Afra/hi: Difference between revisions

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[[File:0000237 ascended-master-afra-2405AX 600.jpeg|thumb|महादेवदूत अफरा]]
[[File:0000237 ascended-master-afra-2405AX 600.jpeg|thumb|महादेवदूत आफरा]]


श्याम वर्ग के लोगों में से सर्व प्रथम जिस महापुरुष ने मोक्ष प्राप्त किया था, उनका नाम '''आफरा''' था। सदियों पहले आफरा ने ईश्वर से कहा था की वे अपना नाम और प्रसिद्धि ईश्वर को समर्पित कर किसी एक महाद्वीप और वहां रहने वाले लोगों का संरक्षण करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा था की वे सिर्फ भाई के नाम से जाने जाना चाहते हैं। इसके बाद ही उनका नाम आफरा पड़ा।  लैटिन में ''फ्रेटर'' का अर्थ भाई होता है। अफ्रीका महाद्वीप का नाम इन्हीं के नाम पर पड़ा है, और ये इस महाद्वीप के संरक्षक भी हैं।


श्याम वर्ण के लोगों में सर्व प्रथम जिनकाव्यक्ति का आरोहण हुआ था, उनका नाम '''अफरा''' था। सदियों पहले अफरा ने ईश्वर से कहा था की वे अपना नाम और प्रसिद्धि ईश्वर को समर्पित कर किसी एक महाद्वीप और वहां रहने वाले लोगों का संरक्षण करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा था की वे सिर्फ भाई के नाम से जाने जाना चाहते हैं। इसके बाद ही उनका नाम अफरा पड़ा।  लैटिन में '''फ्रेटर''' का अर्थ भाई होता है। अफ्रीका महाद्वीप का नाम इन्हीं के नाम पर पड़ा है, और ये इस महाद्वीप के संरक्षक भी हैं।
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== अफ्रीका का प्राचीन इतिहास  ==
== अफ्रीका का प्राचीन इतिहास  ==


There were ancient [[golden age]]s in Africa when it was a part of the continent of [[Lemuria]], when the people came forth out of the light of the great [[causal body]] of the [[Great Divine Director]]. The Great Divine Director continues to sponsor the divine plan for the continent of Africa, even as he sponsors the divine plan for the descendants of Afra in America.
प्राचीन समय में जब अफ्रीका [[Special:MyLanguage/Lemuria|लेमूरिआ]] (Lemuria) नामक महाद्वीप का हिस्सा था तब वहां पर [[Special:MyLanguage/golden age|सतयुग]] था। उस समय लोग [[Special:MyLanguage/Great Divine Director|ग्रेट डिवाइन डायरेक्टर]] (Great Divine Director) के [[Special:MyLanguage/causal body|महान कारण शरीर]] (Causal Body) के प्रकाश से उत्पन्न हुए थे। ग्रेट डिवाइन डायरेक्टर आज भी अफ्रीका महाद्वीप की दिव्य योजना के संरक्षक हैं यंहा तक कि वह अमेरिका में आफरा के वंशजो की दिव्य योजना का भी संरक्षक करते हैं।


Many people have ascended from the black race—although from a spiritual perspective, there is no such thing as the black race or the white race. In heaven, the masters are not noted by their race or previous religion. All of the races on earth have come forth from the heart of God under the [[seven rays]], or seven paths of initiation.
श्याम वर्ग के बहुत सारे लोगों ने मोक्ष प्राप्त किया है, पर अगर हम आध्यात्मिक  द्रष्टिकोण से देखें तो पाएंगे की वर्गों में कोई भेद नहीं होता - चाहे श्वेत हो या श्याम। स्वर्ग लोक में जो गुरु हैं वे इस बात से नहीं जाने जाते की पृथ्वी लोक पर उनका क्या वर्ग या धर्म था। पृथ्वी लोक पर सभी वर्गों के प्राणी ईश्वर की ही उत्पत्ति हैं और प्रत्येक प्राणी [[Special:MyLanguage/seven rays|सात किरणों]] में से किसी एक किरण के मार्ग पर चलता है। सातों किरणें दीक्षा के मार्ग की तरफ ही जाती हैं।


Those who are of the “white” race came forth for the mastery of the yellow (wisdom), pink (love) and white (purity) flames—hence, the various mixtures and tone qualities of their skin. These evolutions were intended to place upon the altar of God the gift of their self-mastery in the way of wisdom, love and purity. Those of the yellow race, the people of the land of Chin—or China—serve on the ray of wisdom, while those who have “red” colored skin are intended to amplify the pink flame of divine love.
श्वेत वर्ग के लोग तीन रंगों की ज्योति पर निपुणता प्राप्त करने पृथ्वी पर आते हैं, पीला रंग जो समझदारी, गुलाबी रंग जो प्रेम और सफ़ेद रंग जो निर्मलता को दर्शाते हैं। इसी वजह से इनकी त्वचा का रंग इन तीनो रंगो का मिश्रण होता है। इन लोगों का उदेश्य इन गुणों द्वारा आत्म-निपुणता हासिल करना है। पीली वर्ग के लोग - चीन के निवासी - ज्ञान लोगों में बांटते हैं, जिनकी त्वचा लाल रंग की होती है उनका उद्देश्य ईश्वरीय प्रेम की गुलाबी लौ को बढ़ाना है।


The members of the “black” race have come forth on the blue ray and the violet ray. In an ancient civilization on the continent of Africa, the people’s skin actually had a blue or a violet hue. These colors come from the Father-Mother God, [[Alpha and Omega]], the beginning and the ending, the first ray and the seventh ray.
श्याम वर्ग के लोग नीले रंग और वायलेट रंग की किरणों को दर्शाते हैं। अफ्रीका की प्राचीन सभ्यताओं में लोगों की त्वचा के रंग में नीला और वायलेट रंग झलकता था। ये रंग परमात्मा के पिता और माता स्वरुप [[Special:MyLanguage/Alpha and Omega|अल्फा और ओमेगा]] (Alpha and Omega) से आते है। नीला रंग प्रथम किरण का होता है तथा वायलेट सातवीं किरण का।


Just as each individual serves on a particular ray, so individual nations also have their calling, or [[dharma]]. Each nation is called by God to manifest a specific virtue to fulfill a certain destiny. The members of what is now known as the black race were sent to earth to master the qualities of God’s power, his will and his faith (on the blue ray) and the qualities of God’s freedom, justice and mercy (on the [[violet ray]]).
जिस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति को एक विशेष किरण पर कार्य करना होता है, उसी प्रकार अलग-अलग राष्ट्रों की भी अपनी एक विशेष किरण होती है। प्रत्येक राष्ट्र को ईश्वर द्वारा निश्चित नियति को पूरा करने के लिए विशिष्ट गुण दिए गए हैं। ईश्वरीय शक्ति, इच्छा और विश्वास जो नीली किरण के गुण हैं और  ईश्वरीय एकता, न्याय और करुणा  जो [[Special:MyLanguage/violet ray|वायलेट किरण]] के गुण हैं, इन दोनों किरणों पर निपुणता  हासिल करने के लिए श्याम वर्ग के लोगों को ईश्वर ने पृथ्वी लोक पर भेजा है।


Throughout the ages since his departure from [[Garden of Eden|Eden]], man has wandered from his high estate, and the pure colors of the rainbow rays are no longer reflected either in the skin tone or in the aura. Division has set in through the divide-and-conquer tactics of the [[fallen one]]s. Instead of the races embracing one another as brother and sister, there is division: one race enslaves another race, and the great unity of all children of God and their oneness in the flame is destroyed.
युगों-युगों तक मनुष्य उच्च आध्यात्मिक अवस्था में [[Special:MyLanguage/Garden of Eden|गार्डन ऑफ़ ईडन]], में ईश्वर के साथ जुड़ा हुआ था। गार्डन ऑफ़ ईडन से बाहर निकलने के बाद जैसे, जैसे समय बदलता गया, मनुष्य धीरे, धीरे अपने ईश्वरीय गुण खोता चला गया और इसके साथ ही उसके त्वचा के रंग में भी बदलाव आना शुरू हो गय। इंद्रधनुष की किरणों के शुद्ध रंग अब न ही मनुष्य की त्वचा में दिखते हैं, न ही उसके आभामंडल में। [[Special:MyLanguage/fallen one|नकारात्मक शक्तियों]] ने मनुष्यों को आपस में लड़ना सीखा दिया है। विभिन्न वर्गों के लोग अक्सर आपस में झगड़ते रहते हैं, एक दुसरे पर हुक्म चलाने की कोशिश में रहते हैं, एक दुसरे को अपना गुलाम बनाने का प्रयतन करते रहते हैं। जिसके फलस्वरूप मनुष्यों की आपसी एकता टूट गयी है और उनके बीच बहने वाली प्रेम की धारा भी बाधित हो गई है।


== Afra’s embodiment on Africa ==
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== आफरा के अफ़्रीकी अवतार ==


Afra lived 500,000 years ago when the people of this ancient civilization had reached a crossroad. [[Fallen angel]]s who had invaded planet Earth divided the people. These evil angels set out to destroy the blue and the violet races. They distorted the once-sacred rituals and art forms of this people, opening the door to [[witchcraft]], [[voodoo]] and [[black magic]]. They turned the people toward hatred, superstition and a vying for power.
आफरा पांच लाख साल पहले अफ्रीका में रहते थे - ये वह समय था जब अफ़्रीकी सभ्यता एक दोराहे पर पहुंच गई थी, और  [[Special:MyLanguage/fallen angel|नकारात्मक शक्तियों]] ने लोगों को विभाजित कर दिया था। बुरी आत्माओं ने नीले और वायलेट वर्ग के मनुष्यों को नष्ट करना शुरू कर दिया था। इन लोगों ने सभी पवित्र कलाओं और संस्कारों का रूप बिगाड़ दिया था और बड़ी संख्या में लोग [[Special:MyLanguage/witchcraft|जादू-टोना]], [[Special:MyLanguage/voodoo|तंत्र-मंत्र]] और [[Special:MyLanguage/black magic|काले  जादू]] पर निर्भर हो गए थे। फलस्वरूप लोग एक दुसरे से घृणा करने लगे, अंधविश्वास ने उनके मन में घर कर लिया और चारों तरफ सत्ता पाने के लिए होड़ मच गई।


As the people began to divert their attention from their [[God Presence]], they became more and more vulnerable to the divide-and-conquer tactics of the fallen angels. The civilization became divided by the warring factions of its tribes. The people were losing the inner spiritual battle between the forces of light and darkness within them. And their division, both within and without, allowed them to become enslaved under the powers of darkness.
जैसे जैसे लोगों ने अपने [[Special:MyLanguage/God Presence|अंदर के ईश्वर]] (God Presence) पर से अपना ध्यान हटाना शुरू किया, वे और अधिक मात्रा में बुरी शक्तियों के प्रभाव में आ गए। विभिन्न जनजातियों के लोग लड़-झगड़ कर एक दूसरे से अलग हो गए। नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से मनुष्य अपनी आध्यात्मिक शक्ति भी खोने लगा तथा उसका मन अंधेरों में घिर गया। इस तरह सभी मनुष्य बुरी ताकतों के गुलाम बनकर रह गए।


Seeing the plight of his people, Afra took embodiment among them in order to rescue them. First, he pinpointed the one missing trait that he perceived to be the Achilles’ heel of his people. He identified the point of vulnerability as their lack of brotherhood. Allegorically speaking, they followed the example of [[Cain]] rather than following the example of Abel. When the L<small>ORD</small> asked the people of Afra if they would be willing to lay down their lives for their kinsmen and friends, their answer was the same as Cain’s: “Am I my brother’s keeper?”<ref>Gen. 4:9.</ref> The one who answers no to that question is dedicated to his ego. He will never be his brother’s keeper, and eventually the divine spark within him, the threefold flame, will die.
लोगों की ऐसी हालत से देखकर, उनका उद्धार करने के उद्देश्य से,आफरा ने मनुष्यों को बचाने के लिए उनके बीच अवतार लिया।  सबसे पहले उन्होंने मनुष्यों के सबसे कमज़ोर पक्ष पता लगाया - भाईचारे की भावना में कमी आना उनका एक  कमजोर पक्ष था। बाईबल की कहानी अनुसार लोग एबल (Abel) के बजाय [[Special:MyLanguage/Cain|केन]] (Cain) के अनुयायी बन गए थे। जब भगवान ने लोगों से पूछा कि क्या वे अपने दोस्तों और अपने समाज के लिए अपने जीवन का त्याग कर सकते हैं, तो उनका उत्तर वही था जो केन का था: "क्या में अपने भाई का रखवाला हूँ? ”<ref>Gen. 4:9.</ref> जो भी व्यक्ति इस प्रश्न का उत्तर इस प्रकार से देता है अपने अहम् का शिकार है। ऐसा व्यक्ति कभी भी अपने भाई का रखवाला नहीं हो सकता, ऐसे व्यक्ति के अंदर दिव्य ज्योति बुझ जाती है।


Afra knew that many of his people had lost their [[threefold flame]], even as many blacks and whites, through anger, are losing it today. He also knew that in order to regain that flame, they would have to follow a path of brotherhood. They had to care for one another. The only way he could teach them to be a brother to all others was to be a brother to all himself. And for this, he was crucified by his own people. He was the Christ in their midst, but they knew him not. They were blinded by their greed for power.
आफरा जानते थे कि अधिकाँश लोगों ने अपने अंदर की [[Special:MyLanguage/threefold flame|दिव्य ज्योति]] (Threefold Flame) को खो दिया है। उसी तरह आज भी श्याम और श्वेत वर्गों के बहुत सारे लोग क्रोध करने की वजह से अपनी इस दिव्य ज्योति को खो रहे हैं। आफरा जानते थे की इस दिव्य ज्योति को वापिस पाने के लिए मनुष्यों को भाईचारे के रास्ते पर चलना होगा, उन्हें एक दूसरे का ख्याल रखना होगा और देखभाल करनी होगी। ये बात स्वयं सबका भाई बनकर ही सिखाई जा सकती है। इस बात के लिए उन्हें उनके अपने लोगों ने सूली पर चढ़ा दिया। आफरा उन लोगों के बीच ईसा मसीह के तरह थे, पर वो लोग उन्हें पहचान नहीं पाए। लोग सत्ता के लालच में अंधे हो गए थे।


== His service today ==
<span id="His_service_today"></span>
== उनकी आज की सेवा ==


The ascended master Afra spoke on “The Powers and Perils of Nationhood” in Accra, Ghana, in 1976, stressing the theme of unity and of dissolving our differences in the fire of the Holy Spirit. He said:
१९७६ में दिव्य गुरु आफरा ने अक्रा (Accra), घाना (Ghana) में “The Powers and Perils of Nationhood” पर एक दिव्य आदेश दिया था जिसमे उन्होंने एकता की शक्ति पर ज़ोर दिया और कहा की हमें अपने सभी आपसी मतभेद समाप्त कर देने चाहिए, इसी में सबकी भलाई है। उन्होंने कहा था:


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We are brethren because we are of the same Mother. I am your brother, not your lord, not your master. I am your brother on the Path. I have shared your passion for freedom. I have shared with you the hours of crisis when you beheld injustice, when you prayed to the Lord for justice and the Lord gave to you the divine plan for this nation and for this continent.
हम सभी आपस में भाई-भाई हैं क्योंकि हम सब एक ही माता पिता (ईश्वर) की संतान हैं। मैं आपका भाई हूँ, आपका स्वामी या मालिक नहीं। मैं भी आप ही की तरह आपके साथ इसी रास्ते पर चल रहा हूँ। आपकी तरह मैं भी मोक्ष पाने की इच्छा रखता हूँ। जब भी आप किसी मुसीबत में होते हैं, मैं आपके साथ होता हूँ। जब आपने ईश्वर से न्याय के लिए प्रार्थना की तब ईश्वर ने आपको अपने राष्ट्र और महाद्वीप के लिए दिव्य योजना दी।


I have lived in your hearts for hundreds of years as you have toiled under the burden of oppression self-imposed from within and put upon from without.
सैंकड़ों सालों से मैं आपके दिल में हूँ, मैं तब भी आपके साथ था जब आप बाहरी और अंदरूनी ताकतों द्वारा उत्पीड़ित हो रहे थे।


The people of Afra have the supreme opportunity to learn from every civilization and every history. When materialization reaches its peak, there are only two courses open to a civilization: either material decline and decay because of indulgence, or spiritual transcendence through the alchemy of the Holy Spirit.<ref>{{ABL}}, pp. 25–26.</ref>
आफरा के लोगों के पास इतिहास और अन्य सभ्यताओं से सीखने का एक बहुमूल्य मौका है। जब समाज अत्यधिक भौतिकवादी हो जाता है, मनुष्यों के पास केवल दो रास्तें बचते हैं: या तो वे भौतिकीकरण में लुप्त होकर खत्म हो जाएँ या फिर आध्यात्मिक रास्ता अपनाएँ और अपनी जीव-आत्मा को जगाएं।<ref>{{ABL}}, pp. 25–26.</ref>
</blockquote>
</blockquote>


In a later message, [[Saint Germain]] asked Afra to convey the following message to the descendants of Afra in America:
एक दिव्य आदेश में [[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जरमेन]] ने आफरा को अमरीका में रहने वाले आफरा के वंशजों को निम्लिखित सन्देश देने के लिए कहा:


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In this moment, those who call themselves the blacks of America can rise to new dimensions of freedom and liberty. But this can only come to pass through the mighty heart flame, through the understanding of the path of initiation under the Holy Spirit, through submitting yourself, your soul, to the altar of God and calling upon the Lord for an acceleration of light, a purging of inner darkness.
अमरीका में रहने वाले सभी श्याम वर्ग के लोग अपनी मौजूदा स्तिथि से ऊपर उठ सकते हैं, मुक्ति और स्वत्व से जी सकते हैं। मगर यह तभी हो सकता हैं जब वे ईश्वर के दिखाए मार्ग पर चलें, स्वयं को ईश्वर के हवाले कर दें, समाज में सब के प्रति प्रेम और सहनशीलता का भाव रखें और साथ ही ईश्वर से प्रार्थना भी करें कि आपके अंदर और बाहर की सारी नकारात्मकता एवं अंधकार रोशनी में परिवर्तित हो जाए।


Though there were successes through the civil rights movement, there have been setbacks. For those successes in many instances were outer. Having gained them, the people did not understand that they must go within to the inner light in order to sustain them. We would seek the equality of all souls whatever their outer ‘color.’ We would teach you a spiritual path of true advancement on the path of initiation.
हालांकि नागरिक अधिकार आंदोलन के माध्यम से सफलताएं मिली लेकिन असफलताओं का भी सामना करना पड़ा। सफलता मिलने के कई कारण बाहरी थे। लोगों को उन से प्रेरणा लेनी चाहिए थी तथा मनन करना चाहिए था की किस तरह वे सफलता के रास्ते पर आगे बढ़ सकते है। हमें सभी मनुष्यों को एक सामान समझना चाहिए, त्वचा के रंग के आधार पर भेद भाव करना उचित नहीं। हम आपको आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने का तरीका बता सकते हैं।


Though they know it not, the black people of America today are at the eternal Y. They must choose this day whom they will serve—whether gains in the line of material comfort and increased well-being and higher-paying jobs, or the real gain of the eternal light of Sonship and the path of immortality with all of its challenges. In this land of abundance, it is natural for all people to expect and to live according to a higher standard of living. It is when this higher standard obliterates the inner longing for the higher light and the higher way that it becomes dangerous. I would tell you that God has chosen this people as those who have become rich in Spirit.<ref>Ibid., pp. 29–30.</ref>
हालाँकि श्याम वर्ग के अमेरिकन यह नहीं जानते कि वे आज एक दोराहे पर खड़े है। अब उनको ये तय करना है की उनका आगे का रास्ता क्या होगा - क्या वे सिर्फ भौतिक जीवन जीना चाहते हैं, अधिक पैसा कमाना चाहते हैं, दुनिया भर के सुख  पाना चाहते हैं या फिर शांति और सुकून का जीवन जीना चाहते हैं। यह स्वाभाविक है कि आप खुशहाल और प्रचुरता का जीवन जीना चाहते हैं। और यह सही भी है। मुश्किल तब होती है जब आप  भौतिक जीवन जीने में इतने मगन हो जाते हैं कि भूल जाते हैं आप एक आध्यात्मिक जीव हैं। मैं आप से कहना चाहता हूँ कि ईश्वर ने आप लोगों को चुना है क्योंकि आप आध्यात्मिकता स्तर पर समृद्ध हैं। <ref>Ibid., pp. 29–30.</ref>
</blockquote>  
</blockquote>  


You can call to Afra for unity and for the dissolving of racial tensions through the true understanding of universal brotherhood.
रंगभेद की समस्याओं को सुलझाने के लिए, और भाईचारे की भावना को समझने के लिए आप आफरा का आह्वाहन कर सकते हैं।


Afra, our brother of light, like all ascended masters, has true humility. [[Kuthumi]] spoke of Afra’s humility:  
दिव्य गुरु आफरा अन्य दिव्य गुरुओं की तरह अत्यंत विनम्र है। आफरा की विनम्रता की बात करते हुए, दिव्य गुरु [[Special:MyLanguage/Kuthumi|कुथुमी]] ने कहा:  


<blockquote>This giant soul with his tremendous devotion was one of the unknown brothers. So long as individuals feel the need to expound upon their own personal achievements, they may well find that they are not truly a part of us.<ref>Ibid., p. 35.</ref></blockquote>
<blockquote>बहुत समय तक हम इस अद्भुत भक्ति वाली विशाल आत्मा के भाईचारे से अनजान रहे। जब तक लोग अपनी खुद की उपलब्धियों में डूबे रहेंगे, तब तक वह हम तक पहुंचने में असमर्थ रहेंगे। <ref>Ibid., p. 35.</ref></blockquote>


== Sources ==
<span id="Sources"></span>
== स्रोत ==


{{MTR}}, s.v. “Afra.”
{{MTR}}, s.v. “अफरा”


[[Category:Heavenly beings]]
[[Category:स्वर्ग में रहने वाले प्राणी]]


<references />
<references />

Latest revision as of 13:34, 20 October 2023

Other languages:
महादेवदूत आफरा

श्याम वर्ग के लोगों में से सर्व प्रथम जिस महापुरुष ने मोक्ष प्राप्त किया था, उनका नाम आफरा था। सदियों पहले आफरा ने ईश्वर से कहा था की वे अपना नाम और प्रसिद्धि ईश्वर को समर्पित कर किसी एक महाद्वीप और वहां रहने वाले लोगों का संरक्षण करना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा था की वे सिर्फ भाई के नाम से जाने जाना चाहते हैं। इसके बाद ही उनका नाम आफरा पड़ा। लैटिन में फ्रेटर का अर्थ भाई होता है। अफ्रीका महाद्वीप का नाम इन्हीं के नाम पर पड़ा है, और ये इस महाद्वीप के संरक्षक भी हैं।

अफ्रीका का प्राचीन इतिहास

प्राचीन समय में जब अफ्रीका लेमूरिआ (Lemuria) नामक महाद्वीप का हिस्सा था तब वहां पर सतयुग था। उस समय लोग ग्रेट डिवाइन डायरेक्टर (Great Divine Director) के महान कारण शरीर (Causal Body) के प्रकाश से उत्पन्न हुए थे। ग्रेट डिवाइन डायरेक्टर आज भी अफ्रीका महाद्वीप की दिव्य योजना के संरक्षक हैं यंहा तक कि वह अमेरिका में आफरा के वंशजो की दिव्य योजना का भी संरक्षक करते हैं।

श्याम वर्ग के बहुत सारे लोगों ने मोक्ष प्राप्त किया है, पर अगर हम आध्यात्मिक द्रष्टिकोण से देखें तो पाएंगे की वर्गों में कोई भेद नहीं होता - चाहे श्वेत हो या श्याम। स्वर्ग लोक में जो गुरु हैं वे इस बात से नहीं जाने जाते की पृथ्वी लोक पर उनका क्या वर्ग या धर्म था। पृथ्वी लोक पर सभी वर्गों के प्राणी ईश्वर की ही उत्पत्ति हैं और प्रत्येक प्राणी सात किरणों में से किसी एक किरण के मार्ग पर चलता है। सातों किरणें दीक्षा के मार्ग की तरफ ही जाती हैं।

श्वेत वर्ग के लोग तीन रंगों की ज्योति पर निपुणता प्राप्त करने पृथ्वी पर आते हैं, पीला रंग जो समझदारी, गुलाबी रंग जो प्रेम और सफ़ेद रंग जो निर्मलता को दर्शाते हैं। इसी वजह से इनकी त्वचा का रंग इन तीनो रंगो का मिश्रण होता है। इन लोगों का उदेश्य इन गुणों द्वारा आत्म-निपुणता हासिल करना है। पीली वर्ग के लोग - चीन के निवासी - ज्ञान लोगों में बांटते हैं, जिनकी त्वचा लाल रंग की होती है उनका उद्देश्य ईश्वरीय प्रेम की गुलाबी लौ को बढ़ाना है।

श्याम वर्ग के लोग नीले रंग और वायलेट रंग की किरणों को दर्शाते हैं। अफ्रीका की प्राचीन सभ्यताओं में लोगों की त्वचा के रंग में नीला और वायलेट रंग झलकता था। ये रंग परमात्मा के पिता और माता स्वरुप अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) से आते है। नीला रंग प्रथम किरण का होता है तथा वायलेट सातवीं किरण का।

जिस प्रकार प्रत्येक व्यक्ति को एक विशेष किरण पर कार्य करना होता है, उसी प्रकार अलग-अलग राष्ट्रों की भी अपनी एक विशेष किरण होती है। प्रत्येक राष्ट्र को ईश्वर द्वारा निश्चित नियति को पूरा करने के लिए विशिष्ट गुण दिए गए हैं। ईश्वरीय शक्ति, इच्छा और विश्वास जो नीली किरण के गुण हैं और ईश्वरीय एकता, न्याय और करुणा जो वायलेट किरण के गुण हैं, इन दोनों किरणों पर निपुणता हासिल करने के लिए श्याम वर्ग के लोगों को ईश्वर ने पृथ्वी लोक पर भेजा है।

युगों-युगों तक मनुष्य उच्च आध्यात्मिक अवस्था में गार्डन ऑफ़ ईडन, में ईश्वर के साथ जुड़ा हुआ था। गार्डन ऑफ़ ईडन से बाहर निकलने के बाद जैसे, जैसे समय बदलता गया, मनुष्य धीरे, धीरे अपने ईश्वरीय गुण खोता चला गया और इसके साथ ही उसके त्वचा के रंग में भी बदलाव आना शुरू हो गय। इंद्रधनुष की किरणों के शुद्ध रंग अब न ही मनुष्य की त्वचा में दिखते हैं, न ही उसके आभामंडल में। नकारात्मक शक्तियों ने मनुष्यों को आपस में लड़ना सीखा दिया है। विभिन्न वर्गों के लोग अक्सर आपस में झगड़ते रहते हैं, एक दुसरे पर हुक्म चलाने की कोशिश में रहते हैं, एक दुसरे को अपना गुलाम बनाने का प्रयतन करते रहते हैं। जिसके फलस्वरूप मनुष्यों की आपसी एकता टूट गयी है और उनके बीच बहने वाली प्रेम की धारा भी बाधित हो गई है।

आफरा के अफ़्रीकी अवतार

आफरा पांच लाख साल पहले अफ्रीका में रहते थे - ये वह समय था जब अफ़्रीकी सभ्यता एक दोराहे पर पहुंच गई थी, और नकारात्मक शक्तियों ने लोगों को विभाजित कर दिया था। बुरी आत्माओं ने नीले और वायलेट वर्ग के मनुष्यों को नष्ट करना शुरू कर दिया था। इन लोगों ने सभी पवित्र कलाओं और संस्कारों का रूप बिगाड़ दिया था और बड़ी संख्या में लोग जादू-टोना, तंत्र-मंत्र और काले जादू पर निर्भर हो गए थे। फलस्वरूप लोग एक दुसरे से घृणा करने लगे, अंधविश्वास ने उनके मन में घर कर लिया और चारों तरफ सत्ता पाने के लिए होड़ मच गई।

जैसे जैसे लोगों ने अपने अंदर के ईश्वर (God Presence) पर से अपना ध्यान हटाना शुरू किया, वे और अधिक मात्रा में बुरी शक्तियों के प्रभाव में आ गए। विभिन्न जनजातियों के लोग लड़-झगड़ कर एक दूसरे से अलग हो गए। नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से मनुष्य अपनी आध्यात्मिक शक्ति भी खोने लगा तथा उसका मन अंधेरों में घिर गया। इस तरह सभी मनुष्य बुरी ताकतों के गुलाम बनकर रह गए।

लोगों की ऐसी हालत से देखकर, उनका उद्धार करने के उद्देश्य से,आफरा ने मनुष्यों को बचाने के लिए उनके बीच अवतार लिया। सबसे पहले उन्होंने मनुष्यों के सबसे कमज़ोर पक्ष पता लगाया - भाईचारे की भावना में कमी आना उनका एक कमजोर पक्ष था। बाईबल की कहानी अनुसार लोग एबल (Abel) के बजाय केन (Cain) के अनुयायी बन गए थे। जब भगवान ने लोगों से पूछा कि क्या वे अपने दोस्तों और अपने समाज के लिए अपने जीवन का त्याग कर सकते हैं, तो उनका उत्तर वही था जो केन का था: "क्या में अपने भाई का रखवाला हूँ? ”[1] जो भी व्यक्ति इस प्रश्न का उत्तर इस प्रकार से देता है अपने अहम् का शिकार है। ऐसा व्यक्ति कभी भी अपने भाई का रखवाला नहीं हो सकता, ऐसे व्यक्ति के अंदर दिव्य ज्योति बुझ जाती है।

आफरा जानते थे कि अधिकाँश लोगों ने अपने अंदर की दिव्य ज्योति (Threefold Flame) को खो दिया है। उसी तरह आज भी श्याम और श्वेत वर्गों के बहुत सारे लोग क्रोध करने की वजह से अपनी इस दिव्य ज्योति को खो रहे हैं। आफरा जानते थे की इस दिव्य ज्योति को वापिस पाने के लिए मनुष्यों को भाईचारे के रास्ते पर चलना होगा, उन्हें एक दूसरे का ख्याल रखना होगा और देखभाल करनी होगी। ये बात स्वयं सबका भाई बनकर ही सिखाई जा सकती है। इस बात के लिए उन्हें उनके अपने लोगों ने सूली पर चढ़ा दिया। आफरा उन लोगों के बीच ईसा मसीह के तरह थे, पर वो लोग उन्हें पहचान नहीं पाए। लोग सत्ता के लालच में अंधे हो गए थे।

उनकी आज की सेवा

१९७६ में दिव्य गुरु आफरा ने अक्रा (Accra), घाना (Ghana) में “The Powers and Perils of Nationhood” पर एक दिव्य आदेश दिया था जिसमे उन्होंने एकता की शक्ति पर ज़ोर दिया और कहा की हमें अपने सभी आपसी मतभेद समाप्त कर देने चाहिए, इसी में सबकी भलाई है। उन्होंने कहा था:

हम सभी आपस में भाई-भाई हैं क्योंकि हम सब एक ही माता पिता (ईश्वर) की संतान हैं। मैं आपका भाई हूँ, आपका स्वामी या मालिक नहीं। मैं भी आप ही की तरह आपके साथ इसी रास्ते पर चल रहा हूँ। आपकी तरह मैं भी मोक्ष पाने की इच्छा रखता हूँ। जब भी आप किसी मुसीबत में होते हैं, मैं आपके साथ होता हूँ। जब आपने ईश्वर से न्याय के लिए प्रार्थना की तब ईश्वर ने आपको अपने राष्ट्र और महाद्वीप के लिए दिव्य योजना दी।

सैंकड़ों सालों से मैं आपके दिल में हूँ, मैं तब भी आपके साथ था जब आप बाहरी और अंदरूनी ताकतों द्वारा उत्पीड़ित हो रहे थे।

आफरा के लोगों के पास इतिहास और अन्य सभ्यताओं से सीखने का एक बहुमूल्य मौका है। जब समाज अत्यधिक भौतिकवादी हो जाता है, मनुष्यों के पास केवल दो रास्तें बचते हैं: या तो वे भौतिकीकरण में लुप्त होकर खत्म हो जाएँ या फिर आध्यात्मिक रास्ता अपनाएँ और अपनी जीव-आत्मा को जगाएं।[2]

एक दिव्य आदेश में संत जरमेन ने आफरा को अमरीका में रहने वाले आफरा के वंशजों को निम्लिखित सन्देश देने के लिए कहा:

अमरीका में रहने वाले सभी श्याम वर्ग के लोग अपनी मौजूदा स्तिथि से ऊपर उठ सकते हैं, मुक्ति और स्वत्व से जी सकते हैं। मगर यह तभी हो सकता हैं जब वे ईश्वर के दिखाए मार्ग पर चलें, स्वयं को ईश्वर के हवाले कर दें, समाज में सब के प्रति प्रेम और सहनशीलता का भाव रखें और साथ ही ईश्वर से प्रार्थना भी करें कि आपके अंदर और बाहर की सारी नकारात्मकता एवं अंधकार रोशनी में परिवर्तित हो जाए।

हालांकि नागरिक अधिकार आंदोलन के माध्यम से सफलताएं मिली लेकिन असफलताओं का भी सामना करना पड़ा। सफलता मिलने के कई कारण बाहरी थे। लोगों को उन से प्रेरणा लेनी चाहिए थी तथा मनन करना चाहिए था की किस तरह वे सफलता के रास्ते पर आगे बढ़ सकते है। हमें सभी मनुष्यों को एक सामान समझना चाहिए, त्वचा के रंग के आधार पर भेद भाव करना उचित नहीं। हम आपको आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ने का तरीका बता सकते हैं।

हालाँकि श्याम वर्ग के अमेरिकन यह नहीं जानते कि वे आज एक दोराहे पर खड़े है। अब उनको ये तय करना है की उनका आगे का रास्ता क्या होगा - क्या वे सिर्फ भौतिक जीवन जीना चाहते हैं, अधिक पैसा कमाना चाहते हैं, दुनिया भर के सुख पाना चाहते हैं या फिर शांति और सुकून का जीवन जीना चाहते हैं। यह स्वाभाविक है कि आप खुशहाल और प्रचुरता का जीवन जीना चाहते हैं। और यह सही भी है। मुश्किल तब होती है जब आप भौतिक जीवन जीने में इतने मगन हो जाते हैं कि भूल जाते हैं आप एक आध्यात्मिक जीव हैं। मैं आप से कहना चाहता हूँ कि ईश्वर ने आप लोगों को चुना है क्योंकि आप आध्यात्मिकता स्तर पर समृद्ध हैं। [3]

रंगभेद की समस्याओं को सुलझाने के लिए, और भाईचारे की भावना को समझने के लिए आप आफरा का आह्वाहन कर सकते हैं।

दिव्य गुरु आफरा अन्य दिव्य गुरुओं की तरह अत्यंत विनम्र है। आफरा की विनम्रता की बात करते हुए, दिव्य गुरु कुथुमी ने कहा:

बहुत समय तक हम इस अद्भुत भक्ति वाली विशाल आत्मा के भाईचारे से अनजान रहे। जब तक लोग अपनी खुद की उपलब्धियों में डूबे रहेंगे, तब तक वह हम तक पहुंचने में असमर्थ रहेंगे। [4]

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and Their Retreats, s.v. “अफरा”

  1. Gen. 4:9.
  2. Elizabeth Clare Prophet, Afra: Brother of Light, pp. 25–26.
  3. Ibid., pp. 29–30.
  4. Ibid., p. 35.