Zadkiel and Holy Amethyst/hi: Difference between revisions

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जेडकीयल और अमेथिस्ट सातवीं लौ के [[Special:MyLanguage/archangel|महादेवदूत]] और उनकी दिव्य सहायिका हैं जो हमें  [[Special:MyLanguage/alchemy|रसायन विद्या]],[[Special:MyLanguage/transmutation|रूपांतरण क्रिया]],माफ़ करने की क्षमता और न्याय करने का साहस इन सभी गुणों द्वारा हमें भगवान् से जोड़ते हैं। ये वही गुण हैं जो [[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जर्मैन]] और उनकी [[Special:MyLanguage/twin flame|समरुप जोड़ी]],[[Special:MyLanguage/Portia|पोरशिया]] हमें सिखाते हैं।  ये हमें [[Special:MyLanguage/seat-of-the-soul chakra|स्वाधिष्ठान चक्र]] के बारे में  
जैडकीयल सातवीं किरण के [[Special:MyLanguage/archangel|महादेवदूत]] हैं और अमेथिस्ट उनकी दिव्य सहायिका। ये हमें  [[Special:MyLanguage/alchemy|रसायन विद्या]], [[Special:MyLanguage/transmutation|रूपांतरण क्रिया]], माफ़ करने की क्षमता और न्याय करने का साहस इन सभी गुणों द्वारा भगवान से जोड़ते हैं। ये वही गुण हैं जो [[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जरमेन ]] और उनकी [[Special:MyLanguage/twin flame|समरुप जोड़ी]] [twin flame],
बताते हैं जिसका रंग वायलेट है। सातवीं लौ का दिन शनिवार है, जब हम इस दिन जेडकीयल और अमेथिस्ट की अर्चना करते हैं तो हमें उनके कारण शरीर से अत्यधिक मात्रा मैं वायलेट उर्जा और ब्रह्माण्ड की चेतना प्राप्त होती है।
[[Special:MyLanguage/Portia|पोरशिया]] हमें सिखाते हैं।  ये हमें [[Special:MyLanguage/seat-of-the-soul chakra|स्वाधिष्ठान चक्र]] के बारे में  
बताते हैं जिसका रंग वायलेट है। सातवीं किरण का दिन शनिवार है, जब हम इस दिन जैडकीयल और अमेथिस्ट की अर्चना करते हैं तो हमें उनके कारण शरीर से अत्यधिक मात्रा में वायलेट उर्जा और ब्रह्माण्ड की चेतना प्राप्त होती है।


अपने आश्रयस्थल में महादेवदूत जेडकियल सभी मनुष्यों को ईश्वरीय गुणों में शिक्षित करते हैं ताकि वे [[Special:MyLanguage/Melchizedek|आर्डर ऑफ़ मेलचेजड़ेक]] के अंतर्गत ईश्वर के पुजारी और पुजारिन बन पाएं।  जिन दिनों [[Special:MyLanguage/Atlantis|एटलांटिस महाद्वीप]] इस संसार में विद्यमान था, संत जर्मैन और  [[Special:MyLanguage/Jesus|जीसस क्राइस्ट]] दोनो ने ही महादेवदूत जेडकियल के आश्रयस्थल में शिक्षा प्राप्त की थी। जेडकियल ने ही इन दोनों को पुजारी के रूप में दीक्षित किया था।
अपने आश्रयस्थल में महादेवदूत जैडकीयल सभी मनुष्यों को ईश्वरीय गुणों में शिक्षित करते हैं ताकि वे [[Special:MyLanguage/Melchizedek|आर्डर ऑफ़ मेल्कीज़डेक ]](Order of Melchizedek) के अंतर्गत ईश्वर के पुजारी और पुजारिन बन पाएं।  जिन दिनों [[Special:MyLanguage/Atlantis|एटलांटिस महाद्वीप]] इस संसार में विद्यमान था, संत जरमेन और  [[Special:MyLanguage/Jesus|ईसा मसीह]] दोनो ने ही महादेवदूत जैडकीयल के आश्रयस्थल से शिक्षा प्राप्त की थी। जैडकीयल ने ही इन दोनों को पुजारी के रूप में दीक्षित किया था।


जेडकीयल शब्द का अर्थ है 'ईश्वरीय धर्म'। रबी परंपरा के अनुसार, जेडकीयल करुणा, स्मृति और परोपकार के दूत हैं। कुछ अन्य परम्पराओं के अनुसार, जेडकीयल ही वह दूत थे जिन्होंने  [[अब्राहम]]’ को स्वयं के पुत्र की बलि देने से रोका था। जेडकीयल की सम्ररूप जोड़ीदार  लेडी मास्टर पोर्शिआ उन दूतों में से एक थी जिन्होंने जीसस क्राइस्ट को गेत्समनी के बाग में सहायता की थी।
जैडकीयल शब्द का अर्थ है 'ईश्वरीय धर्म'। रब्बी परंपरा के अनुसार, जैडकीयल करुणा, स्मृति और परोपकार के दूत हैं। कुछ अन्य परम्पराओं के अनुसार, जैडकीयल ही वह दूत थे जिन्होंने  [[Special:MyLanguage/Abraham|अब्राहम]]’ को अपने पुत्र, इसहाक की बलि देने से रोका था। जैडकीयल की समरुप जोड़ी अमेथिस्ट उन दूतों में से एक थी जिन्होंने ईसा मसीह को गेत्समनी के बाग (Garden of Gethsemane) में सहायता की थी।


<span id="The_use_of_the_seventh_ray"></span>
== सातवीं किरण के उपयोग ==
== सातवीं किरण के उपयोग ==


जेडकीयल और अमेथिस्ट का सिर्फ एक ध्येय है - मनुष्यों को व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मार्ग दिखाना, इसका अर्थ यह है की प्रत्येक मनुष्य स्वयं के नकारात्मक कर्मों से मुक्तिं पा ले। नकारात्मकता से स्वतंत्र मनुष्य ही अपने परिवार, समाज, शहर, राज्य, देश और अपने गृह (पृथ्वी) को स्वतंत्र करवा सकता है। वायलेट फ्लेम द्वारा हम अपने नकारात्मक कर्मों का स्वरुप बदल सकते है। [[Special:MyLanguage/decree|डिक्रीस]] ईश्वर के सामान सभी प्राणियों के प्रति प्रेम का समभाव, समान मनोवृत्ति रख कर तथा ईश्वर से दया एवं क्षमयाचना कर के भी हम अपने नकारात्मक कर्मों को संतुलित कर सकते हैं।
जैडकीयल और अमेथिस्ट का पृथ्वी पर आने का एक मात्र लक्ष्य इस ज्ञान को बांटना है जिसके द्वारा हर मनुष्य मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर चल कर अपने नकारात्मक कर्मों से मुक्ति पा सकता है। नकारात्मकता से मुक्त मनुष्य ही अपने परिवार, समाज, शहर, राज्य, देश और अपने गृह (पृथ्वी) को मुक्त कर सकता है। हमारे नकारात्मक कर्म ही मुक्ति के मार्ग में बाधा बन जाते है। वायलेट लौ के [[Special:MyLanguage/decree|दिव्य आदेशों ]] (Decrees) के द्वारा हम अपने नकारात्मक कर्मों  का स्वरुप बदल सकते है। हम अपने नकारात्मक कर्मों  को  सभी प्राणियों के प्रति प्रेम का भाव, समान मनोवृत्ति रख कर तथा ईश्वर से दया एवं क्षमयाचना कर के भी संतुलित कर सकते हैं।


महादेवदूत जेडकीयल कहते हैं की जब भी कोई व्यक्ति पवित्र [[Special:MyLanguage/violet flame|वायलेट फ्लेम]] का आह्वाहन करता है, वह स्वयं तथा अन्य दिव्यगुरु देखते हैं की :  
महादेवदूत जैडकीयल कहते हैं की जब भी मनुष्य पवित्र [[Special:MyLanguage/violet flame|वायलेट लौ]] का आह्वाहन करता है, तब  वह और अन्य दिव्यगुरु आतंरिक स्तर से देखते हैं कि :  


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कोई व्यक्ति अपने कर्मों को संतुलित करने का कितना प्रयत्न कर रहा है। सदियों से एकत्र हुए जनम-जन्मांतर के नकारात्मक कर्म को संतुलित करना कोई आसान काम नहीं है, पर आप कितनी प्रबल इच्छा से यह करने का प्रयत्न कर रहे हैं, ये हम देखते हैं। और इतनी कोशिश होते हुए देखकर हमें बहुत अच्छा लगता है। नकारात्मकता के बीच झूलते हुए आप कितने कठिन प्रयास से ईश्वर की और कदम बढ़ाते हैं, ये मायने रखता है और यह ही हमें प्रसन्न भी करता है।
मनुष्य अपने सदियों से एकत्र हुए जन्म - जन्मांतर के नकारात्मक कर्मो को संतुलित करने का कितना प्रयास कर रहा है। उसे इतनी कोशिश करते हुए देखकर हमें बहुत अच्छा लगता है। अद्भुत बात तो यह है कि नकारात्मक विचारो से घिरे होने के बावजूद भी आप वायलेट लौ का आवाहन करने का निर्णय लेते हैं।


 
जब आप ऐसा करते हैं तो सातवीं किरण की शक्तिशाली ऊर्जा एक अत्यधिक विशाल इलेक्ट्रोड (electrode) का रूप लेकर आपके चारों ओर फैल जाती है,और वायलेट लौ के सभी देवदूत आपके चारों तरफ इकट्ठा हो जाते हैं। अपने खुले हाथों से वे सभी आपकी तरफ वायलेट किरण का प्रकाश भेजते हैं जो आपके शरीर के प्रभामंडल को प्रज्वलित करता हैं जिससे आपकी सभी नकारात्मक स्थितियां समाप्त हो जाती हैं। ऐसा होते ही आपके दिल और दिमाग दोनों से नकारात्मक विचार ख़त्म हो जाते हैं! <ref>महादेवदूत जैडकीयल, ३१ दिसंबर, १९६८, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कथित, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च, १९९६.</ref>
जब आप ऐसा करते हैं तो सातवीं किरण की शक्तिशाली ऊर्जा एक अत्यधिक विशाल इलेक्ट्रोड का रूप लेकर आपके चारों ओर फैल जाती है, और वायलेट फ्लेम के सभी दूत गण आपके चारों तरफ इकट्ठा हो जाते हैं। अपने खुले हाथों से वे सभी आपकी तरफ वायलेट फ्लेम भेजते हैं जो की आपके शरीर के प्रभामंडल को प्रज्वलित करते हैं जिस से की आपकी सभी नकारात्मक स्थितियां समाप्त हो जाती हैं। ऐसा होते ही आपके दिल और दिमाग दोनों से नकारात्मक विचार ख़त्म हो जाते हैं! <ref>महादेवदूत जेडकीयल, ३१ दिसंबर, १९६८, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कथित, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च, १९९६.</ref>
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जेडकीयल कहते हैं की वायलेट फ्लेम एक सार्वभौमिक द्रव्य है जिसकी खोज विश्व भर के रसायन शास्त्री सदियों से करते आ रहे थे। <ref>रसायन शास्त्र मध्यकालींन युग की विद्या है। शुरुआत में रसायन शास्त्री इस कोशिश में रहते थे की वे किसी तरह धातुओं को सोने में बदल पाएं, विभिन्न रोगों के लिए कोई कारगर उपाय खोज पाएं जिससे की इंसान की उम्र लम्बी और जीवन निरोग हो जाए । मोटे तौर पे देखें तो “रसायन विद्या किसी सामान्य सी वस्तु को बेहद ख़ास बनाने की प्रक्रिया है; एक ऐसी प्रक्रिया जो अत्यंत अतरंगी है और जिसका वर्णन करना बेहद कठिन।” रसायन शास्त्र स्वयं में परिवर्तन करने का विज्ञानं है।</ref> वे कहते हैं:  
जैडकीयल कहते हैं कि वायलेट लौ एक लौकिक द्रव्य है जिसकी खोज विश्व भर के रसायन शास्त्री सदियों से करते आ रहे थे। <ref>रसायन शास्त्र मध्यकालीन युग की विद्या है। शुरुआत में रसायन शास्त्री इस कोशिश में रहते थे की वे किसी तरह आधार  धातुओं को सोने में बदल पाएं, विभिन्न रोगों के लिए कोई लौकिक उपाय खोज पाएं जिससे इंसान की उम्र लम्बी और जीवन निरोग हो जाए । विस्तृत रूप से देखें तो “रसायन विद्या किसी सामान्य सी वस्तु को बेहद ख़ास बनाने की प्रक्रिया है; एक ऐसी प्रक्रिया जो रहस्यमयी है और जिसका वर्णन करना बेहद कठिन है।” रसायन शास्त्र आत्म-परिवर्तन करने का विज्ञान है।</ref> वे कहते हैं:  


<blockquote>मेरे ह्रदय में रसायन शास्त्र के समस्त रहस्य हैं। आप चाहें तो इनका आह्वाहन कीजिये। आप ऐसा करेंगे तो मैं सहर्ष इन सभी रहस्यों को आप तक पहुंचा दूंगा। <ref>महादेवदूत जेडकीयल, दिसंबर ३०, १९८० एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” मार्च २, १९९६.</ref></blockquote>
<blockquote>मेरे ह्रदय में रसायन शास्त्र के रहस्य हैं। आप चाहें तो इनका आह्वाहन कीजिये। मैं इन सभी रहस्यों को आपकी प्रार्थना के जवाब में आप तक पहुंचा दूंगा। <ref>महादेवदूत जैडकीयल, दिसंबर ३०, १९८० एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” मार्च २, १९९६.</ref></blockquote>


वायलेट फ्लेम आपको शारीरिक रूप से भी सहायता करती है। जेडकीयल और अमेथिस्ट कहते है:
वायलेट लौ शरीर को मजबूत बनाने में आपकी मदद करती है। जैडकीयल और अमेथिस्ट कहते हैं:


<blockquote>आप किसका इंतज़ार कर रहे हैं जबकि आपकी ज़िन्दगी की लौ धीरे धीरे बुझती जा रही है ? आप वायलेट फ्लेम का इस्तेमाल कर के अपने शरीर को स्फूर्ति प्रदान कर सकते हैं। क्या आपको लगता है की ईश्वर आपके शरीर के अणुओं और कोशिकाओं को पुनः सक्रिय कर सकते हैं? ईश्वर आपके पूरे शरीर को वायलेट फ्लेम से नहला कर आपको शाश्वत यौवन की दीप्ति दे सकते हैं!<ref>अमेथिस्ट, ६ दिसंबर १९६०, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च १९९६.</ref></blockquote>
<blockquote>आप क्यों और किसका इंतज़ार कर रहे हैं जबकि आपकी ज़िन्दगी की लौ धीरे धीरे बुझती जा रही है? आप वायलेट लौ के दिव्य आदेशों का आह्वाहन करके आप अपने शरीर को स्फूर्ति प्रदान कर सकते हैं। क्या आपको लगता है कि ईश्वर आपके शरीर के अणुओं और कोशिकाओं को पुनः सक्रिय करने में असमर्थ हैं? वह आपके पूरे शरीर को वायलेट लौ से नहला कर आपको शाश्वत यौवन प्रदान कर सकते हैं!<ref>अमेथिस्ट, ६ दिसंबर १९६०, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च १९९६.</ref></blockquote>


संत जर्मैन हमें बताते हैं की सदा आनंदित रहना हमारे जीवन की उद्देश्य है, और वायलेट फ्लेम आनंद प्राप्त करने का माध्यम। वायलेट फ्लेम के दो प्रमुख गुण दया और क्षमा के भाव हैं। अगर आप वायलेट फ्लेम की रूपांतरण की ताकत का सबसे अधिक लाभ पाना चाहते हैं तो आप उन सब को वायलेट फ्लेम भेजिए जिनके साथ आपने कभी गलत किया हो। अगर आप यह नहीं जानते की जिस व्यक्ति के साथ आपने गलत किया है वो कहाँ है, तो आप उस व्यक्ति के नाम एक क्षमा प्रार्थना का पत्र लिखिए, और फिर उस पत्र को जला दीजिये। आप उन सभी के पास भी वायलेट फ्लेम भेजिए जिन्होंने आपके साथ कभी भी कुछ भी गलत किया है। ऐसा करने के दोनों की तरफ से क्षमा करने के द्वार खुल जाते हैं। अपने सभी दर्द और दुःख वायलेट फ्लेम में जला दीजिये। [[लॉ ऑफ़ फोर्गीवेनेस्स]] का आह्वाहन कीजिये ।
संत जरमेन हमें बताते हैं कि सदा आनंदित रहना ही हमारे जीवन का उद्देश्य है, और वायलेट लौ आनंद प्राप्त करने का माध्यम। दया और क्षमा इस लौ के दो प्रमुख गुण हैं। अगर आप वायलेट लौ की रूपांतरण की शक्ति का सबसे अधिक लाभ पाना चाहते हैं तो आप उन सब को वायलेट लौ भेजिए जिनके साथ आपने कभी गलत किया हो। अगर आप यह नहीं जानते की जिस व्यक्ति के साथ आपने गलत किया है वो कहाँ है, तो आप उस व्यक्ति के नाम एक क्षमा प्रार्थना का पत्र लिखिए, और फिर उस पत्र को जला दीजिये। आप उन सभी के पास भी वायलेट लौ भेजिए जिन्होंने आपके साथ कभी भी कुछ भी गलत किया है। ऐसा करने से दोनों की तरफ से क्षमा करने के द्वार खुल जाते हैं। दुख और मनोव्यथा के कारण, प्रभाव, आलेख और स्मृति अपने मन से निकल दीजिये। अपने सभी दर्द और दुख वायलेट लौ में जला दीजिये। [[Special:MyLanguage/Law of forgiveness|क्षमा का नियम]] (Law of forgiveness) के दिव्य आदेशों का आह्वाहन कीजिये ।


== Miracles through the violet flame ==
<span id="Miracles_through_the_violet_flame"></span>
== वायलेट लौ के चमत्कार ==


The angels can create miracles in our lives, but we have to call them into action to do just that.
देवदूत हमारे जीवन में कई चमत्कार कर सकते हैं परन्तु वो ऐसा तभी कर सकते हैं जब हम उन्हें पुकारें और ऐसे करने के लिए कहें।


Zadkiel explains that according to cosmic law the angels may not intercede in the affairs of men unless people pray to them and '''give them specific assignments'''. At this very moment angels are waiting for your direction. This law is based on our Father-Mother God’s recognition of free will. Unless you ask God to intercede in your behalf, he, by his own decree, will not, and does not, break that covenant of free will and enter into your life uninvited.
जैडकीयल का कहना है की देवदूतों को ब्रह्मांडीय नियमों का पालन करना होता है। इन्ही ब्रह्मांडीय नियमों के तहत ईश्वर ने इंसानों को स्वेच्छा (Free Will) का वरदान दिया है। ईश्वर स्वयं भी अपनी दिए हुए इस वरदान का सम्मान करते हैं और वे कभी भी इंसान के किसी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करते। ईश्वर हमारी सहायता के लिए तभी आते हैं, जब हम उनसे आग्रह करते हैं। देवदूत भी ब्रह्मांडीय नियमों से बंधे हैं, वे भी तब तक मनुष्यों के जीवन में दखल अंदाजी नहीं करते जब तक की उन्हें पुकारा नहीं जाता। जब मनुष्य उन्हें पुकार कर अपनी किसी कठिन परिस्थिति को सुलझाने की प्रार्थना करते हैं तो वे ख़ुशी-ख़ुशी उनकी सहायता करते हैं। जैडकीयल कहते हैं की देवदूत सदैव् मनुष्यों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं।


Zadkiel says:
जैडकीयल कहते हैं:


<blockquote>When you invoke the light of our violet-flame legions, know that millions of angels of the seventh ray respond to your call immediately. We see the rise, the fall and the ebb of the tide of world karma daily as Keepers of the Flame worldwide do invoke the violet flame and therefore mitigate the effects of mass karma.<ref>Archangel Zadkiel, October 6, 1987, quoted by Elizabeth Clare Prophet, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” March 2, 1996.</ref></blockquote>
<blockquote>आप इस बात को अच्छी तरह समझिये कि जब आप वायलेट लौ के देवदूतों के समूहों का आह्वाहन करते हैं तो लाखों की संख्या में सातवीं किरण के देवदूत मदद के लिए आपकी तरफ अग्रसर होते हैं। हम पृथ्वी पर कर्मों का खेल देखते हैं - कभी अच्छे कर्म ज़्यादा होते हैं और कभी बुरे। हम यह भी देखते हैं की किस तरह वायलेट लौ के संरक्षक प्रतिदिन इसका आह्वाहन करके संपूर्ण विश्व के बुरे कर्मों घटाते हैं। <ref>महादेवदूत जैडकीयल  ६ अक्टूबर, १९८७, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च, १९९६।</ref></blockquote>


How can we be effective in creating miracles to change world conditions?
किस तरह हम विश्व की परिस्तिथियों को प्रभावी तौर से बदल सकते हैं?


<blockquote>The violet-flame legions of light are warriors of the Spirit who can meet any condition of planet Earth. We are reinforcements ... nearest the physical octave because the violet flame is the most physical flame.<ref>Archangel Zadkiel, {{POWref|32|17|, April 23, 1989}}</ref></blockquote>
<blockquote>वायलेट लौ के देवदूत परमात्मा के सैनिक हैं जो पृथ्वी पर होने वाली हर एक घटना का सामना करने में समर्थ हैं। ये एक तरह से पृथ्वी के सबसे समीप, और पृथ्वी के लिए अतिरिक्त सैन्य शक्ति है। पृथ्वी एक भौतिक ग्रह है और वायलेट लौ पृथ्वी के सबसे नज़दीक की भौतिक अग्नि।  <ref>महादेवदूत जैडकीयल, {{POWref|32|17|, २३ अप्रैल, १९८९}}</ref></blockquote>


'''Second, be specific.''' Archangel Zadkiel and Holy Amethyst say:  
'''दूसरी बात है कि अपनी प्रार्थना को आप विस्तार से कहिये।''' महादेवदूत जैडकीयल और अमेथिस्ट कहते हैं:  


<blockquote>The world is filled with many injustices. Examine the world scene and determine what causes are worth fighting for. Choose one or two, and then work on them relentlessly with your violet-flame decrees, your meditations and your active involvement in alleviating the burdens of your cities. Join with others in giving your violet-flame decrees to save our civilization.<ref>Archangel Zadkiel and Holy Amethyst, “Vials of Freedom,” December 30, 1974, quoted by Elizabeth Clare Prophet, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” March 2, 1996.</ref></blockquote>
<blockquote>यह संसार दुखों से भरा है, इसमें बहुत सारे अधर्म और अन्याय हैं। आप ध्यान से इन सब का अवलोकन कीजिये और फिर तय कीजिये की ऐसे कौन से विषय हैं जिनके लिए आप प्रार्थना करना चाहते हो। सभी विष्यों में से केवल एक या दो का चुनाव कीजिये, और फिर निष्ठुर ढंग से उनके निवारण के काम में लग जाइये - वायलेट लौ के दिव्य आदेश कीजिये, ध्यान समाधि में बैठिये, और अपने शहर के कर्मो के बोझ को हल्का करने में मदद कीजिये। हो सके तो समूह में सभी इकठ्ठे होकर दिव्य आदेश कीजिये। इस प्रकार आप अपनी सभ्यता का पतन होने से बचा सकते हैं।  <ref>महादेवदूत जैडकीयल और अमेथिस्ट, “Vials of Freedom,” ३० दिसंबर, 1974, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” मार्च २, १९९६.</ref></blockquote>


<blockquote>In answer to your call, we send missiles of violet flame to save planet Earth. I tell you, with God all things are possible!<ref>Archangel Zadkiel, March 24, 1989, quoted by Elizabeth Clare Prophet, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” March 2, 1996.</ref></blockquote>
<blockquote>आप जब ऐसा करते हैं तो हम पृथ्वी पर वायलेट लौ के प्रक्षेपास्त्र (missiles) भेजते हैं। मैं आपसे कह रहा हूँ - ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है!<ref>महादेवदूत जैडकीयल, २४ मार्च, १९८९, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च, १९८९.</ref></blockquote>


'''Third''':
'''तृतीय''':


<blockquote>The saints in embodiment must anchor divine intercession in the earth by saturating their auras with violet flame. This is the way to make the difference in turning negative world prophecy into positive world prophecy.<ref>Ibid.</ref></blockquote>
<blockquote>जो संत पृथ्वी पर शारीरिक रूप में मौजूद हैं,उनका आतंरिक उद्देश्य है कि वे अपनी आभा को वायलेट लौ से संतृप्त करके पृथ्वी पर ईश्वर की दिव्य मध्‍यस्थता स्थापित करें। यही एक तरीका है जिससे नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदला जा सकता है।<ref>Ibid.</ref></blockquote>


[[Special:MyLanguage/Lord Maitreya|Lord Maitreya]] tells us that miracles are the alchemy of the violet ray and the gift of Saint Germain. The momentum of violet flame that you build in your aura as you decree day by day without fail will enable you to build a storehouse of violet flame that will be available to you in time of emergency—just when you need a miracle. How many times have you heard yourself or someone say: “O God, I really need a miracle now!”
[[Special:MyLanguage/Lord Maitreya|मैत्रेया]] (Lord Maitreya) के अनुसार जो भी चमत्कार आप देखते हैं वे वायलेट लौ के उपयोग से संभव हो पाते हैं; वायलेट लौ संत जरमेन का मनुष्यों को दिया एक महत्त्वपूर्ण उपहार है। जब आप प्रतिदिन वायलेट लौ के दिव्य आदेशों को करते हैं, उतने अधिक आवेग से आपके आभामंडल में वायलेट लौ एकत्र हो जाती है जो ज़रुरत के समय आपके बहुत काम आती है। यह एकत्रित वायलेट लौ वह कार्य करती है जिसे आप चमत्कार कहते हैं।


A miracle is sudden transmutation. And sudden transmutation takes place because someone in the universe has garnered enough light, enough violet flame to inject such a momentum, such a quotient of energy that the violet flame applied to a specific problem causes instantaneous change in the [[Special:MyLanguage/etheric plane|etheric plane]], the mental plane, the emotional plane and the physical plane.
चमत्कार अचानक होने वाली एक रूपांतरण क्रिया है। यह रूपांतरण  क्रिया इसलिए संभव हो पाती  है क्योंकि कहीं न कहीं ब्रह्माण्ड में किसी मनुष्य ने वायलेट लौ के  दिव्य आदेशों को कर के उतनी ऊर्जा एकत्रित कर ली होती है कि किसी समस्या के समय वह उस ऊर्जा का उपयोग करके [[Special:MyLanguage/etheric plane|सूक्ष्म स्तर]], मानसिक स्तर, भावनात्मक स्तर एवं भौतिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव ला सके ।


The '''final key''' that Zadkiel gives is to '''get involved''':  
एक '''अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण बात''' जो जैडकीयल हमें कहते हैं वो है '''वायलेट लौ में समा जाना''':  


<blockquote>The open door to light in the physical octave is you,... is the power of the spoken Word to protest, to demonstrate, to decree. Pray at the altar, then go forth and take your stand in all areas where life is threatened. You are the open door to safety and salvation in the earth.<ref>Archangel Zadkiel, “My Gift of the Violet Flame,” {{POWref|30|58|, November 27, 1987}}</ref></blockquote>
<blockquote>भौतिक स्थल में प्रकाश का खुला द्वार आप स्वयं हैं - विरोध करने के लिए, प्रमाणित करने के लिए एवं दिव्य आदेश करने के लिए आपके द्वारा बोले गए शब्द ही शक्ति हैं। आप पहले ईश्वर के समक्ष प्रार्थना कीजिये फिर अपने जीवन की चुनौतियों का सामना कीजिये। इस पृथ्वी पर सुरक्षा और मोक्ष प्राप्त करने के द्वार आप स्वयं हैं।  <ref>महादेवदूत जैडकीयल, “My Gift of the Violet Flame,” {{POWref|30|58|, २७ नवम्बर, १९८७}}</ref></blockquote>


== Amethyst crystal ==
<span id="Amethyst_crystal"></span>
== अमेथिस्ट रत्न ==


{{main|Amethyst (gemstone)}}
{{main-hi|Amethyst (gemstone)|अमेथिस्ट (रत्न)}}


Through the [[Special:MyLanguage/amethyst|amethyst]] crystal, the twin flame of Lord Zadkiel focuses the mother aspect of freedom to the evolutions of this planet. The amethyst is worn by all who serve on the seventh ray and their devotees. All jewels are actually precipitates or condensations of the flame that the jewel focuses. Thus, the amethyst is the focus of the freedom flame, and those jewels that have been consecrated by lightbearers contain in the center a replica of the flame that they represent.
[[Special:MyLanguage/amethyst|अमेथिस्ट]] रत्न (क्रिस्टल) के द्वारा, महादेवदूत जैडकीयल की दिव्य सहायिका पृथ्वी के विकास में मातृ पहलू पर ध्यान केंद्रित करती हैं। वो सभी लोग जो सातवीं किरण के हाव-भाव रखते हैं, अमेथिस्ट रत्न पहनते हैं। असल में सभी रत्न किसी न किसी किरण को दर्शाते हैं। अमेथिस्ट रत्न का सबसे महत्वपूर्ण गुण मुक्ति ज्योत है। प्रत्येक रत्न के मध्य में उस किरण का प्रतिरूप पाया जाता है जिस किरण को वह प्रतिनिधित्व करता है।


== Retreat ==
<span id="Retreat"></span>
== आश्रयस्थल ==


{{main|Temple of Purification}}
{{main-hi|Temple of Purification|शुद्धिकरण का मंदिर}}


Together with his twin flame, Holy Amethyst, and the violet-flame angels, Archangel Zadkiel serves mankind from the Temple of Purification. This temple, once physical, is now in the etheric realm over the island of Cuba. Priests of the sacred fire on Atlantis took their training under the order of Lord Zadkiel here, and their service to life drew the momentum that prevented the island from sinking.
शुद्धिकरण के मंदिर में बैठे महादेवदूत जैडकीयल, अपनी समरुप जोड़ी [twin flame] अमेथिस्ट एवं वायलेट लौ के सभी देवदूतों के साथ संपूर्ण मानवता की सेवा करते हैं। यह मंदिर किसी समय में भौतिक जगत में हुआ करता था परन्तु अब यह क्यूबा के ऊपर आकाशमण्डल मैं है। ऐटलांटिस पर रहने वाले पवित्र व्यक्तियों ने महादेवदूत जैडकीयल से इसी स्थान पर प्रशिक्षण लिया था। ये उनकी मानवता के प्रति सेवा का ही असर था जिसकी वजह से एटलांटिस डूबने से बच पाया था।


The musical [[keynote]] of Holy Amethyst is the “Beautiful Blue Danube,” by Johann Strauss.
जोहन स्ट्रॉस द्वारा रचित संगीत “Beautiful Blue Danube,” अमेथिस्ट का  [[Special:MyLanguage/keynote|मुख्य राग]] [keynote] है।


== Sources ==
<span id="Sources"></span>
== स्रोत ==


{{MTR}}, s.v. “Zadkiel and Holy Amethyst.”
{{MTR}}, s.v. “जैडकीयल और अमेथिस्ट”


[[Category:Heavenly beings]]
[[Category:Heavenly beings]]

Latest revision as of 14:54, 24 December 2023

अब्राहम द्वारा आइजैक का त्याग

जैडकीयल सातवीं किरण के महादेवदूत हैं और अमेथिस्ट उनकी दिव्य सहायिका। ये हमें रसायन विद्या, रूपांतरण क्रिया, माफ़ करने की क्षमता और न्याय करने का साहस — इन सभी गुणों द्वारा भगवान से जोड़ते हैं। ये वही गुण हैं जो संत जरमेन और उनकी समरुप जोड़ी [twin flame], पोरशिया हमें सिखाते हैं। ये हमें स्वाधिष्ठान चक्र के बारे में बताते हैं जिसका रंग वायलेट है। सातवीं किरण का दिन शनिवार है, जब हम इस दिन जैडकीयल और अमेथिस्ट की अर्चना करते हैं तो हमें उनके कारण शरीर से अत्यधिक मात्रा में वायलेट उर्जा और ब्रह्माण्ड की चेतना प्राप्त होती है।

अपने आश्रयस्थल में महादेवदूत जैडकीयल सभी मनुष्यों को ईश्वरीय गुणों में शिक्षित करते हैं ताकि वे आर्डर ऑफ़ मेल्कीज़डेक (Order of Melchizedek) के अंतर्गत ईश्वर के पुजारी और पुजारिन बन पाएं। जिन दिनों एटलांटिस महाद्वीप इस संसार में विद्यमान था, संत जरमेन और ईसा मसीह दोनो ने ही महादेवदूत जैडकीयल के आश्रयस्थल से शिक्षा प्राप्त की थी। जैडकीयल ने ही इन दोनों को पुजारी के रूप में दीक्षित किया था।

जैडकीयल शब्द का अर्थ है 'ईश्वरीय धर्म'। रब्बी परंपरा के अनुसार, जैडकीयल करुणा, स्मृति और परोपकार के दूत हैं। कुछ अन्य परम्पराओं के अनुसार, जैडकीयल ही वह दूत थे जिन्होंने अब्राहम’ को अपने पुत्र, इसहाक की बलि देने से रोका था। जैडकीयल की समरुप जोड़ी अमेथिस्ट उन दूतों में से एक थी जिन्होंने ईसा मसीह को गेत्समनी के बाग (Garden of Gethsemane) में सहायता की थी।

सातवीं किरण के उपयोग

जैडकीयल और अमेथिस्ट का पृथ्वी पर आने का एक मात्र लक्ष्य इस ज्ञान को बांटना है जिसके द्वारा हर मनुष्य मोक्ष प्राप्ति के मार्ग पर चल कर अपने नकारात्मक कर्मों से मुक्ति पा सकता है। नकारात्मकता से मुक्त मनुष्य ही अपने परिवार, समाज, शहर, राज्य, देश और अपने गृह (पृथ्वी) को मुक्त कर सकता है। हमारे नकारात्मक कर्म ही मुक्ति के मार्ग में बाधा बन जाते है। वायलेट लौ के दिव्य आदेशों (Decrees) के द्वारा हम अपने नकारात्मक कर्मों का स्वरुप बदल सकते है। हम अपने नकारात्मक कर्मों को सभी प्राणियों के प्रति प्रेम का भाव, समान मनोवृत्ति रख कर तथा ईश्वर से दया एवं क्षमयाचना कर के भी संतुलित कर सकते हैं।

महादेवदूत जैडकीयल कहते हैं की जब भी मनुष्य पवित्र वायलेट लौ का आह्वाहन करता है, तब वह और अन्य दिव्यगुरु आतंरिक स्तर से देखते हैं कि :

मनुष्य अपने सदियों से एकत्र हुए जन्म - जन्मांतर के नकारात्मक कर्मो को संतुलित करने का कितना प्रयास कर रहा है। उसे इतनी कोशिश करते हुए देखकर हमें बहुत अच्छा लगता है। अद्भुत बात तो यह है कि नकारात्मक विचारो से घिरे होने के बावजूद भी आप वायलेट लौ का आवाहन करने का निर्णय लेते हैं।

जब आप ऐसा करते हैं तो सातवीं किरण की शक्तिशाली ऊर्जा एक अत्यधिक विशाल इलेक्ट्रोड (electrode) का रूप लेकर आपके चारों ओर फैल जाती है,और वायलेट लौ के सभी देवदूत आपके चारों तरफ इकट्ठा हो जाते हैं। अपने खुले हाथों से वे सभी आपकी तरफ वायलेट किरण का प्रकाश भेजते हैं जो आपके शरीर के प्रभामंडल को प्रज्वलित करता हैं जिससे आपकी सभी नकारात्मक स्थितियां समाप्त हो जाती हैं। ऐसा होते ही आपके दिल और दिमाग दोनों से नकारात्मक विचार ख़त्म हो जाते हैं! [1]

जैडकीयल कहते हैं कि वायलेट लौ एक लौकिक द्रव्य है जिसकी खोज विश्व भर के रसायन शास्त्री सदियों से करते आ रहे थे। [2] वे कहते हैं:

मेरे ह्रदय में रसायन शास्त्र के रहस्य हैं। आप चाहें तो इनका आह्वाहन कीजिये। मैं इन सभी रहस्यों को आपकी प्रार्थना के जवाब में आप तक पहुंचा दूंगा। [3]

वायलेट लौ शरीर को मजबूत बनाने में आपकी मदद करती है। जैडकीयल और अमेथिस्ट कहते हैं:

आप क्यों और किसका इंतज़ार कर रहे हैं जबकि आपकी ज़िन्दगी की लौ धीरे धीरे बुझती जा रही है? आप वायलेट लौ के दिव्य आदेशों का आह्वाहन करके आप अपने शरीर को स्फूर्ति प्रदान कर सकते हैं। क्या आपको लगता है कि ईश्वर आपके शरीर के अणुओं और कोशिकाओं को पुनः सक्रिय करने में असमर्थ हैं? वह आपके पूरे शरीर को वायलेट लौ से नहला कर आपको शाश्वत यौवन प्रदान कर सकते हैं![4]

संत जरमेन हमें बताते हैं कि सदा आनंदित रहना ही हमारे जीवन का उद्देश्य है, और वायलेट लौ आनंद प्राप्त करने का माध्यम। दया और क्षमा इस लौ के दो प्रमुख गुण हैं। अगर आप वायलेट लौ की रूपांतरण की शक्ति का सबसे अधिक लाभ पाना चाहते हैं तो आप उन सब को वायलेट लौ भेजिए जिनके साथ आपने कभी गलत किया हो। अगर आप यह नहीं जानते की जिस व्यक्ति के साथ आपने गलत किया है वो कहाँ है, तो आप उस व्यक्ति के नाम एक क्षमा प्रार्थना का पत्र लिखिए, और फिर उस पत्र को जला दीजिये। आप उन सभी के पास भी वायलेट लौ भेजिए जिन्होंने आपके साथ कभी भी कुछ भी गलत किया है। ऐसा करने से दोनों की तरफ से क्षमा करने के द्वार खुल जाते हैं। दुख और मनोव्यथा के कारण, प्रभाव, आलेख और स्मृति अपने मन से निकल दीजिये। अपने सभी दर्द और दुख वायलेट लौ में जला दीजिये। क्षमा का नियम (Law of forgiveness) के दिव्य आदेशों का आह्वाहन कीजिये ।

वायलेट लौ के चमत्कार

देवदूत हमारे जीवन में कई चमत्कार कर सकते हैं परन्तु वो ऐसा तभी कर सकते हैं जब हम उन्हें पुकारें और ऐसे करने के लिए कहें।

जैडकीयल का कहना है की देवदूतों को ब्रह्मांडीय नियमों का पालन करना होता है। इन्ही ब्रह्मांडीय नियमों के तहत ईश्वर ने इंसानों को स्वेच्छा (Free Will) का वरदान दिया है। ईश्वर स्वयं भी अपनी दिए हुए इस वरदान का सम्मान करते हैं और वे कभी भी इंसान के किसी कार्य में हस्तक्षेप नहीं करते। ईश्वर हमारी सहायता के लिए तभी आते हैं, जब हम उनसे आग्रह करते हैं। देवदूत भी ब्रह्मांडीय नियमों से बंधे हैं, वे भी तब तक मनुष्यों के जीवन में दखल अंदाजी नहीं करते जब तक की उन्हें पुकारा नहीं जाता। जब मनुष्य उन्हें पुकार कर अपनी किसी कठिन परिस्थिति को सुलझाने की प्रार्थना करते हैं तो वे ख़ुशी-ख़ुशी उनकी सहायता करते हैं। जैडकीयल कहते हैं की देवदूत सदैव् मनुष्यों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं।

जैडकीयल कहते हैं:

आप इस बात को अच्छी तरह समझिये कि जब आप वायलेट लौ के देवदूतों के समूहों का आह्वाहन करते हैं तो लाखों की संख्या में सातवीं किरण के देवदूत मदद के लिए आपकी तरफ अग्रसर होते हैं। हम पृथ्वी पर कर्मों का खेल देखते हैं - कभी अच्छे कर्म ज़्यादा होते हैं और कभी बुरे। हम यह भी देखते हैं की किस तरह वायलेट लौ के संरक्षक प्रतिदिन इसका आह्वाहन करके संपूर्ण विश्व के बुरे कर्मों घटाते हैं। [5]

किस तरह हम विश्व की परिस्तिथियों को प्रभावी तौर से बदल सकते हैं?

वायलेट लौ के देवदूत परमात्मा के सैनिक हैं जो पृथ्वी पर होने वाली हर एक घटना का सामना करने में समर्थ हैं। ये एक तरह से पृथ्वी के सबसे समीप, और पृथ्वी के लिए अतिरिक्त सैन्य शक्ति है। पृथ्वी एक भौतिक ग्रह है और वायलेट लौ पृथ्वी के सबसे नज़दीक की भौतिक अग्नि। [6]

दूसरी बात है कि अपनी प्रार्थना को आप विस्तार से कहिये। महादेवदूत जैडकीयल और अमेथिस्ट कहते हैं:

यह संसार दुखों से भरा है, इसमें बहुत सारे अधर्म और अन्याय हैं। आप ध्यान से इन सब का अवलोकन कीजिये और फिर तय कीजिये की ऐसे कौन से विषय हैं जिनके लिए आप प्रार्थना करना चाहते हो। सभी विष्यों में से केवल एक या दो का चुनाव कीजिये, और फिर निष्ठुर ढंग से उनके निवारण के काम में लग जाइये - वायलेट लौ के दिव्य आदेश कीजिये, ध्यान समाधि में बैठिये, और अपने शहर के कर्मो के बोझ को हल्का करने में मदद कीजिये। हो सके तो समूह में सभी इकठ्ठे होकर दिव्य आदेश कीजिये। इस प्रकार आप अपनी सभ्यता का पतन होने से बचा सकते हैं। [7]

आप जब ऐसा करते हैं तो हम पृथ्वी पर वायलेट लौ के प्रक्षेपास्त्र (missiles) भेजते हैं। मैं आपसे कह रहा हूँ - ईश्वर के लिए कुछ भी असंभव नहीं है![8]

तृतीय:

जो संत पृथ्वी पर शारीरिक रूप में मौजूद हैं,उनका आतंरिक उद्देश्य है कि वे अपनी आभा को वायलेट लौ से संतृप्त करके पृथ्वी पर ईश्वर की दिव्य मध्‍यस्थता स्थापित करें। यही एक तरीका है जिससे नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदला जा सकता है।[9]

मैत्रेया (Lord Maitreya) के अनुसार जो भी चमत्कार आप देखते हैं वे वायलेट लौ के उपयोग से संभव हो पाते हैं; वायलेट लौ संत जरमेन का मनुष्यों को दिया एक महत्त्वपूर्ण उपहार है। जब आप प्रतिदिन वायलेट लौ के दिव्य आदेशों को करते हैं, उतने अधिक आवेग से आपके आभामंडल में वायलेट लौ एकत्र हो जाती है जो ज़रुरत के समय आपके बहुत काम आती है। यह एकत्रित वायलेट लौ वह कार्य करती है जिसे आप चमत्कार कहते हैं।

चमत्कार अचानक होने वाली एक रूपांतरण क्रिया है। यह रूपांतरण क्रिया इसलिए संभव हो पाती है क्योंकि कहीं न कहीं ब्रह्माण्ड में किसी मनुष्य ने वायलेट लौ के दिव्य आदेशों को कर के उतनी ऊर्जा एकत्रित कर ली होती है कि किसी समस्या के समय वह उस ऊर्जा का उपयोग करके सूक्ष्म स्तर, मानसिक स्तर, भावनात्मक स्तर एवं भौतिक स्तर पर सकारात्मक बदलाव ला सके ।

एक अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण बात जो जैडकीयल हमें कहते हैं वो है वायलेट लौ में समा जाना:

भौतिक स्थल में प्रकाश का खुला द्वार आप स्वयं हैं - विरोध करने के लिए, प्रमाणित करने के लिए एवं दिव्य आदेश करने के लिए आपके द्वारा बोले गए शब्द ही शक्ति हैं। आप पहले ईश्वर के समक्ष प्रार्थना कीजिये फिर अपने जीवन की चुनौतियों का सामना कीजिये। इस पृथ्वी पर सुरक्षा और मोक्ष प्राप्त करने के द्वार आप स्वयं हैं। [10]

अमेथिस्ट रत्न

मुख्य लेख: अमेथिस्ट (रत्न)

अमेथिस्ट रत्न (क्रिस्टल) के द्वारा, महादेवदूत जैडकीयल की दिव्य सहायिका पृथ्वी के विकास में मातृ पहलू पर ध्यान केंद्रित करती हैं। वो सभी लोग जो सातवीं किरण के हाव-भाव रखते हैं, अमेथिस्ट रत्न पहनते हैं। असल में सभी रत्न किसी न किसी किरण को दर्शाते हैं। अमेथिस्ट रत्न का सबसे महत्वपूर्ण गुण मुक्ति ज्योत है। प्रत्येक रत्न के मध्य में उस किरण का प्रतिरूप पाया जाता है जिस किरण को वह प्रतिनिधित्व करता है।

आश्रयस्थल

मुख्य लेख: शुद्धिकरण का मंदिर

शुद्धिकरण के मंदिर में बैठे महादेवदूत जैडकीयल, अपनी समरुप जोड़ी [twin flame] अमेथिस्ट एवं वायलेट लौ के सभी देवदूतों के साथ संपूर्ण मानवता की सेवा करते हैं। यह मंदिर किसी समय में भौतिक जगत में हुआ करता था परन्तु अब यह क्यूबा के ऊपर आकाशमण्डल मैं है। ऐटलांटिस पर रहने वाले पवित्र व्यक्तियों ने महादेवदूत जैडकीयल से इसी स्थान पर प्रशिक्षण लिया था। ये उनकी मानवता के प्रति सेवा का ही असर था जिसकी वजह से एटलांटिस डूबने से बच पाया था।

जोहन स्ट्रॉस द्वारा रचित संगीत “Beautiful Blue Danube,” अमेथिस्ट का मुख्य राग [keynote] है।

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and Their Retreats, s.v. “जैडकीयल और अमेथिस्ट”

  1. महादेवदूत जैडकीयल, ३१ दिसंबर, १९६८, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कथित, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च, १९९६.
  2. रसायन शास्त्र मध्यकालीन युग की विद्या है। शुरुआत में रसायन शास्त्री इस कोशिश में रहते थे की वे किसी तरह आधार धातुओं को सोने में बदल पाएं, विभिन्न रोगों के लिए कोई लौकिक उपाय खोज पाएं जिससे इंसान की उम्र लम्बी और जीवन निरोग हो जाए । विस्तृत रूप से देखें तो “रसायन विद्या किसी सामान्य सी वस्तु को बेहद ख़ास बनाने की प्रक्रिया है; एक ऐसी प्रक्रिया जो रहस्यमयी है और जिसका वर्णन करना बेहद कठिन है।” रसायन शास्त्र आत्म-परिवर्तन करने का विज्ञान है।
  3. महादेवदूत जैडकीयल, दिसंबर ३०, १९८० एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” मार्च २, १९९६.
  4. अमेथिस्ट, ६ दिसंबर १९६०, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च १९९६.
  5. महादेवदूत जैडकीयल ६ अक्टूबर, १९८७, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च, १९९६।
  6. महादेवदूत जैडकीयल, Pearls of Wisdom, vol. 32, no. 17, २३ अप्रैल, १९८९.
  7. महादेवदूत जैडकीयल और अमेथिस्ट, “Vials of Freedom,” ३० दिसंबर, 1974, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” मार्च २, १९९६.
  8. महादेवदूत जैडकीयल, २४ मार्च, १९८९, एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा कही, “Saint Germain’s Prophecy for the Aquarian Age,” २ मार्च, १९८९.
  9. Ibid.
  10. महादेवदूत जैडकीयल, “My Gift of the Violet Flame,” Pearls of Wisdom, vol. 30, no. 58, २७ नवम्बर, १९८७.