ऊर्जा का गलत उपयोग
यह कथन गिरी हुई (fallen) मानव चेतना की उस अवस्था का वर्णन करता है जिसमें ईश्वर की ऊर्जा और चेतना का गलत गुण-निर्धारण (misqualification) होता है। यह पथभ्रष्ट पुरुष और स्त्री की "अस्पष्ट,अपूर्ण" योग्यता; भौतिक जगत में जन्म लेने वाली जीवात्माओं द्वारा स्वतंत्र इच्छा (free will) के दुरुपयोग द्वारा उत्पन्न हुई बुराई का नाम है। इसे ईश्वरीय चेतना की ऊर्जा का दुरूपयोग , प्रकाश, प्रेम, दिव्य पूर्णता, शांति और स्वतंत्रता की अपेक्षा और अंधकार, संदेह, बीमारी, पतन और मृत्यु को बढ़ाने के लिए ईश्वर की चेतना और जीवन-शक्ति का नकारात्मक प्रयोग भी कहते हैं।
गलत रूप से प्रयोग (misqualified) की गई ऊर्जाएँ लोगों और उनके ग्रह की आभा (aura) तथा इलेक्ट्रॉनिक बेल्ट (electronic belt) (मानव चेतना का अवचेतन ऊर्जा-भंडार, जहाँ कर्म और विचारों की छाप संचित रहती है) पर बोझ बनकर जमी हुई हैं, वे सीधे-सीधे शब्दों में रसायन विद्या (alchemy) के विकृतिकरण का परिणाम हैं। यह रसायन विद्या कोई साधारण विद्या नहीं, बल्कि ईश्वर की सर्व-रसायन विद्या (all-chemistry of God) है— यानी सृष्टि का विज्ञान (science of creation)।
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation