अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega)
ग्रेट सेंट्रल सन में स्थित अल्फा ईश्वर का सबसे महानतम रूप है। ओमेगा, जो माँ का ईश्वरीय स्वरुप है, अल्फा की पूरक हैं। धर्मदूत जॉन (John the Beloved) ने इनके बारे में रहस्योद्घाटन किताब (Book of Revelation) में लिखा है। उन्होंने कहा है कि अल्फा और ओमेगा प्रारम्भ और अंत दोनों में निहित हैं। ये दोनों मिलकर सभी जीवन चक्रों की शुरुआत तथा उनके अंत पर ध्यान केंद्रित करते हैं। ये चौकोर नगर (City Foursquare) के केंद्र (the Hub) के मध्य भाग में शासन करते हैं और सूरज के बारह सोपानों (twelve hierarchies of the Sun) की अध्यक्षता भी करते हैं।
पृथ्वी पर क्रमिक विकास की पद्धति में, अल्फा और ओमेगा ग्रेट सेंट्रल सन में स्थित हैं तथा ये पिता और माता का ईश्वरीय रूप कहलाते हैं। अल्फा प्रथम किरण तथा ओमेगा सातवीं किरण पर विराजमान हैं। यह समरूप जोड़ी देवता की पुरुषोचित एव स्त्रियोचित ध्रुवी का महानतम रूप है।
अल्फा ईश्वर का पिता के रूप का मानवीकरण है। अल्फा ने कहा है:
जैसा की हमने घोषित किया था: हम अपना (ईश्वर का) कानून आपके दिल और दिमाग में लिखते हैं।[1]“अहम्” शब्द में ईश्वर का कानून, स्नेह का कानून झलकता है। मैं स्रोत को दर्शाता हूँ, जैसे की नंबर १ और शब्द “मै”। मेरी जोड़ीदार ओमेगा मेरी पूरक है इसीलिए वो “आह-म-एगा” कहलाती है।
मैं ओमेगा—शुरुआत और अंत[2]— ये घोषणा करती हूँ कि बहती हुई ये जीवन की लहरें जिनसे समस्त ब्रह्माण्ड की रचना हुई है एक ऐसा वरदान हैं जिसके द्वारा हम आपको तथा संसार की अन्य सभी जीवों को अपना स्नेह देते हैं और सभी को एकता और परम आनंद के सूत्र में बांधे भी रखते हैं।[3]
अल्फा और ओमेगा हमारे संसार के विकास क्रम में सबसे ऊपर की कड़ी हैं परन्तु ये दोनों बहुत ही विनम्र है। प्रसिद्ध नीले रंग का फूल फॉरगेट मी नॉट इनकी उपस्थिति दर्शाता है - वो इसलिए क्योकि ईश्वर की सभी कृतियों में ये पूरी तरह से अभिमान रहित कृति है। इसी वजह से ये शासन करने के लिए पूरी तरह से उपयुक्त है।
इनका आह्वान कैसे करें
एल मोरया (El Morya) ने हमसे कहा है कि डिक्री करते समय हम अल्फा और ओमेगा का आह्वान अवश्य करें:
मैं ओमेगा हूँ। मैं अल्फा हूँ जहाँ मैं खड़ा हूँ। आशा करते हैं की आप भी यह परम सत्य जान लें तथा इसका ऐलान करें! जब आप इस परम सत्य की घोषणा करते हैं तब आप अपनी विजय की आज्ञा भी देते हैं। जब आप ऐसा कह कर डिक्री करते हैं तो आप अल्फा और ओमेगा को स्वयं के अंदर महसूस करेंगे, आप महसूस करेंगे कि आपका सहारा लेकर अल्फा और ओमेगा ही बोल रहे हैं, संसार में बदलाव ला रहे हैं, संसार की उलझनों को सुलझा रहे हैं, विकास में सहायता कर रहे हैं और इस पृथ्वी की संपूर्ण रूप से कायाकल्प कर रहे हैं।[4]
मदर मेरी ने कहा है:
आप ये याद रखें की जब आप अल्फा और ओमेगा का आह्वान करते हैं, उनका नाम लेते हैं आप अपने अंदर एक ऊर्जा और शक्ति महसूस करेंगे, यह ऊर्जा और शक्ति ग्रेट वाइट ब्रदरहुड के सभी सदस्यों द्वारा गुणा की जाती है।[5]
इसे भी देखिये
Sources
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and Their Retreats, s.v. “Alpha and Omega.”