आत्मिक स्वरूप (Higher Self)
ईश्वरीय स्वरुप; आत्मिक स्वरूप; अहम्/स्वत्व का उत्कृष्ट पहलू।
इस शब्द का उपयोग "निम्न अहम्" या "लघु अहम्" के विपरीत किया जाता है जो उस जीवात्मा (soul) के बारे में बताता है जो आध्यात्मिक उत्थान की ओर अग्रसर है, ईश्वर के बारे में जागरूक है और अपनी इच्छा से अपने आत्मिक स्वरूप की संपूर्णता में लौटना चाहती है।
उच्च चेतना (Higher consciousness)
इसे भी देखिये
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation