Keeper of the Scrolls/hi: Difference between revisions
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कर्मों को सूचीपत्र में संग्रहित करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। सौभाग्य से इस उत्तरदायित्व को निभाने के लिए ईश्वरीय-रुपी पिता ने मुझे अनेक सक्षम [लेखा-जोखा रखने वाले देवदूत] (recording angels) दिए हैं। आपके जीवन में घटित होने वाली प्रत्येक घटना, विभिन्न जन्मों में आपके पास आने वाली ऊर्जा हर एक कण इन अभिलेखों में दर्ज़ है। यह मनुष्यों का सौभाग्य है कि ब्रह्मांडीय नियमों के अनुसार ईश्वर ने मानवजाति को वायलेट लौ की भेंट दी है जिसका उपयोग करके वे अपने नकरात्मक कर्मों को सूचीपत्र से मिटा सकते हैं। यह उपहार ईश्वर ने [[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जरमेन]] के कहने पर दिया है। | |||
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कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत के पास एक विशाल पुस्तकालय और खोज (research) की प्रयोगशालाएं होती हैं जहाँ मनुष्य कर्मों के स्वामी से ऊर्जा (energy), अवसर (opportunity) या प्रकाश रुपी उपहार (dispensation) की याचिकाएं भेजते हैं। इस प्रकार कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत का एक काम यह भी है कि वह प्रत्येक जीवात्मा के विभिन्न जन्मों का विवरण रखे जिसे आवश्यकता पड़ने पर दिव्यगुरूओं और [[Special:MyLanguage/Karmic Board|कार्मिक समिति]] के सामने प्रस्तुत किया जा सके। | |||
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... मेरे पास प्रत्येक जीवनधारा के दो दस्तावेज़ हैं। पवित्र अग्नि से सम्मोहित एक दस्तावेज़ व्यक्ति के संपूर्ण जीवन स्वरुप को दर्शाता है। यह अटल औरअपरिवर्तनीय है, कभी नहीं बदलता इसलिए इसे स्थायी दस्तावेज़ कहते हैं। यह आपके लिए जीवन का नियम है। दूसरा दस्तावेज़ थोड़ा छोटा होता है और इसे स्थायी दस्तावेज़ के ऊपर रखा जाता है। यह काफी पतला और कुछ हद तक प्लास्टिक जैसा होता है। इस पर आपका संपूर्ण ऐच्छिक रिकॉर्ड दर्ज़ है - पहली बार जब आप इस पृथ्वी पर अपनी व्यक्तिगत चेतना में आए थे - आपके अस्तित्व का हर निशान, आपके मस्तिष्क में उठने वाला हर विचार इसमें दर्ज़ है। | |||
मैं इन सूचीपत्रों को तब ही देखता हूँ जब मुझे कार्मिक समिति के सदस्य कहते हैं। ऐसा तब होता है जब किसी जीवनधारा का मूल्यांकन उसे अवसर प्रदान करके कर्मों के बोझ को अस्थायी रूप से कम करना होता है। मूल्यांकन के तुरंत बाद मैं वायलेट लौ के प्रयोग से अपनी चेतना से उस जीवनधारा के विषय में सूची पर लिखी हुई प्रत्येक जानकारी को मिटा देता हूँ।<ref>Ibid.</ref> | |||
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जब कोई जीवात्मा शारीरिक मृत्यु के बाद पृथ्वी पर किये गए अपने कर्मों का हिसाब-किताब देने के लिए कार्मिक समिति के सामने आती है तो कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत या उसके प्रतिनिधियों में से एक कर्मों के स्वामी उस मनुष्य की [[Special:MyLanguage/Book of Life|जीवन की पुस्तक]] (Book of Life) के अभिलेख पढ़ते हैं। कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत उन जीवनधाराओं के अभिलेख भी पढ़ते हैं जो [[Special:MyLanguage/Sirius|सीरियस]] (Sirius) पर [[Special:MyLanguage/Court of the Sacred Fire|पवित्र अग्नि के न्यायालय]] (Court of the Sacred Fire) में [[Special:MyLanguage/Last Judgment|अंतिम निर्णय]] (Last Judgment) के लिए आते हैं। इस समय केवल उन्हें ही सर्वशक्तिमान ईश्वर के सामने खड़े होने की अनुमति मिलती है। | |||
जब पृथ्वी पर जन्म-मृत्यु का चक्र समाप्त होता है और जीव-आत्मा की [[Special:MyLanguage/ascension|मोक्ष प्राप्ति]] (ascension) करने का समय आता है, तो कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत या उनके सहायकों में से एक उस जीव-आत्मा की उपलब्धि के सम्मान में उस जीवनधारा के सारे अभिलेख पढ़ते हैं। कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत उस जीवात्मा के [[Special:MyLanguage/Christ Self|ईश्वरीय स्वरुप]] के साथ मिलकर ये सभी अभिलेख - जिन्होंने जीव-आत्मा को पृथ्वी से बांध रखा होता है - अग्नि के सुपुर्द कर देते हैं । इसके बाद वे कहते हैं, “ईश्वर के शाश्वत अभिलेखों में केवल शाश्वत पूर्णता का अभिलेख ही रहेगा।" इस प्रकार, भविष्य की जीवनधारा में, ईश्वर-अभिव्यक्ति का एक पूर्ण व्यक्तिगत चित्रण, ईश्वर की छवि और समानता में बनाया गया मनुष्य।"<ref>Ibid</ref> | |||
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== स्रोत == | |||
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<references /> | <references /> |
Latest revision as of 22:55, 4 March 2025
कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत एक ब्रह्मांडीय प्राणी (cosmic being) हैं जो इस आकाशगंगा के समस्त आकाशीय अभिलेखों (akashic records) की देखभाल करते हैं। भौतिक स्तर पर घटित होने वाली सभी घटनाएं इन अभिलेखों में संग्रहित हैं।
अपनी इस सेवा के बारे में कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत कहते हैं:
कर्मों को सूचीपत्र में संग्रहित करना एक महत्वपूर्ण कार्य है। सौभाग्य से इस उत्तरदायित्व को निभाने के लिए ईश्वरीय-रुपी पिता ने मुझे अनेक सक्षम [लेखा-जोखा रखने वाले देवदूत] (recording angels) दिए हैं। आपके जीवन में घटित होने वाली प्रत्येक घटना, विभिन्न जन्मों में आपके पास आने वाली ऊर्जा हर एक कण इन अभिलेखों में दर्ज़ है। यह मनुष्यों का सौभाग्य है कि ब्रह्मांडीय नियमों के अनुसार ईश्वर ने मानवजाति को वायलेट लौ की भेंट दी है जिसका उपयोग करके वे अपने नकरात्मक कर्मों को सूचीपत्र से मिटा सकते हैं। यह उपहार ईश्वर ने संत जरमेन के कहने पर दिया है।
जब जब वायलेट लौ से कर्म का निष्कासन (removal) और रूपांतरण होता है तो इसका एक अस्थायी अभिलेख बनाया जाता है। यदि कोई व्यक्ति निरंतर ही ईश्वर के नियमों के विरुद्ध जाकर बार-बार दुष्कर्म करते हैं तो उनके कार्यों को कर्मों के स्वामी के सम्मुख लाया जाता है। इसके बाद ईश्वरीय नियमों की एक विशिष्ट गतिविधि को उस जीवनधारा पर लागू किया जाता है ताकि उसके सभी कर्म संतुलित हो सकें। यह करना आवश्यक है क्योंकि जब मनुष्य अपने दुष्कर्मों का सामना करता है तो वह ये समझ पाता है कि उसे दुराचार नहीं करना चाहिए और वह सत्य के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित होता है। तो हम यह कह सकते हैं के मनुष्यों को उसके दुष्कर्मों के सामना करवाना ईश्वर के इंसान के प्रति स्नेह है।[1]
कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत के पास एक विशाल पुस्तकालय और खोज (research) की प्रयोगशालाएं होती हैं जहाँ मनुष्य कर्मों के स्वामी से ऊर्जा (energy), अवसर (opportunity) या प्रकाश रुपी उपहार (dispensation) की याचिकाएं भेजते हैं। इस प्रकार कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत का एक काम यह भी है कि वह प्रत्येक जीवात्मा के विभिन्न जन्मों का विवरण रखे जिसे आवश्यकता पड़ने पर दिव्यगुरूओं और कार्मिक समिति के सामने प्रस्तुत किया जा सके।
१९६२ में ईस्टर (Easter) के दिन कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत ने सर्वप्रथम इस बात का वर्णन किया था।
... मेरे पास प्रत्येक जीवनधारा के दो दस्तावेज़ हैं। पवित्र अग्नि से सम्मोहित एक दस्तावेज़ व्यक्ति के संपूर्ण जीवन स्वरुप को दर्शाता है। यह अटल औरअपरिवर्तनीय है, कभी नहीं बदलता इसलिए इसे स्थायी दस्तावेज़ कहते हैं। यह आपके लिए जीवन का नियम है। दूसरा दस्तावेज़ थोड़ा छोटा होता है और इसे स्थायी दस्तावेज़ के ऊपर रखा जाता है। यह काफी पतला और कुछ हद तक प्लास्टिक जैसा होता है। इस पर आपका संपूर्ण ऐच्छिक रिकॉर्ड दर्ज़ है - पहली बार जब आप इस पृथ्वी पर अपनी व्यक्तिगत चेतना में आए थे - आपके अस्तित्व का हर निशान, आपके मस्तिष्क में उठने वाला हर विचार इसमें दर्ज़ है।
मैं इन सूचीपत्रों को तब ही देखता हूँ जब मुझे कार्मिक समिति के सदस्य कहते हैं। ऐसा तब होता है जब किसी जीवनधारा का मूल्यांकन उसे अवसर प्रदान करके कर्मों के बोझ को अस्थायी रूप से कम करना होता है। मूल्यांकन के तुरंत बाद मैं वायलेट लौ के प्रयोग से अपनी चेतना से उस जीवनधारा के विषय में सूची पर लिखी हुई प्रत्येक जानकारी को मिटा देता हूँ।[2]
जब कोई जीवात्मा शारीरिक मृत्यु के बाद पृथ्वी पर किये गए अपने कर्मों का हिसाब-किताब देने के लिए कार्मिक समिति के सामने आती है तो कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत या उसके प्रतिनिधियों में से एक कर्मों के स्वामी उस मनुष्य की जीवन की पुस्तक (Book of Life) के अभिलेख पढ़ते हैं। कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत उन जीवनधाराओं के अभिलेख भी पढ़ते हैं जो सीरियस (Sirius) पर पवित्र अग्नि के न्यायालय (Court of the Sacred Fire) में अंतिम निर्णय (Last Judgment) के लिए आते हैं। इस समय केवल उन्हें ही सर्वशक्तिमान ईश्वर के सामने खड़े होने की अनुमति मिलती है।
जब पृथ्वी पर जन्म-मृत्यु का चक्र समाप्त होता है और जीव-आत्मा की मोक्ष प्राप्ति (ascension) करने का समय आता है, तो कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत या उनके सहायकों में से एक उस जीव-आत्मा की उपलब्धि के सम्मान में उस जीवनधारा के सारे अभिलेख पढ़ते हैं। कर्मों को सूची पत्र में लिखने वाले देवदूत उस जीवात्मा के ईश्वरीय स्वरुप के साथ मिलकर ये सभी अभिलेख - जिन्होंने जीव-आत्मा को पृथ्वी से बांध रखा होता है - अग्नि के सुपुर्द कर देते हैं । इसके बाद वे कहते हैं, “ईश्वर के शाश्वत अभिलेखों में केवल शाश्वत पूर्णता का अभिलेख ही रहेगा।" इस प्रकार, भविष्य की जीवनधारा में, ईश्वर-अभिव्यक्ति का एक पूर्ण व्यक्तिगत चित्रण, ईश्वर की छवि और समानता में बनाया गया मनुष्य।"[3]
इसे भी देखिये
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and Their Retreats, s.v. “सूचीपत्र का प्रहरी”