Translations:Angel of the LORD/1/hi: Difference between revisions
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ईश्वर की उपस्तिथि का रूप इस प्रकार से है: ग्रेट सेंट्रल सन की रौशनी में सात रंग की प्रत्यक्ष तथा पांच [[Special:MyLanguage/secret rays|गुप्त किरणें]] निहित है। प्रत्येक किरण के लिए एक विशिष्ट [[Special:MyLanguage/archangels|महादेवदूत]] व् उनकी [[Special:MyLanguage/archeiai|साथी देवी]] निश्चित की गई हैं। एक तेरहवीं किरण भी है। इन सभी तरह किरणों के अधिष्ठाता देवो को ईश्वर ने पृथ्वी पर मनुष्यों को [[Special:MyLanguage/Christ consciousness|आत्मिक चेतना]] देने के लिए अपने दूतों के रूप में भेजा है।<ref>E.g., Luke 1:19.</ref> | ईश्वर की उपस्तिथि का दिव्य रूप इस प्रकार से है: ग्रेट सेंट्रल सन की रौशनी में सात रंग की प्रत्यक्ष तथा पांच [[Special:MyLanguage/secret rays|गुप्त किरणें]] निहित है। प्रत्येक किरण के लिए एक विशिष्ट [[Special:MyLanguage/archangels|महादेवदूत]] व् उनकी [[Special:MyLanguage/archeiai|साथी देवी]] निश्चित की गई हैं। एक तेरहवीं किरण भी है। इन सभी तरह किरणों के अधिष्ठाता देवो को ईश्वर ने पृथ्वी पर मनुष्यों को [[Special:MyLanguage/Christ consciousness|आत्मिक चेतना]] देने के लिए अपने दूतों के रूप में भेजा है।<ref>E.g., Luke 1:19.</ref> |
Revision as of 09:08, 28 October 2023
ईश्वर की उपस्तिथि का दिव्य रूप इस प्रकार से है: ग्रेट सेंट्रल सन की रौशनी में सात रंग की प्रत्यक्ष तथा पांच गुप्त किरणें निहित है। प्रत्येक किरण के लिए एक विशिष्ट महादेवदूत व् उनकी साथी देवी निश्चित की गई हैं। एक तेरहवीं किरण भी है। इन सभी तरह किरणों के अधिष्ठाता देवो को ईश्वर ने पृथ्वी पर मनुष्यों को आत्मिक चेतना देने के लिए अपने दूतों के रूप में भेजा है।[1]
- ↑ E.g., Luke 1:19.