६१५ और १६२० के बीच)

त्रिमूर्ति का तीसरा व्यक्ति ईश्वर की सर्वव्यापकता का सूचक है। यह तीसरा व्यक्ति दो शाखाओं वाली आग जिसे पवित्र अग्नि भी कहा जाता है भगवान-रूपी माता पिता पर ध्यान केंद्रित करता है और जीवन की ऊर्जाएं को ब्रह्मांड से प्रभावित करता है। हिन्दुओं की त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, शिव) में पवित्र आत्मा शिव के अनुकूल है, जिन्हें विनाशक/उद्धारकर्ता के रूप में जाना जाता है क्योंकि जब भौतिक स्तर पर मनुष्य उनके सर्वव्यापी प्रेम का आह्वान करते हैं, शिव सभी बुरी शक्तियों को बाध्य कर देते हैं और मनुष्य के सभी नकारात्मक कर्मों का रूपांतरण करते हैं जिससे मनुष्य कर्म के चक्र से मुक्त हो जाता है।

श्वास (Prana) पवित्र आत्मा का सार (essence) है जिसे हम शरीर के चक्रों के माध्यम से पवित्र अग्नि के श्वास द्वारा चार निचले शरीरों को पोषण करने के लिए लेते हैं। पवित्र आत्मा श्वेत-अग्नि सत्व में ईश्वर-रुपी पिता-माता का संतुलन बनाए रखने का कार्य करती है। पवित्र आत्मा अपनी पवित्र अग्नि से आत्मा और ईश्वरीय स्वरुप के साथ मिलकर घृणित आत्माओं और अशुद्ध हस्तियों (entities) को मुक्त करती है। ईश्वर सत्य की राह पर चलने वाले प्रत्येक मनुष्य की जीव-आत्मा को बुराइयों को नाश करने के लिए नौ उपहार देते हैं।

पवित्र आत्मा का व्यक्तित्व और सांत्वनादाता (Comforter) वह व्यक्ति हैं जिनके बारे में ईसा मसीह ने हमें बताया था - उन्होंने कहा था कि वह व्यक्ति हमें जीवन के बारे में शिक्षा देने के लिए और ज्ञान से आलोकित करने के लिए आएंगे।[1] जब जब कोई मनुष्य आध्यात्मिक उत्थान प्राप्त कर के अपने ईश्वरीय स्वरुप (I AM THAT I AM) में विलीन होता है, तब एक पवित्र आत्मा उसकी कमी को पूरा करने के लिए धरती पर उतरती है। यह पवित्र आत्मा के अवतरण का एक अनुष्ठान है जिसके बारे में ईसा मसीह ने अपने शिष्यों को बताया था - उन्होंने कहा था, "जब तक ईश्वर तुम्हें वह शक्ति प्रदान नहीं करते, तब तक धैर्य से साधनापूर्वक रहो।"[2] यह वृत्तांत पेंटेकोस्ट (Pentecost) में घटित हुआ था।[3]

नौ उपहार

मुख्य लेख: पवित्र आत्मा के नौ उपहार

पवित्र आत्मा के नौ उपहार हैं: (1) विवेक (the word of wisdom), (2) ज्ञान (the word of knowledge), (3) विश्वास (faith), (4) उपचार (healing), (5) चमत्कार (the working of miracles), (6) भविष्यवाणी (prophecy), (7) प्रभेद (the discerning of spirits), (8) बहुभाषिता (diverse kinds of tongues), तथा (9) भाषा ज्ञान (the interpretation of tongues)।[4]

पवित्र आत्मा के प्रतिनिधि

मुख्य लेख: महा चौहान

पृथ्वी के विकास में पवित्र आत्मा की लौ के प्रतिनिधि वह दिव्य गुरु हैं जो महा चौहान के पद पर आसीन है। पवित्र आत्मा ईश्वरत्व की व्यक्तिगत निर्वैयक्तिकता (Personal Impersonality) हैं और मन मंदिर के पश्चिम की ओर स्थित हैं।

इसे भी देखिये

आपके दिव्य स्वरूप का मानचित्र

महा चौहान

अधिक जानकारी के लिए

प्रकृति में और उसके रूप में पवित्र आत्मा पर शिक्षा प्राप्त करने के लिए, देखें Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Path of the Higher Self, volume 1 of the Climb the Highest Mountain® series, पृष्ठ ३२४-२६, ३४३-७१, ४६१-६६

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation

  1. जॉन १४:१६, २६; १६:७.
  2. ल्यूक २४:४९, ५१.
  3. एक्ट्स २:१-४।
  4. I Cor. १२:१, ४-११.