Etheric plane/hi: Difference between revisions
(Created page with "'''निचला आकाशीय स्तर''' सूक्ष्म/मानसिक/भौतिक पट्टियों को आच्छादित करता है। यह निचली दुनिया में रहने वाले मिथ्या पदाक्रम के लोगों के नियंत्रण में है और उनकी दूषित Special:MyLangua...") |
(Created page with "== अधिक जानकारी के लिए ==") |
||
Line 6: | Line 6: | ||
'''निचला आकाशीय स्तर''' सूक्ष्म/मानसिक/भौतिक पट्टियों को आच्छादित करता है। यह निचली दुनिया में रहने वाले [[Special:MyLanguage/false hierarchy|मिथ्या पदाक्रम]] के लोगों के नियंत्रण में है और उनकी दूषित [[Special:MyLanguage/mass consciousness|सामूहिक चेतना]] से परिपूर्ण है। | '''निचला आकाशीय स्तर''' सूक्ष्म/मानसिक/भौतिक पट्टियों को आच्छादित करता है। यह निचली दुनिया में रहने वाले [[Special:MyLanguage/false hierarchy|मिथ्या पदाक्रम]] के लोगों के नियंत्रण में है और उनकी दूषित [[Special:MyLanguage/mass consciousness|सामूहिक चेतना]] से परिपूर्ण है। | ||
== | <span id="For_more_information"></span> | ||
== अधिक जानकारी के लिए == | |||
Elizabeth Clare Prophet, “On Dealing with Death, Discarnates and Malevolent Spirits, Part III” (audio and video recording). | Elizabeth Clare Prophet, “On Dealing with Death, Discarnates and Malevolent Spirits, Part III” (audio and video recording). |
Revision as of 08:57, 8 February 2024
पदार्थ के आयाम में उच्चतम तल; एक ऐसा तल जो भौतिक तल की तरह ही ठोस और वास्तविक है, लेकिन इसे जीवात्मा की इंद्रियों और भौतिक जागरूकता से परे चेतना के माध्यम से अनुभव किया जा सकता है। वह स्तर जिस पर मानव जाति के संपूर्ण विकास के आकाशीय अभिलेख व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूपों में दर्ज होते हैं।
यह दिव्यगुरूओं और उनके आश्रय स्थल, प्रकाश के आकाशीय शहरों की दुनिया है जहां उच्च आध्यात्मिक स्तर प्राप्त की हुई जीवात्माएं पृथ्वी पर अपने विभिन्न जन्मों के बीच के समय में रहती हैं। यह वास्तविकता का धरातल है, जो पृथ्वी पर मनुष्यों और शैतानों द्वारा बनाये गए घृणित, पापी/ बीमार समाज से भिन्न है। यहां स्वर्ण युग का काल है, यहां हर जगह भगवान की उपस्थिति मह्सूस होती है। यहां देवदूत और सृष्टि देव भगवान के बच्चों के साथ मिलकर आपसी सद्भाव से काम करते हैं ताकि एक सार्वभौमिक चैतन्य साम्राज्य की स्थापना हो पाए। इस प्रकार यह पृथ्वी और स्वर्ग के बीच स्थित ईश्वर के साम्राज्य का आयाम है, जहां पवित्र आत्माएं वास करती हैं।
निचला आकाशीय स्तर सूक्ष्म/मानसिक/भौतिक पट्टियों को आच्छादित करता है। यह निचली दुनिया में रहने वाले मिथ्या पदाक्रम के लोगों के नियंत्रण में है और उनकी दूषित सामूहिक चेतना से परिपूर्ण है।
अधिक जानकारी के लिए
Elizabeth Clare Prophet, “On Dealing with Death, Discarnates and Malevolent Spirits, Part III” (audio and video recording).
See also
Sources
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.