Cosmic consciousness/hi: Difference between revisions
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Latest revision as of 12:38, 15 March 2024
(१) ईश्वर की स्वयं के बारे में जानकारी कि वह ब्रह्माण्ड का एक हिस्सा भी है तथा संपूर्ण ब्रह्माण्ड भी।
(२) मनुष्य की स्वयं के बारे में जागरूकता, वह कैसे रहता है, किस प्रकार का व्यवहार करता है, और स्वयं को किस प्रकार से ब्रह्मांडीय आत्म-जागरूकता और उच्च चेतना के क्षेत्र में चारों ओर से घिरा हुआ पाता है। वह मनुष्य स्वयं को आत्म-जागरूकता के द्वारा आत्म-साक्षात्कार के योग्य पाता है। उसमे ब्रह्मांडीय चक्रों (cycles) की निपुणता, ब्रह्मांडीय आयामों में ईश्वरीय अंश के रूप में सहजशीलता, ब्रह्मांडीय चेतना के माध्यम से दीक्षा की प्राप्ति के गुण उसके साक्षी होते हैं।
इसे भी देखिये
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.