Translations:Karma/61/hi

From TSL Encyclopedia

जब तक हम ईश्वर के नियमों को उनके प्रेम के रूप में नहीं पहचानते संभवतः तब तक हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जब हम यह बात मान लेते हैं तब हम कर्म को ईश्वर की दया के रूप में पहचान पाते हैं। इसलिए हमें यह समझना चाहिए कि जो भी हमारे जीवन में होता है वह ईश्वर के प्रेम रूप में है। अगर ईश्वर हमें कोई सज़ा भी देते हैं तो वह भी उनका प्रेम ही है, वह हमें परिष्कृत (chastening) करने के लिए ऐसा करते हैं। यह प्रेम ही हमारे जीवन में आध्यात्मिक उन्नति लाता है।