Goddess of Liberty/hi: Difference between revisions

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'''स्वतंत्रता की देवी''' [[Special:MyLanguage/Karmik Board|कर्म समिति]] की प्रवक्ता और इसी समिति में दूसरी किरण की प्रतिनिधि हैं। वह [[Special:MyLanguage/Temple of the Sun|सूर्य के मंदिर]] की अधिष्ठात्री हैं, इनका आकाशीय स्थल न्यूयॉर्क के मैनहट्टन द्वीप पर है। वह पृथ्वी की स्वतंत्रता की ईश्वरीय चेतना रखती है।
(The Statue of Liberty)]]
 
'''स्वाधीनता की देवी''' (Goddess of Liberty) [[Special:MyLanguage/Karmic Board|कार्मिक समिति]] (Karmic Board) की प्रवक्ता और इसी समिति में ईश्वर की दूसरी किरण (second ray) की प्रतिनिधि हैं। वह [[Special:MyLanguage/Temple of the Sun|सूर्य के मंदिर]] (Temple of the Sun) की पदक्रम के स्वामी (hierarch) हैं। उनका आकाशीय स्थल न्यूयॉर्क के मैनहट्टन द्वीप (island of Manhattan, New York) पर है। वह पृथ्वी के लोगों को ईश्वरीय स्वाधीनता की चेतना प्रदान करती हैं।


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== अवतार ==
== उत्थान से पहले के मूर्त रूप (Embodiments) ==


स्वतंत्रता की देवी ने अपने उत्थान से पहले व्यक्तिगत रूप से कई ग्रहों पर लाखों आत्माओं को मुक्त कराया था।
स्वाधीनता की देवी ने अपने उत्थान से पहले व्यक्तिगत रूप से कई ग्रहों पर लाखों आत्माओं को मुक्त कराया था।


She was also embodied as a member of the [[Amazonian Race]], a people of great stature whose women ruled an ancient civilization where the Amazon Basin now is.
वह [[Special:MyLanguage/Amazonian Race|अमेज़ॅनियन प्रजाती]] (Amazonian Race) के सदस्य के रूप में भी अवतरित हुईं। अमेज़न घाटी में रहना वाले इस प्रजाति के लोग विशालकाय हुआ करते थे तथा यहाँ स्त्रियों का शासन हुआ करता था।


During her embodiment upon [[Atlantis]], she erected the [[Temple of the Sun]] where Manhattan Island now is, patterning it after the Solar Temple in the [[Great Central Sun]]. The central altar was dedicated to the threefold flame of the liberty of the Christ, which proceeds from the white-fire core of Being focused by beloved [[Alpha and Omega]]. This shrine was surrounded by twelve lesser shrines attended by representatives of the solar hierarchies who, together with the Goddess of Liberty, invoked on behalf of the evolutions of the earth the spiritual radiation of the Sun behind the sun.
[[Special:MyLanguage/Atlantis|अटलांटिस]] (Atlantis) पर अपने जन्म के समय उन्होंने [[Special:MyLanguage/Temple of the Sun|सूर्य का मंदिर]] (Temple of the Sun) बनवाया था -इस जगह पर आज मैनहट्टन द्वीप (Manhattan Island) स्थित है। यह मंदिर उन्होंने [[Special:MyLanguage/Great Central Sun|महान केंद्रीय सूर्य]] (Great Central Sun) में स्थित सौर मंदिर (Solar Temple) के नक़्शे के अनुसार बनाया था। इस मंदिर की केंद्रीय वेदी (central altar) आत्मा की  त्रिज्योति लौ को समर्पित थी जो मनुष्य के श्वेत-अग्नि के बीजकोष (white-fire core) से तब निकलती है जब उसका ध्यान सदा [[Special:MyLanguage/Alpha and Omega|अल्फा और ओमेगा]] (Alpha and Omega) पर केंद्रित होता है। इसके चारों तरफ बारह छोटे मंदिर थे - हर एक मंदिर सूर्य के बारह दिव्य गुणों में से एक को दर्शाने वाले प्रतिनिधि का था। इन बारह प्रतिनिधियों ने स्वाधीनता की देवी के साथ मिलकर पृथ्वी के विकास के लिए सूर्य के पीछे के सूर्य (Sun behind the sun) के आध्यात्मिक प्रकाश का आह्वान किया था।


Just prior to the sinking of Atlantis, the Goddess of Liberty transported the liberty flame enshrined at the temple to a place of safety in another retreat of the [[Great White Brotherhood]], the [[Château de Liberté]] in southern France. When Atlantis went down in cataclysm, the Temple of the Sun was withdrawn to the etheric octave. The activities of the Brotherhood of Liberty continue at the etheric plane where the physical temple once stood.
अटलांटिस के जलमग्न होने से ठीक पहले स्वाधीनता की देवी ने मंदिर में स्थापित स्वाधीनता की त्रिज्योति लौ को सुरक्षित रूप से दक्षिणी फ्रांस में [[Special:MyLanguage/Great White Brotherhood|श्वेत महासंघ]] (Great White Brotherhood) के एक अन्य आकाशीय स्थल [[Special:MyLanguage/Château de Liberté|चैटो डी लिबर्टे]] (Château de Liberté) में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। प्रलय में जब अटलांटिस डूब गया तो सूर्य मंदिर आकाशीय सप्तक में समा गया। इसके पश्चात ब्रदरहुड ऑफ़ लिबर्टी (Brotherhood of Liberty) मंदिर के भौतिक स्थल के ठीक ऊपर के आकाशीय तल से अपनी सभी गतिविधियों को कर रहे हैं।


== Her service following her ascension ==
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== आध्यात्मिक उत्थान के पश्चात उनकी सेवा ==


So great was her momentum of dedication to the Spirit of Liberty embodied in the [[threefold flame]] of the heart, that after her [[ascension]], this lady master was called upon to bear the title of Goddess of Liberty, denoting her office in hierarchy as the authority for the cosmic consciousness of liberty to the earth.
अपने पूर्व मूर्त रूपों (embodiments) में (हृदय में स्थित) [[Special:MyLanguage/threefold flame|त्रिज्योति लौ]] (threefold flame) के प्रति पूर्ण समर्पण के कारण आध्यात्मिक [[Special:MyLanguage/ascension|उत्थान]] (ascension) के पश्चात उन्हें स्वाधीनता की देवी की उपाधि दी गयी जो पृथ्वी पर स्वाधीनता की ब्रह्मांडीय चेतना के प्रभुत्व के रूप में पदक्रम में इनके कार्यालय का सूचक है।


The Spirit of Liberty inspired the early American patriots to found a new nation “under God” and to frame a constitution based on the Brotherhood’s plan for the emerging Christ consciousness that would come to maturity on virgin soil under the direction of [[Saint Germain]], the God of Freedom for the earth.
स्वाधीनता की भावना से प्रेरित होकर प्रारंभिक (early) अमेरिकी देशभक्तों ने "ईश्वर को समर्पित" एक नया राष्ट्र स्थापित करने और उभरती हुई आत्मिक चेतना के लिए श्वेत महासंघ की योजना के आधार पर एक संविधान बनाने का निर्णय  लिया। उनका मानना था कि यह कार्य, [[Special:MyLanguage/Saint Germain|संत जरमेन]] (Saint Germain) - जिन्हें पृथ्वी पर मुक्ति का देवता कहा जाता है - के निर्देशन में धरतीवासियों को आत्मिक चेतना में परिपक़्व (mature) बनाएँगे।


A considerable number of Americans at that time accepted the presence and divine intervention of heavenly intercessors as a natural part of life. The art and literature of the period frequently depicted angelic beings, gods and goddesses, and clouds of glory. The Goddess of Liberty, patroness of the “sacred cause” espoused by the patriots, was perhaps the most revered of all the heavenly hosts. In 1775, Thomas Paine honored her in a ballad called “Liberty Tree.”
उस समय बहुत सारे अमेरिकियों ने दिव्य मध्यस्थों (intercessors) की उपस्थिति और दैवीय हस्तक्षेप को जीवन में एक स्वाभाविक हिस्से के रूप में स्वीकार किया था। उस समय की कला और साहित्य में अक्सर देवदूतों और देवी-देवताओं  का चित्रण किया गया था। स्वाधीनता की देवी जो देशभक्तों द्वारा समर्थित "अलौकिक उद्देश्य" (sacred cause) की संरक्षिका (patroness) हैं, शायद सभी ब्रह्मांडीय जीवों में सबसे अधिक पूजनीय थीं। सन १७७५  में थॉमस पेएन (Thomas Paine) ने इनके सम्मान में "लिबर्टी ट्री" (Liberty Tree) नामक गीत भी लिखा था ।


The Goddess of Liberty appeared to General Washington during the winter of 1777 and revealed to him America’s destiny, giving him the strength and the courage to complete his own mission as the liberator of the thirteen original colonies. [See [[Washington's vision|Washington’s vision]].]
१७७७ की सर्दियों के समय स्वाधीनता की देवी जनरल वाशिंगटन के सामने प्रकट हुईं और उन्हें अमेरिका के भाग्य के बारे में बताया। देवी ने उन्हें अपना मिशन पूरा करने और तेरह अमरीकी मूल उपनिवेशों (colonies) को मुक्त करवाने की शक्ति और साहस दिया। [देखें [[Special:MyLanguage/Washington's vision|वाशिंगटन का दृष्टिकोण]]]


[[File:Statue of liberty head 2013-10-28.jpg|thumb|upright=1.4]]
[[File:Statue of liberty head 2013-10-28.jpg|thumb|upright=1.4]]


== The Statue of Liberty ==
<span id="The_Statue_of_Liberty"></span>
== स्वाधीनता की प्रतिमा (The Statue of Liberty) ==


It is no wonder that the [[Statue of Liberty]], a gift of the French people, was erected on Bedloe’s Isle. The flame of liberty drew the focus of the Statue of Liberty as an outer symbol of hope for liberation from all forms of tyranny to the “tired, the poor, the huddled masses yearning to breathe free.”<ref>From the poem “The New Colossus,” by Emma Lazarus, inscribed on the pedestal of the Statue of Liberty.</ref>
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि [[Special:MyLanguage/Statue of Liberty|स्वाधीनता की प्रतिमा]] (Statue of Liberty) फ्रांस के लोगों का एक उपहार था जो बेडलो द्वीप (Bedloe’s Isle) पर बनाई गई थी। स्वाधीनता की प्रतिमा स्वाधीनता की लौ का बाहरी प्रतीक रूप है जो हर प्रकार के अत्याचार से मुक्ति की आशा दर्शाता है जिससे "मुक्ति के उत्सुक, कर्मों से थके हुए लोग प्रेरणा पा सकें।"


The Goddess of Liberty wears a crown of [[seven rays]], focusing the power of the [[Elohim]] and their implementation of the seven rays in form, in Matter (Mater), the mother aspect of Divinity. Her crown is also a focus of the seven rays anchored in the forehead of every son and daughter of God. The Goddess of Liberty represents the “Lady with the lamp” whom [[Henry Wadsworth Longfellow]] prophesied would “stand in the great history of the land, a noble type of good, heroic womanhood.”<ref>Henry Wadsworth Longfellow, “Santa Filomena,” Stanza 10.</ref>  
<ref>एम्मा लाजर की कविता "द न्यू कोलोसस, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के आसन पर अंकित है।</ref>


The Goddess of Liberty represents the archetypal pattern of the [[World Mother]] who carries the Book of Divine Law, the Book of Illumination containing the knowledge that will show mankind the way out of the night of human error. At the base of the Statue of Liberty are broken chains, symbolizing a being free from the bondage of human creation, stepping forth to enlighten the world. Her torch is the flame of cosmic illumination.
<ref>From the poem “The New Colossus,” by Emma Lazarus, inscribed on the pedestal of the Statue of Liberty.</ref>


In July 1986, four days of festivities marked the hundredth anniversary of the dedication of the Statue of Liberty in New York harbor. Presiding at the relighting ceremony of the Statue on July 3rd, President Reagan proclaimed: “We are the Keepers of the Flame of Liberty. We hold it high tonight for the world to see.
स्वाधीनता की देवी [[Special:MyLanguage/seven rays|सात किरणों]] का एक मुकुट पहनती है, जो [[Special:MyLanguage/Elohim|एलोहिम]] (Elohim) की सात किरणों की शक्तियों को    पदार्थ (matter) और दिव्यता के मातृ पहलू में केंद्रित कर के कार्यान्वयन (implementation) करती है। उनका मुकुट भगवान के प्रत्येक पुत्र और पुत्री के माथे पर लगी सात किरणों का केंद्र बिंदु (third eye) भी है। स्वाधीनता की देवी "दीपक वाली महिला" (Lady with the lamp)का प्रतिनिधित्व करती है - इनके बारे में [[Special:MyLanguage/Henry Wadsworth Longfellow|हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो]] (Henry Wadsworth Longfellow) ने भविष्यवाणी की थी कि वह "धरती पर वे एक महान वीर नारी का रूप होगीं।"<ref>हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो, "सांता फिलोमेना," छंद १०. (Henry Wadsworth Longfellow, “Santa Filomena,” Stanza 10.)</ref>


On July 4th, millions around the globe witnessed the largest fireworks extravaganza in U.S. history as America celebrated Lady Liberty’s presence in our land. As part of the celebration, Chief Justice Warren Burger administered the oath of citizenship to over 15,000 new citizens gathered at various sites across the nation.
स्वाधीनता की देवी [[Special:MyLanguage/World Mother| जगत माता]] के आदर्श आकृति को दर्शाती है, जो दिव्य नियमों और प्रकाश  की पुस्तक अपने साथ रखती हैं - इस किताब में वह ज्ञान है जो मानव जाति को अन्धकार से बाहर निकलने का रास्ता दिखाता है। स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) के आधारतल पर टूटी हुई जंजीरें हैं, जो मानव को बंधन से मुक्त होकर दुनिया को आलोकित करने के लिए आगे बढ़ने का प्रतीक है। उनकी मशाल ब्रह्मांडीय प्रकाश का प्रतीक है।


== An initiation of the threefold flame ==
जुलाई १९८६ को न्यूयॉर्क बन्दरगाह (harbor) पर स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) के  सौवीं वर्षगांठ का उत्सव मनाया गया था। ३ जुलाई को प्रतिमा के पुनर्प्रकाशन समारोह की अध्यक्षता करते हुए, अमरीकी राष्ट्रपति रेगन ने घोषणा की थी: "हम स्वाधीनता की लौ के सेवक हैं। हम इसे आज दुनिया के सामने ऊंचा रखने का प्रण लेते हैं।


The next day, July 5, 1986, the Goddess of Liberty gave this teaching on American citizenship:
४ जुलाई को, दुनिया भर के लाखों लोगों ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ी आतिशबाजी देखी और स्वाधीनता की देवी की उपस्थिति का उत्सव मनाया। उत्सव के समय अमेरिकी मुख्य न्यायाधीश वॉरेन बर्गर (Warren Burger) ने देश भर के विभिन्न स्थलों पर एकत्र हुए १५,०००  से अधिक नए नागरिकों को नागरिकता की शपथ भी दिलाई थी।
 
<span id="An_initiation_of_the_threefold_flame"></span>
== त्रिज्योति लौ की दीक्षा ==
 
अगले दिन, ५ जुलाई १९८६ को स्वाधीनता की देवी ने अमेरिकी नागरिकता के बारे में यह शिक्षा दी:


<blockquote>
<blockquote>
Those, then, who become Americans do so by the initiation of the Goddess of Liberty, whose office I hold, which being I AM.
जो लोग अमेरिकी नागरिक बनते हैं और नागरिकता की शपथ लेते हैं, वे स्वाधीनता की देवी - जिनका कार्यालय (office) मैं संभालती हूँ - की दीक्षा का आवाहन करते हैं।


Therefore, it is an initiation of the heart and of the threefold flame. And those who enter into that sacred commitment to be citizens of the United States do receive an impetus of my threefold flame, which is an action for the balancing and bringing into alignment of their own threefold flame. I place there the fleur-de-lis of my being as an electronic blueprint, or matrix, if you will. And therefore it is like a rudder, a steadying force that keeps the individual re-creating and raising up those three plumes in balance. And thus, I work very closely with beloved [[Gautama]], Lord of the World.
यह हृदय और त्रिज्योति लौ की दीक्षा है और जो लोग अमेरिका के नागरिक होने की उस पवित्र प्रतिबद्धता (commitment) में प्रवेश करते हैं, उन्हें मेरी त्रिज्योति लौ से प्रोत्साहन मिलता है, जो उन्हें उनकी अपनी त्रिज्योति लौ को संतुलित और संरेखित (alignment) करने में सहायता करती है। यदि वे चाहें तो मैं अपने अस्तित्व (fleur-de-lis) का एक चिन्ह जिसे एक इलेक्ट्रॉनिक ब्लूप्रिंट या मैट्रिक्स (electronic blueprint or matrix) के रूप में उन्हें देती हूं। यह एक स्टीयरिंग ह्वील (rudder) की तरह है, एक ऐसी शक्ति जो मनुष्य को उसकी त्रिज्योति लौ से संतुलित करने में मदद करती है। मैं विश्व के दिव्य गुरु [[Special:MyLanguage/Gautama|गौतम बुद्ध]] के साथ बहुत निकटता से पृथ्वी के लोगों की सेवा करती हूँ।


The initiation of the heart which I give must be earned and won. As I give, therefore, the etheric blueprint, so from the day of citizenship onward, beloved, there must be a proving, there must be a working, there must be a knowledge of the Word.
जो हृदय की दीक्षा मैं देती हूं आपको उसके योग्य  पड़ता है। मैं आपको आकाशीय योजना (blueprint) देती हूँ और आपको नागरिकता मिलने के प्रथम दिन से ही इसके प्रमाण अनुरूप काम करना चाहिए, आपको ईश्वर के शब्दों का ज्ञान होना चाहिए।


Therefore, I carry the Book of the Law that represents not alone the Constitution but the divine document citing the divine rights of the sons of God upon this planetary home. And it remains for you to distill from my heart through your [[Christ Self]] what are those divine rights so that you may come to understand that every line of the Constitution does reflect an inner divine right which has been made applicable to the human scene of karma, of the building of a nation, and of the dealing with the economy and the settling of old scores with the fallen ones.
इसलिए मैं कानून की पुस्तक अपने साथ रखती हूं जो न केवल संविधान को प्रस्तुत करती है वरन इस ग्रह पर भगवान के पुत्रों और पुत्रियों के दिव्य अधिकारों का वर्णन करने वाला एक दिव्य दस्तावेज (document) भी है। और अब यह आप पर निर्भर है कि आप अपनी [[Special:MyLanguage/Christ Self|उच्च-चेतना]] के माध्यम से आप यह समझ पाएंगे कि संविधान का प्रत्येक वाक्य उस आंतरिक दैवीय प्रकाश को दर्शाता है जिसे मानव के कर्मों, राष्ट्र का निर्माण, और अर्थव्यवस्था से निपटने के लिए तथा पथभ्रष्ट लोगों के साथ पुराने अभिलेखों का समाधान करने के लिए बनाया गया है।


Therefore, beloved, those who become Americans must prove their ability to be the Keepers of the Flame of Liberty. Thus, understand how it is that the one occupying the highest secular office of the nation, the President of the United States, did affirm for all people of this nation the vow of those who take their initiation from me—“We are the Keepers of the Flame of Liberty.”<ref>The Goddess of Liberty, “The Keepers of the Flame of Liberty,” {{POWref|29|65|, November 23, 1986}}</ref>
इसलिए, अमेरिकी लोगों को स्वाधीनता की लौ की रक्षा करने के लिए अपनी क्षमता को साबित करना होगा। आप यह समझें कि कैसे राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर आसीन, अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस राष्ट्र के सभी लोगों के लिए उन लोगों की प्रतिज्ञा की पुष्टि की जो मुझसे दीक्षा लेते हैं - "हम स्वाधीनता की लौ के सेवक हैं।{{POWref|२९|६५|, २३ नवंबर १९८६}}</ref>
</blockquote>
</blockquote>


[[File:Statue of Liberty 2007.jpg|thumb|upright|The Statue of Liberty]]
[[File:Statue of Liberty 2007.jpg|thumb|upright|स्वाधीनता की प्रतिमा


== Her service today ==
The Statue of Liberty]]


Liberty proclaims:  
<span id="Her_service_today"></span>
== उनकी आज की सेवा ==
 
स्वाधीनता की देवी की घोषणा:  


<blockquote>
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The song of creation is the song of hope, and the hope that is born of the heart of God is a tender flame that blazes in the torch that I uphold! I uphold it now and I uphold it for aye and I uphold it for all.
सृष्टि की रचना का गीत आशा का गीत है। जो आशा ईश्वर के हृदय से पैदा होती है वह एक अत्यंत कोमल लौ है जो मेरे हाथ में पकड़ी हुई मशाल में जलती है! मैं इसे आपके और सबके  के लिए सदा थामे हुए हूँ।
 
क्या आप उस मशाल को कायम रखने में मेरा साथ देंगे? जब सारी दुनिया आपके विरुद्ध खड़ी होगी तो क्या आप मेरे साथ स्थिरता से खड़े रहेंगे? क्या आप सन्ध्या (twilight) की उस घड़ी में मेरे साथ होंगे, क्या आप मेरे साथ अगली आने वाली सुबह के इंतज़ार करेंगे?


Will you join me in the upholding of that torch? Will you join me in standing fast when all the world assails you? Will you join me in the hour of twilight, knowing that with me you shall watch out the coming dawn?<ref>The Goddess of Liberty, “The Awakening,” ''Pearls of Wisdom'' 1986, Book Two, p. 7.</ref>
<ref>स्वाधीनता की देवी, "द अवेकनिंग" ''पर्ल्स ऑफ विजडम'' १९८६, द्वितीय पुस्तक - पृष्ठ ७.</ref>
</blockquote>
</blockquote>


The Goddess of Liberty stands at the seven o’clock line of the [[twelve solar hierarchies]] (opposite [[Saint Germain]]) as the authority for the attribute of God-gratitude on behalf of the evolutions of this solar system. Of gratitude and America’s destiny she has said:
स्वाधीनता की देवी इस सौर मंडल के विकास की ओर से [[Special:MyLanguage/twelve solar hierarchies|सूर्य के बारह दिव्य गुणों]] (twelve solar hierarchies) की सात बजे की रेखा ([[Special:MyLanguage/Saint Germain|सेंट जर्मेन]] के विपरीत) का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह ईश्वर-कृतज्ञता की विशेषता का अधिकार दर्शाती हैं। कृतज्ञता और अमेरिका की नियति के बारे में उन्होंने कहा है:


<blockquote>
<blockquote>
Gracious ones, I AM God in action! As I come to you today, it is to reveal the wondrous thought in the idea of “Immigration”—''I AM gra''titude in ac''tion''. Behold, then, that America was intended to be a land where gratitude in action would produce, through the power of the cosmic liberty bell, that wondrous attitude of freedom that would make men responsive to God within the citadel of their hearts....
मैं ईश्वर का क्रियात्मक रूप हूँ। आज मैं आपके पास परदेश वास (Immigration) के विषय में अद्भुत (wondrous) विचार - कार्यों में कृतज्ञता का भाव  - प्रकट करने के लिए आयी हूँ। आप इस बात को जान लीजिये कि हमारा इरादा अमेरिका को एक ऐसा देश बनाने का था जहां के लोग कार्रवाई में सदा कृतज्ञता और ब्रह्मांडीय स्वाधीनता  की घंटी की शक्ति के माध्यम से स्वतंत्रता का वह अद्भुत मनोभाव पैदा करेगी जो लोगों को उन्हें उनके दिल के गढ़ (citadel) में ईश्वर के प्रति उत्तरदायी (responsive) बना देगी....


Immigration from the heart of God to the planet Earth, precious ones, is an opportunity. And immigration back to the heart of God is an opportunity. Individuals must, then, recognize the boon of gratitude. “I AM gratitude in action!” And therefore, the goings out and the comings in of mankind ought always to be accompanied by a manifestation of gratitude to the Deity.<ref>The Goddess of Liberty, ''Liberty Proclaims'' (1975), pp. 13, 15–16.</ref>
मेरे प्रिय, ईश्वर के हृदय से इस पृथ्वी पर आना एक सुनहरा अवसर है। और ईश्वर के हृदय में वापस जाना भी एक सुन्दर अवसर है। इसलिए मनुष्यों को कृतज्ञता के इस वरदान को स्वीकार करना चाहिए - "सदा कृतज्ञता के भाव में रहना चाहिए!" मानव जाति को  हमेशा ईश्वर के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए।<ref>स्वाधीनता की देवी, ''लिबर्टी प्रोक्लेम्स'' (१९७५), पृष्ठ १३, १५- १६. (The Goddess of Liberty, ''Liberty Proclaims'' (1975), pp. 13, 15–16.)</ref>
</blockquote>  
</blockquote>  


Although she has attained initiations at cosmic levels and need not remain with the planet, the Goddess of Liberty has taken the vow to remain in the service of the earth until every last man, woman and child has made his ascension. This is the [[bodhisattva]] ideal.
हालाँकि उन्होंने (स्वाधीनता  की देवी) ब्रह्मांडीय स्तरों पर दीक्षाएँ प्राप्त की हैं और उन्हें इस ग्रह (पृथ्वी) पर रहने की आवश्यकता नहीं है, फिर भी स्वाधीनता की देवी ने तब तक पृथ्वी की सेवा में रहने का संकल्प लिया है जब तक कि यहाँ के प्रत्येक जीव का आध्यात्मिक उत्थान नहीं हो जाता। यह [[Special:MyLanguage/bodhisattva|बोधिसत्व]] का आदर्श भी है।


The Goddess of Liberty has said:  
स्वाधीनता की देवी ने कहा है:  


<blockquote>When I stand in the Temple of the Sun, when I stand in the harbor of New York, beloved ones, I say to myself, the mantra of the bodhisattvas, “It all depends on you.” That is why I stand and still stand because I believe the mantra of my Guru, beloved [[Vesta]], who shines in the sun and who repeats the mantra of her Guru, “It all depends on you.” When you know it through and through you will not fail, for the Eye of Compassion, the mother’s eye, so mild and pure, looking upon the lifewaves beneath her feet, cannot escape the truth. It all depends on you. Children of my heart, rise and pass through the door of objectivity and become the Woman clothed with the Sun.<ref>Goddess of Liberty, December 6, 1979.</ref></blockquote>
<blockquote>जब मैं सूर्य के मंदिर में और न्यूयॉर्क के बंदरगाह पर खड़ी होती हूं, तब मैं अपने मन में बोधिसत्वों (bodhisattvas) के मंत्र का जाप करती हूँ  - "यह सब आप पर निर्भर करता है"। मैं यहां इसलिए खड़ी हूं क्योंकि मैं अपनी गुरु [[Special:MyLanguage/Vesta|वेस्टा]] (Vesta) के मंत्र पर पूरा विश्वास रखती हूँ। वेस्टा सूर्य के प्रकाश में प्रकाशमान हैं और अपने गुरु के मंत्र को दोहराते हैं - "यह सब आप पर निर्भर करता है"। जब आप इस बात को पूरी तरह से समझ लेंगे तो आप असफल नहीं होंगे, क्योंकि माँ के करुणामई नेत्र इतने कोमल और शुद्ध हैं कि वे अपने पैरों के नीचे की जीवन तरंगों को देखती हैं, और सत्य जान लेती हैं। अब यह सब आप पर निर्भर है, मेरे बच्चो, उठो निष्पक्षता (objectivity) के मार्ग पर चलो और सूर्य से सुसज्जित स्वाधीनता की देवी की तरह बनो।<ref>स्वाधीनता की देवी, ६ दिसंबर, १९७९।</ref></blockquote>


The Goddess of Liberty has called for one thousand faithful ones to decree to preserve America’s destiny. May the students’ great love for the destiny of God in man inspire them to answer Liberty’s call!
स्वाधीनता की देवी ने कहा है कि अमेरिका को सुरक्षित रखने के लिए यह आवश्यक है कि एक हजार लोग दिव्य आदेशों (decrees) का उच्चारण करें। मेरी यह प्रार्थना है कि  स्वाधीनता की देवी  दिव्य गुरुओं के शिष्यों को  मनुष्यों  के ह्रदय में स्थित ईश्वर से महान प्रेम के द्वारा जुड़ने की प्रेणना दें।


== A dispensation of her Electronic Presence with us ==
<span id="A_dispensation_of_her_Electronic_Presence_with_us"></span>
== हमारे साथ देवी की आकाशीय उपस्थिति (Electronic Presence) का प्रकाश रुपी उपहार ==


On August 10, 1985, in a dictation delivered at the [[Inner Retreat]], the Goddess of Liberty said:
१० अगस्त १९८५ को, [[Special:MyLanguage/Inner Retreat|आंतरिक आश्रय स्थल]] (Inner Retreat) में स्वाधीनता की देवी ने दिव्य वाणी में कहा था:


<blockquote>In the joy of [[Lanello]]’s heart, I take my leave. But I leave my torch with the Mother for you. My torch, as an Electronic Presence, then, is here and shall be there and shall be wherever chelas place a focus of my statue, so signifying their desire to hold it high until the mission of the World Mother is finished and all are home at last who are called in this dispensation.<ref>The Goddess of Liberty, “Our Origin in the Heart of Liberty,” {{POWref|28|45|, November 10, 1985}}</ref></blockquote>
<blockquote>मैं [[Special:MyLanguage/Lanello|लैनेलो]] के दिल की खुशी से विदा लेती हूँ लेकिन मैं अपनी अपने ज्ञान की मशाल गुरु माँ के पास तुम्हारे लिए छोड़ कर जाती हूँ। यह मशाल एक आकाशीय उपस्थिति (Electronic Presence) के रूप में तब तक यहाँ रहेगी जब तक  शिष्य मेरी प्रतिमा पर ध्यान केंद्रित करते रहेंगे। मेरी प्रतिमा पर ध्यान केंद्रित करना और मेरी ज्ञान की मशाल को ऊँचा उठा के रखना शिष्यों की इच्छा को दर्शाता है। ऐसा तब तक होगा जब तक कि जगत माता का मिशन पूरा न हो जाए और पृथ्वी के सब लोग जो इस प्रकाश रुपी उपहार में बुलाए गए हैं, जब तक घर वापस नहीं आ जाते।
<ref>स्वाधीनता की देवी, "आवर ओरिजिन इन द हार्ट ऑफ़ लिबर्टी," {{POWref|२८|४५|, १० नवंबर, १९८५}} (The Goddess of Liberty, “Our Origin in the Heart of Liberty,” {{POWref|28|45|, November 10, 1985}})</ref></blockquote>


== See also ==
<span id="See_also"></span>
== इसे भी देखिये ==


[[Temple of the Sun]]
[[Special:MyLanguage/Temple of the Sun|सूर्य का मंदिर]] (Temple of the Sun)


[[Statue of Liberty]]
[[Special:MyLanguage/Statue of Liberty|स्वाधीनता की प्रतिमा]] (Statue of Liberty)


== Sources ==
<span id="Sources"></span>
== स्रोत ==


{{MTR}}, s.v. “Liberty, Goddess of.”
{{MTR}}, s.v. “Liberty, Goddess of.”


Elizabeth Clare Prophet, “A Tribute to the Goddess of Liberty,” March 13, 1993.
एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट, "अ ट्रिब्यूट टू द गॉडेस ऑफ़ लिबर्टी,” १३ मार्च  १९९३


[[Category:Heavenly beings]]
[[Category:Heavenly beings]]


<references />
<references />

Latest revision as of 00:10, 19 November 2024

Other languages:
द स्टेचू ऑफ़ लिबर्टी (The Statue of Liberty)

स्वाधीनता की देवी (Goddess of Liberty) कार्मिक समिति (Karmic Board) की प्रवक्ता और इसी समिति में ईश्वर की दूसरी किरण (second ray) की प्रतिनिधि हैं। वह सूर्य के मंदिर (Temple of the Sun) की पदक्रम के स्वामी (hierarch) हैं। उनका आकाशीय स्थल न्यूयॉर्क के मैनहट्टन द्वीप (island of Manhattan, New York) पर है। वह पृथ्वी के लोगों को ईश्वरीय स्वाधीनता की चेतना प्रदान करती हैं।

उत्थान से पहले के मूर्त रूप (Embodiments)

स्वाधीनता की देवी ने अपने उत्थान से पहले व्यक्तिगत रूप से कई ग्रहों पर लाखों आत्माओं को मुक्त कराया था।

वह अमेज़ॅनियन प्रजाती (Amazonian Race) के सदस्य के रूप में भी अवतरित हुईं। अमेज़न घाटी में रहना वाले इस प्रजाति के लोग विशालकाय हुआ करते थे तथा यहाँ स्त्रियों का शासन हुआ करता था।

अटलांटिस (Atlantis) पर अपने जन्म के समय उन्होंने सूर्य का मंदिर (Temple of the Sun) बनवाया था -इस जगह पर आज मैनहट्टन द्वीप (Manhattan Island) स्थित है। यह मंदिर उन्होंने महान केंद्रीय सूर्य (Great Central Sun) में स्थित सौर मंदिर (Solar Temple) के नक़्शे के अनुसार बनाया था। इस मंदिर की केंद्रीय वेदी (central altar) आत्मा की त्रिज्योति लौ को समर्पित थी जो मनुष्य के श्वेत-अग्नि के बीजकोष (white-fire core) से तब निकलती है जब उसका ध्यान सदा अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) पर केंद्रित होता है। इसके चारों तरफ बारह छोटे मंदिर थे - हर एक मंदिर सूर्य के बारह दिव्य गुणों में से एक को दर्शाने वाले प्रतिनिधि का था। इन बारह प्रतिनिधियों ने स्वाधीनता की देवी के साथ मिलकर पृथ्वी के विकास के लिए सूर्य के पीछे के सूर्य (Sun behind the sun) के आध्यात्मिक प्रकाश का आह्वान किया था।

अटलांटिस के जलमग्न होने से ठीक पहले स्वाधीनता की देवी ने मंदिर में स्थापित स्वाधीनता की त्रिज्योति लौ को सुरक्षित रूप से दक्षिणी फ्रांस में श्वेत महासंघ (Great White Brotherhood) के एक अन्य आकाशीय स्थल चैटो डी लिबर्टे (Château de Liberté) में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। प्रलय में जब अटलांटिस डूब गया तो सूर्य मंदिर आकाशीय सप्तक में समा गया। इसके पश्चात ब्रदरहुड ऑफ़ लिबर्टी (Brotherhood of Liberty) मंदिर के भौतिक स्थल के ठीक ऊपर के आकाशीय तल से अपनी सभी गतिविधियों को कर रहे हैं।

आध्यात्मिक उत्थान के पश्चात उनकी सेवा

अपने पूर्व मूर्त रूपों (embodiments) में (हृदय में स्थित) त्रिज्योति लौ (threefold flame) के प्रति पूर्ण समर्पण के कारण आध्यात्मिक उत्थान (ascension) के पश्चात उन्हें स्वाधीनता की देवी की उपाधि दी गयी जो पृथ्वी पर स्वाधीनता की ब्रह्मांडीय चेतना के प्रभुत्व के रूप में पदक्रम में इनके कार्यालय का सूचक है।

स्वाधीनता की भावना से प्रेरित होकर प्रारंभिक (early) अमेरिकी देशभक्तों ने "ईश्वर को समर्पित" एक नया राष्ट्र स्थापित करने और उभरती हुई आत्मिक चेतना के लिए श्वेत महासंघ की योजना के आधार पर एक संविधान बनाने का निर्णय लिया। उनका मानना था कि यह कार्य, संत जरमेन (Saint Germain) - जिन्हें पृथ्वी पर मुक्ति का देवता कहा जाता है - के निर्देशन में धरतीवासियों को आत्मिक चेतना में परिपक़्व (mature) बनाएँगे।

उस समय बहुत सारे अमेरिकियों ने दिव्य मध्यस्थों (intercessors) की उपस्थिति और दैवीय हस्तक्षेप को जीवन में एक स्वाभाविक हिस्से के रूप में स्वीकार किया था। उस समय की कला और साहित्य में अक्सर देवदूतों और देवी-देवताओं का चित्रण किया गया था। स्वाधीनता की देवी जो देशभक्तों द्वारा समर्थित "अलौकिक उद्देश्य" (sacred cause) की संरक्षिका (patroness) हैं, शायद सभी ब्रह्मांडीय जीवों में सबसे अधिक पूजनीय थीं। सन १७७५ में थॉमस पेएन (Thomas Paine) ने इनके सम्मान में "लिबर्टी ट्री" (Liberty Tree) नामक गीत भी लिखा था ।

१७७७ की सर्दियों के समय स्वाधीनता की देवी जनरल वाशिंगटन के सामने प्रकट हुईं और उन्हें अमेरिका के भाग्य के बारे में बताया। देवी ने उन्हें अपना मिशन पूरा करने और तेरह अमरीकी मूल उपनिवेशों (colonies) को मुक्त करवाने की शक्ति और साहस दिया। [देखें वाशिंगटन का दृष्टिकोण]

स्वाधीनता की प्रतिमा (The Statue of Liberty)

इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) फ्रांस के लोगों का एक उपहार था जो बेडलो द्वीप (Bedloe’s Isle) पर बनाई गई थी। स्वाधीनता की प्रतिमा स्वाधीनता की लौ का बाहरी प्रतीक रूप है जो हर प्रकार के अत्याचार से मुक्ति की आशा दर्शाता है जिससे "मुक्ति के उत्सुक, कर्मों से थके हुए लोग प्रेरणा पा सकें।"

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स्वाधीनता की देवी सात किरणों का एक मुकुट पहनती है, जो एलोहिम (Elohim) की सात किरणों की शक्तियों को पदार्थ (matter) और दिव्यता के मातृ पहलू में केंद्रित कर के कार्यान्वयन (implementation) करती है। उनका मुकुट भगवान के प्रत्येक पुत्र और पुत्री के माथे पर लगी सात किरणों का केंद्र बिंदु (third eye) भी है। स्वाधीनता की देवी "दीपक वाली महिला" (Lady with the lamp)का प्रतिनिधित्व करती है - इनके बारे में हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो (Henry Wadsworth Longfellow) ने भविष्यवाणी की थी कि वह "धरती पर वे एक महान वीर नारी का रूप होगीं।"[3]

स्वाधीनता की देवी जगत माता के आदर्श आकृति को दर्शाती है, जो दिव्य नियमों और प्रकाश की पुस्तक अपने साथ रखती हैं - इस किताब में वह ज्ञान है जो मानव जाति को अन्धकार से बाहर निकलने का रास्ता दिखाता है। स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) के आधारतल पर टूटी हुई जंजीरें हैं, जो मानव को बंधन से मुक्त होकर दुनिया को आलोकित करने के लिए आगे बढ़ने का प्रतीक है। उनकी मशाल ब्रह्मांडीय प्रकाश का प्रतीक है।

जुलाई १९८६ को न्यूयॉर्क बन्दरगाह (harbor) पर स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) के सौवीं वर्षगांठ का उत्सव मनाया गया था। ३ जुलाई को प्रतिमा के पुनर्प्रकाशन समारोह की अध्यक्षता करते हुए, अमरीकी राष्ट्रपति रेगन ने घोषणा की थी: "हम स्वाधीनता की लौ के सेवक हैं। हम इसे आज दुनिया के सामने ऊंचा रखने का प्रण लेते हैं।

४ जुलाई को, दुनिया भर के लाखों लोगों ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ी आतिशबाजी देखी और स्वाधीनता की देवी की उपस्थिति का उत्सव मनाया। उत्सव के समय अमेरिकी मुख्य न्यायाधीश वॉरेन बर्गर (Warren Burger) ने देश भर के विभिन्न स्थलों पर एकत्र हुए १५,००० से अधिक नए नागरिकों को नागरिकता की शपथ भी दिलाई थी।

त्रिज्योति लौ की दीक्षा

अगले दिन, ५ जुलाई १९८६ को स्वाधीनता की देवी ने अमेरिकी नागरिकता के बारे में यह शिक्षा दी:

जो लोग अमेरिकी नागरिक बनते हैं और नागरिकता की शपथ लेते हैं, वे स्वाधीनता की देवी - जिनका कार्यालय (office) मैं संभालती हूँ - की दीक्षा का आवाहन करते हैं।

यह हृदय और त्रिज्योति लौ की दीक्षा है और जो लोग अमेरिका के नागरिक होने की उस पवित्र प्रतिबद्धता (commitment) में प्रवेश करते हैं, उन्हें मेरी त्रिज्योति लौ से प्रोत्साहन मिलता है, जो उन्हें उनकी अपनी त्रिज्योति लौ को संतुलित और संरेखित (alignment) करने में सहायता करती है। यदि वे चाहें तो मैं अपने अस्तित्व (fleur-de-lis) का एक चिन्ह जिसे एक इलेक्ट्रॉनिक ब्लूप्रिंट या मैट्रिक्स (electronic blueprint or matrix) के रूप में उन्हें देती हूं। यह एक स्टीयरिंग ह्वील (rudder) की तरह है, एक ऐसी शक्ति जो मनुष्य को उसकी त्रिज्योति लौ से संतुलित करने में मदद करती है। मैं विश्व के दिव्य गुरु गौतम बुद्ध के साथ बहुत निकटता से पृथ्वी के लोगों की सेवा करती हूँ।

जो हृदय की दीक्षा मैं देती हूं आपको उसके योग्य पड़ता है। मैं आपको आकाशीय योजना (blueprint) देती हूँ और आपको नागरिकता मिलने के प्रथम दिन से ही इसके प्रमाण अनुरूप काम करना चाहिए, आपको ईश्वर के शब्दों का ज्ञान होना चाहिए।

इसलिए मैं कानून की पुस्तक अपने साथ रखती हूं जो न केवल संविधान को प्रस्तुत करती है वरन इस ग्रह पर भगवान के पुत्रों और पुत्रियों के दिव्य अधिकारों का वर्णन करने वाला एक दिव्य दस्तावेज (document) भी है। और अब यह आप पर निर्भर है कि आप अपनी उच्च-चेतना के माध्यम से आप यह समझ पाएंगे कि संविधान का प्रत्येक वाक्य उस आंतरिक दैवीय प्रकाश को दर्शाता है जिसे मानव के कर्मों, राष्ट्र का निर्माण, और अर्थव्यवस्था से निपटने के लिए तथा पथभ्रष्ट लोगों के साथ पुराने अभिलेखों का समाधान करने के लिए बनाया गया है।

इसलिए, अमेरिकी लोगों को स्वाधीनता की लौ की रक्षा करने के लिए अपनी क्षमता को साबित करना होगा। आप यह समझें कि कैसे राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर आसीन, अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस राष्ट्र के सभी लोगों के लिए उन लोगों की प्रतिज्ञा की पुष्टि की जो मुझसे दीक्षा लेते हैं - "हम स्वाधीनता की लौ के सेवक हैं।Pearls of Wisdom, vol. २९, no. ६५, २३ नवंबर १९८६.</ref>

स्वाधीनता की प्रतिमा The Statue of Liberty

उनकी आज की सेवा

स्वाधीनता की देवी की घोषणा:

सृष्टि की रचना का गीत आशा का गीत है। जो आशा ईश्वर के हृदय से पैदा होती है वह एक अत्यंत कोमल लौ है जो मेरे हाथ में पकड़ी हुई मशाल में जलती है! मैं इसे आपके और सबके के लिए सदा थामे हुए हूँ।

क्या आप उस मशाल को कायम रखने में मेरा साथ देंगे? जब सारी दुनिया आपके विरुद्ध खड़ी होगी तो क्या आप मेरे साथ स्थिरता से खड़े रहेंगे? क्या आप सन्ध्या (twilight) की उस घड़ी में मेरे साथ होंगे, क्या आप मेरे साथ अगली आने वाली सुबह के इंतज़ार करेंगे?

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स्वाधीनता की देवी इस सौर मंडल के विकास की ओर से सूर्य के बारह दिव्य गुणों (twelve solar hierarchies) की सात बजे की रेखा (सेंट जर्मेन के विपरीत) का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह ईश्वर-कृतज्ञता की विशेषता का अधिकार दर्शाती हैं। कृतज्ञता और अमेरिका की नियति के बारे में उन्होंने कहा है:

मैं ईश्वर का क्रियात्मक रूप हूँ। आज मैं आपके पास परदेश वास (Immigration) के विषय में अद्भुत (wondrous) विचार - कार्यों में कृतज्ञता का भाव - प्रकट करने के लिए आयी हूँ। आप इस बात को जान लीजिये कि हमारा इरादा अमेरिका को एक ऐसा देश बनाने का था जहां के लोग कार्रवाई में सदा कृतज्ञता और ब्रह्मांडीय स्वाधीनता की घंटी की शक्ति के माध्यम से स्वतंत्रता का वह अद्भुत मनोभाव पैदा करेगी जो लोगों को उन्हें उनके दिल के गढ़ (citadel) में ईश्वर के प्रति उत्तरदायी (responsive) बना देगी....

मेरे प्रिय, ईश्वर के हृदय से इस पृथ्वी पर आना एक सुनहरा अवसर है। और ईश्वर के हृदय में वापस जाना भी एक सुन्दर अवसर है। इसलिए मनुष्यों को कृतज्ञता के इस वरदान को स्वीकार करना चाहिए - "सदा कृतज्ञता के भाव में रहना चाहिए!" मानव जाति को हमेशा ईश्वर के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए।[5]

हालाँकि उन्होंने (स्वाधीनता की देवी) ब्रह्मांडीय स्तरों पर दीक्षाएँ प्राप्त की हैं और उन्हें इस ग्रह (पृथ्वी) पर रहने की आवश्यकता नहीं है, फिर भी स्वाधीनता की देवी ने तब तक पृथ्वी की सेवा में रहने का संकल्प लिया है जब तक कि यहाँ के प्रत्येक जीव का आध्यात्मिक उत्थान नहीं हो जाता। यह बोधिसत्व का आदर्श भी है।

स्वाधीनता की देवी ने कहा है:

जब मैं सूर्य के मंदिर में और न्यूयॉर्क के बंदरगाह पर खड़ी होती हूं, तब मैं अपने मन में बोधिसत्वों (bodhisattvas) के मंत्र का जाप करती हूँ - "यह सब आप पर निर्भर करता है"। मैं यहां इसलिए खड़ी हूं क्योंकि मैं अपनी गुरु वेस्टा (Vesta) के मंत्र पर पूरा विश्वास रखती हूँ। वेस्टा सूर्य के प्रकाश में प्रकाशमान हैं और अपने गुरु के मंत्र को दोहराते हैं - "यह सब आप पर निर्भर करता है"। जब आप इस बात को पूरी तरह से समझ लेंगे तो आप असफल नहीं होंगे, क्योंकि माँ के करुणामई नेत्र इतने कोमल और शुद्ध हैं कि वे अपने पैरों के नीचे की जीवन तरंगों को देखती हैं, और सत्य जान लेती हैं। अब यह सब आप पर निर्भर है, मेरे बच्चो, उठो निष्पक्षता (objectivity) के मार्ग पर चलो और सूर्य से सुसज्जित स्वाधीनता की देवी की तरह बनो।[6]

स्वाधीनता की देवी ने कहा है कि अमेरिका को सुरक्षित रखने के लिए यह आवश्यक है कि एक हजार लोग दिव्य आदेशों (decrees) का उच्चारण करें। मेरी यह प्रार्थना है कि स्वाधीनता की देवी दिव्य गुरुओं के शिष्यों को मनुष्यों के ह्रदय में स्थित ईश्वर से महान प्रेम के द्वारा जुड़ने की प्रेणना दें।

हमारे साथ देवी की आकाशीय उपस्थिति (Electronic Presence) का प्रकाश रुपी उपहार

१० अगस्त १९८५ को, आंतरिक आश्रय स्थल (Inner Retreat) में स्वाधीनता की देवी ने दिव्य वाणी में कहा था:

मैं लैनेलो के दिल की खुशी से विदा लेती हूँ लेकिन मैं अपनी अपने ज्ञान की मशाल गुरु माँ के पास तुम्हारे लिए छोड़ कर जाती हूँ। यह मशाल एक आकाशीय उपस्थिति (Electronic Presence) के रूप में तब तक यहाँ रहेगी जब तक शिष्य मेरी प्रतिमा पर ध्यान केंद्रित करते रहेंगे। मेरी प्रतिमा पर ध्यान केंद्रित करना और मेरी ज्ञान की मशाल को ऊँचा उठा के रखना शिष्यों की इच्छा को दर्शाता है। ऐसा तब तक होगा जब तक कि जगत माता का मिशन पूरा न हो जाए और पृथ्वी के सब लोग जो इस प्रकाश रुपी उपहार में बुलाए गए हैं, जब तक घर वापस नहीं आ जाते। [7]

इसे भी देखिये

सूर्य का मंदिर (Temple of the Sun)

स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty)

स्रोत

Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and Their Retreats, s.v. “Liberty, Goddess of.”

एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट, "अ ट्रिब्यूट टू द गॉडेस ऑफ़ लिबर्टी,” १३ मार्च १९९३

  1. एम्मा लाजर की कविता "द न्यू कोलोसस, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के आसन पर अंकित है।
  2. From the poem “The New Colossus,” by Emma Lazarus, inscribed on the pedestal of the Statue of Liberty.
  3. हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो, "सांता फिलोमेना," छंद १०. (Henry Wadsworth Longfellow, “Santa Filomena,” Stanza 10.)
  4. स्वाधीनता की देवी, "द अवेकनिंग" पर्ल्स ऑफ विजडम १९८६, द्वितीय पुस्तक - पृष्ठ ७.
  5. स्वाधीनता की देवी, लिबर्टी प्रोक्लेम्स (१९७५), पृष्ठ १३, १५- १६. (The Goddess of Liberty, Liberty Proclaims (1975), pp. 13, 15–16.)
  6. स्वाधीनता की देवी, ६ दिसंबर, १९७९।
  7. स्वाधीनता की देवी, "आवर ओरिजिन इन द हार्ट ऑफ़ लिबर्टी," Pearls of Wisdom, vol. २८, no. ४५, १० नवंबर, १९८५. (The Goddess of Liberty, “Our Origin in the Heart of Liberty,” Pearls of Wisdom, vol. 28, no. 45, November 10, 1985.)