पारंपरिक दृष्टि से थेरवाद मठ में रहनेवालों की जीवन शैली पर केंद्रित है , यह दूसरों की मदद करने के लिए आत्म-बलिदान और व्यक्तिगत ज्ञान की आवश्यकता पर जोर देता है। उनका लक्ष्य एक अर्हत (arhat)- सिद्ध शिष्य - बनना और निर्वाण (Nirvana) प्राप्त करना है।