Cosmic hierarchy/hi: Difference between revisions
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तीसरी शताब्दी में, [[Special:MyLanguage/Origen of Alexandria|अलेक्जेंड्रिया में रहनेवाले ओरिजिन]] ने प्राणियों के पदक्रम के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किये, जिसमें स्वर्गदूतों से लेकर मनुष्य, राक्षस और जानवर सभी शामिल थे। प्रारंभिक चर्च के इस प्रसिद्ध विद्वान और धर्मशास्त्री ने आत्मा के सिद्धांत की मुख्य आधारशिला रखी थी। इन्होनें हमें सिखाया कि वर्तमान-काल में जीवात्माओं को उनके पिछले जन्मों के कार्यों और योग्यताओं के आधार पर परखा जाता है तथा इसी आधार पर उन्हें नए कार्य सौपें जाते हैं। इस तरह प्रत्येक व्यक्ति के पास पदक्रम में ऊपर उठने का मौका होता है।ओरिजिन के कार्यों पर ही पर बाद के धर्मगुरुओं, डॉक्टरों और धर्मशास्त्रियों ने अपनी परंपराओं का निर्माण किया। | तीसरी शताब्दी में, [[Special:MyLanguage/Origen of Alexandria|अलेक्जेंड्रिया में रहनेवाले ओरिजिन]] ने प्राणियों के पदक्रम के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किये, जिसमें स्वर्गदूतों से लेकर मनुष्य, राक्षस और जानवर सभी शामिल थे। प्रारंभिक चर्च के इस प्रसिद्ध विद्वान और धर्मशास्त्री ने आत्मा के सिद्धांत की मुख्य आधारशिला रखी थी। इन्होनें हमें सिखाया कि वर्तमान-काल में जीवात्माओं को उनके पिछले जन्मों के कार्यों और योग्यताओं के आधार पर परखा जाता है तथा इसी आधार पर उन्हें नए कार्य सौपें जाते हैं। इस तरह प्रत्येक व्यक्ति के पास पदक्रम में ऊपर उठने का मौका होता है।ओरिजिन के कार्यों पर ही पर बाद के धर्मगुरुओं, डॉक्टरों और धर्मशास्त्रियों ने अपनी परंपराओं का निर्माण किया। |
Revision as of 09:47, 18 March 2024
ईश्वर के अनंत स्वत्व (Selfhood) रूप के गुणों और पहलुओं को व्यक्तिगत जीवों की सार्वभौमिक श्रृंखला की ब्रह्मांडीय पदानुक्रमित योजना में ये सब शामिल हैं: सौर प्राणी (Solar Logoi), एलोहीम (Elohim), भगवान के पुत्र और पुत्रियां (sons and daughters of God), दिव्यगुरु (ascended masters) और उनके चेले (Chelas), ब्रह्मांडीय जीव (cosmic beings), बारह सौर पदक्रम (twelve solar hierarchies), महादेवदूत (archangels) और पवित्र अग्नि के देवदूत (angels), प्रकाश और प्रकृतिक आत्माओं के बच्चे, जिन्हें सृष्टिदेव (elementals) भी कहा जाता है, और अल्फा-ओमेगा ध्रुवीयता (Alpha-Omega polarity) की समरूप जोड़ियां (twin flame) जो ग्रहीय और आकाशगंगा से सम्बंधित योजनाओं का प्रयोजन करती हैं।
पिता की स्वयं की अभिव्यक्ति का यह सार्वभौमिक क्रम वह साधन है जिसके द्वारा महान केंद्रीय सूर्य (Great Central Sun) में भगवान अपने सार्वभौमिक अस्तित्व/चेतना की उपस्थिति और शक्ति को मानव जाती के अनुरूप बनाते हैं ताकि मनुष्यों को ईश्वर के स्नेह का एहसास हो सके। किसी की आध्यात्मिक/शारीरिक उपलब्धि का स्तर उसकी आत्म-जागरूकता से मापा जाता है जो " ईश्वरीय उच्च चेतना में छिपा हुआ" होता है जो ईश्वर के नियमों और उसके स्नेह के द्वारा आत्मा-पदार्थ (Spirit-Matter) ब्रह्मांड (cosmos) - पूर्ण रूप से सुचिंतित करके पदक्रम में अपना स्थान सुनिश्चित करता है।
पदक्रम के बारे में ओरिजन (Origen) के विचार
तीसरी शताब्दी में, अलेक्जेंड्रिया में रहनेवाले ओरिजिन ने प्राणियों के पदक्रम के बारे में अपने विचार प्रस्तुत किये, जिसमें स्वर्गदूतों से लेकर मनुष्य, राक्षस और जानवर सभी शामिल थे। प्रारंभिक चर्च के इस प्रसिद्ध विद्वान और धर्मशास्त्री ने आत्मा के सिद्धांत की मुख्य आधारशिला रखी थी। इन्होनें हमें सिखाया कि वर्तमान-काल में जीवात्माओं को उनके पिछले जन्मों के कार्यों और योग्यताओं के आधार पर परखा जाता है तथा इसी आधार पर उन्हें नए कार्य सौपें जाते हैं। इस तरह प्रत्येक व्यक्ति के पास पदक्रम में ऊपर उठने का मौका होता है।ओरिजिन के कार्यों पर ही पर बाद के धर्मगुरुओं, डॉक्टरों और धर्मशास्त्रियों ने अपनी परंपराओं का निर्माण किया।
बुक ऑफ़ रेवेलशन (Book of Revelation) में पदक्रम की जानकारी
स्वर्गीय पदक्रम के कई जीवों का नाम बुक ऑफ़ रेवेलशन (Book of Revelation) में दिया गया है। आत्मिक चेतना के शत्रु और पथभ्रष्ट स्वर्गदूतों के झूठे पदक्रम के अलावा ईसा मसीह द्वारा बताए गए श्वेत महासंघ (Great white brotherhood) के कुछ सदस्यों के नाम हैं: अल्फा और ओमेगा, सात आत्माएं हैं, सात गिरिजाघरों के देवदूत, चार और बीस बुजुर्ग, चार जानवर, सफेद वस्त्र पहने संत, दो गवाह, दुनिया के भगवान, सूर्य को ओढ़े हुए स्त्री और उसका मैनचाइल्ड, महादेवदूत माइकल और उनके देवदूत, मेम्ना और उसकी पत्नी, एक सौ चवालीस हज़ार जीवात्माएं जो सबसे शुरू में आयीं थीं, धर्मसिद्धांत के दूत, सात देवदूत (अर्थात, सात किरणों के महादेवदूत) जो भगवान के सामने खड़े हुए थे, बादल के वस्त्र पहने हुए शक्तिशाली देवदूत जिनके माथे पर इंद्रधनुष है, सात गर्जन, अपनी सेनाओं सहित वफादार और सच्चे व्यक्ति, और वह जो महान सफेद सिंहासन पर बैठा था।
इसे भी देखिये
अधिक जानकारी के लिए
Elizabeth Clare Prophet, The Great White Brotherhood in the Culture, History and Religion of America, ८३-१०१ पृष्ठ
ओरिजन, प्राथमिक सिद्धांतों पर।
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.
Rev. १:४, ८, ११, २०;२:१ , ८, १२, १८; ३:१, ४, ५, ७, १४; ४:२–१०; ५:२, ६, ११; ६:९–११; ७:१, २, ९, १३, १४; ८:२; १०:१, ३, ७; ११:३, ४ ; १२:१, ५, ७; १४:१, ३–६, १४–१९; १५:१; १६:१–४, ८, १०, १२, १७; १७:१; १८:१, २१; १९:४, ७, ११–१७; २०:१; २१:६, ९; २२:१३