Translations:Zadkiel and Holy Amethyst/5/hi: Difference between revisions

From TSL Encyclopedia
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
जैडकीयल और अमेथिस्ट का पृथ्वी पर आने का एक मात्र लक्ष्य इस ज्ञान को बांटना है - जिसके द्वारा हर मनुष्य व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मार्ग द्वारा अपने नकारात्मक कर्मों से मुक्ति पा सकता है । नकारात्मकता से स्वतंत्र मनुष्य ही अपने परिवार, समाज, शहर, राज्य, देश और अपने गृह (पृथ्वी) को स्वतंत्र करवा सकता है। वायलेट फ्लेम द्वारा हम अपने नकारात्मक कर्मों  का स्वरुप बदल सकते है। [[Special:MyLanguage/decree|डिक्रीस]] ईश्वर के समान सभी प्राणियों के प्रति प्रेम का भाव, समान मनोवृत्ति रख कर तथा ईश्वर से दया एवं क्षमयाचना कर के भी हम अपने नकारात्मक कर्मों को संतुलित कर सकते हैं।
जैडकीयल और अमेथिस्ट का पृथ्वी पर आने का एक मात्र लक्ष्य इस ज्ञान को बांटना है - जिसके द्वारा हर मनुष्य व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मार्ग द्वारा अपने नकारात्मक कर्मों से मुक्ति पा सकता है । नकारात्मकता से स्वतंत्र मनुष्य ही अपने परिवार, समाज, शहर, राज्य, देश और अपने गृह (पृथ्वी) को स्वतंत्र कर सकता है। वायलेट लौ द्वारा हम अपने नकारात्मक कर्मों  का स्वरुप बदल सकते है। [[Special:MyLanguage/decree|डिक्रीस]] ईश्वर के समान सभी प्राणियों के प्रति प्रेम का भाव, समान मनोवृत्ति रख कर तथा ईश्वर से दया एवं क्षमयाचना कर के भी हम अपने नकारात्मक कर्मों को संतुलित कर सकते हैं।

Revision as of 12:14, 7 October 2023

Information about message (contribute)
This message has no documentation. If you know where or how this message is used, you can help other translators by adding documentation to this message.
Message definition (Zadkiel and Holy Amethyst)
Zadkiel and Holy Amethyst are here for one purpose: to help us secure our individual freedom so that when we are free, we can free our households, our towns, our nations, our planet. The main block to our freedom is our negative karma. We can transmute it with the violet-flame [[Special:MyLanguage/decree|decree]]s. We can also balance negative karma by sending forth divine love and compassionately-human love and calling upon the law of mercy and forgiveness.

जैडकीयल और अमेथिस्ट का पृथ्वी पर आने का एक मात्र लक्ष्य इस ज्ञान को बांटना है - जिसके द्वारा हर मनुष्य व्यक्तिगत स्वतंत्रता के मार्ग द्वारा अपने नकारात्मक कर्मों से मुक्ति पा सकता है । नकारात्मकता से स्वतंत्र मनुष्य ही अपने परिवार, समाज, शहर, राज्य, देश और अपने गृह (पृथ्वी) को स्वतंत्र कर सकता है। वायलेट लौ द्वारा हम अपने नकारात्मक कर्मों का स्वरुप बदल सकते है। डिक्रीस ईश्वर के समान सभी प्राणियों के प्रति प्रेम का भाव, समान मनोवृत्ति रख कर तथा ईश्वर से दया एवं क्षमयाचना कर के भी हम अपने नकारात्मक कर्मों को संतुलित कर सकते हैं।