Goddess of Liberty/hi: Difference between revisions
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इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि [[Special:MyLanguage/Statue of Liberty|स्वाधीनता की प्रतिमा]] (Statue of Liberty) फ्रांस के लोगों का एक उपहार था जो बेडलो द्वीप (Bedloe’s Isle) पर बनाई गई थी। स्वाधीनता की प्रतिमा स्वाधीनता की लौ का बाहरी प्रतीक रूप है जो हर प्रकार के अत्याचार से मुक्ति की आशा दर्शाता है जिससे "मुक्ति के उत्सुक, कर्मों से थके हुए लोग प्रेरणा पा सकें।" | इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि [[Special:MyLanguage/Statue of Liberty|स्वाधीनता की प्रतिमा]] (Statue of Liberty) फ्रांस के लोगों का एक उपहार था जो बेडलो द्वीप (Bedloe’s Isle) पर बनाई गई थी। स्वाधीनता की प्रतिमा स्वाधीनता की लौ का बाहरी प्रतीक रूप है जो हर प्रकार के अत्याचार से मुक्ति की आशा दर्शाता है जिससे "मुक्ति के उत्सुक, कर्मों से थके हुए लोग प्रेरणा पा सकें।" | ||
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<ref>From the poem “The New Colossus,” by Emma Lazarus, inscribed on the pedestal of the Statue of Liberty.</ref> | <ref>From the poem “The New Colossus,” by Emma Lazarus, inscribed on the pedestal of the Statue of Liberty.</ref> | ||
स्वाधीनता की देवी [[Special:MyLanguage/seven rays|सात किरणों]] का एक मुकुट पहनती है, जो [[Special:MyLanguage/Elohim|एलोहिम]] (Elohim) की सात किरणों की शक्तियों को पदार्थ (matter) और दिव्यता के मातृ पहलू में केंद्रित कर के कार्यान्वयन (implementation) करती है। उनका मुकुट भगवान के प्रत्येक पुत्र और पुत्री के माथे पर लगी सात किरणों का केंद्र बिंदु (third eye) भी है। स्वाधीनता की देवी "दीपक वाली महिला" (Lady with the lamp)का प्रतिनिधित्व करती है - इनके बारे में [[Special:MyLanguage/Henry Wadsworth Longfellow|हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो]] (Henry Wadsworth Longfellow) ने भविष्यवाणी की थी कि वह "धरती पर वे एक महान वीर नारी का रूप होगीं।"<ref>हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो, "सांता फिलोमेना," छंद १०. | स्वाधीनता की देवी [[Special:MyLanguage/seven rays|सात किरणों]] का एक मुकुट पहनती है, जो [[Special:MyLanguage/Elohim|एलोहिम]] (Elohim) की सात किरणों की शक्तियों को पदार्थ (matter) और दिव्यता के मातृ पहलू में केंद्रित कर के कार्यान्वयन (implementation) करती है। उनका मुकुट भगवान के प्रत्येक पुत्र और पुत्री के माथे पर लगी सात किरणों का केंद्र बिंदु (third eye) भी है। स्वाधीनता की देवी "दीपक वाली महिला" (Lady with the lamp)का प्रतिनिधित्व करती है - इनके बारे में [[Special:MyLanguage/Henry Wadsworth Longfellow|हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो]] (Henry Wadsworth Longfellow) ने भविष्यवाणी की थी कि वह "धरती पर वे एक महान वीर नारी का रूप होगीं।"<ref>हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो, "सांता फिलोमेना," छंद १०. (Henry Wadsworth Longfellow, “Santa Filomena,” Stanza 10.)</ref> | ||
स्वाधीनता की देवी [[Special:MyLanguage/World Mother| जगत माता]] के आदर्श आकृति को दर्शाती है, जो दिव्य नियमों और प्रकाश की पुस्तक अपने साथ रखती हैं - इस किताब में वह ज्ञान है जो मानव जाति को अन्धकार से बाहर निकलने का रास्ता दिखाता है। स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) के आधारतल पर टूटी हुई जंजीरें हैं, जो मानव को बंधन से मुक्त होकर दुनिया को आलोकित करने के लिए आगे बढ़ने का प्रतीक है। उनकी मशाल ब्रह्मांडीय प्रकाश का प्रतीक है। | स्वाधीनता की देवी [[Special:MyLanguage/World Mother| जगत माता]] के आदर्श आकृति को दर्शाती है, जो दिव्य नियमों और प्रकाश की पुस्तक अपने साथ रखती हैं - इस किताब में वह ज्ञान है जो मानव जाति को अन्धकार से बाहर निकलने का रास्ता दिखाता है। स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) के आधारतल पर टूटी हुई जंजीरें हैं, जो मानव को बंधन से मुक्त होकर दुनिया को आलोकित करने के लिए आगे बढ़ने का प्रतीक है। उनकी मशाल ब्रह्मांडीय प्रकाश का प्रतीक है। | ||
जुलाई १९८६ को न्यूयॉर्क बन्दरगाह (harbor) पर स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) के सौवीं वर्षगांठ का उत्सव मनाया गया था। ३ जुलाई को प्रतिमा के पुनर्प्रकाशन समारोह की अध्यक्षता करते हुए, राष्ट्रपति रेगन ने घोषणा की थी: "हम स्वाधीनता की लौ के सेवक हैं। हम इसे आज | जुलाई १९८६ को न्यूयॉर्क बन्दरगाह (harbor) पर स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) के सौवीं वर्षगांठ का उत्सव मनाया गया था। ३ जुलाई को प्रतिमा के पुनर्प्रकाशन समारोह की अध्यक्षता करते हुए, अमरीकी राष्ट्रपति रेगन ने घोषणा की थी: "हम स्वाधीनता की लौ के सेवक हैं। हम इसे आज दुनिया के सामने ऊंचा रखने का प्रण लेते हैं। | ||
४ जुलाई को | ४ जुलाई को, दुनिया भर के लाखों लोगों ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ी आतिशबाजी देखी और स्वाधीनता की देवी की उपस्थिति का उत्सव मनाया। उत्सव के समय अमेरिकी मुख्य न्यायाधीश वॉरेन बर्गर (Warren Burger) ने देश भर के विभिन्न स्थलों पर एकत्र हुए १५,००० से अधिक नए नागरिकों को नागरिकता की शपथ भी दिलाई थी। | ||
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== | == त्रिज्योति लौ की दीक्षा == | ||
अगले दिन, ५ जुलाई १९८६ को | अगले दिन, ५ जुलाई १९८६ को स्वाधीनता की देवी ने अमेरिकी नागरिकता के बारे में यह शिक्षा दी: | ||
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जो लोग अमेरिकी बनते हैं वे | जो लोग अमेरिकी नागरिक बनते हैं और नागरिकता की शपथ लेते हैं, वे स्वाधीनता की देवी - जिनका कार्यालय (office) मैं संभालती हूँ - की दीक्षा का आवाहन करते हैं। | ||
यह हृदय और | यह हृदय और त्रिज्योति लौ की दीक्षा है और जो लोग अमेरिका के नागरिक होने की उस पवित्र प्रतिबद्धता (commitment) में प्रवेश करते हैं, उन्हें मेरी त्रिज्योति लौ से प्रोत्साहन मिलता है, जो उन्हें उनकी अपनी त्रिज्योति लौ को संतुलित और संरेखित (alignment) करने में सहायता करती है। यदि वे चाहें तो मैं अपने अस्तित्व (fleur-de-lis) का एक चिन्ह जिसे एक इलेक्ट्रॉनिक ब्लूप्रिंट या मैट्रिक्स (electronic blueprint or matrix) के रूप में उन्हें देती हूं। यह एक स्टीयरिंग ह्वील (rudder) की तरह है, एक ऐसी शक्ति जो मनुष्य को उसकी त्रिज्योति लौ से संतुलित करने में मदद करती है। मैं विश्व के दिव्य गुरु [[Special:MyLanguage/Gautama|गौतम बुद्ध]] के साथ बहुत निकटता से पृथ्वी के लोगों की सेवा करती हूँ। | ||
जो हृदय की दीक्षा मैं देती हूं आपको | जो हृदय की दीक्षा मैं देती हूं आपको उसके योग्य पड़ता है। मैं आपको आकाशीय योजना (blueprint) देती हूँ और आपको नागरिकता मिलने के प्रथम दिन से ही इसके प्रमाण अनुरूप काम करना चाहिए, आपको ईश्वर के शब्दों का ज्ञान होना चाहिए। | ||
इसलिए मैं कानून की पुस्तक अपने साथ रखती हूं जो न केवल संविधान | इसलिए मैं कानून की पुस्तक अपने साथ रखती हूं जो न केवल संविधान को प्रस्तुत करती है वरन इस ग्रह पर भगवान के पुत्रों और पुत्रियों के दिव्य अधिकारों का वर्णन करने वाला एक दिव्य दस्तावेज (document) भी है। और अब यह आप पर निर्भर है कि आप अपनी [[Special:MyLanguage/Christ Self|उच्च-चेतना]] के माध्यम से आप यह समझ पाएंगे कि संविधान का प्रत्येक वाक्य उस आंतरिक दैवीय प्रकाश को दर्शाता है जिसे मानव के कर्मों, राष्ट्र का निर्माण, और अर्थव्यवस्था से निपटने के लिए तथा पथभ्रष्ट लोगों के साथ पुराने अभिलेखों का समाधान करने के लिए बनाया गया है। | ||
अमेरिकी लोगों को | इसलिए, अमेरिकी लोगों को स्वाधीनता की लौ की रक्षा करने के लिए अपनी क्षमता को साबित करना होगा। आप यह समझें कि कैसे राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर आसीन, अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस राष्ट्र के सभी लोगों के लिए उन लोगों की प्रतिज्ञा की पुष्टि की जो मुझसे दीक्षा लेते हैं - "हम स्वाधीनता की लौ के सेवक हैं।{{POWref|२९|६५|, २३ नवंबर १९८६}}</ref> | ||
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[[File:Statue of Liberty 2007.jpg|thumb|upright| | [[File:Statue of Liberty 2007.jpg|thumb|upright|स्वाधीनता की प्रतिमा | ||
The Statue of Liberty]] | |||
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== उनकी आज की सेवा == | == उनकी आज की सेवा == | ||
स्वाधीनता की देवी की घोषणा: | |||
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सृष्टि का गीत आशा का गीत है। जो आशा ईश्वर के हृदय से पैदा होती है वह एक अत्यंत कोमल लौ है जो मेरे हाथ में पकड़ी हुई मशाल में जलती है! मैं इसे | सृष्टि की रचना का गीत आशा का गीत है। जो आशा ईश्वर के हृदय से पैदा होती है वह एक अत्यंत कोमल लौ है जो मेरे हाथ में पकड़ी हुई मशाल में जलती है! मैं इसे आपके और सबके के लिए सदा थामे हुए हूँ। | ||
क्या आप उस मशाल को कायम रखने में मेरा साथ देंगे? जब सारी दुनिया आपके विरुद्ध खड़ी होगी तो क्या आप मेरे साथ स्थिरता से खड़े रहेंगे? क्या आप सन्ध्या (twilight) की उस घड़ी में मेरे साथ होंगे, क्या आप मेरे साथ अगली आने वाली सुबह के इंतज़ार करेंगे? | |||
<ref>स्वाधीनता की देवी, "द अवेकनिंग" ''पर्ल्स ऑफ विजडम'' १९८६, द्वितीय पुस्तक - पृष्ठ ७.</ref> | |||
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स्वाधीनता की देवी इस सौर मंडल के विकास की ओर से [[Special:MyLanguage/twelve solar hierarchies|सूर्य के बारह दिव्य गुणों]] (twelve solar hierarchies) की सात बजे की रेखा ([[Special:MyLanguage/Saint Germain|सेंट जर्मेन]] के विपरीत) का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह ईश्वर-कृतज्ञता की विशेषता का अधिकार दर्शाती हैं। कृतज्ञता और अमेरिका की नियति के बारे में उन्होंने कहा है: | |||
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मैं ईश्वर का क्रियात्मक रूप हूँ। आज मैं आपके पास | मैं ईश्वर का क्रियात्मक रूप हूँ। आज मैं आपके पास परदेश वास (Immigration) के विषय में अद्भुत (wondrous) विचार - कार्यों में कृतज्ञता का भाव - प्रकट करने के लिए आयी हूँ। आप इस बात को जान लीजिये कि हमारा इरादा अमेरिका को एक ऐसा देश बनाने का था जहां के लोग कार्रवाई में सदा कृतज्ञता और ब्रह्मांडीय स्वाधीनता की घंटी की शक्ति के माध्यम से स्वतंत्रता का वह अद्भुत मनोभाव पैदा करेगी जो लोगों को उन्हें उनके दिल के गढ़ (citadel) में ईश्वर के प्रति उत्तरदायी (responsive) बना देगी.... | ||
ईश्वर के हृदय से इस | मेरे प्रिय, ईश्वर के हृदय से इस पृथ्वी पर आना एक सुनहरा अवसर है। और ईश्वर के हृदय में वापस जाना भी एक सुन्दर अवसर है। इसलिए मनुष्यों को कृतज्ञता के इस वरदान को स्वीकार करना चाहिए - "सदा कृतज्ञता के भाव में रहना चाहिए!" मानव जाति को हमेशा ईश्वर के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए।<ref>स्वाधीनता की देवी, ''लिबर्टी प्रोक्लेम्स'' (१९७५), पृष्ठ १३, १५- १६. (The Goddess of Liberty, ''Liberty Proclaims'' (1975), pp. 13, 15–16.)</ref> | ||
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हालाँकि उन्होंने ब्रह्मांडीय स्तरों पर दीक्षाएँ प्राप्त की हैं और उन्हें इस ग्रह (पृथ्वी) पर रहने की आवश्यकता नहीं है, फिर भी | हालाँकि उन्होंने (स्वाधीनता की देवी) ब्रह्मांडीय स्तरों पर दीक्षाएँ प्राप्त की हैं और उन्हें इस ग्रह (पृथ्वी) पर रहने की आवश्यकता नहीं है, फिर भी स्वाधीनता की देवी ने तब तक पृथ्वी की सेवा में रहने का संकल्प लिया है जब तक कि यहाँ के प्रत्येक जीव का आध्यात्मिक उत्थान नहीं हो जाता। यह [[Special:MyLanguage/bodhisattva|बोधिसत्व]] का आदर्श भी है। | ||
स्वाधीनता की देवी ने कहा है: | |||
<blockquote>जब मैं सूर्य के मंदिर | <blockquote>जब मैं सूर्य के मंदिर में और न्यूयॉर्क के बंदरगाह पर खड़ी होती हूं, तब मैं अपने मन में बोधिसत्वों (bodhisattvas) के मंत्र का जाप करती हूँ - "यह सब आप पर निर्भर करता है"। मैं यहां इसलिए खड़ी हूं क्योंकि मैं अपनी गुरु [[Special:MyLanguage/Vesta|वेस्टा]] (Vesta) के मंत्र पर पूरा विश्वास रखती हूँ। वेस्टा सूर्य के प्रकाश में प्रकाशमान हैं और अपने गुरु के मंत्र को दोहराते हैं - "यह सब आप पर निर्भर करता है"। जब आप इस बात को पूरी तरह से समझ लेंगे तो आप असफल नहीं होंगे, क्योंकि माँ के करुणामई नेत्र इतने कोमल और शुद्ध हैं कि वे अपने पैरों के नीचे की जीवन तरंगों को देखती हैं, और सत्य जान लेती हैं। अब यह सब आप पर निर्भर है, मेरे बच्चो, उठो निष्पक्षता (objectivity) के मार्ग पर चलो और सूर्य से सुसज्जित स्वाधीनता की देवी की तरह बनो।<ref>स्वाधीनता की देवी, ६ दिसंबर, १९७९।</ref></blockquote> | ||
स्वाधीनता की देवी ने कहा है कि अमेरिका को सुरक्षित रखने के लिए यह आवश्यक है कि एक हजार लोग दिव्य आदेशों (decrees) का उच्चारण करें। मेरी यह प्रार्थना है कि स्वाधीनता की देवी दिव्य गुरुओं के शिष्यों को मनुष्यों के ह्रदय में स्थित ईश्वर से महान प्रेम के द्वारा जुड़ने की प्रेणना दें। | |||
<span id="A_dispensation_of_her_Electronic_Presence_with_us"></span> | <span id="A_dispensation_of_her_Electronic_Presence_with_us"></span> | ||
== हमारे साथ देवी की | == हमारे साथ देवी की आकाशीय उपस्थिति (Electronic Presence) का प्रकाश रुपी उपहार == | ||
१० अगस्त १९८५ को, [[Special:MyLanguage/Inner Retreat| | १० अगस्त १९८५ को, [[Special:MyLanguage/Inner Retreat|आंतरिक आश्रय स्थल]] (Inner Retreat) में स्वाधीनता की देवी ने दिव्य वाणी में कहा था: | ||
मैं [[Special:MyLanguage/Lanello|लैनेलो]] के दिल की खुशी | <blockquote>मैं [[Special:MyLanguage/Lanello|लैनेलो]] के दिल की खुशी से विदा लेती हूँ लेकिन मैं अपनी अपने ज्ञान की मशाल गुरु माँ के पास तुम्हारे लिए छोड़ कर जाती हूँ। यह मशाल एक आकाशीय उपस्थिति (Electronic Presence) के रूप में तब तक यहाँ रहेगी जब तक शिष्य मेरी प्रतिमा पर ध्यान केंद्रित करते रहेंगे। मेरी प्रतिमा पर ध्यान केंद्रित करना और मेरी ज्ञान की मशाल को ऊँचा उठा के रखना शिष्यों की इच्छा को दर्शाता है। ऐसा तब तक होगा जब तक कि जगत माता का मिशन पूरा न हो जाए और पृथ्वी के सब लोग जो इस प्रकाश रुपी उपहार में बुलाए गए हैं, जब तक घर वापस नहीं आ जाते। | ||
<ref>स्वाधीनता की देवी, "आवर ओरिजिन इन द हार्ट ऑफ़ लिबर्टी," {{POWref|२८|४५|, १० नवंबर, १९८५}} (The Goddess of Liberty, “Our Origin in the Heart of Liberty,” {{POWref|28|45|, November 10, 1985}})</ref></blockquote> | |||
<span id="See_also"></span> | <span id="See_also"></span> | ||
== इसे भी देखिये == | == इसे भी देखिये == | ||
[[Special:MyLanguage/Temple of the Sun| सूर्य का मंदिर ]] | [[Special:MyLanguage/Temple of the Sun|सूर्य का मंदिर]] (Temple of the Sun) | ||
[[Special:MyLanguage/Statue of Liberty| | [[Special:MyLanguage/Statue of Liberty|स्वाधीनता की प्रतिमा]] (Statue of Liberty) | ||
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Latest revision as of 00:10, 19 November 2024
स्वाधीनता की देवी (Goddess of Liberty) कार्मिक समिति (Karmic Board) की प्रवक्ता और इसी समिति में ईश्वर की दूसरी किरण (second ray) की प्रतिनिधि हैं। वह सूर्य के मंदिर (Temple of the Sun) की पदक्रम के स्वामी (hierarch) हैं। उनका आकाशीय स्थल न्यूयॉर्क के मैनहट्टन द्वीप (island of Manhattan, New York) पर है। वह पृथ्वी के लोगों को ईश्वरीय स्वाधीनता की चेतना प्रदान करती हैं।
उत्थान से पहले के मूर्त रूप (Embodiments)
स्वाधीनता की देवी ने अपने उत्थान से पहले व्यक्तिगत रूप से कई ग्रहों पर लाखों आत्माओं को मुक्त कराया था।
वह अमेज़ॅनियन प्रजाती (Amazonian Race) के सदस्य के रूप में भी अवतरित हुईं। अमेज़न घाटी में रहना वाले इस प्रजाति के लोग विशालकाय हुआ करते थे तथा यहाँ स्त्रियों का शासन हुआ करता था।
अटलांटिस (Atlantis) पर अपने जन्म के समय उन्होंने सूर्य का मंदिर (Temple of the Sun) बनवाया था -इस जगह पर आज मैनहट्टन द्वीप (Manhattan Island) स्थित है। यह मंदिर उन्होंने महान केंद्रीय सूर्य (Great Central Sun) में स्थित सौर मंदिर (Solar Temple) के नक़्शे के अनुसार बनाया था। इस मंदिर की केंद्रीय वेदी (central altar) आत्मा की त्रिज्योति लौ को समर्पित थी जो मनुष्य के श्वेत-अग्नि के बीजकोष (white-fire core) से तब निकलती है जब उसका ध्यान सदा अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) पर केंद्रित होता है। इसके चारों तरफ बारह छोटे मंदिर थे - हर एक मंदिर सूर्य के बारह दिव्य गुणों में से एक को दर्शाने वाले प्रतिनिधि का था। इन बारह प्रतिनिधियों ने स्वाधीनता की देवी के साथ मिलकर पृथ्वी के विकास के लिए सूर्य के पीछे के सूर्य (Sun behind the sun) के आध्यात्मिक प्रकाश का आह्वान किया था।
अटलांटिस के जलमग्न होने से ठीक पहले स्वाधीनता की देवी ने मंदिर में स्थापित स्वाधीनता की त्रिज्योति लौ को सुरक्षित रूप से दक्षिणी फ्रांस में श्वेत महासंघ (Great White Brotherhood) के एक अन्य आकाशीय स्थल चैटो डी लिबर्टे (Château de Liberté) में सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। प्रलय में जब अटलांटिस डूब गया तो सूर्य मंदिर आकाशीय सप्तक में समा गया। इसके पश्चात ब्रदरहुड ऑफ़ लिबर्टी (Brotherhood of Liberty) मंदिर के भौतिक स्थल के ठीक ऊपर के आकाशीय तल से अपनी सभी गतिविधियों को कर रहे हैं।
आध्यात्मिक उत्थान के पश्चात उनकी सेवा
अपने पूर्व मूर्त रूपों (embodiments) में (हृदय में स्थित) त्रिज्योति लौ (threefold flame) के प्रति पूर्ण समर्पण के कारण आध्यात्मिक उत्थान (ascension) के पश्चात उन्हें स्वाधीनता की देवी की उपाधि दी गयी जो पृथ्वी पर स्वाधीनता की ब्रह्मांडीय चेतना के प्रभुत्व के रूप में पदक्रम में इनके कार्यालय का सूचक है।
स्वाधीनता की भावना से प्रेरित होकर प्रारंभिक (early) अमेरिकी देशभक्तों ने "ईश्वर को समर्पित" एक नया राष्ट्र स्थापित करने और उभरती हुई आत्मिक चेतना के लिए श्वेत महासंघ की योजना के आधार पर एक संविधान बनाने का निर्णय लिया। उनका मानना था कि यह कार्य, संत जरमेन (Saint Germain) - जिन्हें पृथ्वी पर मुक्ति का देवता कहा जाता है - के निर्देशन में धरतीवासियों को आत्मिक चेतना में परिपक़्व (mature) बनाएँगे।
उस समय बहुत सारे अमेरिकियों ने दिव्य मध्यस्थों (intercessors) की उपस्थिति और दैवीय हस्तक्षेप को जीवन में एक स्वाभाविक हिस्से के रूप में स्वीकार किया था। उस समय की कला और साहित्य में अक्सर देवदूतों और देवी-देवताओं का चित्रण किया गया था। स्वाधीनता की देवी जो देशभक्तों द्वारा समर्थित "अलौकिक उद्देश्य" (sacred cause) की संरक्षिका (patroness) हैं, शायद सभी ब्रह्मांडीय जीवों में सबसे अधिक पूजनीय थीं। सन १७७५ में थॉमस पेएन (Thomas Paine) ने इनके सम्मान में "लिबर्टी ट्री" (Liberty Tree) नामक गीत भी लिखा था ।
१७७७ की सर्दियों के समय स्वाधीनता की देवी जनरल वाशिंगटन के सामने प्रकट हुईं और उन्हें अमेरिका के भाग्य के बारे में बताया। देवी ने उन्हें अपना मिशन पूरा करने और तेरह अमरीकी मूल उपनिवेशों (colonies) को मुक्त करवाने की शक्ति और साहस दिया। [देखें वाशिंगटन का दृष्टिकोण]
स्वाधीनता की प्रतिमा (The Statue of Liberty)
इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) फ्रांस के लोगों का एक उपहार था जो बेडलो द्वीप (Bedloe’s Isle) पर बनाई गई थी। स्वाधीनता की प्रतिमा स्वाधीनता की लौ का बाहरी प्रतीक रूप है जो हर प्रकार के अत्याचार से मुक्ति की आशा दर्शाता है जिससे "मुक्ति के उत्सुक, कर्मों से थके हुए लोग प्रेरणा पा सकें।"
स्वाधीनता की देवी सात किरणों का एक मुकुट पहनती है, जो एलोहिम (Elohim) की सात किरणों की शक्तियों को पदार्थ (matter) और दिव्यता के मातृ पहलू में केंद्रित कर के कार्यान्वयन (implementation) करती है। उनका मुकुट भगवान के प्रत्येक पुत्र और पुत्री के माथे पर लगी सात किरणों का केंद्र बिंदु (third eye) भी है। स्वाधीनता की देवी "दीपक वाली महिला" (Lady with the lamp)का प्रतिनिधित्व करती है - इनके बारे में हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो (Henry Wadsworth Longfellow) ने भविष्यवाणी की थी कि वह "धरती पर वे एक महान वीर नारी का रूप होगीं।"[3]
स्वाधीनता की देवी जगत माता के आदर्श आकृति को दर्शाती है, जो दिव्य नियमों और प्रकाश की पुस्तक अपने साथ रखती हैं - इस किताब में वह ज्ञान है जो मानव जाति को अन्धकार से बाहर निकलने का रास्ता दिखाता है। स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) के आधारतल पर टूटी हुई जंजीरें हैं, जो मानव को बंधन से मुक्त होकर दुनिया को आलोकित करने के लिए आगे बढ़ने का प्रतीक है। उनकी मशाल ब्रह्मांडीय प्रकाश का प्रतीक है।
जुलाई १९८६ को न्यूयॉर्क बन्दरगाह (harbor) पर स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty) के सौवीं वर्षगांठ का उत्सव मनाया गया था। ३ जुलाई को प्रतिमा के पुनर्प्रकाशन समारोह की अध्यक्षता करते हुए, अमरीकी राष्ट्रपति रेगन ने घोषणा की थी: "हम स्वाधीनता की लौ के सेवक हैं। हम इसे आज दुनिया के सामने ऊंचा रखने का प्रण लेते हैं।
४ जुलाई को, दुनिया भर के लाखों लोगों ने अमेरिकी इतिहास में सबसे बड़ी आतिशबाजी देखी और स्वाधीनता की देवी की उपस्थिति का उत्सव मनाया। उत्सव के समय अमेरिकी मुख्य न्यायाधीश वॉरेन बर्गर (Warren Burger) ने देश भर के विभिन्न स्थलों पर एकत्र हुए १५,००० से अधिक नए नागरिकों को नागरिकता की शपथ भी दिलाई थी।
त्रिज्योति लौ की दीक्षा
अगले दिन, ५ जुलाई १९८६ को स्वाधीनता की देवी ने अमेरिकी नागरिकता के बारे में यह शिक्षा दी:
जो लोग अमेरिकी नागरिक बनते हैं और नागरिकता की शपथ लेते हैं, वे स्वाधीनता की देवी - जिनका कार्यालय (office) मैं संभालती हूँ - की दीक्षा का आवाहन करते हैं।
यह हृदय और त्रिज्योति लौ की दीक्षा है और जो लोग अमेरिका के नागरिक होने की उस पवित्र प्रतिबद्धता (commitment) में प्रवेश करते हैं, उन्हें मेरी त्रिज्योति लौ से प्रोत्साहन मिलता है, जो उन्हें उनकी अपनी त्रिज्योति लौ को संतुलित और संरेखित (alignment) करने में सहायता करती है। यदि वे चाहें तो मैं अपने अस्तित्व (fleur-de-lis) का एक चिन्ह जिसे एक इलेक्ट्रॉनिक ब्लूप्रिंट या मैट्रिक्स (electronic blueprint or matrix) के रूप में उन्हें देती हूं। यह एक स्टीयरिंग ह्वील (rudder) की तरह है, एक ऐसी शक्ति जो मनुष्य को उसकी त्रिज्योति लौ से संतुलित करने में मदद करती है। मैं विश्व के दिव्य गुरु गौतम बुद्ध के साथ बहुत निकटता से पृथ्वी के लोगों की सेवा करती हूँ।
जो हृदय की दीक्षा मैं देती हूं आपको उसके योग्य पड़ता है। मैं आपको आकाशीय योजना (blueprint) देती हूँ और आपको नागरिकता मिलने के प्रथम दिन से ही इसके प्रमाण अनुरूप काम करना चाहिए, आपको ईश्वर के शब्दों का ज्ञान होना चाहिए।
इसलिए मैं कानून की पुस्तक अपने साथ रखती हूं जो न केवल संविधान को प्रस्तुत करती है वरन इस ग्रह पर भगवान के पुत्रों और पुत्रियों के दिव्य अधिकारों का वर्णन करने वाला एक दिव्य दस्तावेज (document) भी है। और अब यह आप पर निर्भर है कि आप अपनी उच्च-चेतना के माध्यम से आप यह समझ पाएंगे कि संविधान का प्रत्येक वाक्य उस आंतरिक दैवीय प्रकाश को दर्शाता है जिसे मानव के कर्मों, राष्ट्र का निर्माण, और अर्थव्यवस्था से निपटने के लिए तथा पथभ्रष्ट लोगों के साथ पुराने अभिलेखों का समाधान करने के लिए बनाया गया है।
इसलिए, अमेरिकी लोगों को स्वाधीनता की लौ की रक्षा करने के लिए अपनी क्षमता को साबित करना होगा। आप यह समझें कि कैसे राष्ट्र के सर्वोच्च पद पर आसीन, अमेरिका के राष्ट्रपति ने इस राष्ट्र के सभी लोगों के लिए उन लोगों की प्रतिज्ञा की पुष्टि की जो मुझसे दीक्षा लेते हैं - "हम स्वाधीनता की लौ के सेवक हैं।Pearls of Wisdom, vol. २९, no. ६५, २३ नवंबर १९८६.</ref>
उनकी आज की सेवा
स्वाधीनता की देवी की घोषणा:
सृष्टि की रचना का गीत आशा का गीत है। जो आशा ईश्वर के हृदय से पैदा होती है वह एक अत्यंत कोमल लौ है जो मेरे हाथ में पकड़ी हुई मशाल में जलती है! मैं इसे आपके और सबके के लिए सदा थामे हुए हूँ।
क्या आप उस मशाल को कायम रखने में मेरा साथ देंगे? जब सारी दुनिया आपके विरुद्ध खड़ी होगी तो क्या आप मेरे साथ स्थिरता से खड़े रहेंगे? क्या आप सन्ध्या (twilight) की उस घड़ी में मेरे साथ होंगे, क्या आप मेरे साथ अगली आने वाली सुबह के इंतज़ार करेंगे?
स्वाधीनता की देवी इस सौर मंडल के विकास की ओर से सूर्य के बारह दिव्य गुणों (twelve solar hierarchies) की सात बजे की रेखा (सेंट जर्मेन के विपरीत) का प्रतिनिधित्व करती हैं। यह ईश्वर-कृतज्ञता की विशेषता का अधिकार दर्शाती हैं। कृतज्ञता और अमेरिका की नियति के बारे में उन्होंने कहा है:
मैं ईश्वर का क्रियात्मक रूप हूँ। आज मैं आपके पास परदेश वास (Immigration) के विषय में अद्भुत (wondrous) विचार - कार्यों में कृतज्ञता का भाव - प्रकट करने के लिए आयी हूँ। आप इस बात को जान लीजिये कि हमारा इरादा अमेरिका को एक ऐसा देश बनाने का था जहां के लोग कार्रवाई में सदा कृतज्ञता और ब्रह्मांडीय स्वाधीनता की घंटी की शक्ति के माध्यम से स्वतंत्रता का वह अद्भुत मनोभाव पैदा करेगी जो लोगों को उन्हें उनके दिल के गढ़ (citadel) में ईश्वर के प्रति उत्तरदायी (responsive) बना देगी....
मेरे प्रिय, ईश्वर के हृदय से इस पृथ्वी पर आना एक सुनहरा अवसर है। और ईश्वर के हृदय में वापस जाना भी एक सुन्दर अवसर है। इसलिए मनुष्यों को कृतज्ञता के इस वरदान को स्वीकार करना चाहिए - "सदा कृतज्ञता के भाव में रहना चाहिए!" मानव जाति को हमेशा ईश्वर के प्रति कृतज्ञ रहना चाहिए।[5]
हालाँकि उन्होंने (स्वाधीनता की देवी) ब्रह्मांडीय स्तरों पर दीक्षाएँ प्राप्त की हैं और उन्हें इस ग्रह (पृथ्वी) पर रहने की आवश्यकता नहीं है, फिर भी स्वाधीनता की देवी ने तब तक पृथ्वी की सेवा में रहने का संकल्प लिया है जब तक कि यहाँ के प्रत्येक जीव का आध्यात्मिक उत्थान नहीं हो जाता। यह बोधिसत्व का आदर्श भी है।
स्वाधीनता की देवी ने कहा है:
जब मैं सूर्य के मंदिर में और न्यूयॉर्क के बंदरगाह पर खड़ी होती हूं, तब मैं अपने मन में बोधिसत्वों (bodhisattvas) के मंत्र का जाप करती हूँ - "यह सब आप पर निर्भर करता है"। मैं यहां इसलिए खड़ी हूं क्योंकि मैं अपनी गुरु वेस्टा (Vesta) के मंत्र पर पूरा विश्वास रखती हूँ। वेस्टा सूर्य के प्रकाश में प्रकाशमान हैं और अपने गुरु के मंत्र को दोहराते हैं - "यह सब आप पर निर्भर करता है"। जब आप इस बात को पूरी तरह से समझ लेंगे तो आप असफल नहीं होंगे, क्योंकि माँ के करुणामई नेत्र इतने कोमल और शुद्ध हैं कि वे अपने पैरों के नीचे की जीवन तरंगों को देखती हैं, और सत्य जान लेती हैं। अब यह सब आप पर निर्भर है, मेरे बच्चो, उठो निष्पक्षता (objectivity) के मार्ग पर चलो और सूर्य से सुसज्जित स्वाधीनता की देवी की तरह बनो।[6]
स्वाधीनता की देवी ने कहा है कि अमेरिका को सुरक्षित रखने के लिए यह आवश्यक है कि एक हजार लोग दिव्य आदेशों (decrees) का उच्चारण करें। मेरी यह प्रार्थना है कि स्वाधीनता की देवी दिव्य गुरुओं के शिष्यों को मनुष्यों के ह्रदय में स्थित ईश्वर से महान प्रेम के द्वारा जुड़ने की प्रेणना दें।
हमारे साथ देवी की आकाशीय उपस्थिति (Electronic Presence) का प्रकाश रुपी उपहार
१० अगस्त १९८५ को, आंतरिक आश्रय स्थल (Inner Retreat) में स्वाधीनता की देवी ने दिव्य वाणी में कहा था:
मैं लैनेलो के दिल की खुशी से विदा लेती हूँ लेकिन मैं अपनी अपने ज्ञान की मशाल गुरु माँ के पास तुम्हारे लिए छोड़ कर जाती हूँ। यह मशाल एक आकाशीय उपस्थिति (Electronic Presence) के रूप में तब तक यहाँ रहेगी जब तक शिष्य मेरी प्रतिमा पर ध्यान केंद्रित करते रहेंगे। मेरी प्रतिमा पर ध्यान केंद्रित करना और मेरी ज्ञान की मशाल को ऊँचा उठा के रखना शिष्यों की इच्छा को दर्शाता है। ऐसा तब तक होगा जब तक कि जगत माता का मिशन पूरा न हो जाए और पृथ्वी के सब लोग जो इस प्रकाश रुपी उपहार में बुलाए गए हैं, जब तक घर वापस नहीं आ जाते। [7]
इसे भी देखिये
सूर्य का मंदिर (Temple of the Sun)
स्वाधीनता की प्रतिमा (Statue of Liberty)
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, The Masters and Their Retreats, s.v. “Liberty, Goddess of.”
एलिज़ाबेथ क्लेयर प्रोफेट, "अ ट्रिब्यूट टू द गॉडेस ऑफ़ लिबर्टी,” १३ मार्च १९९३
- ↑ एम्मा लाजर की कविता "द न्यू कोलोसस, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के आसन पर अंकित है।
- ↑ From the poem “The New Colossus,” by Emma Lazarus, inscribed on the pedestal of the Statue of Liberty.
- ↑ हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो, "सांता फिलोमेना," छंद १०. (Henry Wadsworth Longfellow, “Santa Filomena,” Stanza 10.)
- ↑ स्वाधीनता की देवी, "द अवेकनिंग" पर्ल्स ऑफ विजडम १९८६, द्वितीय पुस्तक - पृष्ठ ७.
- ↑ स्वाधीनता की देवी, लिबर्टी प्रोक्लेम्स (१९७५), पृष्ठ १३, १५- १६. (The Goddess of Liberty, Liberty Proclaims (1975), pp. 13, 15–16.)
- ↑ स्वाधीनता की देवी, ६ दिसंबर, १९७९।
- ↑ स्वाधीनता की देवी, "आवर ओरिजिन इन द हार्ट ऑफ़ लिबर्टी," Pearls of Wisdom, vol. २८, no. ४५, १० नवंबर, १९८५. (The Goddess of Liberty, “Our Origin in the Heart of Liberty,” Pearls of Wisdom, vol. 28, no. 45, November 10, 1985.)