मदर ऑफ द फ्लेम
श्वेत महासंघ द्वारा निर्मित एक पद जो समस्त मानव जाति में जीवन की ज्योति को पोषित करने के लिए, माँ के सामान मानवजाति का पोषण करने के लिए निर्धारित किया गया है। इस पद पर क्रमिक रूप से विभिन्न अनवतीर्ण स्त्री भक्तों को दिया जाता है।
मदर ऑफ द फ्लेम का पद विश्व की माता के प्रति समर्पित महिला भक्तों में से चुना जाता है। इसका पदभार आजीवन होता है, सिर्फ विफलता या अक्षमता की स्थितियों में इस पद से किसी को हटाया जा सकता है।
१९६१ में क्लारा लुईस कीनिंगर को सेंट जर्मेन द्वारा कीपर्स ऑफ द फ्लेम फ्रेटरनिटी की प्रथम मदर ऑफ द फ्लेम के रूप में नामित किया गया था।
९ अप्रैल १९६६ को यह दायित्व संदेशवाहक एलिजाबेथ क्लेयर प्रोफेट को सौंप दिया गया।
उस समय क्लारा लुईस कीनिंगर रीजेंट मदर ऑफ द फ्लेम बन गईं। उन्होंने २५ अक्टूबर, १९७० को बर्कले, कैलिफोर्निया में अपना शरीर छोड़ा और उसी स्तर से इस पद को संभालना जारी रखा।
इसे भी देखिये
स्त्री किरण के अन्य कार्यालयों के लिए, देखें माँ
Sources
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation.
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and the Spiritual Path.