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"'''दिव्य माँ''',” “'''सार्वभौमिक माँ''',” और “'''ब्रह्मांडीय अक्षत''' (Cosmic Virgin)” [[Special:MyLanguage/Omega|ओमेगा]]। - ये सब माँ के रूप में ईश्वरत्व की स्त्री ध्रुवता और अभिव्यक्ति के लिए वैकल्पिक शब्द हैं। | "'''दिव्य माँ''',” “'''सार्वभौमिक माँ''',” और “'''ब्रह्मांडीय अक्षत''' (Cosmic Virgin)” [[Special:MyLanguage/Omega|ओमेगा]]। - ये सब माँ के रूप में ईश्वरत्व की स्त्री ध्रुवता और अभिव्यक्ति के लिए वैकल्पिक शब्द हैं। | ||
Latest revision as of 23:36, 18 May 2024
"दिव्य माँ,” “सार्वभौमिक माँ,” और “ब्रह्मांडीय अक्षत (Cosmic Virgin)” ओमेगा। - ये सब माँ के रूप में ईश्वरत्व की स्त्री ध्रुवता और अभिव्यक्ति के लिए वैकल्पिक शब्द हैं।
पदार्थ आत्मा की स्त्रीलिंग ध्रुवीयता है, और इस शब्द का प्रयोग अक्सर मेटर (Mater)(लैटिन में जिसका अर्थ है "मां") के स्थान पर किया जाता है। तो हम यह कह सकते हैं कि संपूर्ण भौतिक ब्रह्मांड सृष्टि का गर्भ है जिसमें आत्मा जीवन की ऊर्जाओं को प्रक्षेपित (project) करती है। इसका अर्थ यह हुआ कि पदार्थ ब्रह्मांडीय अक्षत (Virgin) का गर्भ है; ब्रह्मांडीय अक्षत दिव्य संपूर्ण का आधा हिस्सा है और यह ईश्वर की आध्यात्मिक ध्रुवीयता के रूप में आत्मा में भी मौजूद है।
स्वयं ईसा मसीह ने अल्फा और ओमेगा (Alpha and Omega) को पिता-माता भगवान के सर्वोच्च प्रतिनिधियों के रूप में मान्यता दी - इसमें अल्फा पिता और ओमेगा माता का रूप है। जो लोग आध्यात्मिक उत्थान (ascension) के बाद आत्मिक चेतना की स्त्री ध्रुवीयता को ग्रहण करते हैं, उन्हें दिव्य महिला गुरु कहते हैं। ये दिव्य महिला गुरु, प्रकाश के सप्तक (octaves) में मौजूद स्त्रियोचित गुणों से युक्त सभी प्राणियों के साथ मिलकर दुनिया में दिव्य माँ की अध्यात्मिक लौ पर ध्यान केंद्रित करतीं हैं। क्योंकि दिव्यगुरु उभयलिंगी (androgynous) होते हैं और उन्हें ईश्वरीय ध्रुवता के सम्पूर्ण गुणों की प्राप्ति होती है वे अपनी इच्छानुसार ईश्वर के किसी भी गुण (स्त्री या पुरुष) पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
इसे भी देखिये
स्रोत
Mark L. Prophet and Elizabeth Clare Prophet, Saint Germain On Alchemy: Formulas for Self-Transformation