Kuan Yin/hi: Difference between revisions

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[[File:20100906172053!Liao Dynasty Avalokitesvara Statue Clear.jpeg|thumb|alt=Statue of Kuan Yin, Nelson-Atkins Museum of Art, Kansas City, Missouri|मिसौरी की कैनसस सिटी के नेल्सन-एटकिंस कला संग्रहालय में रखी हुई कुआन यिन की मूर्ति। यहां उन्हें राजसी सहजता की अपनी विशिष्ट मुद्रा में बैठे हुए दर्शाया गया।]]
[[File:20100906172053!Liao Dynasty Avalokitesvara Statue Clear.jpeg|thumb|alt=Statue of Kuan Yin, Nelson-Atkins Museum of Art, Kansas City, Missouri|मिसौरी की कैनसस सिटी के नेल्सन-एटकिंस कला संग्रहालय (Statue of Kuan Yin, Nelson-Atkins Museum of Art, Kansas City, Missouri. She is depicted here seated in her characteristic pose of royal ease) में रखी हुई कुआन यिन की मूर्ति। यहां उन्हें राजसी सहजता की अपनी विशिष्ट मुद्रा में बैठे हुए दर्शाया गया है।]]


'''कुआन यिन''' को बौद्ध धर्म में दयालु, उदार, उद्धार करने वाली, दया की देवी बोधिसत्व के रूप में पूजा जाता है। एक माँ के रूप में वे अपने भक्तों के बहुत नज़दीक रहती हैं, और उनके क्लिष्ट मामलों मध्यस्थता भी करती हैं। बौद्ध धर्म के अनुयायी कुआन यिन की तुलना पश्चिम की [[Special:MyLanguage/Mother Mary|जीसस की मां मेरी]] से करते हैं। सुदूर पूर्व में भक्त जीवन के हर क्षेत्र में उनका मार्गदर्शन और सहायता मांगते हैं। यहाँ कुआन यिन को मंदिरों, घरों और सड़कों के किनारे बनी गुफाओं में पाया जाता हैं।
'''कुआन यिन''' को बौद्ध धर्म में दयालु, उदार, उद्धार करने वाली, दया की देवी बोधिसत्व के रूप में पूजा जाता है। एक माँ के रूप में वह अपने भक्तों के बहुत नज़दीक रहती हैं, और उनके दैनिक मामलों मध्यस्थता भी करती हैं। बौद्ध धर्म के अनुयायी कुआन यिन की तुलना पश्चिम की [[Special:MyLanguage/Mother Mary|जीसस की मां मेरी]] (Mary the mother of Jesus) से करते हैं। पूर्व के देशों में जीवन के हर क्षेत्र में भक्त उनसे मार्गदर्शन की सहायता मांगते हैं। यहाँ कुआन यिन को मंदिरों, घरों और जगह जगह पर बनी गुफाओं में पाया जाता है।


''कुआन शिह यिन'' नाम, जैसा कि उसे अक्सर बुलाया जाता है, का अर्थ है "वह जो दुनिया की आवाज़ों को देखता है, देखता है या सुनता है।" किंवदंती के अनुसार, कुआन यिन स्वर्ग में प्रवेश करने वाली थी, लेकिन जैसे ही दुनिया की चीखें उसके कानों तक पहुंचीं, वह दहलीज पर रुक गई।
''कुआन शिह यिन'' (Kuan Shih Yin) के नाम, जैसा कि उन्हें अक्सर पुकारा जाता है, का अर्थ है "वह जो दुनिया की आवाज़ों को देखता है या सुनता है।" पौराणिक कथा के अनुसार, कुआन यिन स्वर्ग में प्रवेश करने वाली थी, लेकिन जैसे ही दुनिया की चीखें उसके कानों तक पहुंचीं, वह दहलीज पर रुक गई।


कुआन यिन महिलाओं, नाविकों, व्यापारियों, कारीगरों, संतान के इच्छुक दम्पतियों और वे लोग जिन पर कोई मुक़दमा चल रहा है, के संरक्षक के रूप में जानी जाती हैं। कुआन यिन के भक्त उनकी कृपा और उपचारात्मक शक्तियों में अथाह विश्वास रखते हैं। बहुतों का मानना ​​है कि उनका कृपा-पात्र बनने के लिए सिर्फ उनका नाम लेना ही पर्याप्त है। ''[[Special:MyLanguage/Kuan Yin’s Crystal Rosary|कुआन यिन की क्रिस्टल माला]]'' में उनके मंत्र शामिल हैं और यह उनकी मध्यस्थता पाने करने का एक शक्तिशाली साधन है।
कुआन यिन महिलाओं, नाविकों, व्यापारियों, कारीगरों, संतान के इच्छुक दम्पतियों और वे लोग जिन पर कोई मुक़दमा चल रहा है, के संरक्षक के रूप में जानी जाती हैं। कुआन यिन के भक्त उनकी कृपा और उपचारात्मक शक्तियों में अथाह विश्वास रखते हैं। बहुतों का मानना ​​है कि उनका कृपा-पात्र बनने के लिए सिर्फ उनका नाम लेना ही पर्याप्त है। ''[[Special:MyLanguage/Kuan Yin’s Crystal Rosary|कुआन यिन की जपमाला]]'' (Kuan Yin’s Crystal Rosary) में उनके मंत्र शामिल हैं और यह उनकी मध्यस्थता पाने करने का एक शक्तिशाली साधन है।
 
आज कुआन यिन की पूजा ताओवादियों (Taoists) के साथ-साथ महायान बौद्धों द्वारा भी की जाती है - विशेष रूप से ताइवान (Taiwan), जापान (Japan), कोरिया (Korea) और एक बार फिर उनकी मातृभूमि चीन में, जहां सांस्कृतिक क्रांति (1966-69) के दौरान बौद्ध धर्म के अभ्यास को कम्युनिस्टों द्वारा दबा दिया गया था।


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[[File:0001092 Kuan-Yin-willow-branch-poster-4345 600.jpeg|thumb|left|upright|alt=Old Korean painting of Kuan Yin|''विलो शाखा के साथ अवलोकितेश्वर'', लटकता हुआ सिल्क स्क्रॉल, सी.१३१०, गोरियो राजवंश (कोरिया)]]
[[File:0001092 Kuan-Yin-willow-branch-poster-4345 600.jpeg|thumb|left|upright|alt=Old Korean painting of Kuan Yin|''विलो शाखा के साथ अवलोकितेश्वर'', लटकता हुआ सिल्क स्क्रॉल, सी.१३१०, गोरियो राजवंश (कोरिया) [Avalokitesvara with Willow Branch, hanging Silk Scroll, c. 1310, Goryeo Dynasty (Korea)]]]


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<span id="Traditions_in_the_East"></span>
== पूर्व की परंपराएँ ==
== पूर्व की परंपराएँ (Traditions in the East) ==


सदियों से कुआन यिन ने [[Special:MyLanguage/bodhisattva|बोधिसत्व]] की अपनी भूमिका में महायान बौद्ध धर्म के महान आदर्शों को चित्रित किया है। बोधिसत्व यानि कि "आत्मज्ञान से भरपूर प्राणी", जिसे [[Special:MyLanguage/Buddha|बुद्ध]] बनना था पर जिसने भगवन के बच्चों की खातिर अपने [[Special:MyLanguage/nirvana|निर्वाण]] का त्याग कर दिया। कुआन यिन ने पृथ्वी एवं उसके सौर मंडल के जीवों के उत्थान हेतु, उन्हें दिव्यगुरूओं द्वारा दिया गया ज्ञान देने के लिए बोधिसत्व होने के व्रत लिया है।
सदियों से कुआन यिन ने [[Special:MyLanguage/bodhisattva|बोधिसत्व]] (bodhisattva) की अपनी भूमिका में महायान बौद्ध (Mahayana Buddhism) धर्म के महान आदर्शों को चित्रित किया है। बोधिसत्व यानि कि "आत्मज्ञान से भरपूर प्राणी", जिसे [[Special:MyLanguage/Buddha|बुद्ध]] बनना था पर जिसने भगवान के बच्चों के लिए अपने [[Special:MyLanguage/nirvana|निर्वाण]] (nirvana) का त्याग कर दिया। कुआन यिन ने पृथ्वी एवं उसके सौर मंडल के जीवों के उत्थान हेतु, उन्हें दिव्यगुरूओं द्वारा दिया गया ज्ञान देने के लिए बोधिसत्व होने का प्रण लिया है।


बौद्ध धर्म के प्रारम्भ से पहले चीन में कुआन यिन की पूजा की जाती थी - इन्हें [[Special:MyLanguage/Avalokitesvara|अवलोकितेश्वर]] (पद्मपानी) का अवतार माना जाता था। ''[[Special:MyLanguage/Om mani padme hum|ओम मणि पद्मे हम]]'' मंत्र के द्वारा इनका आह्वान किया जाता है। इस मंत्र का अर्थ है "कमल में स्थित रत्न की जय हो!" या “अवलोकितेश्वर, जो भक्त के हृदय कमल के आभूषण हैं, की जय हो।
बौद्ध धर्म के प्रारम्भ से पहले चीन में कुआन यिन की पूजा की जाती थी - उन्हें [[Special:MyLanguage/Avalokitesvara|अवलोकितेश्वर]] (Avalokitesvara) [पद्मपानी (Padmapani)] का अवतार माना जाता था। अभी भी ''[[Special:MyLanguage/Om mani padme hum|ओम मणि पद्मे हुम्]]'' (Om mani padme hum) मंत्र के द्वारा उनका आह्वान किया जाता है। इस मंत्र का अर्थ है "कमल में स्थित रत्न की विजय हो!" या “अवलोकितेश्वर, जो भक्त के हृदय में कमल रुपी आभूषण हैं, की विजय हो।


ऐसा कहा जाता है कि एक बार जब प्रकाश के बुद्ध [[Special:MyLanguage/Amitabha|अमिताभ]] ईश्वर में मग्न हो परमानंद की अनुभूति कर रहे थे तब उनके दाहिने नेत्र से श्वेत रौशनी की एक किरण उत्पन्न हुई, इसी किरण से अवलोकितेश्वर का जन्म हुआ। इसी कारण से अवलोकितेश्वर/ कुआन यिन को अमिताभ का "प्रतिबिंब" माना जाता है। ये ''महा करुणा'' की प्रतिमा हैं, अमिताभ भी महा करुणा का मूर्तरूप हैं। अनुयायियों का ऐसा मानना ​​है कि कुआन यिन अमिताभ की करुणा को अधिक प्रत्यक्ष और व्यक्तिगत तरीके से व्यक्त करती है और भक्तों की प्रार्थनाओं का उत्तर जल्दी देती हैं।
ऐसा कहा जाता है कि एक बार जब प्रकाश के बुद्ध [[Special:MyLanguage/Amitabha|अमिताभ]] (Amitabha) ईश्वर में मग्न अवस्था में  परमानंद की अनुभूति कर रहे थे तब उनके दाहिने नेत्र से श्वेत रौशनी की एक किरण उत्पन्न हुई। इस किरण से अवलोकितेश्वर का जन्म हुआ। इसी कारण से अवलोकितेश्वर/ कुआन यिन को अमिताभ का "प्रतिबिंब" माना जाता है। वह ''महा करुणा'' की प्रतिमा हैं, अमिताभ भी महा करुणा का मूर्तरूप हैं। अनुयायियों का ऐसा मानना ​​है कि कुआन यिन अमिताभ की करुणा को अधिक प्रत्यक्ष और व्यक्तिगत तरीके से व्यक्त करती हैं और भक्तों की प्रार्थनाओं का उत्तर जल्दी देती हैं।


[[File:0000214 kuan-yin-on-a-dragon-2331AX 600.jpeg|thumb|upright|alt=Painting of Kuan Yin in Chinese style, riding a dragon in the midst of a turbulent sea|ड्रैगन की सवारी करते हुए कुआन यिन। यह छवि कुआन यिन की जल तत्व की महारत को भी दर्शाती है, ठीक उसी प्रकार जैसे मदर मैरी की जल तत्व की महारत को उनके पैरों के नीचे चंद्रमा के बना कर दर्शाया जाता है।]]
[[File:0000214 kuan-yin-on-a-dragon-2331AX 600.jpeg|thumb|upright|alt=Painting of Kuan Yin in Chinese style, riding a dragon in the midst of a turbulent sea|ड्रैगन की सवारी करते हुए कुआन यिन की छवि    जल तत्व के प्रभुत्व (mastery) को दर्शाती है, ठीक उसी प्रकार जैसे मदर मैरी (Mother Mary) की जल तत्व के प्रभुत्व को उनके पैरों के नीचे चंद्रमा को दर्शाया जाता है।]]


बौद्ध कला में अक्सर कुआन यिन को [[Special:MyLanguage/Pure Land|शुद्ध बौद्ध भूमि]] के संप्रदाय के तीन शासकों में से एक के रूप में चित्रित किया जाता है। चित्रों में प्रकाश के बुद्ध अमिताभ (चीनी लोग इन्हें अमितो और जापानी लोग अमीडा कहते हैं) को मध्य में दिखाते है, और उनके दाहिनी ओर शक्ति के बुद्ध महास्थामाप्राप्त एवं बायीं ओर करुणा की देवी कुआन यिन को दर्शाया जाता है।
बौद्ध धर्म के [[Special:MyLanguage/Pure Land|शुद्ध भूमि]] (Pure Land) संप्रदाय में कुआन यिन को तीन शासकों में से एक के रूप में अक्सर चित्रित किया जाता है। चित्रों में प्रकाश के बुद्ध अमिताभ (चीनी लोग इन्हें अ-मी-तो फो (A-mi-t’o Fo) और जापानी लोग अमीदा (Amida) कहते हैं) को मध्य में दिखाते है, और उनके दाहिनी ओर शक्ति के बुद्ध महास्थामाप्राप्त (Mahasthamaprapta) एवं बायीं ओर करुणा की देवी कुआन यिन को दर्शाया जाता है।


बौद्ध धर्मशास्त्रों में कुआन यिन को कभी-कभी "बार्क ऑफ साल्वेशन" के कप्तान के रूप में चित्रित किया जाता है। ये जीवात्माओं को अमिताभ के पश्चिमी स्वर्ग/ शुद्ध भूमि/ आनंद की भूमि को ओर निर्देशित करती हैं। इस स्थान पर आध्यात्मिक उत्थान सम्बंधित ज्ञान के निर्देश देने के लिए जीवात्माओं का पुनर्जन्म भी हो सकता है। लकड़ी के सांचों में अक्सर कुआन यिन की कप्तानी के तहत अमिताभ के अनुयायियों से भरी नावें शुद्ध भूमि की ओर यात्रा करते दर्शायी जाती हैं।
बौद्ध धर्मशास्त्रों में कुआन यिन को कभी-कभी "बार्क ऑफ साल्वेशन" (Bark of Salvation) के कप्तान के रूप में चित्रित किया जाता है। ये जीवात्माओं को अमिताभ के पश्चिमी स्वर्ग/ शुद्ध भूमि/ आनंद की भूमि को ओर निर्देशित करती हैं। इस स्थान पर आध्यात्मिक उत्थान सम्बंधित ज्ञान लेने के लिए जीवात्माओं का पुनर्जन्म भी हो सकता है। लकड़ी के सांचों में अक्सर कुआन यिन की कप्तानी के अंतर्गत अमिताभ के अनुयायियों से भरी नावें शुद्ध भूमि की ओर यात्रा करते दर्शायी जाती हैं।


कुआन यिन के प्रमुख प्रतीकों में से एक है विलो वृक्ष की शाखा। बौद्ध मान्यता के अनुसार कुआन यिन बीमारी को दूर भगाने के लिए और दूसरों की सहायता के लिए आने वाले सभी लोगों पर ज्ञान और करुणा का अमृत छिड़कने के लिए विलो शाखा का उपयोग करती हैं। कुछ एशियाई परंपराओं में बीमार व्यक्ति को स्वस्थ करने के लिए प्रार्थना करते वक्त उसके शरीर को विलो की शाखा से सहलाने का नियम है।
कुआन यिन के प्रमुख चिन्हों में से एक है विलो वृक्ष की शाखा (willow branch)। बौद्ध मान्यता (belief) के अनुसार कुआन यिन बिमारियों को दूर भगाने के लिए और दूसरों की सहायता के लिए सभी लोगों पर ज्ञान और करुणा का अमृत छिड़कने के लिए विलो शाखा का उपयोग करती हैं। कुछ एशियाई परंपराओं में बीमार व्यक्ति को स्वस्थ करने के लिए प्रार्थना करते समय उसके शरीर को विलो की शाखा से सहलाने का नियम है।


कुआन यिन को बच्चों की दाती माना जाता है, इसलिए बहुधा उन्हें एक शिशु के साथ चित्रित किया जाता है। [[Special:MyLanguage/Taiwan|ताइवान]] के लोगों का मानना है कि अपने एक अवतार में कुआन यिन माँ थीं और चित्रों में उन्हें अपने बच्चे के साथ दिखाया जाता है।
कुआन यिन को संतान देने वाली माना जाता है इसलिए बहुधा उन्हें एक शिशु के साथ चित्रित किया जाता है। [[Special:MyLanguage/Taiwan|ताइवान]] (Taiwan) के लोगों का मानना है कि अपने एक अवतार में कुआन यिन माँ थीं और चित्रों में उन्हें अपने बच्चे के साथ दिखाया जाता है।


कुआन यिन को ड्रैगन पर खड़े हुए भी चित्रित किया जाता है। ड्रैगन चीन देश और चीन के दिव्य वंश का प्रतिनिधित्व करता है। यह [[Special:MyLanguage/Great White Brotherhood|श्वेत महासंघ]] की संपूर्ण आत्मा का भी प्रतीक है। [[Special:MyLanguage/Book of Revelation|बुक ऑफ़ रेवेलशन]] में ड्रैगन को जानवरों के शक्तिदाता के रूप में दिखाया गया है। इन सब बातों का निष्कर्ष यह है कि ड्रैगन महान पदक्रम का एक विचाररूप है - प्रकाश या फिर अन्धकार की शक्तियों का प्रतीक।  
कुआन यिन (Kuan Yin) को ड्रैगन (dragon) पर खड़े हुए भी चित्रित किया जाता है। ड्रैगन चीन देश और चीन के दिव्य वंश का प्रतिनिधित्व करता है। यह [[Special:MyLanguage/Great White Brotherhood|श्वेत महासंघ]] (Great White Brotherhood) की संपूर्ण आत्मा का भी प्रतीक है। [[Special:MyLanguage/Book of Revelation|बुक ऑफ़ रेवेलशन]] (Book of Revelation) में ड्रैगन को जानवरों के शक्तिदाता के रूप में दिखाया गया है। इन सब बातों का निष्कर्ष यह है कि ड्रैगन महान पदक्रम का एक विचाररूप है - प्रकाश या फिर अन्धकार की शक्तियों का प्रतीक।  


चीनी कथाओं में ड्रैगन और [[Special:MyLanguage/phoenix|फीनिक्स]] ताई ची ऊर्जा के यांग और यिन का प्रतिनिधित्व करते हैं। चित्रों में ड्रैगन पर सवार कुआन यिन दर्शाने का अर्थ है कि कुआन यिन ड्रैगन की स्वामिनी हैं।
चीनी कथाओं में ड्रैगन और [[Special:MyLanguage/phoenix|फीनिक्स]] पक्षी (phoenix bird) ताई ची ऊर्जा के यांग और यिन का प्रतिनिधित्व करते हैं। चित्रों में ड्रैगन पर सवार कुआन यिन दर्शाने का अर्थ है कि कुआन यिन ड्रैगन की स्वामिनी हैं।


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<span id="Miao_Shan"></span>
== मियाओ शान ==
== मियाओ शान (Miao Shan)==


[[File:The Tiger Carries Off Miao Shan.jpg|thumb|upright|alt=Painting in Chinese style of Miao Shan on the back of a tiger|मियाओ शान को ले जाते हुए एक बाघ]]
[[File:The Tiger Carries Off Miao Shan.jpg|thumb|upright|alt=Painting in Chinese style of Miao Shan on the back of a tiger|मियाओ शान को ले जाते हुए एक बाघ]]


कुआन यिन ने छठी शताब्दी में उत्तरी चीनी साम्राज्य में चाउ राजवंश के शासक मियाओ चुआंग वांग की तीसरी बेटी के रूप में जन्म लिया था। इस राजा ने बलपूर्वक शासन पर कब्ज़ा किया था और उसकी तीव्र इच्छा थी की उसके के पुत्र हो जो उसके वंश को आगे चलाये। लेकिन भाग्य से उसकी तीन पुत्रियां हो गयी। सबसे छोटी पुत्री, मियाओ शान, एक धर्मनिष्ठ बच्ची थी जो "बौद्ध धर्म के सभी सिद्धांतों का ईमानदारी से पालन करती थी। सदाचारी जीवन उसके स्वभाव में निहित था"<ref>एडवर्ड  टी सी वर्नर, ''मिथ्स एंड  लेजेंड्स ऑफ़ चीन '' (लंदन : Harrap, १९२२ ), दसवां अध्याय. निम्न वाक्या यहीं से लिया गया है</ref>
कुआन यिन (Kuan Yin) ने छठी शताब्दी में उत्तरी चीनी साम्राज्य में चाउ राजवंश (Chou dynasty) के शासक मियाओ चुआंग वांग (Miao Chuang Wang) की तीसरी बेटी के रूप में जन्म लिया था। इस राजा ने बलपूर्वक शासन पर कब्ज़ा किया था और उसकी तीव्र इच्छा थी की उसके पुत्र हो जो उसके वंश को आगे चलाये। लेकिन भाग्य से उसकी तीन पुत्रियां हो गयी। सबसे छोटी पुत्री, मियाओ शान (Miao Shan), एक धर्मनिष्ठ बच्ची थी जो "बौद्ध धर्म के सभी सिद्धांतों का ईमानदारी से पालन करती थी। सदाचारी जीवन उसके स्वभाव में निहित था"<ref>एडवर्ड  टी सी वर्नर, ''मिथ्स एंड  लेजेंड्स ऑफ़ चाइना (Myths and Legends of China) '' (लंदन : Harrap, १९२२ ), दसवां अध्याय. निम्न वाक्या यहीं से लिया गया है</ref> (Edward T. C. Werner, ''Myths and Legends of China'' (London: Harrap, 1922), chapter X. The following account is adapted from that source)


उन्होंने धन और वैभव की नश्वरता को पहचान लिया था और वे "एक पर्वत पर शांति से अकेले रहना चाहती थीं"। उन्होंने अपनी बहनों से कहा था,  "अगर किसी दिन मैं अच्छाई के उच्च स्तर तक पहुँच पायी तो मैं अपने माँ-पिताजी और को बचा कर स्वर्ग ले आऊँगी; मैं पृय्वी पर दुखी और पीड़ित लोगों का उद्धार करुँगी; मैं बुरे कर्म करने वाली जीवात्माओं का मन बदलकर उन्हें भलाई के रास्ते पर चलाऊंगी।"  
उन्होंने धन और वैभव की नश्वरता को पहचान लिया था और वह "एक पर्वत पर शांति से अकेले रहना चाहती थीं"। उन्होंने अपनी बहनों से कहा था,  "अगर किसी दिन मैं अच्छाई के उच्च स्तर तक पहुँच पायी तो मैं अपने माता-पिताजी को मुक्त  कर के स्वर्ग में ले जाउंगी; मैं पृय्वी पर दुखी और पीड़ित लोगों का उद्धार करुँगी; मैं बुरे कर्म करने वाली जीवात्माओं का मन बदलकर उन्हें भलाई के रास्ते पर चलाऊंगी।"  


मियाओ शान के पिता उसका विवाह एक ऐसे व्यक्ति से करना चाहते थे जो एक अच्छा शासक हो। राजा ने उसे अपनी योजना के बारे में बताया और कहा की उनकी साड़ी आशाएं उस पर टिकी हैं। परन्तु मियाओ शान ने पिता को बताया कि वह विवाह नहीं करना चाहती क्योंकि उनका ध्येय आध्यात्मिक पथ पर चलकर बुद्धत्व प्राप्त करना है।  
मियाओ शान (Miao Shan) के पिता उसका विवाह एक ऐसे व्यक्ति से करना चाहते थे जो एक अच्छा शासक हो। राजा ने उसे अपनी योजना के बारे में बताया और कहा कि उनकी सारी आशाएं उस पर टिकी हैं। परन्तु मियाओ शान ने पिता को बताया कि वह विवाह नहीं करना चाहती क्योंकि उनका ध्येय आध्यात्मिक पथ पर चलकर बुद्धत्व प्राप्त करना है।  


यह सुनकर पिताजी क्रोधित हो गए। उन्होंने पुछा, "क्या कोई राजकुमारी कभी तपस्विनि बनी है?" इसके बाद उन्होंने आज्ञा दी वह तुरंत किसी शिक्षाविद या सैनिक से विवाह कर ले। मियाओ शान यह जानती थीं की पिता के आदेश की अवहेलना करना कठिन होगा। उन्होंने कहा वे एक चिक्तिसक से तुरंत विवाह कर सकती हैं क्योंकि चिकित्सक से विवाह करने के बाद भी वे बुद्ध बन सकती हैं। यह सुनकर उनके पिताजी आग-बबूला हो गए और उन्होंने अपने एक अधिकारी को आदेश दिया कि वे मियाओ शान को रानी के बगीचे में छोड़ आएं ताकि वहां अत्याधिक सर्दी से उसकी मृत्यु हो जाए।
यह सुनकर पिताजी क्रोधित हो गए। उन्होंने पुछा, "क्या कोई राजकुमारी कभी तपस्विनि बनी है?" इसके बाद उन्होंने आज्ञा दी वह तुरंत किसी शिक्षाविद (academician) या सैनिक से विवाह कर ले। मियाओ शान यह जानती थीं की पिता के आदेश की अवहेलना करना कठिन होगा। उन्होंने कहा वह एक चिक्तिसक (physician) से तुरंत विवाह कर सकती हैं क्योंकि चिकित्सक से विवाह करने के बाद भी वे बुद्ध बन सकती हैं। यह सुनकर उनके पिताजी आग-बबूला हो गए और उन्होंने अपने एक अधिकारी को आदेश दिया कि वे मियाओ शान को रानी के बगीचे में छोड़ आएं ताकि वहां अत्याधिक सर्दी से उसकी मृत्यु हो जाए।


परन्तु इस बात से परेशान होने की अपेक्षा मियाओ शान बहुत प्रसन्न हो गयीं। उन्हें महलों की शान-शौकत के बजाय बगीचे का शांत एकांत बहुत अच्छा लगा। उनके माता-पिता, बहनों और परिवार के अन्य सदस्यों ने उन्हें बहुत समझाया परन्तु उन्होंने बुद्ध बनने के अपने स्वप्न को नहीं छोड़ा। फिर उन्होंने अपने पिता से वाइट बर्ड के मठ में रहने की अनुमति मांगी। राजा ने उन्हें अनुमति तो दे दी परन्तु साथ ही वहां की भिक्षुणियों को सख्त आदेश भी दिए कि वे मियाओ शान को मठ छोड़ने के लिए राज़ी करेंगी।  
परन्तु इस बात से परेशान होने की अपेक्षा मियाओ शान बहुत प्रसन्न हो गयीं। उन्हें महलों की शान-शौकत के बजाय बगीचे का शांत एकांत बहुत अच्छा लगा। उनके माता-पिता, बहनों और परिवार के अन्य सदस्यों ने उन्हें बहुत समझाया परन्तु उन्होंने बुद्ध बनने के अपने स्वप्न को नहीं छोड़ा। फिर उन्होंने अपने पिता से वाइट बर्ड (White Bird) के मठ में रहने की अनुमति मांगी। राजा ने उन्हें अनुमति तो दे दी परन्तु साथ ही वहां की भिक्षुणियों को सख्त आदेश भी दिए कि वे मियाओ शान को मठ छोड़ने के लिए राज़ी करेंगी।  


भिक्षुणियों ने बहुत कोशिश की लेकिन वे अपने प्रयास में असफल रहीं। फिर उन्होंने मियाओ शान को रसोई का प्रभारी बनाने का फैसला किया, यह सोचकर कि अगर वे यह कार्य करने में विफल रही तो उन्हें मठ से बर्खास्त किया जा सकता था। मियाओ शान ने ख़ुशी ख़ुशी यह दायित्व स्वीकार कर लिया जिसके फलस्वरूप स्वर्ग के गुरुओं ने प्रसन्न होकर स्वर्ग की आत्माओं को मियाओ शान की सहायता करने का आदेश दिया।  
भिक्षुणियों ने बहुत कोशिश की लेकिन वे अपने प्रयास में असफल रहीं। फिर उन्होंने मियाओ शान को रसोई का प्रमुख बनाने का फैसला किया, यह सोचकर कि अगर वे यह कार्य करने में विफल रही तो उन्हें मठ से बर्खास्त किया जा सकता था। मियाओ शान (Miao Shan) ने ख़ुशी ख़ुशी यह दायित्व स्वीकार कर लिया जिसके फलस्वरूप स्वर्ग के गुरुओं ने प्रसन्न होकर स्वर्ग के दूतों को मियाओ शान की सहायता करने का आदेश दिया।  


तब मठ के प्रधान ने राजा से अपनी बेटी को वापस बुलाने के लिए कहा। क्रोधित राजा ने पांच हजार सैनिकों को व्हाइट बर्ड के मठ में आग लगाने का आदेश दिया ताकि भिक्षुणियां भी उस आग में जल कर मर जाएँ। भिक्षुणियों ने ईश्वर को सहायता के लिए पुकारा और साथ ही मियाओ शान से कहा कि उनपर यह विपदा उसके कारण ही आयी है।  
तब मठ के प्रधान ने राजा से अपनी बेटी को वापस बुलाने के लिए कहा। क्रोधित राजा ने पांच हजार सैनिकों को व्हाइट बर्ड (White Bird) के मठ में आग लगाने का आदेश दिया ताकि भिक्षुणियां भी उस आग में जल कर मर जाएँ। भिक्षुणियों ने ईश्वर को सहायता के लिए पुकारा और साथ ही मियाओ शान से कहा कि उनपर यह विपदा उसके कारण ही आयी है।  


मियाओ शान ने इस बात पर अपनी सहमति जताई। उन्होंने घुटनों के बल बैठकर ईश्वर से प्रार्थना की और फिर बांस की एक सुई को अपने मुँह के ऊपरी हिस्से में चुभाया जिससे रक्त बहने लगा। उन्होंने उस रक्त को स्वर्ग की ओर थूक दिया। तुरंत ही आसमान में विशाल बादल इकट्ठे हो गए और बारिश होने लगी जिससे मठ में लगी आग बुझ गई। भिक्षुणियों ने घुटनों के बल बैठकर मियाओ शान को उनकी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया।  
मियाओ शान ने इस बात पर अपनी सहमति जताई। उन्होंने घुटनों के बल बैठकर ईश्वर से प्रार्थना की और फिर बांस की एक सुई को अपने मुँह के ऊपरी हिस्से में चुभाया जिससे रक्त बहने लगा। उन्होंने उस रक्त को स्वर्ग की ओर थूक दिया। तुरंत ही आसमान में विशाल बादल इकट्ठे हो गए और बारिश होने लगी जिससे मठ में लगी आग बुझ गई। भिक्षुणियों ने घुटनों के बल बैठकर मियाओ शान को उनकी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया।  


जब राजा को इस इस चमत्कार के बारे में पता चला तो वे और अधिक राजा क्रोधित हो गए और उन्होंने सैनिकों के प्रमुख को तुरंत मियाओ शान का सिर काटने का आदेश दिया। परन्तु फाँसी की तैयारी करते ही आसमान में बादल छा गए और एक तेज़ रोशनी ने मियाओ शान को ढक लिया। जब जल्लाद ने मियाओ शान की गर्दन पर तलवार चलानी चाहि तो वह टूट गयी, जब उसने उन पर भाले से प्रहार करना चाहा तो भाला टुकड़े-टुकड़े होकर गिर गया।  
जब राजा को इस इस चमत्कार के बारे में पता चला तो वे और अधिक राजा क्रोधित हो गए और उन्होंने सैनिकों के प्रमुख को तुरंत मियाओ शान का सिर काटने का आदेश दिया। परन्तु फाँसी की तैयारी करते ही आसमान में बादल छा गए और एक तेज़ रोशनी ने मियाओ शान को ढक लिया। जब जल्लाद ने मियाओ शान की गर्दन पर तलवार चलानी चाही तो वह टूट गयी, जब उसने उन पर भाले से प्रहार करना चाहा तो भाला टुकड़े-टुकड़े होकर गिर गया।  


इसके बाद राजा ने आदेश दिया कि एक रेशमी रस्सी से मियाओ शान का गला घोंट दिया जाये। लेकिन तभी कहीं से एक बाघ वहां आ गया जिससे जल्लाद तितर-बितर हो गए। बाघ मियाओ शान के शरीर को अपनी पीठ पर ले भागा और देवदार के जंगल में गायब हो गया।  
इसके बाद राजा ने आदेश दिया कि एक रेशमी रस्सी से मियाओ शान का गला घोंट दिया जाये। लेकिन तभी कहीं से एक बाघ वहां आ गया जिससे जल्लाद तितर-बितर हो गए। बाघ मियाओ शान के शरीर को अपनी पीठ पर ले भागा और देवदार के जंगल में गायब हो गया।  


[[File:Statue of Guanyin, Mt Putuo, China.jpg|thumb|left|alt=caption|माउंट पु-टू पर कुआन यिन की तैंतीस मीटर ऊँची मूर्ति है, और यह पवित्र द्वीप-पर्वत कुआन यिन की भक्ति का केंद्र बन गया है।]]
[[File:Statue of Guanyin, Mt Putuo, China.jpg|thumb|left|alt=caption|माउंट पु-टू (Mount P’u-t’o) पर कुआन यिन की तैंतीस मीटर ऊँची मूर्ति है, और यह पवित्र द्वीप-पर्वत कुआन यिन की भक्ति का केंद्र बन गया है।]]


इसके बाद मियाओ शान की जीवात्मा को निचली दुनिया, नरक, में ले जाया गया। उन्होंने वहां भी ईश्वर से प्रार्थना की और नर्क स्वर्ग में बदल गया। फिर उन्हें अपना जीवन फिर से शुरू करने के लिए पृथ्वी पर वापस भेज दिया गया। चेकियांग के तट पर चुसान द्वीपसमूह में पवित्र द्वीप-पर्वत - पू-तो शान द्वीप पर वह नौ साल तक रहीं। इस समय के दौरान उन्होंने कई बीमार लोगों को ठीक किया तथा नाविकों के जहाज़ों को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाया।
इसके बाद मियाओ शान की जीवात्मा को निचली दुनिया, नरक, में ले जाया गया। उन्होंने वहां भी ईश्वर से प्रार्थना की और नर्क स्वर्ग में बदल गया। फिर उन्हें अपना जीवन फिर से शुरू करने के लिए पृथ्वी पर वापस भेज दिया गया। चेकियांग (Chekiang) के तट पर चुसान (Chusan) द्वीपसमूह में पवित्र द्वीप-पर्वत - पू-तो शान द्वीप (island of P’u-t’o Shan) पर वह नौ साल तक रहीं। इस समय के दौरान उन्होंने कई बीमार लोगों को ठीक किया तथा नाविकों के जहाज़ों को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाया।


ऐसा कहा जाता है कि एक बार जब उन्हें अपने पिता की बीमार होने का पता चला तो उन्होंने अपनी बाहों के मांस से दवा बनाकर पिता को दी जिससे उनकी जान बच गई। पिता ने कृतज्ञ भाव में आदेश दिया कि मियाओ शान के सम्मान में उनकी एक मूर्ति बनाई जाए - उन्होंने कलाकार को यह भी कहा की मूर्ति में "बाहें और आँखें पूरी होने चाहियें"। कलाकार ने कुछ और ही समझा और उसने मूर्ति में "हज़ार भुजाएं और आँखें" बना दीं। आज भी कुआन यिन को कभी-कभी "हज़ार भुजाओं और हज़ार आँखों" के साथ दिखाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि वे इन  
ऐसा कहा जाता है कि एक बार जब उन्हें अपने पिता की बीमार होने का पता चला तो उन्होंने अपनी बाहों के मांस से दवा बनाकर पिता को दी जिससे उनकी जान बच गई। पिता ने कृतज्ञ भाव में आदेश दिया कि मियाओ शान के सम्मान में उनकी एक मूर्ति बनाई जाए - उन्होंने कलाकार को यह भी कहा की मूर्ति में "बाहें और आँखें पूरी होने चाहियें"। कलाकार ने कुछ और ही समझा और उसने मूर्ति में "हज़ार भुजाएं और आँखें" बना दीं। आज भी कुआन यिन को कभी-कभी "हज़ार भुजाओं और हज़ार आँखों" के साथ दिखाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि वे इन  
हज़ार भुजाओं और आँखों से लोगों को देख पाती हैं और उनकी सहायता कर पाती हैं।
हज़ार भुजाओं और आँखों से लोगों को देख पाती हैं और उनकी सहायता कर पाती हैं।


बारहवीं सदी के दौरान कुछ बौद्ध भिक्षु पू-तो शान पर रहने लगे और कुआन यिन के प्रति भक्ति पूरे उत्तरी चीन में फैल गई। यह सुरम्य द्वीप इस दयालु उद्धारकर्ता की पूजा का मुख्य केंद्र बन गया। चीन के दूरदराज इलाकों से ही नहीं वरन मंचूरिया, मंगोलिया और तिब्बत से भी तीर्थयात्री यहां आने लगे। एक समय ऐसा भी था जब इस द्वीप पर कुआन यिन के सौ से अधिक मंदिर थे, और एक हजार से अधिक भिक्षु यहां रहते थे। पु-तो द्वीप की दंतकथाओं में कुआन यिन द्वारा किए गए चमत्कारों का वर्णन है। ऐसा माना जाता है कि कुआन यिन कभी कभी यहाँ की एक गुफा में अपने भक्तों को दर्शन देती हैं।
बारहवीं सदी के दौरान कुछ बौद्ध भिक्षु पू-तो शान (P’u-t’o Shan) पर रहने लगे और कुआन यिन के प्रति भक्ति सम्पूर्ण उत्तरी चीन में फैल गई। यह प्रकृतिमनोहर द्वीप (picturesque island) इस दयालु उद्धारकर्ता की पूजा का मुख्य केंद्र बन गया। चीन के दूरदराज इलाकों से ही नहीं वरन मंचूरिया, मंगोलिया और तिब्बत से भी तीर्थयात्री यहां आने लगे। एक समय ऐसा भी था जब इस द्वीप पर कुआन यिन के सौ से अधिक मंदिर थे, और एक हजार से अधिक भिक्षु यहां रहते थे। पु-तो द्वीप (P’u-t’o island) की दंतकथाओं में कुआन यिन द्वारा किए गए चमत्कारों का वर्णन है। ऐसा माना जाता है कि कुआन यिन कभी कभी यहाँ की एक गुफा में अपने भक्तों को दर्शन देती हैं।
 
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== ताइवान में परंपराएँ (Traditions in Taiwan) ==
 
ऐसा माना जाता है कि कुआन यिन अक्सर आसमान में या लहरों पर दिखाई देती हैं ताकि वह उन लोगों को बचा सके जो उन्हें खतरे में पुकारते हैं। उदाहरण के लिए, ताइवान में व्यक्तिगत कहानियाँ सुनी जा सकती हैं, जो यह बताती हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापानी कब्जे वाले ताइवान पर बमबारी की, तो वह एक युवा युवती के रूप में आसमान में दिखाई दी, उन्होंने बमों को पकड़ा और उन्हें अपने सफेद कपड़ों से ढक दिया ताकि वे फट न जाएँ।
 
इस प्रकार दया की देवी को समर्पित वेदियाँ हर जगह पाई जाती हैं - दुकानें, रेस्तरां, यहाँ तक कि टैक्सीकैब डैशबोर्ड पर भी। घर में उनकी पूजा पारंपरिक "पाई पाई" (pai pai) से की जाती है, जो धूपबत्ती का उपयोग करके एक प्रार्थना अनुष्ठान है, साथ ही प्रार्थना चार्ट का उपयोग भी किया जाता है - कागज़ की शीट जिस पर कुआन यिन, कमल के फूल या पगोडा की तस्वीरें बनाई जाती हैं और सैकड़ों छोटे घेरे बनाए जाते हैं। किसी रिश्तेदार, दोस्त या खुद के लिए नोवेना (novena) में पढ़ी जाने वाली प्रार्थनाओं या सूत्रों के प्रत्येक भाव (set) के साथ, एक और घेरा भरा जाता है। इस मानचित्र को "मोक्ष का जहाज" के रूप में वर्णित किया गया है, जिसके द्वारा दिवंगत आत्माओं को नरक के खतरों से बचाया जाता है और वफादारों को अमिताभ के स्वर्ग में सुरक्षित पहुँचाया जाता है। प्रार्थनाओं और प्रार्थनाओं के साथ विस्तृत सेवाओं के अलावा, कुआन यिन के प्रति भक्ति लोगों के लोकप्रिय साहित्य में कविताओं और स्तुति के भजनों में व्यक्त की जाती है।
 
कुआन यिन के सच्चे अनुयायी स्थानीय मंदिरों में अक्सर जाते हैं और महत्वपूर्ण अवसरों पर या जब वे किसी विशेष समस्या से जूझ रहे होते हैं तो बड़े मंदिरों की तीर्थयात्रा करते हैं। उनके सम्मान में आयोजित तीन वार्षिक त्यौहार: दूसरे महीने के उन्नीसवें दिन (उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है), छठे महीने और चीनी चंद्र कैलेंडर के आधार पर नौवें महीने में होते हैं।


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<span id="The_bodhisattva_ideal"></span>
== आदर्श बोधिसत्व ==
== आदर्श बोधिसत्व ==


कुआन यिन का मंत्रालय पर्वतों जितना प्राचीन और वास्तविक है। मानवता के साथ खड़े होने की इनका निर्णय अत्यंत पवित्र है। परन्तु कुआन यिन हमें आगाह भी करती हैं की हम ऐसी शपथ लेने से पहले समर्पित लोगों की सेवा के सभी पहलुओं पर अच्छी तरह सोच-विचार कर लें:  
कुआन यिन का सेवा संपादन (ministration) पर्वतों जितना प्राचीन और वास्तविक है। मानवता के साथ खड़े होने की बोधिसत्व द्वारा ली गई शपथ एक पवित्र आह्वान है। परन्तु कुआन यिन हमें आगाह भी करती हैं की हम ऐसी शपथ लेने से पहले समर्पित लोगों की सेवा के सभी पहलुओं पर अच्छी तरह सोच-विचार कर लें:  


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समस्त जीवों के साथ एकीकार होने के कारण हम सभी प्रकार की अभिव्यक्तियों - बहुत अच्छी से बहुत बुरी - के प्रति जागरूक हैं। एक बोधिसत्व के लिए यह उसके आदर्श काम का हिस्सा है, यह उन लोगों का भी हिस्सा है जो मानवता के साथ खड़े हैं। इस ग्रह पर ऐसे लोगों की अच्छी-खासी संख्या है, हालाँकि यह संख्या उन लोगों की संख्या में बहुत कम है जो उपद्रवी जीवन जीते हैं। बोधिसत्व एक बहुत ही उच्च और पवित्र वर्ग है, और मेरा सुझाव है कि आप इसका हिस्सा बनने से पहले अच्छी तरह सोच लें।
समस्त जीवों के साथ एकीकार होने के कारण हम सभी प्रकार की अभिव्यक्तियों - बहुत अच्छी से बहुत बुरी - के प्रति जागरूक हैं। एक बोधिसत्व के लिए यह उसके आदर्श काम का हिस्सा है, यह उन लोगों का भी हिस्सा है जो मानवता के साथ खड़े हैं। इस ग्रह पर ऐसे लोगों की अच्छी-खासी संख्या है, हालाँकि यह संख्या उन लोगों की संख्या में बहुत कम है जो उपद्रवी जीवन जीते हैं। बोधिसत्व एक बहुत ही उच्च और पवित्र वर्ग है, और मेरा सुझाव है कि आप इसका हिस्सा बनने से पहले अच्छी तरह सोच लें।


युगों युगों तक जब आपकी हर कोशिश के बावजूद लोग ईश्वर के मार्ग से विमुख रहते हैं, तब आपके मन में ऐसा विचार आ सकता है कि काश आपने कोई दूसरा, आसान रास्ता चुना होता, जो शायद आपको ज़्यादा संतुष्टि देता। सदियां गुज़र जाने के बाद भी जब आप देखते हैं कि जिन लोगों को आपने स्वयं अपने ह्रदय की लौ से सींचा है, वे भी निम्न सांसारिक बंधनों से मुक्त नहीं हो पाए हैं, तो आप स्वयं को ईश्वर के सामने रोता हुआ पाते हैं, और कहते हैं, "हे ईश्वर इन पथभ्रष्ट लोगों को कब बुद्धि आएगी, कब ये अपनी दिव्यता को समझेंगे<ref>कुआन यिन “द  क्वालिटी ऑफ़ मर्सी फ़ोर द रीजेनेरशन ऑफ़ द यूंथ ऑफ़ द वर्ल्ड,” ''पर्ल्स ऑफ़ विजडम '', १९८२ , किताब II, पृष्ठ ''१२०–२१''.</ref>
युगों युगों तक जब आपकी हर कोशिश के बावजूद लोग ईश्वर के मार्ग से विमुख रहते हैं, तब आपके मन में ऐसा विचार आ सकता है कि काश आपने कोई दूसरा, आसान रास्ता चुना होता, जो शायद आपको ज़्यादा संतुष्टि देता। सदियां गुज़र जाने के बाद भी जब आप देखते हैं कि जिन लोगों को आपने स्वयं अपने ह्रदय की लौ से सींचा है, वे भी निम्न सांसारिक बंधनों से मुक्त नहीं हो पाए हैं, तो आप स्वयं को ईश्वर के सामने रोता हुआ पाते हैं, और कहते हैं, "हे ईश्वर इन पथभ्रष्ट लोगों को कब बुद्धि आएगी, कब ये अपनी दिव्यता को समझेंगे<ref>कुआन यिन “द  क्वालिटी ऑफ़ मर्सी फ़ोर द रीजेनेरशन ऑफ़ द यूंथ ऑफ़ द वर्ल्ड (The Quality of Mercy for the Regeneration of the Youth of the World),” ''पर्ल्स ऑफ़ विजडम (Pearls of Wisdom)'', १९८२ , किताब II, पृष्ठ ''१२०–२१''.</ref>
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<span id="The_mercy_flame"></span>
<span id="The_mercy_flame"></span>
== दया की लौ ==
== दया की लौ (The mercy flame) ==


कुआन यिन पृथ्वी के जीवों में दया और करुणा के गुणों का प्रतिनिधित्व करतीं हैं। पृथ्वी पर बहुत से जीव ऐसे भी हैं जो गलतियां तो करते हैं पर उनका पूरा फल भोगने का सामर्थ्य उनमें नहीं होता। ऐसे जीवों की आत्मा दया की लौ का आह्वाहन करती है। दया के गुण की वजह से ही उस जीव को कर्म फल में रियायत मिलती है, और उन्हें यह रियायत तब तक मिलती है जब तक की वे अपने कर्म के फल को भोगने में समर्थ नहीं हो जाता।  कुआन यिन कहती हैं:  
कुआन यिन (Kuan Yin) पृथ्वी के विकास के लिए दया और करुणा के गुणों का प्रतिनिधित्व करतीं हैं। पृथ्वी पर बहुत से जीव ऐसे भी हैं जो गलतियां तो करते हैं पर उनका पूरा फल भोगने का सामर्थ्य उनमें नहीं होता। ऐसे जीवों की आत्मा दया की लौ का आह्वाहन करती है। दया का गुण मानव जाति के अपने कर्मों की वापसी को कम करता है, न्याय के हाथ को उस समय तक रोकता है जब तक कि लोग खड़े होने, सामना करने और स्वयं की मानव रचना पर विजय प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो जाते। कुआन यिन हमें बताती हैं:  


<blockquote>... दया प्रेम प्रकट करने है तरीका है जो जीवन के कठिन रास्तों को सुगम बनाता है, जो [[Special:MyLanguage/etheric body|आकाशीय शरीर]] के घावों को ठीक करता है, मन और भावनाओं में पड़ी दरारों को भरता करता है, पाप को मिटाता है और संघर्ष की भावना को समाप्त करता है अन्यथा ये सब भौतिक शरीर में रोग, क्षय, विघटन और मृत्यु के रूप में प्रकट होती हैं।<ref>कुआन यिन,"अ पीपल एंड अ टीचिंग हूज टाइम है कम (A People and a Teaching Whose Time Has Come) १८ सितंबर १९७६।</ref></blockquote >
<blockquote>... दया प्रेम प्रकट करने का तरीका है जो जीवन के कठिन रास्तों को सुगम बनाता है, जो [[Special:MyLanguage/etheric body|आकाशीय शरीर]] (etheric body) के घावों को ठीक करता है, मन और भावनाओं में पड़ी दरारों को भरता है, पाप को मिटाता है और संघर्ष की भावना को समाप्त करता है अन्यथा ये सब भौतिक शरीर में रोग, क्षय, विघटन और मृत्यु के रूप में प्रकट होते हैं।<ref>कुआन यिन,"अ पीपल एंड अ टीचिंग हूज टाइम है कम (A People and a Teaching Whose Time Has Come) १८ सितंबर १९७६।</ref></blockquote >


कुआन यिन कहती हैं, "दया ब्रह्मांड की सबसे बड़ी ताकत है क्योंकि यह ईश्वर की इच्छाशक्ति है... प्रेम से परिपूर्ण दया सभी प्रकार के भय, संदेह, अवज्ञा एवं विद्रोह को मिटा देती है। न्याय-पालन में भी दया होती है - कभी-कभी यह बहुत कठोर हो जाती है परन्तु यह हमेशा धैर्यवान और सहनशील रहती है, और यह दिल में आत्मा से मिलने की इच्छा को उभरती और बढ़ती हुई देखती है।''<ref> कुआन यिन, "द स्वोर्ड ऑफ़ मर्सी (The Sword of Mercy)," १० अक्टूबर १९६९।</ref>  
कुआन यिन कहती हैं, "दया ब्रह्मांड की सबसे बड़ी ताकत है क्योंकि यह ईश्वर की इच्छाशक्ति है... प्रेम से परिपूर्ण दया सभी प्रकार के भय, संदेह, अवज्ञा एवं विद्रोह को मिटा देती है। न्याय-पालन में भी दया होती है - कभी-कभी यह बहुत कठोर हो जाती है परन्तु यह हमेशा धैर्यवान और सहनशील रहती है, और यह दिल में आत्मा से मिलने की इच्छा को उभरती और बढ़ती हुई देखती है।''<ref> कुआन यिन, "द स्वोर्ड ऑफ़ मर्सी (The Sword of Mercy)," १० अक्टूबर १९६९।</ref> (Kuan Yin, “The Sword of Mercy,” October 10, 1969)


कुआन यिन हमें याद दिलाती हैं, "याद रखिये, जब भी आपको शक्ति, रोशनी, पवित्रता और उपचार की बहुत अधिक आवश्यकता होती है तो ईश्वर आपके ऊपर दया करते है, ये सब आपको ईश्वर की दया से ही मिल सकता है। जब ईश्वर हमारे ऊपर दया करके हमें क्षमा करते हैं तो हमें उनके कानून का पालन करने का एक नया अवसर मिलता है। क्षमा के बिना उन्नति मुश्किल है।<ref>कुआन  यिन, “कर्मा, मर्सी, एंड द लॉ (Karma, Mercy, and the Law),” ''पर्ल्स ऑफ़ विज़डम (Pearls of Wisdom)'', १९८२, पुस्तक II, पृष्ठ ''१०६''</ref> इसलिए, ईश्वर के साथ फिर से चलने के लिए हमें उनकी क्षमा की आवश्यकता है।
कुआन यिन हमें याद दिलाती हैं, "याद रखिये, जब भी आपको शक्ति, रोशनी, पवित्रता और उपचार की बहुत अधिक आवश्यकता होती है तो ईश्वर आपके ऊपर दया करते है, ये सब आपको ईश्वर की दया से ही मिल सकता है। जब ईश्वर हमारे ऊपर दया करके हमें क्षमा करते हैं तो हमें उनके कानून का पालन करने का एक नया अवसर मिलता है। क्षमा के बिना उन्नति मुश्किल है।<ref>कुआन  यिन, “कर्मा, मर्सी, एंड द लॉ (Karma, Mercy, and the Law),” ''पर्ल्स ऑफ़ विज़डम (Pearls of Wisdom)'', १९८२, पुस्तक II, पृष्ठ ''१०६''</ref> इसलिए, ईश्वर के साथ फिर से चलने के लिए हमें उनकी क्षमा की आवश्यकता है।
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== क्षमा की आवश्यकता ==
== क्षमा की आवश्यकता ==


जब हम इसका आह्वान करते हैं, तो हमें एहसास होता है कि हमारी [[Special:MyLanguage/Christ Self|स्व चेतना]] ही हमारी मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक, मंत्री, पुजारी, गुरु, मित्र - सभी कुछ है। हमें अपने दिल का बोझ उतारने प्रतिदिन इसके पास जाना चाहिए। अमेरिकी भारतीयों में ऐसा करने की परंपरा थी। वे लोग रात को आग जलाकर उसके चारों ओर बैठ जाते थे और अपनी दिनचर्या की चर्चा किया करते थे। दिन भर में जो कुछ भी उनकी पसंद का नहीं हुआ वे उसे अग्नि के सुपुर्द कर दिया करते थे। वास्तव में प्रत्येक [[Special:MyLanguage/religion|पंथ]] में यही सिखाया जाता है। अप्रिय बातों को अग्नि के सुपुर्द कर हम चैन की नींद सो सकते हैं। आजकल अधिकाँश लोग अनिद्रा के रोग से पीड़ित हैं, और इसका एकमात्र कारण दैनिक कर्म से रिहा न हो पाना है।
जब हम क्षमा के दिव्य आदेशों का आह्वान करते हैं, तो हमें अनुभव होता है कि हमारी [[Special:MyLanguage/Christ Self|उच्च चेतना]] ही हमारी मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक, सेवादार, पुजारी, गुरु, मित्र - सभी कुछ है। हमें प्रतिदिन अपने दिल का बोझ उतारने के लिए उच्च चेतना के पास जाना चाहिए। आदिवासी अमेरिकी (American Indians) में ऐसा करने की परंपरा थी। वे लोग रात को आग जलाकर उसके चारों ओर बैठ जाते थे और अपनी दिनचर्या की चर्चा किया करते थे। दिन भर में जो कुछ भी उनकी पसंद का नहीं हुआ वे उसे अग्नि के सुपुर्द कर दिया करते थे। वास्तव में प्रत्येक [[Special:MyLanguage/religion|पंथ]] (religion) में यही सिखाया जाता है। अप्रिय बातों को अग्नि के सुपुर्द कर हम चैन की नींद सो सकते हैं। आजकल अधिकाँश लोग अनिद्रा के रोग से पीड़ित हैं, और इसका एकमात्र कारण दैनिक कर्म से रिहा न हो पाना है।


अगर हमने ऐसा कुछ किया है जो ईश्वर के मार्ग से पृथक है, उनके कानून के अनुसार नहीं है तो हमें अपनी इस गलती को स्वीकार कर, ईश्वर को इसके बारे में बताना होगा। जब तक कि हम ऐसा करके अपनी गलतियों की क्षमा उनसे नहीं मांगते, तब तक हम अपराधबोध, भय और शर्म से ग्रसित हो ईश्वर से परे रहते हैं। सभी प्रकार की मानसिक और भावनात्मक बीमारियां, स्प्लिट पर्सनैलिटी (split personalities), माता-पिता और बच्चों के प्रति घृणा और कई अन्य समस्याएं जिनसे आधुनिक समाज आज जूझ रहा है इसी वजह से है। [[Special:MyLanguage/law of forgiveness|क्षमा]] ही अन्तर्मन के पास जाने का रास्ता है।
अगर हमने ऐसा कुछ किया है जो ईश्वर के मार्ग से पृथक है, उनके कानून के अनुसार नहीं है तो हमें अपनी इस गलती को स्वीकार कर, ईश्वर को इसके बारे में बताना होगा। जब तक कि हम ऐसा करके उनसे अपनी गलतियों की क्षमा नहीं मांगते, तब तक हम अपराधबोध, भय और शर्म से ग्रसित हो ईश्वर से दूर रहते हैं। सभी प्रकार की मानसिक और भावनात्मक बीमारियां, स्प्लिट पर्सनालिटीज  (split personalities), माता-पिता और बच्चों के प्रति घृणा और कई अन्य समस्याएं जिनसे आधुनिक समाज आज जूझ रहा है, इन्ही कारणों से है। [[Special:MyLanguage/law of forgiveness|क्षमा]] ही अन्तर्मन के पास जाने का रास्ता है।


क्षमा का आह्वान हमें न केवल अपने लिए करना चाहिए वरन इसे हमें अपने जीवन के हर पहलू में लागू करने की आवश्यकता है - हम उन सभी को दिल से क्षमा करें जिन्होंने कभी भी हमारे साथ कुछ गलत किया है, और हम उन सभी से क्षमा मांगे जिनके साथ हमने कुछ भी गलत किया है। [[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जर्मेन]] ने हमें यह सिखाया है कि क्षमा हमें दिल से मांगनी चाहिए तथा क्षमा मांगते वक्त हमारा दिल प्रेम से सरोबार होना चाहिए। और यह बात - कि हम क्षमा करते हैं और हम क्षमा मांग रहे हैं - हमें प्रकट रूप से, अत्यंत विनम्रता से कहनी भी चाहिए।
क्षमा का आह्वान हमें न केवल अपने लिए करना चाहिए वरन इसे हमें अपने जीवन के हर पहलू में लागू करने की आवश्यकता है - हम उन सभी को दिल से क्षमा करें जिन्होंने कभी भी हमारे साथ कुछ गलत किया है, और हम उन सभी से क्षमा मांगे जिनके साथ हमने कुछ भी गलत किया है। [[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जरमेन]] (Saint Germain) ने हमें यह सिखाया है कि क्षमा हमें दिल से मांगनी चाहिए तथा क्षमा मांगते वक्त हमारा दिल प्रेम से सरोबार होना चाहिए। और यह बात - कि हम क्षमा करते हैं और हम क्षमा मांग रहे हैं और यह विनम्रता से कहना चाहिए, “मैंने गलत किया है, और मैं आपसे और भगवान से मुझे क्षमा करने के लिए कहता हूँ।”


जब हम क्षमा मांगते हैं तो हमारा आभामंडल बैंगनी, जामुनी और गुलाबी रंग की रोशनी से भर जाता है जिससे हमारी जीवन की सारी अप्रिय स्थितियां धुल जाती हैं। बारम्बार क्षमा मांगने और क्षमा करने से यह रंग गहरे होते जाते हैं और ऐसा तब तक होता है जब तक कि पूरी दुनिया हमारे ह्रदय की ऊर्जा से सरोबार नहीं हो जाती। आप क्षमा का आह्वान करते समय किसी की भी कल्पना कर सकते हैं - आपका कोई प्रियजन, बच्चा, ऐसा व्यक्ति जिसे आप अपना शत्रु मानते हैं, कोई राजनीतिक नेता, वो शहर जहाँ आप रहते हैं, आपकी सरकार, आपका देश या फिर सम्पूर्ण पृथ्वी ग्रह। कल्पना करते वक्त आप अपने मन की आँखों में इन सभी को क्षमा की लहरों और तरंगों में डूबा हुआ देखिये।
जब हम क्षमा के दिव्य आदेशों का आह्वान करते हैं तो हमारा आभामंडल वायलेट (violet), जामुनी (purple) और गुलाबी (pink) रंगों की रोशनी से भर जाता है जिससे हमारे जीवन की सारी अप्रिय स्थितियां धुल जाती हैं। बारम्बार क्षमा मांगने और क्षमा करने से यह रंग गहरे होते जाते हैं और ऐसा तब तक होता है जब तक कि वे हमारे दिल से निकलकर दुनिया को भर नहीं देते। आप क्षमा के दिव्य आदेशों का आह्वान करते समय किसी की भी कल्पना कर सकते हैं - आपका कोई प्रियजन, बच्चा, ऐसा व्यक्ति जिसे आप अपना शत्रु मानते हैं, कोई राजनीतिक नेता, वो शहर जहाँ आप रहते हैं, आपकी सरकार, आपका देश या फिर सम्पूर्ण पृथ्वी ग्रह। कल्पना करते समय आप अपने मन की आँखों में इन सभी को क्षमा की लहरों और तरंगों में डूबा हुआ देखिये।


क्षमा के कानून द्वारा ईश्वर हमें अपनी आत्मिक चेतना को विकसित करने का अवसर देते हैं। कुआन यिन कहती हैं, "क्षमा के नियम में प्रशिक्षित होना आवश्यक है क्योंकि वास्तव में यही कुंभ युग (Aquarian age) की नींव है। परन्तु क्षमा से कर्मों का संतुलन नहीं होता। क्षमा को कर्म से अलग रख ईश्वर हमें आगे बढ़ने का एक अवसर देते हैं ताकि हम बिना किसी बोझ के, अपनी रचनात्मकता का प्रयोग कर चीजों को सही कर पाएं। फिर जब आप कुछ उपलब्धियां और दक्षता प्राप्त कर कर आगे बढ़ते हैं, तो क्षमा के नियम के अनुसार, जो कर्म अलग कर दिया गया था वह आपको वापस मिल जाता है क्योंकि अब आप कर्म के फल को सहने में सक्षम होते हैं। अब आप आत्म-निपुणता के उस स्तर हैं जहां आपकी चेतना उन्नत अवस्था में है और कर्म का [[Special:MyLanguage/transmutation|रूपानतरण]] करने में सक्षम हैं।"<ref>कुआन यिन, "अ मदर्स-ऑइ व्यू ऑफ़ द वर्ल्ड (“A Mother’s-Eye View of the World)," ''पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom)'', १९८२ , पुस्तक २, पृष्ठ ''८७''.</ref>  
क्षमा के कानून द्वारा ईश्वर हमें अपनी आत्मिक चेतना को विकसित करने का अवसर देते हैं। कुआन यिन कहती हैं, "क्षमा के नियम में प्रशिक्षित होना आवश्यक है क्योंकि वास्तव में यही कुंभ युग (Aquarian age) की नींव है। परन्तु क्षमा से कर्मों का संतुलन नहीं होता। क्षमा को कर्म से अलग रख ईश्वर हमें आगे बढ़ने का एक अवसर देते हैं ताकि हम बिना किसी बोझ के अपनी रचनात्मकता का प्रयोग कर चीजों को सही कर पाएं। फिर जब आप कुछ उपलब्धियां और दक्षता प्राप्त कर आगे बढ़ते हैं, तो क्षमा के नियम के अनुसार, जो कर्म अलग कर दिया गया था वह आपको वापस मिल जाता है क्योंकि अब आप कर्म के फल को सहने में सक्षम होते हैं। अब आप आत्म-निपुणता के उस स्तर हैं जहां आपकी चेतना उन्नत अवस्था में है और कर्म का [[Special:MyLanguage/transmutation|रूपानतरण]] (transmutation) करने में सक्षम हैं।"<ref>कुआन यिन, "अ मदर्स-ऑइ व्यू ऑफ़ द वर्ल्ड (“A Mother’s-Eye View of the World)," ''पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom)'', १९८२ , पुस्तक २, पृष्ठ ''८७''.</ref>  


पापों की क्षमा और उनका रूपांतरण दो अलग चीज़ें हैं। मान लीजिये, किसी ने आपका पर्स चुराया और बाद में आपसे ये कहा कि उसे खेद है कि उसने आपका पर्स चुराया था। आप उसे माफ कर सकते हैं, लेकिन कर्म की दृष्टि से यह मामला तब तक बंद नहीं होगा, जब तक कि वह आपका पर्स एक-एक पैसे के साथ आपको वापस नहीं कर देता; पूरी क्षतिपूर्ति नहीं करता। सो, क्षमा कर्म का संतुलन नहीं है; यह कर्मों को अलग रखना है जिससे आपको पाप के भारी बोझ के बिना चीजों को सही करने की स्वतंत्रता मिल जाए।
पापों की क्षमा और उनका रूपांतरण दो अलग चीज़ें हैं। मान लीजिये, किसी ने आपका पर्स चुराया और बाद में आपसे ये कहा कि उसे खेद है कि उसने आपका पर्स चुराया था। आप उसे माफ कर सकते हैं, लेकिन कर्म की दृष्टि से यह मामला तब तक बंद नहीं होगा, जब तक कि वह आपका पर्स एक-एक पैसे के साथ आपको वापस नहीं कर देता; पूरी क्षतिपूर्ति नहीं करता। क्षमा कर्म का संतुलन नहीं है; यह कर्मों को अलग रखना है जिससे आपको पाप के भारी बोझ के बिना चीजों को सही करने की स्वतंत्रता मिल जाए।


क्षमा ही परिपूर्ण जीवन जीने की नींव है। यह ईश्वर के प्रत्येक अंश के बीच सामंजस्य बिठाने का संकल्प है। यह स्वतंत्रता की लौ के गहन प्रेम की क्रिया है। [[Special:MyLanguage/violet flame|वायलेट लौ]] की ऊर्जा, भगवान की ऊर्जा हमेशा स्पंदित होती रहती हैं, ये हमेशा चलती रहती हैं, और अवचेतन मन के अभिलेखों को रूपांतरित करती रहती है। आईज़ेयाह कहते हैं, “तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के ही क्यों न हों, क्षमा से वे बर्फ के समान श्वेत हो जाएंगे। और अगर वे लाल रंग के भी होंगे तो भी ऊन के जैसे हलके हो जाएंगे।”<ref>ईसा. १:१८</ref>
क्षमा ही परिपूर्ण जीवन जीने की नींव है। यह ईश्वर के प्रत्येक अंश के बीच तालमेल (harmony) बिठाने का संकल्प है। यह मुक्ति की लौ के गहन प्रेम की क्रिया है। [[Special:MyLanguage/violet flame|वायलेट लौ]] की ऊर्जा, भगवान की ऊर्जा हमेशा स्पंदित होती रहती है, ये हमेशा चलती रहती है, और अवचेतन मन के अभिलेखों को रूपांतरित करती रहती है। आईज़ेयाह (Isaiah) कहते हैं, “तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के ही क्यों न हों, क्षमा से वे बर्फ की तरह श्वेत हो जाएंगे। और अगर वे लाल रंग के भी होंगे तो भी ऊन के जैसे हलके हो जाएंगे।”<ref>ईसा. १:१८</ref>


[[File:HainanSanya2-cropped.jpg|thumb|alt=caption|upright=1.2|दक्षिण चीन सागर के हैनान द्वीप पर कुआन यिन की १०८ मीटर (३५४ फीट) ऊंची मूर्ति]]
[[File:HainanSanya2-cropped.jpg|thumb|alt=caption|upright=1.2|दक्षिण चीन सागर के हैनान द्वीप पर कुआन यिन की १०८ मीटर (३५४ फीट) ऊंची मूर्ति
(108-meter (354 ft) statue of Kuan Yin on the island of Hainan, in the South China Sea)]]


<span id="The_need_to_forgive"></span>
<span id="The_need_to_forgive"></span>
== क्षमा करने की आवश्यकता ==
== क्षमा करने की आवश्यकता ==


यदि आप स्वयं के लिए क्षमा की आशा रखते हैं, तो सर्वप्रथम आपको औरों को क्षमा करना सीखना होगा जैसा कि दिव्यगुरु [[Special:MyLanguage/Jesus|यीशु]] ने सिखाया है। कुआन यिन कहतीं हैं, "मानव जाति का परीक्षण कई छोटे और बड़े तरीकों से किया जाता है, और जो धर्मांधता कुछ लोगों की चेतना में देखी जाती है, वह भी क्षमा ना कर पाने का ही एक रूप है। जो लोग दूसरों को सिर्फ इसलिए माफ नहीं कर सकते क्योंकि वे उनके जैसे नहीं सोचते या उनका पूजा करने का तरीका नहीं अपनाते वे दिल के कठोर होते हैं, इतने कठोर कि यह कठोरता उनके प्यार की लौ को भी घेर लेती है और ज्ञान के प्रवाह को भी।''<ref>कुआन यिन, "मर्सी: द फायर दैट ट्राइस एव्री मैन्स वर्क्स (Mercy: The Fire that Tries Every Man’s Works) " ''पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom)'', १९८२, पुस्तक 2, पृष्ठ ''९५''.</ref>  
यदि आप स्वयं के लिए क्षमा की आशा रखते हैं, तो सर्वप्रथम आपको औरों को क्षमा करना सीखना होगा जैसा कि दिव्यगुरु [[Special:MyLanguage/Jesus|ईसा मसीह]] ने सिखाया है। कुआन यिन कहतीं हैं, "मानव जाति का परीक्षण कई छोटे और बड़े तरीकों से किया जाता है, और जो कट्टरता कुछ लोगों की चेतना में देखी जाती है, वह भी क्षमा ना कर पाने का ही एक रूप है। जो लोग दूसरों को सिर्फ इसलिए माफ नहीं कर सकते क्योंकि वे उनके जैसे नहीं सोचते या उनका पूजा करने का तरीका नहीं अपनाते वे दिल के कठोर होते हैं, इतने कठोर कि यह कठोरता उनके प्यार की लौ को भी घेर लेती है और ज्ञान के प्रवाह को भी।''<ref>कुआन यिन, "मर्सी: द फायर दैट ट्राइस एव्री मैन्स वर्क्स (Mercy: The Fire that Tries Every Man’s Works) " ''पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom)'', १९८२, पुस्तक 2, पृष्ठ ''९५''.</ref>  


दया का कानून एक दो-तरफ़ा सड़क की तरह है। इसमें एक संकेत आप भगवान को भेजते हैं और दूसरा भगवान् आपको भेजता है अर्थात यह ईश्वर के साथ आपके लेन-देन को दर्शाता है। यदि आप ईश्वर से दया की आशा रखते हैं, तो आपको भी अपने जीवन में हर एक के प्रति दया करनी होगी। दया का नियम प्रत्येक जीवात्मा की मुक्ति के लिए है। जब हम क्षमा करते हैं, तो हमें भी क्षमा मिलती है।
दया का नियम एक दो-तरफ़ा सड़क की तरह है। इसमें एक संकेत आप भगवान को भेजते हैं और दूसरा भगवान् आपको भेजता है अर्थात यह ईश्वर के साथ आपके लेन-देन को दर्शाता है। यदि आप ईश्वर से दया की आशा रखते हैं, तो आपको भी अपने जीवन में हर एक के प्रति दया करनी होगी। दया का नियम प्रत्येक जीवात्मा की मुक्ति के लिए है। जब हम क्षमा करते हैं, तो हमें भी क्षमा मिलती है।


हमने बार-बार यह बात सुनी और पढ़ी है, "जो बीत गया उसे जाने दो, माफ करो और भूल जाओ!" यह बात बिल्कुल सत्य है। अगर आप अपने साथ हुए किसी गलत काम को याद रखते हैं तो इसका मतलब है कि वास्तव में आपने अपने साथ गलत करने वाले को माफ़ नहीं किया है। क्षमा तब ही सफल है जब आप उस कार्य से सम्बंधित सभी अभिलेख और स्मृति अपनी चेतना से मिटा दें। कुआन यिन कहती हैं कि यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आपने माफ नहीं किया है, बल्कि "आपने अपना दिल कठोर कर लिया है।" आपने अवचेतन मन की गहराई में इसे संजो कर रखा हुआ है, ठीक उसी तरह जिस तरह एक गिलहरी अपने दाने संग्रहीत करती है। आपने उसे अपने आकाशीय शरीर में संग्रहीत कर रखा है, अग्नि के सुपुर्द नहीं किया है। आप छोड़ने को तैयार नहीं हैं, और इस कारण से जिन लोगों ने आपके साथ अन्याय किया है, और जिनके साथ आपने अन्याय किया है, आप उनमें ईश्वर की अभिव्यक्ति नहीं होने देना चाहते।<ref>कुआन यिन, “अ मदर्स-ऑइ व्यू ऑफ़ द वर्ल्ड (“A Mother’s-Eye View of the World),” ''पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom)'', १९८२ , पुस्तक २, पृष्ठ ''८७''..</ref>
हमने बार-बार यह बात सुनी और पढ़ी है, "जो बीत गया उसे जाने दो, माफ करो और भूल जाओ!" यह बात बिल्कुल सत्य है। अगर आप अपने साथ हुए किसी गलत काम को याद रखते हैं तो इसका अर्थ है कि वास्तव में आपने अपने साथ गलत करने वाले को माफ़ नहीं किया है। क्षमा तब ही सफल है जब आप उस कार्य से सम्बंधित सभी अभिलेख और स्मृति अपनी चेतना से मिटा दें। कुआन यिन कहती हैं कि यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आपने माफ नहीं किया है, बल्कि "आपने अपना दिल कठोर कर लिया है।" आपने अवचेतन मन की गहराई में इसे संजो कर रखा हुआ है, ठीक उसी तरह जिस तरह एक गिलहरी अपने दाने संग्रहीत करती है। आपने उसे अपने आकाशीय शरीर (etheric plane) में संग्रहीत कर रखा है और अग्नि के सुपुर्द नहीं किया है। आप उसे छोड़ने को तैयार नहीं हैं, और इस कारण से जिन लोगों ने आपके साथ अन्याय किया है, और जिनके साथ आपने अन्याय किया है, आप उनमें ईश्वर की अभिव्यक्ति नहीं होने देना चाहते।<ref>कुआन यिन, “अ मदर्स-ऑइ व्यू ऑफ़ द वर्ल्ड (“A Mother’s-Eye View of the World),” ''पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom)'', १९८२ , पुस्तक २, पृष्ठ ''८७''..</ref>


मानस चित्रण के साथ शब्दों के विज्ञान का प्रयोग आपको संपूर्ण रूप से "क्षमा करने और भूल जाने" में सहायता करता है। आप [[Special:MyLanguage/El Morya|एल मोरया]] द्वारा दी गई एक डिक्री कर सकते हैं:
मानस चित्रण के साथ शब्दों के विज्ञान का प्रयोग आपको संपूर्ण रूप से "क्षमा करने और भूल जाने" में सहायता करता है। आप [[Special:MyLanguage/El Morya|एल मोरया]] (El Morya) द्वारा दी गई एक डिक्री कर सकते हैं:


::::आई ऍम फोर्गीवेनेस्स एक्टिंग हेयर  ,
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::::सेटिंग मेंन फॉरएवर फ्री  
::::सेटिंग मेंन फॉरएवर फ्री  
::::विद विंग्स ऑफ़ कॉस्मिक विक्ट्री
::::विद विंग्स ऑफ़ कॉस्मिक विक्ट्री
(I AM forgiveness acting here,
Casting out all doubt and fear,
Setting men forever free
With wings of cosmic victory.)


::::आई ऍम कालिंग इन फुल पावर  
::::आई ऍम कालिंग इन फुल पावर  
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::::टू आल लाइफ इन एव्री प्लेस  
::::टू आल लाइफ इन एव्री प्लेस  
::::आई फ्लड फोर्थ फॉरगिविंग ग्रेस
::::आई फ्लड फोर्थ फॉरगिविंग ग्रेस
(I AM calling in full power,
For forgiveness every hour;
To all life in every place,
I flood forth forgiving grace.)


प्रतिदिन यह प्रार्थना करते समय आप स्वयं को गुलाबी-बैंगनी रंग की दया की लपटों से घिरे हुए होने की कल्पना कीजिये, कल्पना कीजिये कि ये लपटें अतीत की गलतियों को समूल नष्ट कर रही हैं। जब आप अपने पापों के लिए क्षमा मांगते हैं - उन पापों के लिए भी जो शायद आपने अपने पूर्व जन्मों में किये हैं  तब आप स्वयं को बहुत हल्का महसूस करते हैं, मानों सदियों का बोझ कन्धों से उतर गया हो। तब ही आप ईश्वर की अनुकम्पा और क्षमा को प्राप्त कर पाते हैं।
प्रतिदिन यह प्रार्थना करते समय आप स्वयं को गुलाबी-वायलेट (pink-violet) रंग की दया की लपटों से घिरे हुए होने की कल्पना कीजिये, कल्पना कीजिये कि ये लपटें अतीत की गलतियों को मूल से नष्ट कर रही हैं। जब आप अपने पापों के लिए क्षमा मांगते हैं - उन पापों के लिए भी जो शायद आपने अपने पूर्व जन्मों में किये हैं  तब आप स्वयं को बहुत हल्का अनुभव करते हैं, मानों सदियों का बोझ कन्धों से उतर गया हो। तब ही आप ईश्वर की कृपा और क्षमा को प्राप्त कर पाते हैं।


बैंगनी रंग में कई विविधताएं हैं - आर्किड-गुलाबी रंग दया की लौ दर्शाता है (इसमें ईश्वर के प्रेम की गुलाबी किरण की मात्रा अधिक होती है); गहरा बैंगनी रंग ईश्वर की इच्छा को दर्शाता है (इसमें ईश्वर की इच्छा की नीली किरण की मात्रा अधिक होती है)। बैंगनी लौ में शुद्ध करने की बहुत शक्ति है, जब हम इसका प्रयोग उपचारात्मक डिक्रीस के साथ करते हैं, तो हमारे [[Special:MyLanguage/four lower bodies|चार निचले शरीर]], विशेष रूप से [[Special:MyLanguage/etheric body|आकाशीय शरीर]] (स्मृति शरीर) अत्यंत प्रभावी ढंग से शुद्ध और स्वस्थ हो जाता है। अवचेतन मन में गहरे दबे पूर्वजन्मों के अभिलेख भी इससे शुद्ध हो जाते हैं। इस लौ का आह्वान करने के लिए, किसी भी बैंगनी-लौ डिक्री को गायें पर "बैंगनी" के स्थान पर "वायलेट" शब्द का प्रयोग करें। बहुदा अन्य शरीरों की अपेक्षा आकाशीय शरीर में प्रवेश करना अत्याधिक कठिन होता है - डिक्री को छत्तीस बार दोहराना पूर्वजन्म के अभिलेखों को साफ़ और शुद्ध करने में बहुत सहायक हो सकता है।
वायलेट रंग में कई विविधताएं हैं - आर्किड-गुलाबी (orchid-pink flower) रंग दया की लौ को दर्शाता है इसमें ईश्वर के प्रेम की गुलाबी किरण की मात्रा अधिक होती है। गहरा बैंगनी (purple) रंग ईश्वर की इच्छा को दर्शाता है इसमें ईश्वर की इच्छा की नीली किरण की मात्रा अधिक होती है। बैंगनी लौ में शुद्ध करने की बहुत शक्ति है, जब हम इसका प्रयोग हरे रंग की किरण के उपचारात्मक दिव्य आदेशों के साथ करते हैं तो हमारे [[Special:MyLanguage/four lower bodies|चार निचले शरीर]], विशेष रूप से [[Special:MyLanguage/etheric body|आकाशीय शरीर]] (स्मृति शरीर) (etheric body) अत्यंत प्रभावी ढंग से शुद्ध और स्वस्थ हो जाता है। अवचेतन मन में गहरे दबे पूर्वजन्मों के अभिलेख भी इससे शुद्ध हो जाते हैं। इस लौ का आह्वान करने के लिए, किसी भी वायलेट लौ के दिव्य आदेशों को करे पर "वायलेट" के स्थान पर "बैंगनी" शब्द का प्रयोग करें। आम तौर पर अन्य शरीरों की अपेक्षा आकाशीय शरीर में प्रवेश करना अत्याधिक कठिन होता है - दिव्य आदेशों को छत्तीस बार दोहराना पूर्वजन्म के अभिलेखों को साफ़ और शुद्ध करने में बहुत सहायक होता है।


[[File:0000165_kuan-yin-by-ruth-hawkins-2108AX_600.jpeg|thumb|alt=Painting of Kuan Yin by Ruth Hawkins|[[Special:MyLanguage/Ruth Hawkins|रूथ हॉकिन्स]] द्वारा बनाया गया कुआन यिन का चित्र]]
[[File:0000165_kuan-yin-by-ruth-hawkins-2108AX_600.jpeg|thumb|alt=Painting of Kuan Yin by Ruth Hawkins|[[Special:MyLanguage/Ruth Hawkins|रूथ हॉकिन्स]] (Ruth Hawkins) द्वारा बनाया गया कुआन यिन का चित्र]]


<span id="Service_on_the_Karmic_Board"></span>
<span id="Service_on_the_Karmic_Board"></span>
== कार्मिक बोर्ड पर सेवा ==
== कार्मिक सभा की सेवा ==


दया की लौ के एक पहलू के बारे में हमें याद दिलाते हुए कुआन यिन कहती हैं  
दया की लौ की सेवा का एक पहलू के बारे में हमें याद दिलाते हुए कुआन यिन कहती हैं  


आपमें से कई लोगों के लिए मैंने [[Special:MyLanguage/Lords of Karma|कर्म के स्वामी]] से प्रार्थना की है कि नकारत्मक कर्मों की वजह से आप लोगों को कोई जन्मजात विकृति ना हो, कि आप सम्पूर्ण स्वस्थ शरीर के साथ जन्म लें, कि किसी कर्म का भुगतान आपको अपंग या अंधा ना करें। मैंने आपकी तरफ से दया की लौ से प्रार्थना की है ताकि आप स्वस्थ मन और शरीर से ईश्वर के प्रकाश का अनुसरण कर सकें। ईश्वर जिन पर दया नहीं करते वे लोग पागलखानों में पाए जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उन्हें पता चले कि एक स्वस्थ मस्तिष्क के ना होने का क्या अर्थ होता है, उन्हें ये पता चले कि दिमाग को खराब करने का क्या अर्थ है और ये सब अनुभव कर जब वे कोई अन्य जन्म लेकर पृथ्वी पर आएं तो स्वस्थ मस्तिष्क का आदर कर पाएं।
आपमें से कई लोगों के लिए मैंने [[Special:MyLanguage/Lords of Karma| कर्मों के देवी-देवता]] (Lords of Karma) से प्रार्थना की है कि आपको पूर्ण रूप से देहधारी होने का अवसर दिया जाए, आपको कोई जन्मजात विकृति ना हो, आप सम्पूर्ण स्वस्थ शरीर के साथ जन्म लें और किसी कर्म का भुगतान आपको अपंग या अंधा ना करे। मैंने आपकी तरफ से दया की लौ से प्रार्थना की है ताकि आप स्वस्थ मन और शरीर से ईश्वर के प्रकाश का अनुसरण कर सकें। ईश्वर जिन पर दया नहीं करते वे लोग पागलखानों में पाए जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उन्हें पता चले कि एक स्वस्थ मस्तिष्क के ना होने का क्या अर्थ होता है, उन्हें ये पता चले कि दिमाग को खराब करने का क्या अर्थ है और ये सब अनुभव कर जब वे कोई अन्य जन्म लेकर पृथ्वी पर आएं तो स्वस्थ मस्तिष्क का आदर कर पाएं।


आपको इस बात का एहसास ही नहीं है कि दया की लौ के कारण आपका जीवन में कितना संतुलन है। आपने जब जब ईश्वर को पुकारा, ईश्वर ने उत्तर दिया जिसके परिणामस्वरूप मेरे हृदय और हाथों से दया प्रवाहित हुई। मैं आपको यह बताना चाहती हूँ जब जब ईश्वर आपके ऊपर दया करते हैं तो आपका कर्त्तव्य है कि आप ईश्वर के मार्ग का अनुसरण करें और अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हुए ईश्वर-तुल्य कार्य करें<ref>कुआन  यिन, “मर्सी: द फायर दैट ट्राइज़ एवरी मैन्स वर्क्स (Mercy: The Fire that Tries Every Man’s Works),” ''पर्ल्स ऑफ विजडम (Pearls of Wisdom)'', १९८२, पुस्तक 2, पृष्ठ ''९६''.</ref>
आपको इस बात का अनुभव ही नहीं है कि दया की लौ के कारण आपके जीवन में कितना संतुलन है। आपने जब जब ईश्वर को पुकारा, ईश्वर ने उत्तर दिया जिसके परिणामस्वरूप मेरे हृदय और हाथों से दया प्रवाहित हुई। मैं आपको यह बताना चाहती हूँ जब जब ईश्वर आपके ऊपर दया करते हैं तो तो आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप दया के फल वितरित करें, भगवान के कार्यों और ज्ञान के मार्ग का अनुसरण करें। <ref>कुआन  यिन, “मर्सी: द फायर दैट ट्राइज़ एवरी मैन्स वर्क्स (Mercy: The Fire that Tries Every Man’s Works),” ''पर्ल्स ऑफ विजडम (Pearls of Wisdom)'', १९८२, पुस्तक 2, पृष्ठ ''९६''.</ref>


The Bodhisattva Kuan Yin is known as the '''Goddess of Mercy''' because she ensouls the God-qualities of mercy, compassion and forgiveness. She serves on the [[Karmic Board]] as the representative of the seventh ray (violet ray). She also held the office of [[chohan]] of the seventh ray for two thousand years until [[Saint Germain]] assumed that office in the late 1700s.
बोधिसत्व कुआन यिन को '''दया की देवी''' के रूप में जाना जाता है क्योंकि वह दया, करुणा और क्षमा के ईश्वरीय-गुणों को दर्शाती हैं। ये [[Special:MyLanguage/Karmic Board|
कार्मिक सभा]] (Karmic Board) में सातवीं किरण (वायलेट किरण) का प्रतिनिधित्व करती हैं। [[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जरमेन]] से पहले इन्होनें दो हजार वर्षों तक सातवीं किरण के [[Special:MyLanguage/chohan|चोहान]] (chohan) का पद भी संभाला-संत जरमेन ने 1700 के अंतिम चरणों में यह पदभार लिया था।


== Her retreat ==
<span id="Her_retreat"></span>
== इनका आकाशीय आश्रय स्थल (Her retreat) ==


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{{main-hi|Temple of Mercy|टेम्पल ऑफ़ मर्सी}} (Temple of Mercy)


Kuan Yin ascended thousands of years ago and has taken the vow of the bodhisattva to serve planet Earth until all her evolutions are free. From her etheric retreat, the Temple of Mercy, over Peking (Beijing), China, she ministers to the souls of humanity, teaching them to balance their karma and fulfill their divine plan through loving service to life and application of the violet flame.
कुआन यिन हजारों साल पहले पृथ्वी पर थीं। इस ग्रह को छोड़ने के समय उन्होंने मोक्ष प्राप्त करने की अपेक्षा पृथ्वीवासियों की सेवा करने का प्रण लिया, इसलिए ये बोधिसत्व बन गयीं और तब तक ये ऐसे ही रहेंगी जब तक कि सारे पृथ्वीवासी मुक्त नहीं हो जाते। इनका आकाशीय आश्रय स्थल, टेंपल ऑफ मर्सी, चीन के पेकिंग (बीजिंग) [Temple of Mercy, over Peking (Beijing), China] में हैं। वह मनुष्यों को अपने कर्म संतुलित करना, जीवन को द्विव्य योजना के अनुसार चलाना और मानवता की सेवा करना सिखाती हैं।


Kuan Yin’s flame is the color of orchids, the pink of divine love tempering the blue of the will of God. Her flower is a pink and violet lotus; the center, being pink, is as the mercy flame, becoming deeper and deeper violet on the periphery.
कुआन यिन की लौ ऑर्किड (orchids) रंग की है, जो कि ईश्वरीय प्रेम के गुलाबी रंग एवं ईश्वरीय इच्छा के नीले रंग का मिश्रण है। गुलाबी- वायलेट रंग का कमल इनका फूल है - जिसमें मध्य भाग गुलाबी और परिधि का रंग गहरा वायलेट है।


== See also ==
<span id="See_also"></span>
== इसे भी देखिये ==


[[Kuan Yin’s Crystal Rosary]]
[[Special:MyLanguage/Kuan Yin’s Crystal Rosary|कुआन यिन की क्रिस्टल जपमाला]] (Kuan Yin’s Crystal Rosary)


== Sources ==
<span id="Sources"></span>
== स्रोत ==


{{MTR}}, s.v. “Kuan Yin.”
{{MTR}}, s.v. “कुआन यिन”


''Kuan Yin’s Crystal Rosary'' booklet, introduction.
''कुआन यिन की क्रिस्टल जपमाला'' पुस्तिका, परिचय।


Elizabeth Clare Prophet, July 1, 1988.
एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट, १ जुलाई १९८८


Elizabeth Clare Prophet, July 5, 1996.
एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट, ५ जुलाई १९९६


[[Category:Heavenly beings]]
[[Category:Heavenly beings]]


<references />
<references />

Latest revision as of 09:51, 16 April 2025

Other languages:
Statue of Kuan Yin, Nelson-Atkins Museum of Art, Kansas City, Missouri
मिसौरी की कैनसस सिटी के नेल्सन-एटकिंस कला संग्रहालय (Statue of Kuan Yin, Nelson-Atkins Museum of Art, Kansas City, Missouri. She is depicted here seated in her characteristic pose of royal ease) में रखी हुई कुआन यिन की मूर्ति। यहां उन्हें राजसी सहजता की अपनी विशिष्ट मुद्रा में बैठे हुए दर्शाया गया है।

कुआन यिन को बौद्ध धर्म में दयालु, उदार, उद्धार करने वाली, दया की देवी बोधिसत्व के रूप में पूजा जाता है। एक माँ के रूप में वह अपने भक्तों के बहुत नज़दीक रहती हैं, और उनके दैनिक मामलों मध्यस्थता भी करती हैं। बौद्ध धर्म के अनुयायी कुआन यिन की तुलना पश्चिम की जीसस की मां मेरी (Mary the mother of Jesus) से करते हैं। पूर्व के देशों में जीवन के हर क्षेत्र में भक्त उनसे मार्गदर्शन की सहायता मांगते हैं। यहाँ कुआन यिन को मंदिरों, घरों और जगह जगह पर बनी गुफाओं में पाया जाता है।

कुआन शिह यिन (Kuan Shih Yin) के नाम, जैसा कि उन्हें अक्सर पुकारा जाता है, का अर्थ है "वह जो दुनिया की आवाज़ों को देखता है या सुनता है।" पौराणिक कथा के अनुसार, कुआन यिन स्वर्ग में प्रवेश करने वाली थी, लेकिन जैसे ही दुनिया की चीखें उसके कानों तक पहुंचीं, वह दहलीज पर रुक गई।

कुआन यिन महिलाओं, नाविकों, व्यापारियों, कारीगरों, संतान के इच्छुक दम्पतियों और वे लोग जिन पर कोई मुक़दमा चल रहा है, के संरक्षक के रूप में जानी जाती हैं। कुआन यिन के भक्त उनकी कृपा और उपचारात्मक शक्तियों में अथाह विश्वास रखते हैं। बहुतों का मानना ​​है कि उनका कृपा-पात्र बनने के लिए सिर्फ उनका नाम लेना ही पर्याप्त है। कुआन यिन की जपमाला (Kuan Yin’s Crystal Rosary) में उनके मंत्र शामिल हैं और यह उनकी मध्यस्थता पाने करने का एक शक्तिशाली साधन है।

आज कुआन यिन की पूजा ताओवादियों (Taoists) के साथ-साथ महायान बौद्धों द्वारा भी की जाती है - विशेष रूप से ताइवान (Taiwan), जापान (Japan), कोरिया (Korea) और एक बार फिर उनकी मातृभूमि चीन में, जहां सांस्कृतिक क्रांति (1966-69) के दौरान बौद्ध धर्म के अभ्यास को कम्युनिस्टों द्वारा दबा दिया गया था।

Old Korean painting of Kuan Yin
विलो शाखा के साथ अवलोकितेश्वर, लटकता हुआ सिल्क स्क्रॉल, सी.१३१०, गोरियो राजवंश (कोरिया) [Avalokitesvara with Willow Branch, hanging Silk Scroll, c. 1310, Goryeo Dynasty (Korea)]

पूर्व की परंपराएँ (Traditions in the East)

सदियों से कुआन यिन ने बोधिसत्व (bodhisattva) की अपनी भूमिका में महायान बौद्ध (Mahayana Buddhism) धर्म के महान आदर्शों को चित्रित किया है। बोधिसत्व यानि कि "आत्मज्ञान से भरपूर प्राणी", जिसे बुद्ध बनना था पर जिसने भगवान के बच्चों के लिए अपने निर्वाण (nirvana) का त्याग कर दिया। कुआन यिन ने पृथ्वी एवं उसके सौर मंडल के जीवों के उत्थान हेतु, उन्हें दिव्यगुरूओं द्वारा दिया गया ज्ञान देने के लिए बोधिसत्व होने का प्रण लिया है।

बौद्ध धर्म के प्रारम्भ से पहले चीन में कुआन यिन की पूजा की जाती थी - उन्हें अवलोकितेश्वर (Avalokitesvara) [पद्मपानी (Padmapani)] का अवतार माना जाता था। अभी भी ओम मणि पद्मे हुम् (Om mani padme hum) मंत्र के द्वारा उनका आह्वान किया जाता है। इस मंत्र का अर्थ है "कमल में स्थित रत्न की विजय हो!" या “अवलोकितेश्वर, जो भक्त के हृदय में कमल रुपी आभूषण हैं, की विजय हो।

ऐसा कहा जाता है कि एक बार जब प्रकाश के बुद्ध अमिताभ (Amitabha) ईश्वर में मग्न अवस्था में परमानंद की अनुभूति कर रहे थे तब उनके दाहिने नेत्र से श्वेत रौशनी की एक किरण उत्पन्न हुई। इस किरण से अवलोकितेश्वर का जन्म हुआ। इसी कारण से अवलोकितेश्वर/ कुआन यिन को अमिताभ का "प्रतिबिंब" माना जाता है। वह महा करुणा की प्रतिमा हैं, अमिताभ भी महा करुणा का मूर्तरूप हैं। अनुयायियों का ऐसा मानना ​​है कि कुआन यिन अमिताभ की करुणा को अधिक प्रत्यक्ष और व्यक्तिगत तरीके से व्यक्त करती हैं और भक्तों की प्रार्थनाओं का उत्तर जल्दी देती हैं।

Painting of Kuan Yin in Chinese style, riding a dragon in the midst of a turbulent sea
ड्रैगन की सवारी करते हुए कुआन यिन की छवि जल तत्व के प्रभुत्व (mastery) को दर्शाती है, ठीक उसी प्रकार जैसे मदर मैरी (Mother Mary) की जल तत्व के प्रभुत्व को उनके पैरों के नीचे चंद्रमा को दर्शाया जाता है।

बौद्ध धर्म के शुद्ध भूमि (Pure Land) संप्रदाय में कुआन यिन को तीन शासकों में से एक के रूप में अक्सर चित्रित किया जाता है। चित्रों में प्रकाश के बुद्ध अमिताभ (चीनी लोग इन्हें अ-मी-तो फो (A-mi-t’o Fo) और जापानी लोग अमीदा (Amida) कहते हैं) को मध्य में दिखाते है, और उनके दाहिनी ओर शक्ति के बुद्ध महास्थामाप्राप्त (Mahasthamaprapta) एवं बायीं ओर करुणा की देवी कुआन यिन को दर्शाया जाता है।

बौद्ध धर्मशास्त्रों में कुआन यिन को कभी-कभी "बार्क ऑफ साल्वेशन" (Bark of Salvation) के कप्तान के रूप में चित्रित किया जाता है। ये जीवात्माओं को अमिताभ के पश्चिमी स्वर्ग/ शुद्ध भूमि/ आनंद की भूमि को ओर निर्देशित करती हैं। इस स्थान पर आध्यात्मिक उत्थान सम्बंधित ज्ञान लेने के लिए जीवात्माओं का पुनर्जन्म भी हो सकता है। लकड़ी के सांचों में अक्सर कुआन यिन की कप्तानी के अंतर्गत अमिताभ के अनुयायियों से भरी नावें शुद्ध भूमि की ओर यात्रा करते दर्शायी जाती हैं।

कुआन यिन के प्रमुख चिन्हों में से एक है विलो वृक्ष की शाखा (willow branch)। बौद्ध मान्यता (belief) के अनुसार कुआन यिन बिमारियों को दूर भगाने के लिए और दूसरों की सहायता के लिए सभी लोगों पर ज्ञान और करुणा का अमृत छिड़कने के लिए विलो शाखा का उपयोग करती हैं। कुछ एशियाई परंपराओं में बीमार व्यक्ति को स्वस्थ करने के लिए प्रार्थना करते समय उसके शरीर को विलो की शाखा से सहलाने का नियम है।

कुआन यिन को संतान देने वाली माना जाता है इसलिए बहुधा उन्हें एक शिशु के साथ चित्रित किया जाता है। ताइवान (Taiwan) के लोगों का मानना है कि अपने एक अवतार में कुआन यिन माँ थीं और चित्रों में उन्हें अपने बच्चे के साथ दिखाया जाता है।

कुआन यिन (Kuan Yin) को ड्रैगन (dragon) पर खड़े हुए भी चित्रित किया जाता है। ड्रैगन चीन देश और चीन के दिव्य वंश का प्रतिनिधित्व करता है। यह श्वेत महासंघ (Great White Brotherhood) की संपूर्ण आत्मा का भी प्रतीक है। बुक ऑफ़ रेवेलशन (Book of Revelation) में ड्रैगन को जानवरों के शक्तिदाता के रूप में दिखाया गया है। इन सब बातों का निष्कर्ष यह है कि ड्रैगन महान पदक्रम का एक विचाररूप है - प्रकाश या फिर अन्धकार की शक्तियों का प्रतीक।

चीनी कथाओं में ड्रैगन और फीनिक्स पक्षी (phoenix bird) ताई ची ऊर्जा के यांग और यिन का प्रतिनिधित्व करते हैं। चित्रों में ड्रैगन पर सवार कुआन यिन दर्शाने का अर्थ है कि कुआन यिन ड्रैगन की स्वामिनी हैं।

मियाओ शान (Miao Shan)

Painting in Chinese style of Miao Shan on the back of a tiger
मियाओ शान को ले जाते हुए एक बाघ

कुआन यिन (Kuan Yin) ने छठी शताब्दी में उत्तरी चीनी साम्राज्य में चाउ राजवंश (Chou dynasty) के शासक मियाओ चुआंग वांग (Miao Chuang Wang) की तीसरी बेटी के रूप में जन्म लिया था। इस राजा ने बलपूर्वक शासन पर कब्ज़ा किया था और उसकी तीव्र इच्छा थी की उसके पुत्र हो जो उसके वंश को आगे चलाये। लेकिन भाग्य से उसकी तीन पुत्रियां हो गयी। सबसे छोटी पुत्री, मियाओ शान (Miao Shan), एक धर्मनिष्ठ बच्ची थी जो "बौद्ध धर्म के सभी सिद्धांतों का ईमानदारी से पालन करती थी। सदाचारी जीवन उसके स्वभाव में निहित था"[1] (Edward T. C. Werner, Myths and Legends of China (London: Harrap, 1922), chapter X. The following account is adapted from that source)

उन्होंने धन और वैभव की नश्वरता को पहचान लिया था और वह "एक पर्वत पर शांति से अकेले रहना चाहती थीं"। उन्होंने अपनी बहनों से कहा था, "अगर किसी दिन मैं अच्छाई के उच्च स्तर तक पहुँच पायी तो मैं अपने माता-पिताजी को मुक्त कर के स्वर्ग में ले जाउंगी; मैं पृय्वी पर दुखी और पीड़ित लोगों का उद्धार करुँगी; मैं बुरे कर्म करने वाली जीवात्माओं का मन बदलकर उन्हें भलाई के रास्ते पर चलाऊंगी।"

मियाओ शान (Miao Shan) के पिता उसका विवाह एक ऐसे व्यक्ति से करना चाहते थे जो एक अच्छा शासक हो। राजा ने उसे अपनी योजना के बारे में बताया और कहा कि उनकी सारी आशाएं उस पर टिकी हैं। परन्तु मियाओ शान ने पिता को बताया कि वह विवाह नहीं करना चाहती क्योंकि उनका ध्येय आध्यात्मिक पथ पर चलकर बुद्धत्व प्राप्त करना है।

यह सुनकर पिताजी क्रोधित हो गए। उन्होंने पुछा, "क्या कोई राजकुमारी कभी तपस्विनि बनी है?" इसके बाद उन्होंने आज्ञा दी वह तुरंत किसी शिक्षाविद (academician) या सैनिक से विवाह कर ले। मियाओ शान यह जानती थीं की पिता के आदेश की अवहेलना करना कठिन होगा। उन्होंने कहा वह एक चिक्तिसक (physician) से तुरंत विवाह कर सकती हैं क्योंकि चिकित्सक से विवाह करने के बाद भी वे बुद्ध बन सकती हैं। यह सुनकर उनके पिताजी आग-बबूला हो गए और उन्होंने अपने एक अधिकारी को आदेश दिया कि वे मियाओ शान को रानी के बगीचे में छोड़ आएं ताकि वहां अत्याधिक सर्दी से उसकी मृत्यु हो जाए।

परन्तु इस बात से परेशान होने की अपेक्षा मियाओ शान बहुत प्रसन्न हो गयीं। उन्हें महलों की शान-शौकत के बजाय बगीचे का शांत एकांत बहुत अच्छा लगा। उनके माता-पिता, बहनों और परिवार के अन्य सदस्यों ने उन्हें बहुत समझाया परन्तु उन्होंने बुद्ध बनने के अपने स्वप्न को नहीं छोड़ा। फिर उन्होंने अपने पिता से वाइट बर्ड (White Bird) के मठ में रहने की अनुमति मांगी। राजा ने उन्हें अनुमति तो दे दी परन्तु साथ ही वहां की भिक्षुणियों को सख्त आदेश भी दिए कि वे मियाओ शान को मठ छोड़ने के लिए राज़ी करेंगी।

भिक्षुणियों ने बहुत कोशिश की लेकिन वे अपने प्रयास में असफल रहीं। फिर उन्होंने मियाओ शान को रसोई का प्रमुख बनाने का फैसला किया, यह सोचकर कि अगर वे यह कार्य करने में विफल रही तो उन्हें मठ से बर्खास्त किया जा सकता था। मियाओ शान (Miao Shan) ने ख़ुशी ख़ुशी यह दायित्व स्वीकार कर लिया जिसके फलस्वरूप स्वर्ग के गुरुओं ने प्रसन्न होकर स्वर्ग के दूतों को मियाओ शान की सहायता करने का आदेश दिया।

तब मठ के प्रधान ने राजा से अपनी बेटी को वापस बुलाने के लिए कहा। क्रोधित राजा ने पांच हजार सैनिकों को व्हाइट बर्ड (White Bird) के मठ में आग लगाने का आदेश दिया ताकि भिक्षुणियां भी उस आग में जल कर मर जाएँ। भिक्षुणियों ने ईश्वर को सहायता के लिए पुकारा और साथ ही मियाओ शान से कहा कि उनपर यह विपदा उसके कारण ही आयी है।

मियाओ शान ने इस बात पर अपनी सहमति जताई। उन्होंने घुटनों के बल बैठकर ईश्वर से प्रार्थना की और फिर बांस की एक सुई को अपने मुँह के ऊपरी हिस्से में चुभाया जिससे रक्त बहने लगा। उन्होंने उस रक्त को स्वर्ग की ओर थूक दिया। तुरंत ही आसमान में विशाल बादल इकट्ठे हो गए और बारिश होने लगी जिससे मठ में लगी आग बुझ गई। भिक्षुणियों ने घुटनों के बल बैठकर मियाओ शान को उनकी जान बचाने के लिए धन्यवाद दिया।

जब राजा को इस इस चमत्कार के बारे में पता चला तो वे और अधिक राजा क्रोधित हो गए और उन्होंने सैनिकों के प्रमुख को तुरंत मियाओ शान का सिर काटने का आदेश दिया। परन्तु फाँसी की तैयारी करते ही आसमान में बादल छा गए और एक तेज़ रोशनी ने मियाओ शान को ढक लिया। जब जल्लाद ने मियाओ शान की गर्दन पर तलवार चलानी चाही तो वह टूट गयी, जब उसने उन पर भाले से प्रहार करना चाहा तो भाला टुकड़े-टुकड़े होकर गिर गया।

इसके बाद राजा ने आदेश दिया कि एक रेशमी रस्सी से मियाओ शान का गला घोंट दिया जाये। लेकिन तभी कहीं से एक बाघ वहां आ गया जिससे जल्लाद तितर-बितर हो गए। बाघ मियाओ शान के शरीर को अपनी पीठ पर ले भागा और देवदार के जंगल में गायब हो गया।

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माउंट पु-टू (Mount P’u-t’o) पर कुआन यिन की तैंतीस मीटर ऊँची मूर्ति है, और यह पवित्र द्वीप-पर्वत कुआन यिन की भक्ति का केंद्र बन गया है।

इसके बाद मियाओ शान की जीवात्मा को निचली दुनिया, नरक, में ले जाया गया। उन्होंने वहां भी ईश्वर से प्रार्थना की और नर्क स्वर्ग में बदल गया। फिर उन्हें अपना जीवन फिर से शुरू करने के लिए पृथ्वी पर वापस भेज दिया गया। चेकियांग (Chekiang) के तट पर चुसान (Chusan) द्वीपसमूह में पवित्र द्वीप-पर्वत - पू-तो शान द्वीप (island of P’u-t’o Shan) पर वह नौ साल तक रहीं। इस समय के दौरान उन्होंने कई बीमार लोगों को ठीक किया तथा नाविकों के जहाज़ों को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचाया।

ऐसा कहा जाता है कि एक बार जब उन्हें अपने पिता की बीमार होने का पता चला तो उन्होंने अपनी बाहों के मांस से दवा बनाकर पिता को दी जिससे उनकी जान बच गई। पिता ने कृतज्ञ भाव में आदेश दिया कि मियाओ शान के सम्मान में उनकी एक मूर्ति बनाई जाए - उन्होंने कलाकार को यह भी कहा की मूर्ति में "बाहें और आँखें पूरी होने चाहियें"। कलाकार ने कुछ और ही समझा और उसने मूर्ति में "हज़ार भुजाएं और आँखें" बना दीं। आज भी कुआन यिन को कभी-कभी "हज़ार भुजाओं और हज़ार आँखों" के साथ दिखाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि वे इन हज़ार भुजाओं और आँखों से लोगों को देख पाती हैं और उनकी सहायता कर पाती हैं।

बारहवीं सदी के दौरान कुछ बौद्ध भिक्षु पू-तो शान (P’u-t’o Shan) पर रहने लगे और कुआन यिन के प्रति भक्ति सम्पूर्ण उत्तरी चीन में फैल गई। यह प्रकृतिमनोहर द्वीप (picturesque island) इस दयालु उद्धारकर्ता की पूजा का मुख्य केंद्र बन गया। चीन के दूरदराज इलाकों से ही नहीं वरन मंचूरिया, मंगोलिया और तिब्बत से भी तीर्थयात्री यहां आने लगे। एक समय ऐसा भी था जब इस द्वीप पर कुआन यिन के सौ से अधिक मंदिर थे, और एक हजार से अधिक भिक्षु यहां रहते थे। पु-तो द्वीप (P’u-t’o island) की दंतकथाओं में कुआन यिन द्वारा किए गए चमत्कारों का वर्णन है। ऐसा माना जाता है कि कुआन यिन कभी कभी यहाँ की एक गुफा में अपने भक्तों को दर्शन देती हैं।

ताइवान में परंपराएँ (Traditions in Taiwan)

ऐसा माना जाता है कि कुआन यिन अक्सर आसमान में या लहरों पर दिखाई देती हैं ताकि वह उन लोगों को बचा सके जो उन्हें खतरे में पुकारते हैं। उदाहरण के लिए, ताइवान में व्यक्तिगत कहानियाँ सुनी जा सकती हैं, जो यह बताती हैं कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जब संयुक्त राज्य अमेरिका ने जापानी कब्जे वाले ताइवान पर बमबारी की, तो वह एक युवा युवती के रूप में आसमान में दिखाई दी, उन्होंने बमों को पकड़ा और उन्हें अपने सफेद कपड़ों से ढक दिया ताकि वे फट न जाएँ।

इस प्रकार दया की देवी को समर्पित वेदियाँ हर जगह पाई जाती हैं - दुकानें, रेस्तरां, यहाँ तक कि टैक्सीकैब डैशबोर्ड पर भी। घर में उनकी पूजा पारंपरिक "पाई पाई" (pai pai) से की जाती है, जो धूपबत्ती का उपयोग करके एक प्रार्थना अनुष्ठान है, साथ ही प्रार्थना चार्ट का उपयोग भी किया जाता है - कागज़ की शीट जिस पर कुआन यिन, कमल के फूल या पगोडा की तस्वीरें बनाई जाती हैं और सैकड़ों छोटे घेरे बनाए जाते हैं। किसी रिश्तेदार, दोस्त या खुद के लिए नोवेना (novena) में पढ़ी जाने वाली प्रार्थनाओं या सूत्रों के प्रत्येक भाव (set) के साथ, एक और घेरा भरा जाता है। इस मानचित्र को "मोक्ष का जहाज" के रूप में वर्णित किया गया है, जिसके द्वारा दिवंगत आत्माओं को नरक के खतरों से बचाया जाता है और वफादारों को अमिताभ के स्वर्ग में सुरक्षित पहुँचाया जाता है। प्रार्थनाओं और प्रार्थनाओं के साथ विस्तृत सेवाओं के अलावा, कुआन यिन के प्रति भक्ति लोगों के लोकप्रिय साहित्य में कविताओं और स्तुति के भजनों में व्यक्त की जाती है।

कुआन यिन के सच्चे अनुयायी स्थानीय मंदिरों में अक्सर जाते हैं और महत्वपूर्ण अवसरों पर या जब वे किसी विशेष समस्या से जूझ रहे होते हैं तो बड़े मंदिरों की तीर्थयात्रा करते हैं। उनके सम्मान में आयोजित तीन वार्षिक त्यौहार: दूसरे महीने के उन्नीसवें दिन (उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है), छठे महीने और चीनी चंद्र कैलेंडर के आधार पर नौवें महीने में होते हैं।

आदर्श बोधिसत्व

कुआन यिन का सेवा संपादन (ministration) पर्वतों जितना प्राचीन और वास्तविक है। मानवता के साथ खड़े होने की बोधिसत्व द्वारा ली गई शपथ एक पवित्र आह्वान है। परन्तु कुआन यिन हमें आगाह भी करती हैं की हम ऐसी शपथ लेने से पहले समर्पित लोगों की सेवा के सभी पहलुओं पर अच्छी तरह सोच-विचार कर लें:

समस्त जीवों के साथ एकीकार होने के कारण हम सभी प्रकार की अभिव्यक्तियों - बहुत अच्छी से बहुत बुरी - के प्रति जागरूक हैं। एक बोधिसत्व के लिए यह उसके आदर्श काम का हिस्सा है, यह उन लोगों का भी हिस्सा है जो मानवता के साथ खड़े हैं। इस ग्रह पर ऐसे लोगों की अच्छी-खासी संख्या है, हालाँकि यह संख्या उन लोगों की संख्या में बहुत कम है जो उपद्रवी जीवन जीते हैं। बोधिसत्व एक बहुत ही उच्च और पवित्र वर्ग है, और मेरा सुझाव है कि आप इसका हिस्सा बनने से पहले अच्छी तरह सोच लें।

युगों युगों तक जब आपकी हर कोशिश के बावजूद लोग ईश्वर के मार्ग से विमुख रहते हैं, तब आपके मन में ऐसा विचार आ सकता है कि काश आपने कोई दूसरा, आसान रास्ता चुना होता, जो शायद आपको ज़्यादा संतुष्टि देता। सदियां गुज़र जाने के बाद भी जब आप देखते हैं कि जिन लोगों को आपने स्वयं अपने ह्रदय की लौ से सींचा है, वे भी निम्न सांसारिक बंधनों से मुक्त नहीं हो पाए हैं, तो आप स्वयं को ईश्वर के सामने रोता हुआ पाते हैं, और कहते हैं, "हे ईश्वर इन पथभ्रष्ट लोगों को कब बुद्धि आएगी, कब ये अपनी दिव्यता को समझेंगे[2]

Kuan Yin, seated
कुआन यिन

दया की लौ (The mercy flame)

कुआन यिन (Kuan Yin) पृथ्वी के विकास के लिए दया और करुणा के गुणों का प्रतिनिधित्व करतीं हैं। पृथ्वी पर बहुत से जीव ऐसे भी हैं जो गलतियां तो करते हैं पर उनका पूरा फल भोगने का सामर्थ्य उनमें नहीं होता। ऐसे जीवों की आत्मा दया की लौ का आह्वाहन करती है। दया का गुण मानव जाति के अपने कर्मों की वापसी को कम करता है, न्याय के हाथ को उस समय तक रोकता है जब तक कि लोग खड़े होने, सामना करने और स्वयं की मानव रचना पर विजय प्राप्त करने में सक्षम नहीं हो जाते। कुआन यिन हमें बताती हैं:

... दया प्रेम प्रकट करने का तरीका है जो जीवन के कठिन रास्तों को सुगम बनाता है, जो आकाशीय शरीर (etheric body) के घावों को ठीक करता है, मन और भावनाओं में पड़ी दरारों को भरता है, पाप को मिटाता है और संघर्ष की भावना को समाप्त करता है अन्यथा ये सब भौतिक शरीर में रोग, क्षय, विघटन और मृत्यु के रूप में प्रकट होते हैं।[3]

कुआन यिन कहती हैं, "दया ब्रह्मांड की सबसे बड़ी ताकत है क्योंकि यह ईश्वर की इच्छाशक्ति है... प्रेम से परिपूर्ण दया सभी प्रकार के भय, संदेह, अवज्ञा एवं विद्रोह को मिटा देती है। न्याय-पालन में भी दया होती है - कभी-कभी यह बहुत कठोर हो जाती है परन्तु यह हमेशा धैर्यवान और सहनशील रहती है, और यह दिल में आत्मा से मिलने की इच्छा को उभरती और बढ़ती हुई देखती है।[4] (Kuan Yin, “The Sword of Mercy,” October 10, 1969)

कुआन यिन हमें याद दिलाती हैं, "याद रखिये, जब भी आपको शक्ति, रोशनी, पवित्रता और उपचार की बहुत अधिक आवश्यकता होती है तो ईश्वर आपके ऊपर दया करते है, ये सब आपको ईश्वर की दया से ही मिल सकता है। जब ईश्वर हमारे ऊपर दया करके हमें क्षमा करते हैं तो हमें उनके कानून का पालन करने का एक नया अवसर मिलता है। क्षमा के बिना उन्नति मुश्किल है।[5] इसलिए, ईश्वर के साथ फिर से चलने के लिए हमें उनकी क्षमा की आवश्यकता है।

क्षमा की आवश्यकता

जब हम क्षमा के दिव्य आदेशों का आह्वान करते हैं, तो हमें अनुभव होता है कि हमारी उच्च चेतना ही हमारी मनोचिकित्सक, मनोवैज्ञानिक, सेवादार, पुजारी, गुरु, मित्र - सभी कुछ है। हमें प्रतिदिन अपने दिल का बोझ उतारने के लिए उच्च चेतना के पास जाना चाहिए। आदिवासी अमेरिकी (American Indians) में ऐसा करने की परंपरा थी। वे लोग रात को आग जलाकर उसके चारों ओर बैठ जाते थे और अपनी दिनचर्या की चर्चा किया करते थे। दिन भर में जो कुछ भी उनकी पसंद का नहीं हुआ वे उसे अग्नि के सुपुर्द कर दिया करते थे। वास्तव में प्रत्येक पंथ (religion) में यही सिखाया जाता है। अप्रिय बातों को अग्नि के सुपुर्द कर हम चैन की नींद सो सकते हैं। आजकल अधिकाँश लोग अनिद्रा के रोग से पीड़ित हैं, और इसका एकमात्र कारण दैनिक कर्म से रिहा न हो पाना है।

अगर हमने ऐसा कुछ किया है जो ईश्वर के मार्ग से पृथक है, उनके कानून के अनुसार नहीं है तो हमें अपनी इस गलती को स्वीकार कर, ईश्वर को इसके बारे में बताना होगा। जब तक कि हम ऐसा करके उनसे अपनी गलतियों की क्षमा नहीं मांगते, तब तक हम अपराधबोध, भय और शर्म से ग्रसित हो ईश्वर से दूर रहते हैं। सभी प्रकार की मानसिक और भावनात्मक बीमारियां, स्प्लिट पर्सनालिटीज (split personalities), माता-पिता और बच्चों के प्रति घृणा और कई अन्य समस्याएं जिनसे आधुनिक समाज आज जूझ रहा है, इन्ही कारणों से है। क्षमा ही अन्तर्मन के पास जाने का रास्ता है।

क्षमा का आह्वान हमें न केवल अपने लिए करना चाहिए वरन इसे हमें अपने जीवन के हर पहलू में लागू करने की आवश्यकता है - हम उन सभी को दिल से क्षमा करें जिन्होंने कभी भी हमारे साथ कुछ गलत किया है, और हम उन सभी से क्षमा मांगे जिनके साथ हमने कुछ भी गलत किया है। संत जरमेन (Saint Germain) ने हमें यह सिखाया है कि क्षमा हमें दिल से मांगनी चाहिए तथा क्षमा मांगते वक्त हमारा दिल प्रेम से सरोबार होना चाहिए। और यह बात - कि हम क्षमा करते हैं और हम क्षमा मांग रहे हैं और यह विनम्रता से कहना चाहिए, “मैंने गलत किया है, और मैं आपसे और भगवान से मुझे क्षमा करने के लिए कहता हूँ।”

जब हम क्षमा के दिव्य आदेशों का आह्वान करते हैं तो हमारा आभामंडल वायलेट (violet), जामुनी (purple) और गुलाबी (pink) रंगों की रोशनी से भर जाता है जिससे हमारे जीवन की सारी अप्रिय स्थितियां धुल जाती हैं। बारम्बार क्षमा मांगने और क्षमा करने से यह रंग गहरे होते जाते हैं और ऐसा तब तक होता है जब तक कि वे हमारे दिल से निकलकर दुनिया को भर नहीं देते। आप क्षमा के दिव्य आदेशों का आह्वान करते समय किसी की भी कल्पना कर सकते हैं - आपका कोई प्रियजन, बच्चा, ऐसा व्यक्ति जिसे आप अपना शत्रु मानते हैं, कोई राजनीतिक नेता, वो शहर जहाँ आप रहते हैं, आपकी सरकार, आपका देश या फिर सम्पूर्ण पृथ्वी ग्रह। कल्पना करते समय आप अपने मन की आँखों में इन सभी को क्षमा की लहरों और तरंगों में डूबा हुआ देखिये।

क्षमा के कानून द्वारा ईश्वर हमें अपनी आत्मिक चेतना को विकसित करने का अवसर देते हैं। कुआन यिन कहती हैं, "क्षमा के नियम में प्रशिक्षित होना आवश्यक है क्योंकि वास्तव में यही कुंभ युग (Aquarian age) की नींव है। परन्तु क्षमा से कर्मों का संतुलन नहीं होता। क्षमा को कर्म से अलग रख ईश्वर हमें आगे बढ़ने का एक अवसर देते हैं ताकि हम बिना किसी बोझ के अपनी रचनात्मकता का प्रयोग कर चीजों को सही कर पाएं। फिर जब आप कुछ उपलब्धियां और दक्षता प्राप्त कर आगे बढ़ते हैं, तो क्षमा के नियम के अनुसार, जो कर्म अलग कर दिया गया था वह आपको वापस मिल जाता है क्योंकि अब आप कर्म के फल को सहने में सक्षम होते हैं। अब आप आत्म-निपुणता के उस स्तर हैं जहां आपकी चेतना उन्नत अवस्था में है और कर्म का रूपानतरण (transmutation) करने में सक्षम हैं।"[6]

पापों की क्षमा और उनका रूपांतरण दो अलग चीज़ें हैं। मान लीजिये, किसी ने आपका पर्स चुराया और बाद में आपसे ये कहा कि उसे खेद है कि उसने आपका पर्स चुराया था। आप उसे माफ कर सकते हैं, लेकिन कर्म की दृष्टि से यह मामला तब तक बंद नहीं होगा, जब तक कि वह आपका पर्स एक-एक पैसे के साथ आपको वापस नहीं कर देता; पूरी क्षतिपूर्ति नहीं करता। क्षमा कर्म का संतुलन नहीं है; यह कर्मों को अलग रखना है जिससे आपको पाप के भारी बोझ के बिना चीजों को सही करने की स्वतंत्रता मिल जाए।

क्षमा ही परिपूर्ण जीवन जीने की नींव है। यह ईश्वर के प्रत्येक अंश के बीच तालमेल (harmony) बिठाने का संकल्प है। यह मुक्ति की लौ के गहन प्रेम की क्रिया है। वायलेट लौ की ऊर्जा, भगवान की ऊर्जा हमेशा स्पंदित होती रहती है, ये हमेशा चलती रहती है, और अवचेतन मन के अभिलेखों को रूपांतरित करती रहती है। आईज़ेयाह (Isaiah) कहते हैं, “तुम्हारे पाप चाहे लाल रंग के ही क्यों न हों, क्षमा से वे बर्फ की तरह श्वेत हो जाएंगे। और अगर वे लाल रंग के भी होंगे तो भी ऊन के जैसे हलके हो जाएंगे।”[7]

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दक्षिण चीन सागर के हैनान द्वीप पर कुआन यिन की १०८ मीटर (३५४ फीट) ऊंची मूर्ति (108-meter (354 ft) statue of Kuan Yin on the island of Hainan, in the South China Sea)

क्षमा करने की आवश्यकता

यदि आप स्वयं के लिए क्षमा की आशा रखते हैं, तो सर्वप्रथम आपको औरों को क्षमा करना सीखना होगा जैसा कि दिव्यगुरु ईसा मसीह ने सिखाया है। कुआन यिन कहतीं हैं, "मानव जाति का परीक्षण कई छोटे और बड़े तरीकों से किया जाता है, और जो कट्टरता कुछ लोगों की चेतना में देखी जाती है, वह भी क्षमा ना कर पाने का ही एक रूप है। जो लोग दूसरों को सिर्फ इसलिए माफ नहीं कर सकते क्योंकि वे उनके जैसे नहीं सोचते या उनका पूजा करने का तरीका नहीं अपनाते वे दिल के कठोर होते हैं, इतने कठोर कि यह कठोरता उनके प्यार की लौ को भी घेर लेती है और ज्ञान के प्रवाह को भी।[8]

दया का नियम एक दो-तरफ़ा सड़क की तरह है। इसमें एक संकेत आप भगवान को भेजते हैं और दूसरा भगवान् आपको भेजता है अर्थात यह ईश्वर के साथ आपके लेन-देन को दर्शाता है। यदि आप ईश्वर से दया की आशा रखते हैं, तो आपको भी अपने जीवन में हर एक के प्रति दया करनी होगी। दया का नियम प्रत्येक जीवात्मा की मुक्ति के लिए है। जब हम क्षमा करते हैं, तो हमें भी क्षमा मिलती है।

हमने बार-बार यह बात सुनी और पढ़ी है, "जो बीत गया उसे जाने दो, माफ करो और भूल जाओ!" यह बात बिल्कुल सत्य है। अगर आप अपने साथ हुए किसी गलत काम को याद रखते हैं तो इसका अर्थ है कि वास्तव में आपने अपने साथ गलत करने वाले को माफ़ नहीं किया है। क्षमा तब ही सफल है जब आप उस कार्य से सम्बंधित सभी अभिलेख और स्मृति अपनी चेतना से मिटा दें। कुआन यिन कहती हैं कि यदि आप ऐसा नहीं कर पाते हैं तो आपने माफ नहीं किया है, बल्कि "आपने अपना दिल कठोर कर लिया है।" आपने अवचेतन मन की गहराई में इसे संजो कर रखा हुआ है, ठीक उसी तरह जिस तरह एक गिलहरी अपने दाने संग्रहीत करती है। आपने उसे अपने आकाशीय शरीर (etheric plane) में संग्रहीत कर रखा है और अग्नि के सुपुर्द नहीं किया है। आप उसे छोड़ने को तैयार नहीं हैं, और इस कारण से जिन लोगों ने आपके साथ अन्याय किया है, और जिनके साथ आपने अन्याय किया है, आप उनमें ईश्वर की अभिव्यक्ति नहीं होने देना चाहते।[9]

मानस चित्रण के साथ शब्दों के विज्ञान का प्रयोग आपको संपूर्ण रूप से "क्षमा करने और भूल जाने" में सहायता करता है। आप एल मोरया (El Morya) द्वारा दी गई एक डिक्री कर सकते हैं:

आई ऍम फोर्गीवेनेस्स एक्टिंग हेयर ,
कास्टिंग आउट आल डाउट एंड फियर ,
सेटिंग मेंन फॉरएवर फ्री
विद विंग्स ऑफ़ कॉस्मिक विक्ट्री

(I AM forgiveness acting here, Casting out all doubt and fear, Setting men forever free With wings of cosmic victory.)

आई ऍम कालिंग इन फुल पावर
फॉर फोर्गीवेनेस्स एव्री ऑवर;
टू आल लाइफ इन एव्री प्लेस
आई फ्लड फोर्थ फॉरगिविंग ग्रेस

(I AM calling in full power, For forgiveness every hour; To all life in every place, I flood forth forgiving grace.)

प्रतिदिन यह प्रार्थना करते समय आप स्वयं को गुलाबी-वायलेट (pink-violet) रंग की दया की लपटों से घिरे हुए होने की कल्पना कीजिये, कल्पना कीजिये कि ये लपटें अतीत की गलतियों को मूल से नष्ट कर रही हैं। जब आप अपने पापों के लिए क्षमा मांगते हैं - उन पापों के लिए भी जो शायद आपने अपने पूर्व जन्मों में किये हैं तब आप स्वयं को बहुत हल्का अनुभव करते हैं, मानों सदियों का बोझ कन्धों से उतर गया हो। तब ही आप ईश्वर की कृपा और क्षमा को प्राप्त कर पाते हैं।

वायलेट रंग में कई विविधताएं हैं - आर्किड-गुलाबी (orchid-pink flower) रंग दया की लौ को दर्शाता है इसमें ईश्वर के प्रेम की गुलाबी किरण की मात्रा अधिक होती है। गहरा बैंगनी (purple) रंग ईश्वर की इच्छा को दर्शाता है इसमें ईश्वर की इच्छा की नीली किरण की मात्रा अधिक होती है। बैंगनी लौ में शुद्ध करने की बहुत शक्ति है, जब हम इसका प्रयोग हरे रंग की किरण के उपचारात्मक दिव्य आदेशों के साथ करते हैं तो हमारे चार निचले शरीर, विशेष रूप से आकाशीय शरीर (स्मृति शरीर) (etheric body) अत्यंत प्रभावी ढंग से शुद्ध और स्वस्थ हो जाता है। अवचेतन मन में गहरे दबे पूर्वजन्मों के अभिलेख भी इससे शुद्ध हो जाते हैं। इस लौ का आह्वान करने के लिए, किसी भी वायलेट लौ के दिव्य आदेशों को करे पर "वायलेट" के स्थान पर "बैंगनी" शब्द का प्रयोग करें। आम तौर पर अन्य शरीरों की अपेक्षा आकाशीय शरीर में प्रवेश करना अत्याधिक कठिन होता है - दिव्य आदेशों को छत्तीस बार दोहराना पूर्वजन्म के अभिलेखों को साफ़ और शुद्ध करने में बहुत सहायक होता है।

Painting of Kuan Yin by Ruth Hawkins
रूथ हॉकिन्स (Ruth Hawkins) द्वारा बनाया गया कुआन यिन का चित्र

कार्मिक सभा की सेवा

दया की लौ की सेवा का एक पहलू के बारे में हमें याद दिलाते हुए कुआन यिन कहती हैं

आपमें से कई लोगों के लिए मैंने कर्मों के देवी-देवता (Lords of Karma) से प्रार्थना की है कि आपको पूर्ण रूप से देहधारी होने का अवसर दिया जाए, आपको कोई जन्मजात विकृति ना हो, आप सम्पूर्ण स्वस्थ शरीर के साथ जन्म लें और किसी कर्म का भुगतान आपको अपंग या अंधा ना करे। मैंने आपकी तरफ से दया की लौ से प्रार्थना की है ताकि आप स्वस्थ मन और शरीर से ईश्वर के प्रकाश का अनुसरण कर सकें। ईश्वर जिन पर दया नहीं करते वे लोग पागलखानों में पाए जाते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि उन्हें पता चले कि एक स्वस्थ मस्तिष्क के ना होने का क्या अर्थ होता है, उन्हें ये पता चले कि दिमाग को खराब करने का क्या अर्थ है और ये सब अनुभव कर जब वे कोई अन्य जन्म लेकर पृथ्वी पर आएं तो स्वस्थ मस्तिष्क का आदर कर पाएं।

आपको इस बात का अनुभव ही नहीं है कि दया की लौ के कारण आपके जीवन में कितना संतुलन है। आपने जब जब ईश्वर को पुकारा, ईश्वर ने उत्तर दिया जिसके परिणामस्वरूप मेरे हृदय और हाथों से दया प्रवाहित हुई। मैं आपको यह बताना चाहती हूँ जब जब ईश्वर आपके ऊपर दया करते हैं तो तो आपसे यह अपेक्षा की जाती है कि आप दया के फल वितरित करें, भगवान के कार्यों और ज्ञान के मार्ग का अनुसरण करें। [10]

बोधिसत्व कुआन यिन को दया की देवी के रूप में जाना जाता है क्योंकि वह दया, करुणा और क्षमा के ईश्वरीय-गुणों को दर्शाती हैं। ये कार्मिक सभा (Karmic Board) में सातवीं किरण (वायलेट किरण) का प्रतिनिधित्व करती हैं। संत जरमेन से पहले इन्होनें दो हजार वर्षों तक सातवीं किरण के चोहान (chohan) का पद भी संभाला-संत जरमेन ने 1700 के अंतिम चरणों में यह पदभार लिया था।

इनका आकाशीय आश्रय स्थल (Her retreat)

मुख्य लेख: टेम्पल ऑफ़ मर्सी (Temple of Mercy)

कुआन यिन हजारों साल पहले पृथ्वी पर थीं। इस ग्रह को छोड़ने के समय उन्होंने मोक्ष प्राप्त करने की अपेक्षा पृथ्वीवासियों की सेवा करने का प्रण लिया, इसलिए ये बोधिसत्व बन गयीं और तब तक ये ऐसे ही रहेंगी जब तक कि सारे पृथ्वीवासी मुक्त नहीं हो जाते। इनका आकाशीय आश्रय स्थल, टेंपल ऑफ मर्सी, चीन के पेकिंग (बीजिंग) [Temple of Mercy, over Peking (Beijing), China] में हैं। वह मनुष्यों को अपने कर्म संतुलित करना, जीवन को द्विव्य योजना के अनुसार चलाना और मानवता की सेवा करना सिखाती हैं।

कुआन यिन की लौ ऑर्किड (orchids) रंग की है, जो कि ईश्वरीय प्रेम के गुलाबी रंग एवं ईश्वरीय इच्छा के नीले रंग का मिश्रण है। गुलाबी- वायलेट रंग का कमल इनका फूल है - जिसमें मध्य भाग गुलाबी और परिधि का रंग गहरा वायलेट है।

इसे भी देखिये

कुआन यिन की क्रिस्टल जपमाला (Kuan Yin’s Crystal Rosary)

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and Their Retreats, s.v. “कुआन यिन”

कुआन यिन की क्रिस्टल जपमाला पुस्तिका, परिचय।

एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट, १ जुलाई १९८८

एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट, ५ जुलाई १९९६

  1. एडवर्ड टी सी वर्नर, मिथ्स एंड लेजेंड्स ऑफ़ चाइना (Myths and Legends of China) (लंदन : Harrap, १९२२ ), दसवां अध्याय. निम्न वाक्या यहीं से लिया गया है
  2. कुआन यिन “द क्वालिटी ऑफ़ मर्सी फ़ोर द रीजेनेरशन ऑफ़ द यूंथ ऑफ़ द वर्ल्ड (The Quality of Mercy for the Regeneration of the Youth of the World),” पर्ल्स ऑफ़ विजडम (Pearls of Wisdom), १९८२ , किताब II, पृष्ठ १२०–२१.
  3. कुआन यिन,"अ पीपल एंड अ टीचिंग हूज टाइम है कम (A People and a Teaching Whose Time Has Come) १८ सितंबर १९७६।
  4. कुआन यिन, "द स्वोर्ड ऑफ़ मर्सी (The Sword of Mercy)," १० अक्टूबर १९६९।
  5. कुआन यिन, “कर्मा, मर्सी, एंड द लॉ (Karma, Mercy, and the Law),” पर्ल्स ऑफ़ विज़डम (Pearls of Wisdom), १९८२, पुस्तक II, पृष्ठ १०६
  6. कुआन यिन, "अ मदर्स-ऑइ व्यू ऑफ़ द वर्ल्ड (“A Mother’s-Eye View of the World)," पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom), १९८२ , पुस्तक २, पृष्ठ ८७.
  7. ईसा. १:१८
  8. कुआन यिन, "मर्सी: द फायर दैट ट्राइस एव्री मैन्स वर्क्स (Mercy: The Fire that Tries Every Man’s Works) " पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom), १९८२, पुस्तक 2, पृष्ठ ९५.
  9. कुआन यिन, “अ मदर्स-ऑइ व्यू ऑफ़ द वर्ल्ड (“A Mother’s-Eye View of the World),” पर्ल्स ऑफ विज्डम (Pearls of Wisdom), १९८२ , पुस्तक २, पृष्ठ ८७..
  10. कुआन यिन, “मर्सी: द फायर दैट ट्राइज़ एवरी मैन्स वर्क्स (Mercy: The Fire that Tries Every Man’s Works),” पर्ल्स ऑफ विजडम (Pearls of Wisdom), १९८२, पुस्तक 2, पृष्ठ ९६.