Elementals/hi: Difference between revisions

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पृथ्वी, वायु, अग्नि और जल के जीव; प्रकृति की वो आत्माएँ जो पृथ्वी पर जीवात्मा के विकास और उत्थान के लिए भौतिक स्तर की स्थापना और रखरखाव करती हैं, तथा ईश्वर और मनुष्य की सेवक हैं। अग्नि तत्व की सेवा करने वाले सृष्टि जीवों को '''सैलामैंडर''' कहा जाता है; वायु तत्व के सृष्टि जीव '''सिल्फ़्स'''' कहलाते हैं; जल तत्व के सृष्टि जीव '''अनडाइन''' तथा पृथ्वी तत्व के प्रति सेवा करने वाले '''नोम्स''' कहलाते हैं।  
पृथ्वीलोक पर पृथ्वी, वायु, अग्नि और जल के प्रकृतिक जीव जो ईश्वर और मनुष्य की सेवक हैं, जीवात्माओं के भौतिक विकास और उत्थान के लिए भौतिक स्तर की स्थापना और अनुरक्षण (maintenance) करते हैं। अग्नि तत्व की सेवा करने वाले सृष्टि जीवों को '''सैलेमैंडरस''' (salamanders) कहा जाता है; वायु तत्व के सृष्टि जीव '''सिल्फ्स'''' (sylphs) कहलाते हैं; जल तत्व के सृष्टि जीव '''अनडीन्स''' (undines) तथा पृथ्वी तत्व के प्रति सेवा करने वाले '''नोम्स''' (gnomes) कहलाते हैं।  


[[Oromasis and Diana]] are in charge of the fire element and all salamanders; [[Neptune and Luara]] direct the undines and the mighty waters; [[Aries and Thor]] oversee the graceful sylphs and trackless realms of the air; and [[Virgo and Pelleur]] are mother and father of earth and gnomes.
[[Special:MyLanguage/Oromasis and Diana|ओरोमसिस और डायना]] (Oromasis and Diana) अग्नि तत्व और सभी सैलेमैंडरस (salamanders) के प्रधान हैं; [[Special:MyLanguage/Neptune and Luara|नेपच्यून और लुआरा]] (Neptune and Luara) अनडीन्स (undines) और शक्तिशाली जल प्रवाह को निर्देशित करते हैं; [[Special:MyLanguage/Aries and Thor|एरीस और थोर]] (Aries and Thor) सिल्फ्स (sylphs) वायु क्षेत्रों की देखरेख करते हैं; और [[Special:MyLanguage/Virgo and Pelleur|वर्गो और पेल्लोर]] (Virgo and Pelleur) पृथ्वी और नोम्स (gnomes) के माता-पिता हैं।


== Descriptions of the elementals ==
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== सृष्टि देवों का वर्णन ==


A salamander is a being at least nine feet tall that is pulsating flame, and the flame keeps changing—fiery white light and rainbow colors. It’s a being in the shape of a man that is all flame, continually moving, with two very pure-seeing, fiery eyes.
सैलेमैंडर कम से कम नौ फीट लम्बी कम्पन करने वाली एक स्पंदित ज्वाला रुपी प्राणी है। तेजस्वी सफेद और इंद्रधनुषी रंग के यह ज्वाला हर वक्त रंग बदलती रहती है। यह एक आदमी के आकार का जीव है जो जो पूरी तरह से ज्वालामय है, वह ज्वाला जो हमेशा गतिमान रहती है। इसके दो बहुत ही शुद्ध और तेजस्वी नेत्र हैं।


Virgo and Pelleur describe the gnomes:
वर्गो और पेल्लोर (Virgo and Pelleur) नोम्स (gnomes) का वर्णन कुछ इस प्रकार करते हैं:


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The beings you call gnomes, whose image has been dwarfed in the story of ''Snow White and the Seven Dwarfs'' and other fairy tales, actually range in size from three-inch-high elves playing in the grasses, to the three-foot dwarfs, all the way to the hierarchies of the mountains who attend the Great Hall of the Mountain King and Queen glimpsed by Grieg and portrayed in his musical tribute to the special gnomes of Norway and the Norsemen.
वह जीव जिन्हे आप नोम्स कहते हैं और जिनके बारे में ''स्नो व्हाइट एंड द सेवेन ड्वार्फ्स'' (Snow White and the Seven Dwarfs) और परियों की अन्य कहानियों में जिन्हें बहुत छोटे बौने के रूप में दिखाया गया है। इनका आकार तीन इंच से लेकर तीन फुट का होता है और ये अक्सर घास में खेलते हैं। ये मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ों पर सभी जगह रहते हैं और पर्वतों के राजा-रानी (Mountain King and Queen) की सभाओं में भी उपस्थित रहते हैं। ग्रिग (Grieg) ने इन्हें एक झलक देखा था और फिर नोर्वे और नॉर्समेन (Norway and the Norsemen) के  नोम्स के लिए विशेष संगीतमय श्रद्धांजलि में भी वर्णित किया था।


There are giants in the elemental kingdom of the earth. These are powerful beings who wield the fire of atom and molecule and hold the balance for the continents through cataclysm, flood, and fire. This evolution was created by Elohim to sustain the platform for the great experiment in free will ordained by God unto his children whom he sent forth into the planetary systems to be fruitful in the Christ consciousness and to multiply the manifestation of God in their offspring and in the works of their hands.<ref>Virgo and Pelleur, “The Servants of God and Man in the Earth Element,” {{POWref|23|14|, April 6, 1980}}</ref>
पृथ्वी के सृष्टि देव साम्राज्य में विशाल जीव भी हैं। ये वो शक्तिशाली प्राणी हैं जिनके पास परमाणु और अणु की अग्नि है जिसके द्वारा वे प्रलय, बाढ़ और अग्नि से सुरक्षा करके महाद्वीपों में संतुलन बनाए रखते हैं। ईश्वर ने एलोहीम (Elohim) के द्वारा मनुष्य की स्वच्छन्द  इच्छा के सद उपयोग के लिए पृथ्वी को बनाया और इसे ईश्वरीय इच्छा के अनुकूल बढ़ाने के लिए सृष्टि देवों का निर्माण किया।<ref>वर्गो और पेल्लोर, (Virgo and Pelleur) "द सर्वेन्ट्स ऑफ़ गॉड एंड मैन इन द अर्थ एलिमेंट " (The Servants of God and Man in the Earth Element) ।{{POWref|२३|१४|, ६ अप्रैल १९८०}}</ref>
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== The work of the elementals ==
<span id="The_work_of_the_elementals"></span>
== सृष्टि देवों का कार्य ==


[[Kuthumi]], who knew a great communion with elemental life in his embodiment as [[Saint Francis]], speaks in ''Corona Class Lessons'' of the work of the elementals:
[[Special:MyLanguage/Kuthumi|कुथुमी]]  
(Kuthumi) जिन्होनें अपने पूर्वजन्म में  [[Special:MyLanguage/Saint Francis|संत फ्रांसिस]] (Saint Francis) के रूप में सृष्टि देवों के साथ एक गहरी सहभागिता रखी थी, इन सृष्टि देवों के काम के बारे में ''कोरोना क्लास लेसनस'' (Corona Class Lessons) में कहते हैं:


<blockquote>The Life of God is present in the mineral, vegetable, and animal kingdoms and throughout the unseen world of Nature spirits—a kingdom teeming with ‘elemental’ life, the happy chatter of elves and fairies, gnomes at work (though not always whistling!), sylphs arranging clouds and tumbling in the winds, undines splashing in the waves and salamanders dancing in fiery rings of rainbow rays.</blockquote>
<blockquote>ईश्वर की मौजूदगी खनिज, वनस्पति जगत, पशु साम्राज्यों और समस्त प्रकृति में है - एक ऐसा साम्राज्य जो सृष्टि जीवों से भरा हुआ है, परियों की मन मोह लेने वाली बातचीत, अपने काम में व्यस्त नोम्स (gnomes), बादलों की व्यवस्था करते, हवाओं में थिरकते हुए सिल्फ्स (sylphs), लहरों में छींटे मारते हुए अनडीन्स (undines) और इंद्रधनुषी किरणों के ज्वलंत चक्रों (fiery rings) में नृत्य करते हुए सैलेमैंडरस (salamanders)।</blockquote>


=== Gnomes ===
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=== नोम्स (Gnomes) ===


<blockquote>So great a weight of mankind’s karma do they bear that the gnomes themselves take on man’s ways, becoming grumpy, grouchy until a sweet teacher appears (like the blessed Mother in the guise of Snow White) to lead them gently up the scale of their earthly evolution under their hierarchs, Virgo and Pelleur, the masterful beings who maintain the balance of forces in the earth. The gnomes serve in the physical plane just beyond the veil (spectrum) of ordinary sight. Here they are called the earth elementals. Sometimes you catch sight of them out of the corner of your eye—then think you must have imagined it!</blockquote>
<blockquote>मानवजाति के कर्मों का बोझ  इतना अधिक है कि नोम्स स्वयं मनुष्य के तरीके अपना लेते हैं, वे चिड़चिड़े और क्रोधी हो जाते हैं और तब तक ऐसे ही रहते हैं जब तक कि उन्हें  बहुत अच्छा शिक्षक (जैसे स्नो व्हाइट) नहीं मिल जाता है जो धीरे-धीरे प्रेमपूर्वक उन्हें उनके प्रमुख, वर्गो और पेल्लोर (Virgo and Pelleur), के पास ले जाता है जो उन्हें पदक्रम और प्रगति के मार्ग के बारे में बताते हैं। नोम्स सामान्य दृष्टि के परदे से दूर भौतिक स्तर पर कार्य करते हैं। यहां इन्हें पृथ्वी तत्व कहा जाता है। कभी कभी ये आपको नज़र आते हैं परन्तु आपको लगता है कि यह केवल आपकी कल्पना थी। </blockquote>


=== Sylphs ===
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=== सिल्फ़्स (Sylphs) ===


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Sylphs service the domain of the skies and the air purification and pressure systems. This all observe in the alchemical changes of weather and cycles of photosynthesis and precipitation. These elementals are masterful creatures who expand and contract their airy ‘bodies’ from microcosmic to macrocosmic levels, always keeping the flame for the realm of the mind, the mental plane which corresponds to the air element—one of the four elements designated by the ancient alchemists. Hence, sylphs are known as the air elementals. They respond to the command of their hierarchs, Aries and Thor.
सिल्फ्स आकाश में वायु शुद्धिकरण का कार्य और दबाव प्रणालियों (pressure systems) की सेवा करते हैं। यह प्रक्रिया वे मौसम के रासायनिक परिवर्तनों (alchemical changes), प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) और वर्षा के चक्रों में करते हैं। ये निपुण जीव हैं जो सूक्ष्म जगत से स्थूल जगत तक अपने वायु 'शरीरों' का विस्तार और संकुचन दोनों कर सकते हैं। ये इस ऊर्जा  को हमेशा अपने मन के दायरे में रखते हैं। मानसिक शरीर वायु तत्व को दर्शाता है। वायु तत्व प्राचीन रसायनशास्त्रियों द्वारा नामित (designated) चार तत्वों में से एक है और इसीलिए सिल्फ वायु के तत्व हैं। वे अपने पदक्रम के अध्यक्ष एरीस और थोर (Aries and Thor) के आदेशों का पालन करते हैं।


The configuration of the earth body and earth chemistry, reduced to four distinct stages or qualities of substance—fire, air, water, and earth—by the mystical brotherhood of early scientists whose quest to control natural forces included the elusive goal of turning base metals into gold by transmutation—was in fact not far from higher truth.
प्रारंभिक वैज्ञानिकों ने पृथ्वी और पृथ्वी के रसायन विज्ञान के आकार (configuration) को पदार्थ के चार गुणों के अनुसार चार अलग श्रेणियों - अग्नि, वायु, जल और पृथ्वी - में विभाजित किया था। इन वैज्ञानिकों का भ्रामक लक्ष्य प्राकृतिक शक्तियों को अपने नियंत्रण में करके आधार धातुओं (base metals) को सोने में बदलने की कला की खोज थी  - और यह कोई असंभव कार्य नहीं था।


The four lower bodies of man do relate to the so-called four planes of Matter serviced by cosmic forces focusing through the lesser evolved beings of Nature. In fact, you may be interested to know that the elementals were also created by [[Elohim]] to serve the sons and daughters of God as they, too, master the earth sciences and take dominion in space (both inner and outer) and in time. As man seeks to conquer his world in the sea of waters and in the sea of light, in the vibrations of subatomic and supersonic realms by way of proving his God-control of the universe step by step in all facets of the four kingdoms, unbeknownst to his outer awareness he is cooperating with elementals who have kept things under control for millions of years.</blockquote>
मनुष्य के चार निचले शरीर ऐसे ही हैं जैसे पदार्थ के चार स्तर। इनकी सेवा के लिए ईश्वर ने सृष्टि देवों (ये मानवजाति से कम विकसित हैं) को बनाया है जो ब्रह्मांडीय शक्तियों को मनुष्य तक पहुंचाते हैं। वास्तव में, आपको यह जानने में रुचि हो सकती है कि ईश्वर के बच्चों (मानवजाति)  की सेवा के लिए सृष्टि देवों का निर्माण [[Special:MyLanguage/Elohim|एलोहीम]] (Elohim) ने किया है। और इस प्रकार से सृष्टि देव भी पृथ्वी विज्ञान में निपुणता प्राप्त करते हैं और अंतरिक्ष (आंतरिक और बाहरी दोनों) में प्रभुत्व रखते हैं  और फिर समय (time) और स्थान (space) में मनुष्यों जैसे ही व्यवहार करने लगते हैं। जब मनुष्य सृष्टि देवों के चार राज्यों के सभी पहलुओं में चरण-दर-चरण ब्रह्मांड के अपने ईश्वरीय-नियंत्रण नियमों को साबित करने के लिए पानी और प्रकाश के समुद्रों  में, उप-परमाणु और सुपरसोनिक क्षेत्रों के स्पंदन में अपनी दुनिया को जीतना चाहता है, अनजाने में अपनी बाहरी जागरूकता के लिए वह उन तत्वों के साथ सहयोग कर रहा है जिन्होंने लाखों वर्षों से चीजों को नियंत्रण में रखा है।
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=== Salamanders ===
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=== सैलेमैंडरस (Salamanders) ===


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The fiery salamanders hold the secrets of the fire element, corresponding with the etheric body. At precisely what point the physical fire, elusive and most difficult to control, becomes the sacred fire is a mystery taught by the Holy Spirit, observed in the sacred heart of the saints, touched upon lightly by nuclear scientists, but held firmly in hand by the fire elementals.
तेजस्वी सैलेमैंडरस आकाशीय शरीर के अनुरूप अग्नि तत्व के रहस्यों को जानते हैं। भौतिक अग्नि, जो हाथ न आने वाली और जिसे नियंत्रित करना कठिन होता है, किस क्षण पवित्र अग्नि बन जाती है पता ही नहीं चलता। यह पवित्र आत्मा (ईश्वर) द्वारा सिखाया गया एक रहस्य है, जो संतों के पवित्र हृदय द्वारा अनुसरण (observe) किया जाता है और जिसे जानने के लिए परमाणु वैज्ञानिकों ने अभी थोड़ा सा ही ज्ञान प्राप्त किया है, लेकिन जिसके बारे में अग्नि तत्व दृढ़ता से जानते हैं।


In obedient and loving service to their hierarchs, Oromasis and Diana, their domain stretches from the nucleus of every atom and cell of Life to the core of the earth. They are compassionate and brilliant teachers ready to teach mankind practical ways of harnessing universal energy—from the heart of the electron to the heart of the sun.
सैलेमैंडरस अपने पदक्रम प्रमुख, ओरोमसिस और डायना (Oromasis and Diana), के प्रति आज्ञाकारी और प्रेमपूर्वक, अपनी अग्नि तत्व के सीमा क्षेत्र में जो मनुष्य के प्रत्येक कोशिका के केंद्र से लेकर पृथ्वी के चारों तरफ फैली हुई है, में सेवा करते हैं। वे करुणामय और बुद्धिमान शिक्षक हैं जो मानव जाति को सार्वभौमिक (universal) ऊर्जा - इलेक्ट्रॉन के हृदय से सूर्य के हृदय तक - के नियंत्रण के व्यावहारिक तरीके सिखाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।
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=== Undines ===
<span id="Undines"></span>
=== अनडीन्स (Undines) ===


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The water elementals, portrayed in the elusive but enchanting mermaids, have inspired many a tale of romance between the human and elemental evolutions. ‘Crossing over’ from the elemental to the human kingdom is a known phenomenon. It is a door that has opened and been shut again to allow, in certain isolated cases, a particularly precious elemental of virtue and attainment to move on in the scale of evolution through the family of humanity, ultimately to acquire the divine spark.
जल तत्व का चित्रण अक्सर आकर्षक और मायावी (elusive) जलपरियों के द्वारा किया जाता है।इन्होनें मानव और सृष्टि देवों के बीच प्रेमकथाओं की कई कहानियों को प्रेरित किया है। सृष्टि देव साम्राज्य को लांघकर मानव साम्राज्य तक आना एक सर्वविदित (known) घटना (phenomenon) है जो ईश्वर समय समय पर, कोई विशेष कार्य करने के लिए, किसी श्रेष्ठ सृष्टि देव को मानव साम्राज्य में आने की और उसके बाद त्रिज्योति लौ को प्राप्त करने की अनुमति देते हैं। अनुमति का यह द्वार ईश्वर की इच्छा से कभी भी खुलकर बंद हो सकता है।


More frequently, elementals cross over to the animal kingdom, accelerating evolution by serving man through the highly intelligent species, such as elephants, whales, porpoises, and even particularly loving and responsive dogs or horses.
अक्सर सृष्टि देव जानवरों के साम्राज्य में चले जाते हैं, जहाँ से वे बुद्धिमान और संवेदनशील पशुओं जैसे कि हाथी, व्हेल और पोरपोइज़ {(porpoises) डॉलफ़िन से मिलता-जुलता समुद्री जीव}, कुत्ते और घोड़े, के माध्यम से मनुष्य की सेवा करते हैं।


The race memory of such occurrences goes back to the mists of [[Lemuria]] and [[Atlantis]] and is held today as legend or fairy tale, myth or make-believe by those whose lives would be too turned around to suit their pace or personal self-esteem, were they to take seriously this ‘sub-level’ of a lifewave, perceived at subconscious levels but denied everywhere except in the play of a midsummer night’s dream.
[[Special:MyLanguage/Lemuria|लेमुरिया]] (Lemuria)और [[Special:MyLanguage/Atlantis|अटलांटिस]] (Atlantis) के समय में ऐसी घटनाएं होती थी परन्तु आज के समय के लोग उन घटनाओं को कहावत, परियों की कहानियां, कल्पित कथा या बनावटी विश्वास कहते हैं। ये लोग नहीं जानते कि अगर वे इन बातों में विश्वास करें और सृष्टि देवों को गंभीरता से लें तो वे अपने जीवन को आत्मसम्मान द्वारा बदलने की ताकत पा सकते हैं। कभी कभी इंसान इन सृष्टि देवों को अपने अवचेतन मन से अनुभव भी करते हैं, पर वे इसे भ्रम समझकर भूल जाते हैं।


Nevertheless, the serious work of the undines moves on as the oceans and the rivers and the lakes, streams and rivulets and raindrops all play a part in the formation and re-formation of the body of our planet and of man, utterly dependent upon the elementals.
फिर भी, अनडीन्स अपना कार्य महासागरों, नदियों, झीलों, झरनों, नालों और बारिश की बूंदों में गंभीरतापूर्वक करते रहते हैं। इन सब कार्यों द्वारा ये हमारे ग्रह और मनुष्यों के शरीर के निर्माण और पुनर्गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


The undines, who also laugh and play in the waves and waterfalls, lovingly follow the example of their hierarchs. Neptune is the king of the deep and his consort, Luara, is mother of tides, governing cycles of fertility and the water element as it affects the emotional body (known as the water, feeling, or desire body) and the communications of mankind’s joy, grief, guilt, anger, and love through the astral plane, strongly influencing the collective [[unconscious]] of the race.
अनडीन्स (undines), जो लहरों और झरनों में हंसते और खेलते भी हैं, प्यार से अपने पदक्रम प्रमुखों  का अनुसरण करते हैं। नेपच्यून (Neptune) समुद्र के राजा हैं और उनकी दिव्य सहायिका, लुआरा (Luara), लहरों की जननी हैं, जो पानी में उपजाऊपन के चक्रों और जल तत्वों को नियंत्रित करती है। ये भावनात्मक शरीर - जिसे जल, भावना या इच्छा शरीर भी कहा जाता है - को प्रभावित करती हैं। सूक्ष्म स्तर पर मानव द्वारा महसूस किये गए आनंद, दु:ख, अपराधबोध, क्रोध, और प्रेम को मानवजाति के सामूहिक [[Special:MyLanguage/unconscious|अचेतन]] (unconscious) मन पर दृढ़ता से प्रभाव डालती हैं।
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== The consciousness of the elementals ==
<span id="The_consciousness_of_the_elementals"></span>
== सृष्टि देवों की चेतना ==


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There is a great difference in the consciousness of the mineral, vegetable, animal, and human kingdoms serviced by the four types of elementals. Just as the body of man is not aware of itself in sleep, so the mineral kingdom does not possess self-awareness but manifests a specific quality of ‘mineral density’ which elemental life has charged into the substance of matter.
चार प्रकार के सृष्टि देवों द्वारा सेवित खनिज, वनस्पति, पशु और मानव साम्राज्य की चेतना में बहुत अंतर है। जिस प्रकार मनुष्य का शरीर नींद में अपने बारे में जागरूक नहीं होता है, उसी प्रकार खनिज साम्राज्य में आत्म-जागरूकता नहीं होती है - इस साम्राज्य में 'घनत्व' का एक विशिष्ट गुण होता है, जिसे सृष्टि देवो ने पदार्थ की वस्तुओं में स्थापित किया है।


For example, the gnomes, although scarce recognized by the average Westerner—yet made known to the Irish as the “little people,” or as mischievous fairies called leprechauns—do exist and impart to the mineral kingdom a wonderful quality of spiritual radiance which passes through the consciousness of the elemental’s own being directly from the sun parents of this system—[[Helios and Vesta]]. The gnomes are charged with the responsibility of administering the divine pattern for each rock, precious stone, and element of mineral life. By a like token, there are also many ethereal angelic beings (of the devic evolution) responsible for ensouling the God-design in the natural order.
उदाहरण के लिए, हालांकि अधिकांशतः पश्चिमी लोग नोम्स के अस्तित्व में विश्वास नहीं करते, आयरलैंड (Ireland) के निवासी उन्हें  "नन्हें लोग" या फिर लेप्रोकान्ज़ (leprechauns) नामक नटखट परियों  के रूप में जानते हैं - आइरिश (irish) लोगों का मानना है कि ये नन्हें लोग खनिज पदार्थों में [[Special:MyLanguage/Helios and Vesta|  हीलियोस और वेस्ता]] (Helios and Vesta) द्वारा अर्जित की हुई आध्यात्मिक तेजस्विता को डालते हैं। नोम्स का कार्य प्रत्येक चट्टान, कीमती पत्थर और खनिज पदार्थ में एक दिव्य डिज़ाइन डालना है। इसी तरह, प्राकृतिक क्रम में ईश्वर की आकृति को स्थापित करने के लिए कई आकाशीय देवदूत भी ज़िम्मेवार हैं।


Trees and plants, of course, do not possess the awareness of either the human or the elemental consciousness but have imparted to them, by the advanced [[Deva]]s who watch over them, a greater degree of Life awareness than that retained by the mineral kingdom.
निःसंदेह, पेड़-पौधों में मानव या सृष्टि देवों के स्तर की चेतना और जागरूकता नहीं होती, लेकिन उन पर नजर रखने वाले उच्च [[Special:MyLanguage/Deva|देवो]] ने उन्हें जीवन के प्रति खनिज साम्राज्य की तुलना में अधिक जागरूकता दी है।


The ensoulment of trees and plants by the devas who direct the specific plant elementals assigned to categories of flora—and exist in such numberless numbers as to tend, literally, everything that grows—accounts for the undeniable fact that people who attune their spiritual centers to the Nature kingdom are able to speak to trees and plants and receive a physically perceptible response to the spark of consciousness communicated to the plant through its “nerve system.” The life-force in plants and animals has been isolated in [[Kirlian photography]], revealing an aura of universal energy, an electromagnetic field, also common to man.
पेड़ों और पौधों को अन्तःकरण (ensoulment) देने की प्रकिया वनस्पति जगत के उन विशिष्ट सृष्टि देवों द्वारा की जाती है जो इस कार्य के लिए देवों द्वारा निर्धारित किये गए हैं, और अनगिनत संख्या में मौजूद हैं कि पृथ्वी पर उगने वाली हर पौधे की देखभाल कर सकते हैं। जब लोग अपने आध्यात्मिक केंद्र को वनस्पति जगत से जोड़ते हैं तो वे पेड़ों और पौधों से बात करने में सक्षम हो जाते हैं। ऐसे में पौधे उन्हें अपने तंत्रिका तंत्र (nerve system) के माधयम से एक स्पष्ट भौतिक प्रतिक्रिया द्वारा अपना उत्तर देते हैं। [[Special:MyLanguage/Kirlian photography|किर्लियन फोटोग्राफी]] (Kirlian photography) ने हमें बताया है कि पौधों और जानवरों की जीवन-शक्ति अलग अलग होती है - इससे हमें सार्वभौमिक ऊर्जा की एक आभा, एक विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र का पता चलता है, जो मनुष्य में भी होती है।


Stepping up in the scale of Life-expressions from flora to fauna, we discover by like attunement the group-soul of animal species manifesting qualities of higher intelligence. Many animals possess almost human characteristics and an uncanny sense, almost psychic in its display. This is especially true of certain breeds of dogs and horses, and is marked in the elephant and the lower primates.
वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के जीवन के स्तर पर आगे बढ़ते हुए हमें उच्च बुद्धि वाले पशु वर्ग के  जीवात्मा समूह (group-soul)
के बारे में पता चलता है। कई जानवरों के लक्षण मानवीय लक्षणों से बहुत मिलते-जुलते हैं, और उनमें एक विलक्षण आत्मिक भावना भी दिखती है। कुत्तों और घोड़ों की कुछ नस्लों में यह भावना विशेष रूप से दिखाई देती है, तथा हाथी और निचले प्राइमेट्स (primates) (मनुष्य-सदृश जानवरों का परिवार) में यह बहुत उल्लेखनीय होती है।


Mammals of the sea, fish, seals, and penguins are not excluded from a very wonderful intelligence, and further study by sensitive scientists will reveal a marvelous attunement, through the heart of all Life, everywhere in the Nature kingdom. Entomologists never cease to be amazed at the wonders of the ant; and the goad of the wise man “Go to the ant, thou sluggard...<ref>Prov. 6:6.</ref> indicates that man has a great deal to learn from the veritable mysteries of Nature.<ref>{{CCL}}, chapter 44.</ref></blockquote>
स्तनधारी समुद्री जानवर, मछली, सील और पेंगुइन सभी अद्भुत बुद्धि के मालिक हैं। संवेदनशील वैज्ञानिकों के अध्ययन से हमें यह पता चलता है कि प्रकृति जगत में हर जगह एक अनोखी अनुकूलन क्रिया है जो इन जीवों के ह्रदय के माध्यम से स्थापित है। कीटविज्ञानी चींटी के चमत्कारों को देख अचंभित रहते हैं, परिश्रमी चीटियों को देखकर ही किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा है, "हे आलसी, चींटी के पास जाओ..."<ref>Prov। ६:.</ref> संकेत करता है कि मनुष्य को प्रकृति के वास्तविक रहस्यों से बहुत कुछ सीखना है।<ref>{{CCL}}, अध्याय ४४।</ref></blockquote>


== Man’s influence on the elementals ==
<span id="Man’s_influence_on_the_elementals"></span>
== मनुष्य का सृष्टि देवों पर प्रभाव ==


Mankind has a tremendous influence on elemental life—for good or for ill. The elementals are very easily influenced; they are more easily influenced than a child. For example: wrong thought and feeling poured out in a small town day after day by husbands and wives fighting could result in a tornado hitting that town. That’s right! A tornado can be generated by the thoughts and feelings of the people in that town if the elementals pick it up. But the sylphs can be controlled, and they will work for God’s children.
मानव जाति सृष्टि देवों को अद्भुत रूप से प्रभवित करती है - ये चाहे अच्छे के लिए हो या बुरे के लिए। सृष्टि देव बहुत आसानी से प्रभावित हो जाते हैं - एक बच्चे से भी अधिक आसानी से। उदाहरण के लिए: एक छोटे शहर में अगर पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़ा होता है तो इसके कारण उत्पन्न होने वाले गलत विचार और भावनाएं उस शहर में आंधी-तूफ़ान ला सकते हैं। यह पूर्णतया सत्य बात है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सृष्टि देव लोगों के विचारों और भावनाओं अपने में समाहित करते है जिनसे फिर तूफ़ान आ जाता है। लेकिन अगर हम, सिल्फ्स को नियंत्रित कर लेते हैं तो वे भगवान के बच्चों के लिए काम करते हैं।


Mark Prophet recounts one of his experiences in working with the elementals:  
मार्क प्रोफेट ने सृष्टि देवों के साथ काम करने के अपने अनुभवों में से एक के बारे में बताया है:  


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I remember driving an automobile near the city of Chicago, Illinois. And as we arrived in the vicinity of Chicago, the entire area was black with storm clouds. It was an absolute scene of terror, because in these storm clouds were cyclones and tornadoes. So when we perceived the ominous and threatening danger to the city, our entire group in the car immediately went into action contacting the sylphs of the air.
मुझे इलिनोइस (Illinois) के शिकागो (Chicago) शहर के पास की एक घटना याद है। मैं अपनी कार में शिकागो जा रहा था, जैसे ही हम शिकागो के निकट पहुंचे, हमने देखा कि पूरे क्षेत्र पर तूफानी बादल छाये हुए हैं। काला आसमान चक्रवात और बवंडर की निशानी को आतंकित कर रहा था। इसलिए जब हमें शहर के ऊपर छाये इस खतरे का एहसास हुआ, तो कार में बैठा हमारा पूरा समूह तुरंत सिल्फ्स को दिव्य आदेश करने में जुट गया।


Prior to our beginning, the storms and the winds began to howl. They howled something terrible, and they sobbed as a child would sob—you could hear it in the wind. We gave our [[decree]]s and we sang to the elementals and we called for the dissolving of the storm, and it was all done exactly as we called it forth. The storm clouds disappeared, and the city was saved from terrible destruction by calls to the elementals.<ref>Mark Prophet, “The Kingdom of the Elements: Fire, Air, Water, Earth,” July 2, 1972.</ref>
[[Special:MyLanguage/decree|दिव्य आदेश]] (decrees) शुरू करने के समय, आकाश में तेज़ हवाएं चल रहीं थी और बादल भी गरज रहे थे। ये आवाज़ें ऐसे सुनाई दे रही थी जैसे कोई बच्चा ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला और सिसक रहा हो। हम दिव्य आदेश करने लगे और सृष्टि देवों के लिए ईश्वर से तूफ़ान के थमने की प्रार्थना की। यह सब ठीक उसी तरह किया गया जैसा हमने कहा और फिर वैसा ही हुआ। तूफ़ानी बादल गायब हो गए, और शहर एक भयानक विनाश से बच गया।<ref>मार्क प्रोफेट, "द किंगडम ऑफ़ एलिमेंट्स; फायर, एयर, वाटर, अर्थ," जुलाई २, १९७२।</ref></blockquote>
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When our hearts are engrafted to God’s heart, nothing is impossible.
जब हमारा हृदय ईश्वर के हृदय में रच-बस (engrafted) जाता है, तो कुछ भी असंभव नहीं होता।


Kuthumi speaks of the influence of man on the elementals:
कुथुमी सृष्टि देवों पर मनुष्य के प्रभाव की बात करते हैं:


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All this lovely creation imbued with a portion of the Divine Intelligence is deemed the “footstool kingdom” of God and was originally placed under the dominion of man as the manifestation of God. Through contaminating vibrations of cruelty, Nature has absorbed human imperfection. The savage qualities of jungle beasts are considered animalistic, whereas in reality, when the truth of life is known and the record of [[akasha]] and the planetary aura is accurately read, it will be learned that animal as well as elemental life originally absorbed their gross and sometimes grotesque outpicturings from mankind.
दैवीय बुद्धि के एक विभाग से युक्त यह सुंदर रचना ईश्वर का "फुटस्टूल साम्राज्य" (footstool kingdom) माना जाता है। वास्तव में ईश्वर ने इसे अपनी अभिव्यक्ति के रूप में मनुष्य के अधीन रखा था। परन्तु मानवजाति की त्रुटियों के कारण उत्पन्न हुई क्रूरता के दूषित स्पंदनों को प्रकृति ने आत्मसात (absorb) कर लिया।     
जंगली जानवरों के हिंसक गुणों को पशुवादी माना जाता है पर जब हम [[Special:MyLanguage/akasha|अकाशिक]] दस्तावेज़ों और ग्रहों के आभामंडल को पढ़ते हैं तो हमें पता चलता है जानवरों और सृष्टि देवों का ये व्यवहार वास्तव में मानवजाति के विचित्र और अशिष्ट व्यवहार का प्रतिफल है।


Savagery, cannibalism, violence, revenge, and killing originated in mankind’s lowest evolutionary descent and were transmitted directly by vibration (here proving that the power of example can also be the worst teacher) to the subspecies. Therefore, the animal magnetism in humans—often sub-animal, wreaking a devilish wrath—must be redeemed (i.e., transmuted by the [[violet flame]]) in the process of freeing the planet.
बर्बरता, नरभक्षण, हिंसा, हत्या और बदले की भावनाएं मानव जाति के विकासवाद में सबसे निचले      स्तर पर उत्पन्न हुई, और स्पंदन द्वारा संचारित की गई हैं। इससे यह सिद्ध होता है कि अत्यंत बुरा शिक्षक भी अपने उदाहरण के प्रभाव से लोगों को प्रेरित कर सकता है। इसलिए हम यह कह सकते हैं कि अगर पृथ्वी को मुक्त कराना है तो मनुष्यों के स्वभाव से पशुत्व को समाप्त करना होगा और ये कार्य वायलेट लौ के आह्वान से किया जा सकता है।


This you can begin to effect right now by fervent calls for the action of the circle and sword of blue flame of [[Astrea]], the universal Mother figure functioning at the level of Elohim (personified in the East as [[Kali]]) who cuts free her children evolving in every kingdom from the imposed [[evil]] matrix of the vengeful [[fallen angel]]s. The violet fire that flows from your determined, heartfelt decrees literally lifts the pall of [[human consciousness]] from all elemental life. It is integral to the reclamation of Nature’s beauty.
आप अभी से ऐसा करना शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आप सार्वभौमिक माँ [[Special:MyLanguage/Astrea|एस्ट्रिया]] (Astrea) का आह्वान कीजिये कि वह अपने नीले लौ के चक्र और तलवार (circle and sword of blue flame) से विभिन्न साम्राज्यों में रहने वाले अपने सभी बच्चों की [[Special:MyLanguage/evil|बुराई]] और नकारत्मकता को नष्ट करें जो [[Special:MyLanguage/fallen angel|पथभ्रष्ट देवदूतों]] (fallen angel) के कारण उनमे व्याप्त है। एलोहीम (Elohim) के स्तर पर काम करने वाली एस्ट्रिया पूर्वी देशों में काली माँ के नाम से जानी जाती हैं। जब आप दृढ़ संकल्प और पूरे दिल से वायलेट लौ के दिव्य आदेशों का आवाहन करते हैं तो वायलेट अग्नि सृष्टि देवों से [[Special:MyLanguage/human consciousness|मानवी चेतना]] (human consciousness) के बादल हटा देती है। प्रकृति की सुंदरता को पुनः प्राप्त करने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है।


Beloved [[Saint Germain]] and other ascended masters have in various associations of their embodiments had contact with elemental life evolving through the animal kingdom. In some cases, this necessitated their later intercession on behalf of certain elementals embodied in animal form. The freeing of these blessed elementals “imprisoned” in dense bodies has on more than one occasion been the gift of love and violet fire from the ascended one to that elemental part of Life with whom they had prior contact.
[[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जरमेन]] (Saint Germain) और अन्य दिव्यगुरु पृथ्वी पर अपने विभिन्न जन्मों में पशु साम्राज्य के माध्यम से विकसित होने वाले सृष्टि देवों के संपर्क में थे। अपने इस सम्बन्ध के कारण कुछ स्थितियों में इन्होनें पशु रूप से जन्मे सृष्टि देवों की ओर से मध्यस्तता भी की थी। घने शरीरों में "कैद" हुए इन सृष्टि देवों की मुक्ति
उन्हें दिव्यगुरूओं द्वारा दिया हुआ वायॅलेट अग्नि का प्रेम भरा उपहार है।


Through the radiation of kindness, joy, and gratitude, all Nature will ultimately attain a pristine state of Edenic perfection where “the wolf shall dwell with the lamb, the leopard with the kid, the calf and the young lion together...<ref>Isa. 11:6.</ref> The law of the savage jungle will be abrogated by Christ-power, and those men so fortunate as to remain upon this planet will be living [[Christ]]s. Through their intercession, all elementals will be set free from confinement to the temporary animal forms. The radiation of divine Love rising to a pulsation of great power will instantaneously sever and dissolve the connection of the evolved elementals with the self-limiting animal matrix and consciousness.
दयालुता, खुशी और कृतज्ञता के प्रसारण के माध्यम से सम्पूर्ण प्रकृति अंततः स्वर्गिक निपुणता की एक मूल स्थिति प्राप्त करेगी जहां "भेड़िया मेमने के साथ, तेंदुआ बच्चे के साथ, बछड़ा और युवा शेर एक साथ रहेंगे..."< ref> ईसा। ११:६।जंगल का हिंसक कानून आत्मिक शक्ति द्वारा निष्प्रभाव कर दिया जाएगा, और जो लोग पृथ्वी ग्रह पर बचेंगे वे अत्यंत भाग्यशाली और [[Special:MyLanguage/Christ|ईश्वरस्वरूप]] होंगे। दिव्यगुरूओं की मध्यस्थता से सभी सृष्टिदेव अपने पशु रूपों के बंधन से मुक्त हो जाएंगे। दिव्य प्रेम के प्रसारण से एक महान शक्ति का उदय होगा जो उसी क्षण ही विकसित सृष्टि देवों को उनके स्व-सीमित पशु सांचे के कैद से मुक्ति दिलाएगी।


Some of you will recall reading of my love for the birds and creatures and that they came to me without fear. Beloved hearts, in most animals fear is the result of mankind’s own feelings which are, or have been, projected to the animals through the [[mass mind]]. Man’s survival instincts retained from prehistoric times sustain a fierce desire to self-protect. Race memories of past encounters with savage beasts keep alive a record and an automatic reflex whereby man reverts to a defensive posture when sensing the presence of certain wild animals.
आप में से कुछ लोगों को पक्षियों और अन्य जीव-जंतु के प्रति मेरे प्रेम के बारे में याद होगा कि कैसे वे बिना किसी डर के मेरे पास आते थे। अधिकांश जानवरों में डर मानव जाति की अपनी भावनाओं का परिणाम है जो [[Special:MyLanguage/mass mind|जन समूह चेतना]] (mass mind) के माध्यम से जानवरों पर प्रक्षेपित (project) किया गया है। यह पूर्व ऐतिहासिक समय से चली आ रही मनुष्य की जीवित रहने की स्वाभाविक आत्म-रक्षा की तीव्र इच्छा को बनाए रखती है। इसीलिए जंगली जानवरों के साथ अतीत की मुठभेड़ों की यादें एक दस्तावेज़ और एक स्वचालित प्रतिबिंब (automatic reflex) को जीवित रखती हैं जिससे मनुष्य कुछ जंगली जानवरों की उपस्थिति को महसूस करते समय रक्षात्मक मुद्रा ग्रहण कर लेता है।


Through Christ-power, men can make an appeal to the great Law of Life to free them from this latent fear that engenders alienation from all elemental life. We do not advocate recklessness in approaching wild animals, for until the inner action of transmuting all fear and doubt into love is complete, people would do well not to expose themselves unduly to dangers from animal life which yet responds to man from the lowest levels of world consciousness—for the flame of resurrection is yet to be transferred to them by sons and daughters of a God-mastery regained.
आत्मिक-शक्ति के माध्यम से, मनुष्य इस अप्रकट भय से मुक्ति पाने के लिए जीवन के महान नियम से अपील कर सकते हैं - यह भय मनुष्यों और सृष्टि देवों में विरक्ति (alienation) पैदा करता है। हम जंगली जानवरों से संपर्क करने में लापरवाही करने का समर्थन नहीं करते क्योंकि जब तक सब भय और संदेह को प्यार में नहीं बदला जाता, ऐसा करना खतरे से खाली नहीं होगा। जब तक कि पुनरूत्थान के गुणों को ईश्वर-स्वामित्व वाले पुत्र और पुत्रियाँ उन्हें मनुष्यों तक स्थानांतरित नहीं करते, तब तक मनुष्यों को प्रतीक्षा करनी होगी।


Remember, dear hearts, only when all fear is removed from within yourself, especially the subconscious, by the Great God Presence of Life will the lower-vibrating energy of the cobra, the lion, and all destructive beasts yield to the mighty power of your real attainment in Christ. Thus, we remind those who are beginning to realize that their own self-mastery is the key to the victory of all earth’s evolutions: “He who keepeth himself (his four lower bodies) and the gateway to his own house (his consciousness, body temple, and chakras) is greater than the ruler of a city.”<ref>{{CCL}}, chapter 44.</ref>
आप याद रखिये कि जब तक आप भीतर से, विशेष रूप से, अवचेतन मन से, भय-मुक्त नहीं हो जाते, तब तक निचले स्तर के स्पंदन वाली विषैले नागों, शेरों और अन्य जंगली जानवरों की ऊर्जा समाप्त नहीं  होती - जब आप भय-मुक्त हो जाएंगे, आप स्वयं में ईश्वर की उपस्थिति को  अनुभव करेंगे। इसलिए हम आपको ये स्मरण कराते हैं कि स्वयं पर विजय पाना ही पृथ्वी के सभी विकासों की जीत की कुंजी है: "वह जो स्वयं के (अपने चार निचले शरीरों को) और अपने घर (अपनी चेतना, शरीर और चक्रों) के प्रवेश द्वार की रक्षा करता है, वह किसी शहर के शासक से भी बड़ा है।"<ref>{{CCL}}, ४४ वां अध्याय.</ref>
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== The karmic burden on the elementals ==
<span id="The_karmic_burden_on_the_elementals"></span>
== सृष्ट देवों पर कर्मों का बोझ ==


Earth could be very different if the elementals were not bowed down with pollution and the weight of mankind’s [[karma]]. In Genesis, God tells Adam, “Cursed is the ground for thy sake; in sorrow shalt thou eat of it all the days of thy life.”<ref>Gen. 3:17.</ref> “The ground” is symbolic of elemental life. In other words, because of mankind’s fall from grace (represented in the figures of [[Adam and Eve]]) the elementals were “cursed”—that is, mankind’s negative karma was introduced into their world—and the elementals were assigned the task of maintaining balance where karmic imbalance now appeared.
यदि सृष्टि देव प्रदूषण और मानव जाति के [[Special:MyLanguage/karma|कर्मों]] के बोझ के तले ना दबे हुए होते तो पृथ्वी का रूप कुछ और ही होता। जेनेसिस (Genesis) में ईश्वर ने आदम (Adam) से कहा, “तुम्हारे लिए ही यह भूमि अभिशप्त (cursed) की गयी है; दु:ख के समय तुम जीवन भर उसका फल खाते रहोगे।”<ref>Gen. :१७.</ref> "भूमि" सृष्टि देवों के जीवन की प्रतीक है। दूसरे शब्दों में कहें तो मानव जाति के शिष्टता से गिरने के कारण (जो कि [[Special:MyLanguage/Adam and Eve|आदम और हौवा]] (Adam and Eve) की  कहानियों में दर्शाया गया है) सृष्टि देव "शापित"(cursed) हो गए, मानव जाति के नकारात्मक कर्म उनकी दुनिया में प्रवेश कर गए - और फिर इन सृष्टि देवों को कार्मिक संतुलन बनाये रखने का कार्य सौंपा गया।


The weight of karma has been building up over centuries and millennia. Yet the elementals keep on working heroically to clean up the earth, the air and the water of our planet. Day after day, they work to keep the earth on an even keel. Without the unflagging work of the elementals, we would not have a physical platform on which to live. We would not have a place to work out our karma or to grow spiritually.
कई सदियों से पृथ्वी पर कर्म का भार बढ़ता जा रहा है। फिर भी सृष्टि देव हमारे ग्रह की भूमि, वायु और जल को साफ करने के लिए वीरतापूर्वक काम करते जा हैं। दिन-प्रतिदिन वे पृथ्वी का संतुलन बनाए रखने के लिए काम करते हैं। अगर ये निरंतर कार्य न करें तो हमारे पास रहने के लिए कोई भौतिक मंच नहीं बचेगा, हमारे पास अपने कर्मों को संतुलित करने और स्वयं के आध्यात्मिक उत्थान के लिए कोई स्थान नहीं होगा।


In 1990, beloved Oromasis said that the elementals carry a great weight of oppression and depression, despair and discouragement. Like mankind, the elementals “become listless. They become tired. They become burdened. They become overworked.... But, beloved ones,” he said, “you can clear them of it.”
1990 में ओरोमसिस (Oromasis) ने कहा कि सृष्टि देव अत्याचार, उदासी, निराशा और साहसहीनता का एक बड़ा भार उठाए रखते हैं। मानव जाति की तरह, ये भी “सुस्त हो जाते हैं। थक जाते हैं। बोझिल हो जाते हैं। और अत्यधिक काम के बोझ तले दब जाते हैं... लेकिन, मेरे प्रियजनों,” उन्होंने कहा, “आप उन्हें इससे छुटकारा दिला सकते हैं।”


The elementals do not have a [[threefold flame]], and Oromasis said that until they earn that threefold flame “they must rely on your heart flame. Yes, they decree with you, but they must have you to decree with. For they depend upon the altar of your heart as you depend on the altar of God’s heart and upon the unfed flame.... It is not just your family and your children who depend upon you, but each and every one of you has potentially millions of elementals who depend upon your heart flame.”<ref>Oromasis and Diana, “Call for the Rainbow Fire!” {{POWref|33|32}}</ref>
सृष्टि देवों के पास अपनी [[Special:MyLanguage/threefold flame|त्रिज्योति लौ]] (threefold flame) नहीं है, और ओरोमसिस (Oromasis) ने कहा है कि जब तक वे इसे अर्जित नहीं कर लेते, “इन्हें आपके ह्रदय में स्थित त्रिज्योति लौ पर निर्भर रहना पड़ेगा। जी हां, वे आपके साथ दिव्य आदेश करते हैं, लेकिन दिव्य आदेश करने के लिए वे आप पर निर्भर हैं। वे आपके हृदय पर उसी प्रकार निर्भर हैं जिस प्रकार आप ईश्वर के हृदय पर निर्भर हैं... तो आप यह बात समझिये कि केवल आपका परिवार और बच्चे ही आप पर निर्भर नहीं है बल्कि लाखों सृष्टि देव भी आपके ह्रदय की त्रिज्योति लौ पर निर्भर हैं।"<ref>ओरोमासिस और डायना (Oromasis and Diana), "कॉल फॉर द रेनबो फायर!" (Call for the Rainbow Fire) {{POWref|३३|३२}}</ref>


In 1996, [[Lanello]] told us that the elementals were still laboring under a very heavy burden.
१९९६ में, [[Special:MyLanguage/Lanello|लनैलो]] (Lanello) ने हमें बताया कि सृष्टि देव अभी भी बहुत भारी बोझ के नीचे काम कर रहे हैं।


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The elementals and their hierarchs have reached their limit. They cannot and will not bear the sins of the world any longer. We call upon you to pray for them, for when they can no longer do their jobs, you can anticipate planetary cataclysm. It is in your best interest, then, to remember the elementals, to walk and talk with them, to call to their four hierarchs and to encourage them, to give them hope and stand by them. Otherwise you will see them giving up one by one....
सृष्टि देव और उनके पदक्रम प्रमुख अपनी क्षमता से अधिक कार्य कर रहे हैं। अब वे संसार के पापों को और अधिक सहन नहीं कर सकते। इसलिए आप उनके लिए प्रार्थना कीजिये। अगर सृष्टि देव अपना काम करने में पूर्णतया असमर्थ हो गए तो आप पृथ्वी ग्रह पर प्रलय का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए सृष्टि देवों के साथ मिलकर रहना आपके हित में है, उन्हें याद रखिये, उनके साथ चलें और बात करें - उनके चार प्रमुखों से प्रार्थना कीजिये, उन्हें प्रोत्साहित कीजिये, आशावादी बनाइये और उनके साथ खड़े रहिये। अन्यथा आप उन्हें एक-एक करके हार मानते हुए देखेंगे....


What would happen if all the earth should become a place where the beings of the elements have gone on strike, saying: “We can no longer deal with the mountains of karma and polluted substance that mankind is dumping in the waters, in the earth, in the air!”<ref>Lanello, “In the Sanctuary of the Soul,” {{POWref|40|52|, December 28, 1997}}</ref>
सोचिये, अगर प्रथ्वी के सारे सृष्टि देव हड़ताल पर चले गए, यह कहते हुए कि "अब हम मानजाति के कर्म के पहाड़ों और प्रदूषित पदार्थों से और नहीं निपट सकते" तो क्या होगा।<ref> लैनेलो, “इन द सैंक्चुअरी ऑफ़ द सोल,” (Lanello, “In the Sanctuary of the Soul) {{POWref|40|52|, २८ दिसम्बर १९९७}}</ref>
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The elementals have helped us for so very long. Now it is our turn to help them. We have the spiritual tools of the violet flame and the power of the Holy Spirit to do it.
सृष्टि देवों ने बहुत लंबे समय तक हमारी मदद की है। अब हमारी बारी है, उनकी मदद करने की। और मदद करने के लिए हमारे पास वायलेट लौ के आध्यात्मिक साधन और पवित्र आत्मा की शक्ति है।


== Working with the elementals ==
<span id="Working_with_the_elementals"></span>
== सृष्टि देवों के साथ कार्य करना ==


On July 8, 1990, Oromasis’ twin flame, Diana, announced a [[dispensation]] initiating a new wave of cooperation between sons and daughters of God and elemental life. Diana said:
८ जुलाई १९९० को ओरोमसिस (Oromasis) की समरूप जोड़ी, डायना(Diana), ने ईश्वर के पुत्र/पुत्रियों और सृष्टि देवों के बीच सहयोग की नयी [[Special:MyLanguage/dispensation|प्रकाश रुपी उपहार]] की घोषणा की। डायना (Diana) ने कहा:


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I have brought with me today representatives of the four kingdoms. To each of you are given a troop of elementals, some from each of the kingdoms. You may consider that you have adopted a little tribe today numbering twelve. They will stay with you and obey your command if it is heart-centered in the [[diamond heart]] of [[Mother Mary|Mary]] and [[El Morya|Morya]]. And they will remain as long as you tend and nurture them.
मैं आज अपने साथ चार साम्राज्यों के प्रतिनिधियों को लाई हूं। आप में से प्रत्येक व्यक्ति को बारह सृष्टि देवों का एक समूह दिया गया है। आप ऐसा समझ लीजिये कि प्रत्येक साम्राज्य से बारह जीवों का ये आपका अपना कुटुम्ब है। ये बारह जीव आपके साथ रहेंगे और आपकी हर उस आज्ञा का पालन करेंगे जो [[Special:MyLanguage/Mother Mary|मदर मैरी]] (Mother Mary) और [[Special:MyLanguage/El Morya|एल मोर्या]] (El Morya) के [[Special:MyLanguage/diamond heart|डायमंड हार्ट]] (diamond heart) में केंद्रित है। ये आपके साथ रहेंगे जब तक आप उनकी प्रेमपूर्वक देखभाल और पालन-पोषण करेंगे।


Include them in your calls and give them assignments, but only in keeping with the will of God. Invoke them for many, many purposes in your life, not excluding the healing of your four lower bodies or the tending to practical matters. And as you see the results of your interactions with them and take them with you on your hikes, so you may come to realize what is this segment of the army of the Lord.
आप सृष्टि देवों को अपनी प्रार्थनाओं में शामिल कीजिये और ईश्वर की इच्छा को ध्यान में रखते हुए उनके लिए कुछ कार्य निर्धारित कर दीजिये। अपने जीवन में कई उद्देश्यों की पूर्ति के लिए तथा अपने चार निचले शरीरों के स्वास्थय के लिए आप सृष्टि देवों के दिव्य आदेशों का आह्वान करें। जब आप इस पारस्परिक क्रिया के परिणाम को देखेंगे, तो आप यह जानेगें कि ईश्वर की सेना के इस टुकड़ी का आपकी जिंदगी में कितना महत्वपूर्ण योगदान है।


Thus, when those who are higher up on the scale of hierarchy perceive your gentleness as well as your firmness and your ability to marshal the forces of the elemental kingdom for good works, they will begin to consider also becoming your obedient servants.... [[Keepers of the Flame]], walk with God—and as you do, know that God in elemental life walks with you.<ref>Oromasis and Diana, “Call for the Rainbow Fire!” July 8, 1990, quoted by Elizabeth Clare Prophet, October 9, 1998.</ref>
इस प्रकार, जब जो पदक्रम की ऊपरी स्तरों पर हैं वे आपकी सौम्यता, दृढ़ता और अच्छे कार्यों के लिए सृष्टि देव साम्राज्य की ताकतों को सुव्यवस्थित करने में आपकी क्षमता को पहचान लेते हैं, वे आपके आज्ञाकारी सेवक [[Special:MyLanguage/Keepers of the Flame|कीपर्स ऑफ़ द फ्लेम]] (Keepers of the Flame) बनने पर विचार करना शुरू कर देते हैं। जब आप ईश्वर की इच्छानुसार कार्य करते हैं, तो सृष्टि देव भी उसी इच्छा के अनुकूल कार्य करते है।<ref>ओरोमसिस और डायना (Oromasis and Diana), "कॉल फॉर द रेनबो फायर! (Call for the Rainbow Fire)" ८ जुलाई १९९०, एलिजाबेथ क्लेयर प्रोफेट (Elizabeth Clare Prophet) द्वारा उद्धृत, ९ अक्टूबर १९९८</ref>
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Give your troop of twelve elementals assignments daily. These can be any constructive endeavor that will help, not just one or two or ten people, but tens of thousands and millions of people. Ask them to take care of practical matters, including the healing of yourself and others. All elemental life knows how to heal. Be sure your requests are in keeping with the will of God. As you are diligent in marshaling the forces of the elementals for good, other beings who are more powerful than the elementals will become your servants as well. Just think what you can accomplish with more and more helpers at your disposal!
आप अपने बारह सृष्टि देवों के समूह को प्रतिदिन कुछ कार्य दें। यह कोई भी रचनात्मक कार्य हो सकता है जो एक, दो या दस लोगों की नहीं, वरन हजारों, लाखों लोगों की मदद करे। आप इन्हें अपने और दूसरों का उपचार करने और अन्य व्यावहारिक मामलों का ध्यान रखने के लिए भी कहें। समस्त सृष्टि देव उपचार करने की कला को जानते हैं। परन्तु यह सुनिश्चित करें कि आपका अनुरोध ईश्वर की इच्छा के अनुरूप है। क्योंकि आप सबकी भलाई के लिए सृष्टि देवों की शक्तियों का उपयोग करते हैं, सृष्टि देवों से अधिक शक्तिशाली जीव भी आपके सेवक बन जाएंगे। आप बहुत कुछ प्राप्त कर सकते हैं अगर आपके साथ अधिक से अधिक सहायक जुड़ जाएँ!


In 1993, Oromasis and Diana came again with a plea and a prayer for the elementals. They described other planets that are barren today because the elementals on those planets had no sponsorship—no sons and daughters of God who would keep the flame for them.
१९९३ में ओरोमसिस और डायना फिर से सृष्टि देवों के लिए एक निवेदन और प्रार्थना लेकर आए थे। उन्होंने अन्य ग्रहों का वर्णन किया जो आज बंजर हैं क्योंकि उन ग्रहों पर सृष्टि देवों के संरक्षण  के लिए ईश्वर के कोई पुत्र और पुत्रियाँ नहीं थे जो उनके संरक्षक बन सके।


== Elementals in a golden age ==
<span id="Elementals_in_a_golden_age"></span>
== सतयुग में सृष्टि देव ==


Mark Prophet once painted that scene for us of what would earth be like if the elementals were not bowed down with pollution and the weight of mankind’s karma:  
अगर सृष्टि देव प्रदूषण और मानव जाति के कर्मों  के भार तले न दबे होते तो पृथ्वी कैसी होती? ऐसे समय का चित्रण मार्क प्रोफेट ने हमारे सामने एक बार प्रस्तुत किया था:  


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If we had followed the divine plan, we would be able to see and be friends with the nature spirits. We would not have to deal with lesser or greater storms. The ground would shed forth dew to water our crops. No rain would fall, but a dew would appear from the air. The air would be saturated with moisture, in just the right amounts everywhere on earth, and the deserts would bloom as the rose, and there would be no excess moisture, and no lack of it. It would be just right for every climate.
यदि हमने ईश्वर की दिव्य योजना का अनुसरण किया होता तो हम प्रकृति के जीवों (सृष्टि देवों) को देख पाते और उनसे मित्रता भी कर पाते। तब हमें तूफ़ानों से जूझना नहीं पड़ता। धरती हमारी फ़सलों को पानी देने के लिए अपनी ओस छोड़ती। बारिश नहीं होती लेकिन हवा में ओस प्रकट होती। पृथ्वी पर हर जगह हवा में उचित मात्रा में नमी होती और और रेगिस्तान गुलाब की तरह खिलेंगे, और कोई अतिरिक्त नमी नहीं होगी, और इसकी कोई कमी नहीं होगी। यह हर जलवायु के लिए बिल्कुल सही होगा।


You would have the most beautiful weather and you would have the most beautiful flowers all over the world. You would have plenty of food and you would find that people would not be killing animals to live. There would be abundant fruit. Many of the fruits that would manifest are not even on the planet now.... We would have communion with the elementals, showing them how to step up into a higher manifestation. And we would be receiving our instructions from angels.<ref>Mark L. Prophet, quoted by Elizabeth Clare Prophet, October 9, 1998.</ref>
आपके पास सबसे सुंदर मौसम और विश्व भर में सबसे सुंदर फूल होंगे। आपके पास प्रचुर (plenty) मात्रा में भोजन होगा और लोग जीवित रहने के लिए जानवरों को नहीं मारेंगे। प्रचुर मात्रा में फल मिलेंगे। ऐसे कई फल जो अभी इस ग्रह पर नहीं हैं वे भी पृथ्वी पर मिलेंगे। हम सृष्टि देवों के साथ बातें करेंगे और उन्हें उच्च अभिव्यक्ति के मार्ग के रास्तें बताएँगे। हमें देवदूतों से निर्देश मिलेंगे।<ref>मार्क एल प्रोफेट, एलिजाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा उद्धृत, ९ अक्टूबर १९९८।</ref>
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== See also ==
<span id="See_also"></span>
== इसे भी देखिये ==


[[Aries and Thor]]  
[[Special:MyLanguage/Aries and Thor|एरीस और थोर]] (Aries and Thor)


[[Neptune and Luara]]  
[[Special:MyLanguage/Neptune and Luara|नेपच्यून और लुआरा]] (Neptune and Luara)


[[Virgo and Pelleur]]
[[Special:MyLanguage/Virgo and Pelleur|वर्गो और पेल्लोर]] (Virgo and Pelleur)


[[Oromasis and Diana]]
[[Special:MyLanguage/Oromasis and Diana|ओरोमसिस और डायना]] (Oromasis and Diana)


[[Body elemental]]
[[Special:MyLanguage/Body elemental|शरीर का मौलिक देव]] (Body elemental)


== For more information ==
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== अधिक जानकारी के लिए ==


{{HWN}}.
{{HWN}}.


{{CHM}}, pp. 444–70, 548–55.  
{{CHM}}, pp. ४४४–७०, ५४८–५५.  


{{CCL}}, pp. 371–76.  
{{CCL}}, pp. ३७१ –७६.  


“Cosmic Cooperation between the Children of the Sun and Elemental Life,” a four-part series dictated by the Hierarchs of the Elements, 1980 ''Pearls of Wisdom'', vol. 23, nos. 14–17.  
“कॉस्मिक कोऑपरेशन बिटवीन द चिल्ड्रन ऑफ़ द सन एंड एलेमेंटल लाइफ,” (Cosmic Cooperation between the Children of the Sun and Elemental Life) सृष्टि देवों के पदक्रम प्रमुखों द्वारा निर्देशित चार भाग की एक श्रृंखला, १९८० ''पर्ल्स ऑफ विजडम''(Pearls of Wisdom), खंड। २३, नं. १४-१७.  


''Violet Flame for Elemental Life—Fire, Air, Water and Earth'' 1 and 2, audio recordings of violet flame decrees and songs to help lift the burden from elemental life.
''वायलेट फ्लेम फॉर एलेमेंटल लाइफ - फायर, एयर, वाटर एंड अर्थ'' (Violet Flame for Elemental Life—Fire, Air, Water and Earth) १ और २, वायलेट लौ के दिव्य आदेशों और गानों की ऑडियो रिकॉर्डिंग जो सृष्टि देव साम्राज्य के बोझ को उठाने में सहायक हैं।


Elizabeth Clare Prophet, December 30, 1973 (description of a salamander).
एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट (Elizabeth Clare Prophet), ३० दिसंबर, १९७३ (एक सैलेमैंडर (salamander) का वर्णन)


== Sources ==
<span id="Sources"></span>
== स्रोत ==


{{SGA}}.
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{{MTR}}.
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<references />
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Latest revision as of 14:25, 10 May 2024

Other languages:

पृथ्वीलोक पर पृथ्वी, वायु, अग्नि और जल के प्रकृतिक जीव जो ईश्वर और मनुष्य की सेवक हैं, जीवात्माओं के भौतिक विकास और उत्थान के लिए भौतिक स्तर की स्थापना और अनुरक्षण (maintenance) करते हैं। अग्नि तत्व की सेवा करने वाले सृष्टि जीवों को सैलेमैंडरस (salamanders) कहा जाता है; वायु तत्व के सृष्टि जीव सिल्फ्स' (sylphs) कहलाते हैं; जल तत्व के सृष्टि जीव अनडीन्स (undines) तथा पृथ्वी तत्व के प्रति सेवा करने वाले नोम्स (gnomes) कहलाते हैं।

ओरोमसिस और डायना (Oromasis and Diana) अग्नि तत्व और सभी सैलेमैंडरस (salamanders) के प्रधान हैं; नेपच्यून और लुआरा (Neptune and Luara) अनडीन्स (undines) और शक्तिशाली जल प्रवाह को निर्देशित करते हैं; एरीस और थोर (Aries and Thor) सिल्फ्स (sylphs) वायु क्षेत्रों की देखरेख करते हैं; और वर्गो और पेल्लोर (Virgo and Pelleur) पृथ्वी और नोम्स (gnomes) के माता-पिता हैं।

सृष्टि देवों का वर्णन

सैलेमैंडर कम से कम नौ फीट लम्बी कम्पन करने वाली एक स्पंदित ज्वाला रुपी प्राणी है। तेजस्वी सफेद और इंद्रधनुषी रंग के यह ज्वाला हर वक्त रंग बदलती रहती है। यह एक आदमी के आकार का जीव है जो जो पूरी तरह से ज्वालामय है, वह ज्वाला जो हमेशा गतिमान रहती है। इसके दो बहुत ही शुद्ध और तेजस्वी नेत्र हैं।

वर्गो और पेल्लोर (Virgo and Pelleur) नोम्स (gnomes) का वर्णन कुछ इस प्रकार करते हैं:

वह जीव जिन्हे आप नोम्स कहते हैं और जिनके बारे में स्नो व्हाइट एंड द सेवेन ड्वार्फ्स (Snow White and the Seven Dwarfs) और परियों की अन्य कहानियों में जिन्हें बहुत छोटे बौने के रूप में दिखाया गया है। इनका आकार तीन इंच से लेकर तीन फुट का होता है और ये अक्सर घास में खेलते हैं। ये मैदानी इलाकों से लेकर पहाड़ों पर सभी जगह रहते हैं और पर्वतों के राजा-रानी (Mountain King and Queen) की सभाओं में भी उपस्थित रहते हैं। ग्रिग (Grieg) ने इन्हें एक झलक देखा था और फिर नोर्वे और नॉर्समेन (Norway and the Norsemen) के नोम्स के लिए विशेष संगीतमय श्रद्धांजलि में भी वर्णित किया था।

पृथ्वी के सृष्टि देव साम्राज्य में विशाल जीव भी हैं। ये वो शक्तिशाली प्राणी हैं जिनके पास परमाणु और अणु की अग्नि है जिसके द्वारा वे प्रलय, बाढ़ और अग्नि से सुरक्षा करके महाद्वीपों में संतुलन बनाए रखते हैं। ईश्वर ने एलोहीम (Elohim) के द्वारा मनुष्य की स्वच्छन्द इच्छा के सद उपयोग के लिए पृथ्वी को बनाया और इसे ईश्वरीय इच्छा के अनुकूल बढ़ाने के लिए सृष्टि देवों का निर्माण किया।[1]

सृष्टि देवों का कार्य

कुथुमी (Kuthumi) जिन्होनें अपने पूर्वजन्म में संत फ्रांसिस (Saint Francis) के रूप में सृष्टि देवों के साथ एक गहरी सहभागिता रखी थी, इन सृष्टि देवों के काम के बारे में कोरोना क्लास लेसनस (Corona Class Lessons) में कहते हैं:

ईश्वर की मौजूदगी खनिज, वनस्पति जगत, पशु साम्राज्यों और समस्त प्रकृति में है - एक ऐसा साम्राज्य जो सृष्टि जीवों से भरा हुआ है, परियों की मन मोह लेने वाली बातचीत, अपने काम में व्यस्त नोम्स (gnomes), बादलों की व्यवस्था करते, हवाओं में थिरकते हुए सिल्फ्स (sylphs), लहरों में छींटे मारते हुए अनडीन्स (undines) और इंद्रधनुषी किरणों के ज्वलंत चक्रों (fiery rings) में नृत्य करते हुए सैलेमैंडरस (salamanders)।

नोम्स (Gnomes)

मानवजाति के कर्मों का बोझ इतना अधिक है कि नोम्स स्वयं मनुष्य के तरीके अपना लेते हैं, वे चिड़चिड़े और क्रोधी हो जाते हैं और तब तक ऐसे ही रहते हैं जब तक कि उन्हें बहुत अच्छा शिक्षक (जैसे स्नो व्हाइट) नहीं मिल जाता है जो धीरे-धीरे प्रेमपूर्वक उन्हें उनके प्रमुख, वर्गो और पेल्लोर (Virgo and Pelleur), के पास ले जाता है जो उन्हें पदक्रम और प्रगति के मार्ग के बारे में बताते हैं। नोम्स सामान्य दृष्टि के परदे से दूर भौतिक स्तर पर कार्य करते हैं। यहां इन्हें पृथ्वी तत्व कहा जाता है। कभी कभी ये आपको नज़र आते हैं परन्तु आपको लगता है कि यह केवल आपकी कल्पना थी।

सिल्फ़्स (Sylphs)

सिल्फ्स आकाश में वायु शुद्धिकरण का कार्य और दबाव प्रणालियों (pressure systems) की सेवा करते हैं। यह प्रक्रिया वे मौसम के रासायनिक परिवर्तनों (alchemical changes), प्रकाश संश्लेषण (photosynthesis) और वर्षा के चक्रों में करते हैं। ये निपुण जीव हैं जो सूक्ष्म जगत से स्थूल जगत तक अपने वायु 'शरीरों' का विस्तार और संकुचन दोनों कर सकते हैं। ये इस ऊर्जा को हमेशा अपने मन के दायरे में रखते हैं। मानसिक शरीर वायु तत्व को दर्शाता है। वायु तत्व प्राचीन रसायनशास्त्रियों द्वारा नामित (designated) चार तत्वों में से एक है और इसीलिए सिल्फ वायु के तत्व हैं। वे अपने पदक्रम के अध्यक्ष एरीस और थोर (Aries and Thor) के आदेशों का पालन करते हैं।

प्रारंभिक वैज्ञानिकों ने पृथ्वी और पृथ्वी के रसायन विज्ञान के आकार (configuration) को पदार्थ के चार गुणों के अनुसार चार अलग श्रेणियों - अग्नि, वायु, जल और पृथ्वी - में विभाजित किया था। इन वैज्ञानिकों का भ्रामक लक्ष्य प्राकृतिक शक्तियों को अपने नियंत्रण में करके आधार धातुओं (base metals) को सोने में बदलने की कला की खोज थी - और यह कोई असंभव कार्य नहीं था।

मनुष्य के चार निचले शरीर ऐसे ही हैं जैसे पदार्थ के चार स्तर। इनकी सेवा के लिए ईश्वर ने सृष्टि देवों (ये मानवजाति से कम विकसित हैं) को बनाया है जो ब्रह्मांडीय शक्तियों को मनुष्य तक पहुंचाते हैं। वास्तव में, आपको यह जानने में रुचि हो सकती है कि ईश्वर के बच्चों (मानवजाति) की सेवा के लिए सृष्टि देवों का निर्माण एलोहीम (Elohim) ने किया है। और इस प्रकार से सृष्टि देव भी पृथ्वी विज्ञान में निपुणता प्राप्त करते हैं और अंतरिक्ष (आंतरिक और बाहरी दोनों) में प्रभुत्व रखते हैं और फिर समय (time) और स्थान (space) में मनुष्यों जैसे ही व्यवहार करने लगते हैं। जब मनुष्य सृष्टि देवों के चार राज्यों के सभी पहलुओं में चरण-दर-चरण ब्रह्मांड के अपने ईश्वरीय-नियंत्रण नियमों को साबित करने के लिए पानी और प्रकाश के समुद्रों में, उप-परमाणु और सुपरसोनिक क्षेत्रों के स्पंदन में अपनी दुनिया को जीतना चाहता है, अनजाने में अपनी बाहरी जागरूकता के लिए वह उन तत्वों के साथ सहयोग कर रहा है जिन्होंने लाखों वर्षों से चीजों को नियंत्रण में रखा है।

सैलेमैंडरस (Salamanders)

तेजस्वी सैलेमैंडरस आकाशीय शरीर के अनुरूप अग्नि तत्व के रहस्यों को जानते हैं। भौतिक अग्नि, जो हाथ न आने वाली और जिसे नियंत्रित करना कठिन होता है, किस क्षण पवित्र अग्नि बन जाती है पता ही नहीं चलता। यह पवित्र आत्मा (ईश्वर) द्वारा सिखाया गया एक रहस्य है, जो संतों के पवित्र हृदय द्वारा अनुसरण (observe) किया जाता है और जिसे जानने के लिए परमाणु वैज्ञानिकों ने अभी थोड़ा सा ही ज्ञान प्राप्त किया है, लेकिन जिसके बारे में अग्नि तत्व दृढ़ता से जानते हैं।

सैलेमैंडरस अपने पदक्रम प्रमुख, ओरोमसिस और डायना (Oromasis and Diana), के प्रति आज्ञाकारी और प्रेमपूर्वक, अपनी अग्नि तत्व के सीमा क्षेत्र में जो मनुष्य के प्रत्येक कोशिका के केंद्र से लेकर पृथ्वी के चारों तरफ फैली हुई है, में सेवा करते हैं। वे करुणामय और बुद्धिमान शिक्षक हैं जो मानव जाति को सार्वभौमिक (universal) ऊर्जा - इलेक्ट्रॉन के हृदय से सूर्य के हृदय तक - के नियंत्रण के व्यावहारिक तरीके सिखाने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।

अनडीन्स (Undines)

जल तत्व का चित्रण अक्सर आकर्षक और मायावी (elusive) जलपरियों के द्वारा किया जाता है।इन्होनें मानव और सृष्टि देवों के बीच प्रेमकथाओं की कई कहानियों को प्रेरित किया है। सृष्टि देव साम्राज्य को लांघकर मानव साम्राज्य तक आना एक सर्वविदित (known) घटना (phenomenon) है जो ईश्वर समय समय पर, कोई विशेष कार्य करने के लिए, किसी श्रेष्ठ सृष्टि देव को मानव साम्राज्य में आने की और उसके बाद त्रिज्योति लौ को प्राप्त करने की अनुमति देते हैं। अनुमति का यह द्वार ईश्वर की इच्छा से कभी भी खुलकर बंद हो सकता है।

अक्सर सृष्टि देव जानवरों के साम्राज्य में चले जाते हैं, जहाँ से वे बुद्धिमान और संवेदनशील पशुओं जैसे कि हाथी, व्हेल और पोरपोइज़ {(porpoises) डॉलफ़िन से मिलता-जुलता समुद्री जीव}, कुत्ते और घोड़े, के माध्यम से मनुष्य की सेवा करते हैं।

लेमुरिया (Lemuria)और अटलांटिस (Atlantis) के समय में ऐसी घटनाएं होती थी परन्तु आज के समय के लोग उन घटनाओं को कहावत, परियों की कहानियां, कल्पित कथा या बनावटी विश्वास कहते हैं। ये लोग नहीं जानते कि अगर वे इन बातों में विश्वास करें और सृष्टि देवों को गंभीरता से लें तो वे अपने जीवन को आत्मसम्मान द्वारा बदलने की ताकत पा सकते हैं। कभी कभी इंसान इन सृष्टि देवों को अपने अवचेतन मन से अनुभव भी करते हैं, पर वे इसे भ्रम समझकर भूल जाते हैं।

फिर भी, अनडीन्स अपना कार्य महासागरों, नदियों, झीलों, झरनों, नालों और बारिश की बूंदों में गंभीरतापूर्वक करते रहते हैं। इन सब कार्यों द्वारा ये हमारे ग्रह और मनुष्यों के शरीर के निर्माण और पुनर्गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

अनडीन्स (undines), जो लहरों और झरनों में हंसते और खेलते भी हैं, प्यार से अपने पदक्रम प्रमुखों का अनुसरण करते हैं। नेपच्यून (Neptune) समुद्र के राजा हैं और उनकी दिव्य सहायिका, लुआरा (Luara), लहरों की जननी हैं, जो पानी में उपजाऊपन के चक्रों और जल तत्वों को नियंत्रित करती है। ये भावनात्मक शरीर - जिसे जल, भावना या इच्छा शरीर भी कहा जाता है - को प्रभावित करती हैं। सूक्ष्म स्तर पर मानव द्वारा महसूस किये गए आनंद, दु:ख, अपराधबोध, क्रोध, और प्रेम को मानवजाति के सामूहिक अचेतन (unconscious) मन पर दृढ़ता से प्रभाव डालती हैं।

सृष्टि देवों की चेतना

चार प्रकार के सृष्टि देवों द्वारा सेवित खनिज, वनस्पति, पशु और मानव साम्राज्य की चेतना में बहुत अंतर है। जिस प्रकार मनुष्य का शरीर नींद में अपने बारे में जागरूक नहीं होता है, उसी प्रकार खनिज साम्राज्य में आत्म-जागरूकता नहीं होती है - इस साम्राज्य में 'घनत्व' का एक विशिष्ट गुण होता है, जिसे सृष्टि देवो ने पदार्थ की वस्तुओं में स्थापित किया है।

उदाहरण के लिए, हालांकि अधिकांशतः पश्चिमी लोग नोम्स के अस्तित्व में विश्वास नहीं करते, आयरलैंड (Ireland) के निवासी उन्हें "नन्हें लोग" या फिर लेप्रोकान्ज़ (leprechauns) नामक नटखट परियों के रूप में जानते हैं - आइरिश (irish) लोगों का मानना है कि ये नन्हें लोग खनिज पदार्थों में हीलियोस और वेस्ता (Helios and Vesta) द्वारा अर्जित की हुई आध्यात्मिक तेजस्विता को डालते हैं। नोम्स का कार्य प्रत्येक चट्टान, कीमती पत्थर और खनिज पदार्थ में एक दिव्य डिज़ाइन डालना है। इसी तरह, प्राकृतिक क्रम में ईश्वर की आकृति को स्थापित करने के लिए कई आकाशीय देवदूत भी ज़िम्मेवार हैं।

निःसंदेह, पेड़-पौधों में मानव या सृष्टि देवों के स्तर की चेतना और जागरूकता नहीं होती, लेकिन उन पर नजर रखने वाले उच्च देवो ने उन्हें जीवन के प्रति खनिज साम्राज्य की तुलना में अधिक जागरूकता दी है।

पेड़ों और पौधों को अन्तःकरण (ensoulment) देने की प्रकिया वनस्पति जगत के उन विशिष्ट सृष्टि देवों द्वारा की जाती है जो इस कार्य के लिए देवों द्वारा निर्धारित किये गए हैं, और अनगिनत संख्या में मौजूद हैं कि पृथ्वी पर उगने वाली हर पौधे की देखभाल कर सकते हैं। जब लोग अपने आध्यात्मिक केंद्र को वनस्पति जगत से जोड़ते हैं तो वे पेड़ों और पौधों से बात करने में सक्षम हो जाते हैं। ऐसे में पौधे उन्हें अपने तंत्रिका तंत्र (nerve system) के माधयम से एक स्पष्ट भौतिक प्रतिक्रिया द्वारा अपना उत्तर देते हैं। किर्लियन फोटोग्राफी (Kirlian photography) ने हमें बताया है कि पौधों और जानवरों की जीवन-शक्ति अलग अलग होती है - इससे हमें सार्वभौमिक ऊर्जा की एक आभा, एक विद्युत चुम्बकीय क्षेत्र का पता चलता है, जो मनुष्य में भी होती है।

वनस्पतियों और जीव-जंतुओं के जीवन के स्तर पर आगे बढ़ते हुए हमें उच्च बुद्धि वाले पशु वर्ग के जीवात्मा समूह (group-soul) के बारे में पता चलता है। कई जानवरों के लक्षण मानवीय लक्षणों से बहुत मिलते-जुलते हैं, और उनमें एक विलक्षण आत्मिक भावना भी दिखती है। कुत्तों और घोड़ों की कुछ नस्लों में यह भावना विशेष रूप से दिखाई देती है, तथा हाथी और निचले प्राइमेट्स (primates) (मनुष्य-सदृश जानवरों का परिवार) में यह बहुत उल्लेखनीय होती है।

स्तनधारी समुद्री जानवर, मछली, सील और पेंगुइन सभी अद्भुत बुद्धि के मालिक हैं। संवेदनशील वैज्ञानिकों के अध्ययन से हमें यह पता चलता है कि प्रकृति जगत में हर जगह एक अनोखी अनुकूलन क्रिया है जो इन जीवों के ह्रदय के माध्यम से स्थापित है। कीटविज्ञानी चींटी के चमत्कारों को देख अचंभित रहते हैं, परिश्रमी चीटियों को देखकर ही किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने कहा है, "हे आलसी, चींटी के पास जाओ..."[2] संकेत करता है कि मनुष्य को प्रकृति के वास्तविक रहस्यों से बहुत कुछ सीखना है।[3]

मनुष्य का सृष्टि देवों पर प्रभाव

मानव जाति सृष्टि देवों को अद्भुत रूप से प्रभवित करती है - ये चाहे अच्छे के लिए हो या बुरे के लिए। सृष्टि देव बहुत आसानी से प्रभावित हो जाते हैं - एक बच्चे से भी अधिक आसानी से। उदाहरण के लिए: एक छोटे शहर में अगर पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़ा होता है तो इसके कारण उत्पन्न होने वाले गलत विचार और भावनाएं उस शहर में आंधी-तूफ़ान ला सकते हैं। यह पूर्णतया सत्य बात है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि सृष्टि देव लोगों के विचारों और भावनाओं अपने में समाहित करते है जिनसे फिर तूफ़ान आ जाता है। लेकिन अगर हम, सिल्फ्स को नियंत्रित कर लेते हैं तो वे भगवान के बच्चों के लिए काम करते हैं।

मार्क प्रोफेट ने सृष्टि देवों के साथ काम करने के अपने अनुभवों में से एक के बारे में बताया है:

मुझे इलिनोइस (Illinois) के शिकागो (Chicago) शहर के पास की एक घटना याद है। मैं अपनी कार में शिकागो जा रहा था, जैसे ही हम शिकागो के निकट पहुंचे, हमने देखा कि पूरे क्षेत्र पर तूफानी बादल छाये हुए हैं। काला आसमान चक्रवात और बवंडर की निशानी को आतंकित कर रहा था। इसलिए जब हमें शहर के ऊपर छाये इस खतरे का एहसास हुआ, तो कार में बैठा हमारा पूरा समूह तुरंत सिल्फ्स को दिव्य आदेश करने में जुट गया।

दिव्य आदेश (decrees) शुरू करने के समय, आकाश में तेज़ हवाएं चल रहीं थी और बादल भी गरज रहे थे। ये आवाज़ें ऐसे सुनाई दे रही थी जैसे कोई बच्चा ज़ोर-ज़ोर से चिल्ला और सिसक रहा हो। हम दिव्य आदेश करने लगे और सृष्टि देवों के लिए ईश्वर से तूफ़ान के थमने की प्रार्थना की। यह सब ठीक उसी तरह किया गया जैसा हमने कहा और फिर वैसा ही हुआ। तूफ़ानी बादल गायब हो गए, और शहर एक भयानक विनाश से बच गया।[4]

जब हमारा हृदय ईश्वर के हृदय में रच-बस (engrafted) जाता है, तो कुछ भी असंभव नहीं होता।

कुथुमी सृष्टि देवों पर मनुष्य के प्रभाव की बात करते हैं:

दैवीय बुद्धि के एक विभाग से युक्त यह सुंदर रचना ईश्वर का "फुटस्टूल साम्राज्य" (footstool kingdom) माना जाता है। वास्तव में ईश्वर ने इसे अपनी अभिव्यक्ति के रूप में मनुष्य के अधीन रखा था। परन्तु मानवजाति की त्रुटियों के कारण उत्पन्न हुई क्रूरता के दूषित स्पंदनों को प्रकृति ने आत्मसात (absorb) कर लिया। जंगली जानवरों के हिंसक गुणों को पशुवादी माना जाता है पर जब हम अकाशिक दस्तावेज़ों और ग्रहों के आभामंडल को पढ़ते हैं तो हमें पता चलता है जानवरों और सृष्टि देवों का ये व्यवहार वास्तव में मानवजाति के विचित्र और अशिष्ट व्यवहार का प्रतिफल है।

बर्बरता, नरभक्षण, हिंसा, हत्या और बदले की भावनाएं मानव जाति के विकासवाद में सबसे निचले स्तर पर उत्पन्न हुई, और स्पंदन द्वारा संचारित की गई हैं। इससे यह सिद्ध होता है कि अत्यंत बुरा शिक्षक भी अपने उदाहरण के प्रभाव से लोगों को प्रेरित कर सकता है। इसलिए हम यह कह सकते हैं कि अगर पृथ्वी को मुक्त कराना है तो मनुष्यों के स्वभाव से पशुत्व को समाप्त करना होगा और ये कार्य वायलेट लौ के आह्वान से किया जा सकता है।

आप अभी से ऐसा करना शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आप सार्वभौमिक माँ एस्ट्रिया (Astrea) का आह्वान कीजिये कि वह अपने नीले लौ के चक्र और तलवार (circle and sword of blue flame) से विभिन्न साम्राज्यों में रहने वाले अपने सभी बच्चों की बुराई और नकारत्मकता को नष्ट करें जो पथभ्रष्ट देवदूतों (fallen angel) के कारण उनमे व्याप्त है। एलोहीम (Elohim) के स्तर पर काम करने वाली एस्ट्रिया पूर्वी देशों में काली माँ के नाम से जानी जाती हैं। जब आप दृढ़ संकल्प और पूरे दिल से वायलेट लौ के दिव्य आदेशों का आवाहन करते हैं तो वायलेट अग्नि सृष्टि देवों से मानवी चेतना (human consciousness) के बादल हटा देती है। प्रकृति की सुंदरता को पुनः प्राप्त करने के लिए यह अत्यंत आवश्यक है।

संत जरमेन (Saint Germain) और अन्य दिव्यगुरु पृथ्वी पर अपने विभिन्न जन्मों में पशु साम्राज्य के माध्यम से विकसित होने वाले सृष्टि देवों के संपर्क में थे। अपने इस सम्बन्ध के कारण कुछ स्थितियों में इन्होनें पशु रूप से जन्मे सृष्टि देवों की ओर से मध्यस्तता भी की थी। घने शरीरों में "कैद" हुए इन सृष्टि देवों की मुक्ति उन्हें दिव्यगुरूओं द्वारा दिया हुआ वायॅलेट अग्नि का प्रेम भरा उपहार है।

दयालुता, खुशी और कृतज्ञता के प्रसारण के माध्यम से सम्पूर्ण प्रकृति अंततः स्वर्गिक निपुणता की एक मूल स्थिति प्राप्त करेगी जहां "भेड़िया मेमने के साथ, तेंदुआ बच्चे के साथ, बछड़ा और युवा शेर एक साथ रहेंगे..."< ref> ईसा। ११:६।जंगल का हिंसक कानून आत्मिक शक्ति द्वारा निष्प्रभाव कर दिया जाएगा, और जो लोग पृथ्वी ग्रह पर बचेंगे वे अत्यंत भाग्यशाली और ईश्वरस्वरूप होंगे। दिव्यगुरूओं की मध्यस्थता से सभी सृष्टिदेव अपने पशु रूपों के बंधन से मुक्त हो जाएंगे। दिव्य प्रेम के प्रसारण से एक महान शक्ति का उदय होगा जो उसी क्षण ही विकसित सृष्टि देवों को उनके स्व-सीमित पशु सांचे के कैद से मुक्ति दिलाएगी।

आप में से कुछ लोगों को पक्षियों और अन्य जीव-जंतु के प्रति मेरे प्रेम के बारे में याद होगा कि कैसे वे बिना किसी डर के मेरे पास आते थे। अधिकांश जानवरों में डर मानव जाति की अपनी भावनाओं का परिणाम है जो जन समूह चेतना (mass mind) के माध्यम से जानवरों पर प्रक्षेपित (project) किया गया है। यह पूर्व ऐतिहासिक समय से चली आ रही मनुष्य की जीवित रहने की स्वाभाविक आत्म-रक्षा की तीव्र इच्छा को बनाए रखती है। इसीलिए जंगली जानवरों के साथ अतीत की मुठभेड़ों की यादें एक दस्तावेज़ और एक स्वचालित प्रतिबिंब (automatic reflex) को जीवित रखती हैं जिससे मनुष्य कुछ जंगली जानवरों की उपस्थिति को महसूस करते समय रक्षात्मक मुद्रा ग्रहण कर लेता है।

आत्मिक-शक्ति के माध्यम से, मनुष्य इस अप्रकट भय से मुक्ति पाने के लिए जीवन के महान नियम से अपील कर सकते हैं - यह भय मनुष्यों और सृष्टि देवों में विरक्ति (alienation) पैदा करता है। हम जंगली जानवरों से संपर्क करने में लापरवाही करने का समर्थन नहीं करते क्योंकि जब तक सब भय और संदेह को प्यार में नहीं बदला जाता, ऐसा करना खतरे से खाली नहीं होगा। जब तक कि पुनरूत्थान के गुणों को ईश्वर-स्वामित्व वाले पुत्र और पुत्रियाँ उन्हें मनुष्यों तक स्थानांतरित नहीं करते, तब तक मनुष्यों को प्रतीक्षा करनी होगी।

आप याद रखिये कि जब तक आप भीतर से, विशेष रूप से, अवचेतन मन से, भय-मुक्त नहीं हो जाते, तब तक निचले स्तर के स्पंदन वाली विषैले नागों, शेरों और अन्य जंगली जानवरों की ऊर्जा समाप्त नहीं होती - जब आप भय-मुक्त हो जाएंगे, आप स्वयं में ईश्वर की उपस्थिति को अनुभव करेंगे। इसलिए हम आपको ये स्मरण कराते हैं कि स्वयं पर विजय पाना ही पृथ्वी के सभी विकासों की जीत की कुंजी है: "वह जो स्वयं के (अपने चार निचले शरीरों को) और अपने घर (अपनी चेतना, शरीर और चक्रों) के प्रवेश द्वार की रक्षा करता है, वह किसी शहर के शासक से भी बड़ा है।"[5]

सृष्ट देवों पर कर्मों का बोझ

यदि सृष्टि देव प्रदूषण और मानव जाति के कर्मों के बोझ के तले ना दबे हुए होते तो पृथ्वी का रूप कुछ और ही होता। जेनेसिस (Genesis) में ईश्वर ने आदम (Adam) से कहा, “तुम्हारे लिए ही यह भूमि अभिशप्त (cursed) की गयी है; दु:ख के समय तुम जीवन भर उसका फल खाते रहोगे।”[6] "भूमि" सृष्टि देवों के जीवन की प्रतीक है। दूसरे शब्दों में कहें तो मानव जाति के शिष्टता से गिरने के कारण (जो कि आदम और हौवा (Adam and Eve) की कहानियों में दर्शाया गया है) सृष्टि देव "शापित"(cursed) हो गए, मानव जाति के नकारात्मक कर्म उनकी दुनिया में प्रवेश कर गए - और फिर इन सृष्टि देवों को कार्मिक संतुलन बनाये रखने का कार्य सौंपा गया।

कई सदियों से पृथ्वी पर कर्म का भार बढ़ता जा रहा है। फिर भी सृष्टि देव हमारे ग्रह की भूमि, वायु और जल को साफ करने के लिए वीरतापूर्वक काम करते जा हैं। दिन-प्रतिदिन वे पृथ्वी का संतुलन बनाए रखने के लिए काम करते हैं। अगर ये निरंतर कार्य न करें तो हमारे पास रहने के लिए कोई भौतिक मंच नहीं बचेगा, हमारे पास अपने कर्मों को संतुलित करने और स्वयं के आध्यात्मिक उत्थान के लिए कोई स्थान नहीं होगा।

1990 में ओरोमसिस (Oromasis) ने कहा कि सृष्टि देव अत्याचार, उदासी, निराशा और साहसहीनता का एक बड़ा भार उठाए रखते हैं। मानव जाति की तरह, ये भी “सुस्त हो जाते हैं। थक जाते हैं। बोझिल हो जाते हैं। और अत्यधिक काम के बोझ तले दब जाते हैं... लेकिन, मेरे प्रियजनों,” उन्होंने कहा, “आप उन्हें इससे छुटकारा दिला सकते हैं।”

सृष्टि देवों के पास अपनी त्रिज्योति लौ (threefold flame) नहीं है, और ओरोमसिस (Oromasis) ने कहा है कि जब तक वे इसे अर्जित नहीं कर लेते, “इन्हें आपके ह्रदय में स्थित त्रिज्योति लौ पर निर्भर रहना पड़ेगा। जी हां, वे आपके साथ दिव्य आदेश करते हैं, लेकिन दिव्य आदेश करने के लिए वे आप पर निर्भर हैं। वे आपके हृदय पर उसी प्रकार निर्भर हैं जिस प्रकार आप ईश्वर के हृदय पर निर्भर हैं... तो आप यह बात समझिये कि केवल आपका परिवार और बच्चे ही आप पर निर्भर नहीं है बल्कि लाखों सृष्टि देव भी आपके ह्रदय की त्रिज्योति लौ पर निर्भर हैं।"[7]

१९९६ में, लनैलो (Lanello) ने हमें बताया कि सृष्टि देव अभी भी बहुत भारी बोझ के नीचे काम कर रहे हैं।

सृष्टि देव और उनके पदक्रम प्रमुख अपनी क्षमता से अधिक कार्य कर रहे हैं। अब वे संसार के पापों को और अधिक सहन नहीं कर सकते। इसलिए आप उनके लिए प्रार्थना कीजिये। अगर सृष्टि देव अपना काम करने में पूर्णतया असमर्थ हो गए तो आप पृथ्वी ग्रह पर प्रलय का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए सृष्टि देवों के साथ मिलकर रहना आपके हित में है, उन्हें याद रखिये, उनके साथ चलें और बात करें - उनके चार प्रमुखों से प्रार्थना कीजिये, उन्हें प्रोत्साहित कीजिये, आशावादी बनाइये और उनके साथ खड़े रहिये। अन्यथा आप उन्हें एक-एक करके हार मानते हुए देखेंगे....

सोचिये, अगर प्रथ्वी के सारे सृष्टि देव हड़ताल पर चले गए, यह कहते हुए कि "अब हम मानजाति के कर्म के पहाड़ों और प्रदूषित पदार्थों से और नहीं निपट सकते" तो क्या होगा।[8]

सृष्टि देवों ने बहुत लंबे समय तक हमारी मदद की है। अब हमारी बारी है, उनकी मदद करने की। और मदद करने के लिए हमारे पास वायलेट लौ के आध्यात्मिक साधन और पवित्र आत्मा की शक्ति है।

सृष्टि देवों के साथ कार्य करना

८ जुलाई १९९० को ओरोमसिस (Oromasis) की समरूप जोड़ी, डायना(Diana), ने ईश्वर के पुत्र/पुत्रियों और सृष्टि देवों के बीच सहयोग की नयी प्रकाश रुपी उपहार की घोषणा की। डायना (Diana) ने कहा:

मैं आज अपने साथ चार साम्राज्यों के प्रतिनिधियों को लाई हूं। आप में से प्रत्येक व्यक्ति को बारह सृष्टि देवों का एक समूह दिया गया है। आप ऐसा समझ लीजिये कि प्रत्येक साम्राज्य से बारह जीवों का ये आपका अपना कुटुम्ब है। ये बारह जीव आपके साथ रहेंगे और आपकी हर उस आज्ञा का पालन करेंगे जो मदर मैरी (Mother Mary) और एल मोर्या (El Morya) के डायमंड हार्ट (diamond heart) में केंद्रित है। ये आपके साथ रहेंगे जब तक आप उनकी प्रेमपूर्वक देखभाल और पालन-पोषण करेंगे।

आप सृष्टि देवों को अपनी प्रार्थनाओं में शामिल कीजिये और ईश्वर की इच्छा को ध्यान में रखते हुए उनके लिए कुछ कार्य निर्धारित कर दीजिये। अपने जीवन में कई उद्देश्यों की पूर्ति के लिए तथा अपने चार निचले शरीरों के स्वास्थय के लिए आप सृष्टि देवों के दिव्य आदेशों का आह्वान करें। जब आप इस पारस्परिक क्रिया के परिणाम को देखेंगे, तो आप यह जानेगें कि ईश्वर की सेना के इस टुकड़ी का आपकी जिंदगी में कितना महत्वपूर्ण योगदान है।

इस प्रकार, जब जो पदक्रम की ऊपरी स्तरों पर हैं वे आपकी सौम्यता, दृढ़ता और अच्छे कार्यों के लिए सृष्टि देव साम्राज्य की ताकतों को सुव्यवस्थित करने में आपकी क्षमता को पहचान लेते हैं, वे आपके आज्ञाकारी सेवक कीपर्स ऑफ़ द फ्लेम (Keepers of the Flame) बनने पर विचार करना शुरू कर देते हैं। जब आप ईश्वर की इच्छानुसार कार्य करते हैं, तो सृष्टि देव भी उसी इच्छा के अनुकूल कार्य करते है।[9]

आप अपने बारह सृष्टि देवों के समूह को प्रतिदिन कुछ कार्य दें। यह कोई भी रचनात्मक कार्य हो सकता है जो एक, दो या दस लोगों की नहीं, वरन हजारों, लाखों लोगों की मदद करे। आप इन्हें अपने और दूसरों का उपचार करने और अन्य व्यावहारिक मामलों का ध्यान रखने के लिए भी कहें। समस्त सृष्टि देव उपचार करने की कला को जानते हैं। परन्तु यह सुनिश्चित करें कि आपका अनुरोध ईश्वर की इच्छा के अनुरूप है। क्योंकि आप सबकी भलाई के लिए सृष्टि देवों की शक्तियों का उपयोग करते हैं, सृष्टि देवों से अधिक शक्तिशाली जीव भी आपके सेवक बन जाएंगे। आप बहुत कुछ प्राप्त कर सकते हैं अगर आपके साथ अधिक से अधिक सहायक जुड़ जाएँ!

१९९३ में ओरोमसिस और डायना फिर से सृष्टि देवों के लिए एक निवेदन और प्रार्थना लेकर आए थे। उन्होंने अन्य ग्रहों का वर्णन किया जो आज बंजर हैं क्योंकि उन ग्रहों पर सृष्टि देवों के संरक्षण के लिए ईश्वर के कोई पुत्र और पुत्रियाँ नहीं थे जो उनके संरक्षक बन सके।

सतयुग में सृष्टि देव

अगर सृष्टि देव प्रदूषण और मानव जाति के कर्मों के भार तले न दबे होते तो पृथ्वी कैसी होती? ऐसे समय का चित्रण मार्क प्रोफेट ने हमारे सामने एक बार प्रस्तुत किया था:

यदि हमने ईश्वर की दिव्य योजना का अनुसरण किया होता तो हम प्रकृति के जीवों (सृष्टि देवों) को देख पाते और उनसे मित्रता भी कर पाते। तब हमें तूफ़ानों से जूझना नहीं पड़ता। धरती हमारी फ़सलों को पानी देने के लिए अपनी ओस छोड़ती। बारिश नहीं होती लेकिन हवा में ओस प्रकट होती। पृथ्वी पर हर जगह हवा में उचित मात्रा में नमी होती और और रेगिस्तान गुलाब की तरह खिलेंगे, और कोई अतिरिक्त नमी नहीं होगी, और इसकी कोई कमी नहीं होगी। यह हर जलवायु के लिए बिल्कुल सही होगा।

आपके पास सबसे सुंदर मौसम और विश्व भर में सबसे सुंदर फूल होंगे। आपके पास प्रचुर (plenty) मात्रा में भोजन होगा और लोग जीवित रहने के लिए जानवरों को नहीं मारेंगे। प्रचुर मात्रा में फल मिलेंगे। ऐसे कई फल जो अभी इस ग्रह पर नहीं हैं वे भी पृथ्वी पर मिलेंगे। हम सृष्टि देवों के साथ बातें करेंगे और उन्हें उच्च अभिव्यक्ति के मार्ग के रास्तें बताएँगे। हमें देवदूतों से निर्देश मिलेंगे।[10]

इसे भी देखिये

एरीस और थोर (Aries and Thor)

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वर्गो और पेल्लोर (Virgo and Pelleur)

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शरीर का मौलिक देव (Body elemental)

अधिक जानकारी के लिए

Elizabeth Clare Prophet, How to Work with Nature Spirits.

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Path of the Higher Self, volume 1 of the Climb the Highest Mountain® series, pp. ४४४–७०, ५४८–५५.

Jesus and Kuthumi, Corona Class Lessons: For Those Who Would Teach Men the Way, pp. ३७१ –७६.

“कॉस्मिक कोऑपरेशन बिटवीन द चिल्ड्रन ऑफ़ द सन एंड एलेमेंटल लाइफ,” (Cosmic Cooperation between the Children of the Sun and Elemental Life) सृष्टि देवों के पदक्रम प्रमुखों द्वारा निर्देशित चार भाग की एक श्रृंखला, १९८० पर्ल्स ऑफ विजडम(Pearls of Wisdom), खंड। २३, नं. १४-१७.

वायलेट फ्लेम फॉर एलेमेंटल लाइफ - फायर, एयर, वाटर एंड अर्थ (Violet Flame for Elemental Life—Fire, Air, Water and Earth) १ और २, वायलेट लौ के दिव्य आदेशों और गानों की ऑडियो रिकॉर्डिंग जो सृष्टि देव साम्राज्य के बोझ को उठाने में सहायक हैं।

एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट (Elizabeth Clare Prophet), ३० दिसंबर, १९७३ (एक सैलेमैंडर (salamander) का वर्णन)

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and Their Retreats

  1. वर्गो और पेल्लोर, (Virgo and Pelleur) "द सर्वेन्ट्स ऑफ़ गॉड एंड मैन इन द अर्थ एलिमेंट " (The Servants of God and Man in the Earth Element) ।Pearls of Wisdom, vol. २३, no. १४, ६ अप्रैल १९८०.
  2. Prov। ६:६.
  3. Jesus and Kuthumi, Corona Class Lessons: For Those Who Would Teach Men the Way, अध्याय ४४।
  4. मार्क प्रोफेट, "द किंगडम ऑफ़ एलिमेंट्स; फायर, एयर, वाटर, अर्थ," जुलाई २, १९७२।
  5. Jesus and Kuthumi, Corona Class Lessons: For Those Who Would Teach Men the Way, ४४ वां अध्याय.
  6. Gen. ३:१७.
  7. ओरोमासिस और डायना (Oromasis and Diana), "कॉल फॉर द रेनबो फायर!" (Call for the Rainbow Fire) Pearls of Wisdom, vol. ३३, no. ३२.
  8. लैनेलो, “इन द सैंक्चुअरी ऑफ़ द सोल,” (Lanello, “In the Sanctuary of the Soul) Pearls of Wisdom, vol. 40, no. 52, २८ दिसम्बर १९९७.
  9. ओरोमसिस और डायना (Oromasis and Diana), "कॉल फॉर द रेनबो फायर! (Call for the Rainbow Fire)" ८ जुलाई १९९०, एलिजाबेथ क्लेयर प्रोफेट (Elizabeth Clare Prophet) द्वारा उद्धृत, ९ अक्टूबर १९९८
  10. मार्क एल प्रोफेट, एलिजाबेथ क्लेयर प्रोफेट द्वारा उद्धृत, ९ अक्टूबर १९९८।